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परवरिश /शौर्यपथ/
बच्चा दिनभर मोबाइल चलाता है’ ये शिक़ायत आज हर माता-पिता की है, लेकिन बच्चे के हाथ में मोबाइल थमाया किसने था ये सोचेंगे तो समस्या की जड़ मिल जाएगी।
अगर अभिभावक अपनी ग़लती सुधारना चाहते हैं तो चंद सुझाव आज़माकर देख सकते हैं।
आ जकल लगभग हर माता-पिता बच्चों की मोबाइल की लत से परेशान हैं। मोबाइल से बच्चों की सिर्फ़ आंखें ही ख़राब नहीं हो रहीं बल्कि वे मोटापे के शिकार भी हो रहे हैं, साथ ही जि़द्दी, गु़स्सैल, चिड़चिड़े बन रहे हैं और उनकी रचनात्मकता भी कम हो रही है। इस लत से निजात ज़रूरी है। क्या आ पने कभी सोचा है कि बच्चों को ये लत लगती कैसे है? कैसे 2-3 साल के बच्चे को सोशल मीडिया पर कार्टून या गेम लगाना आने लगता है? आपको ये जानकर आश्चर्य तो नहीं होगा कि माता-पिता या परिवार के सदस्य ही उसे मोबाइल चलाना सिखा देते हैं?
बच्चा देखकर सीखता है
हम बच्चे को तो मोबाइल के लिए मना करते हैं, लेकिन ख़ुद दिनभर मोबाइल चलाते रहते हैं। हमें मोबाइल पर देखकर बच्चे को लगता है कि मोबाइल मनोरंजन का सबसे अच्छा साधन है।
देखिए, बच्चा आपकी बातों को नहीं, आपको फॉलो करता है। बच्चा आपके सिखाने से कहीं ज़्यादा आपको देखकर सीखता है। इसलिए जब बच्चा आपके पास हो तब जहां तक संभव हो मोबाइल का इस्तेमाल कम कीजिए। जब बच्चा सो रहा हो, स्कूल गया हो या खेल रहा हो तब आप मोबाइल का उपयोग करें। बाक़ी समय सिर्फ़ कॉल्स ही लें।
बच्चों की सेहत का ख़्याल हो
जब बच्चा छोटा होता है और खाना खाने में आनाकानी करता है तब बहुत-सी मांएं बच्चा जल्दी से खाना खा ले, इसलिए ख़ुद ही बच्चे को मोबाइल दिखाकर खाना खिलाती हैं। उस वक़्त तो उनको लगता है इस तरह बच्चे को खाना खिलाने का काम जल्दी हो गया। लेकिन वे यह भूल जाती हैं कि अपना थोड़ा-सा वक़्त बचाने के चक्कर में वे अपने बच्चे का और ख़ुद का भी कितना बड़ा नुकसान कर रही हैं। छोटे बच्चों की आंखें मोबाइल की रोशनी से ख़राब होती हैं। इसी तरह धीरे-धीरे बच्चे को मोबाइल की आदत हो जाती है।
मोबाइल का लालच ना दें
कुछ अभिभावक बच्चा होमवर्क जल्दी पूरा कर ले या खाना जल्दी खा ले इसलिए उनको मोबाइल का लालच देते हैं। लेकिन इस तरह से बच्चों को मोबाइल की आदत पड़ जाती है। मोबाइल का लालच ना दें बल्कि उन्हें समझाएं कि होमवर्क करना, खाना खाना उनके लिए ही बेहतर है। ख़ुद भी बच्चे के सामने बैठकर खाना खाएं और उस समय फोन ना चलाएं। उसके सामने किताब पढ़ें, इससे बच्चे को भी पता चलेगा कि ये सब ख़ुद करना ज़रूरी है और ये सब करने के दौरान फोन की बात ही नहीं आएगी।
‘नहीं’ पर कायम रहें
बच्चे ने थोड़ी-सी ज़िद की नहीं, थोड़ा-सा रोया नहीं कि कई अभिभावक झट से उसे मोबाइल पकड़ा देते हैं। बच्चे के जि़द करने पर उसे मोबाइल बिल्कुल मत दीजिए, क्योंकि इससे बच्चे को लगता है कि थोड़ी-सी जि़द करने से या रोने से उसकी मांग पूरी की जाती है तो यही उसका अंदाज़ बन जाएगा। इसलिए मना करने के बाद अपनी बात पर कायम रहें।
छीनकर ना लें
बच्चे को मोबाइल चलाते हुए देर हो गई हो तो ऐसे में एकदम से बच्चे से मोबाइल ना छीनें। ऐसा करने से बच्चे के मन में ग़ुस्सा भर जाएगा। कल्पना कीजिए कि मोबाइल पर आप गेम खेल रहे हों और अचानक कोई मोबाइल छीन ले तो आपको कैसा लगेगा? बच्चे से कहिए कि वो जो भी कार्टून देख रहा है वो देखकर मोबाइल दे दे। ऐसा करने से बच्चा ख़ुद ही आपको फोन दे देगा।
अच्छा समय बिताएं
बच्चों को माता-पिता के प्यार और देखभाल की ज़रूरत होती है। लेकिन आजकल माता-पिता के पास वक़्त की कमी रहती है। समय की कमी को वे मोबाइल पकड़ाकर पूरी करना चाहते हैं। लेकिन याद रखिए कि मोबाइल या कोई भी उपकरण आपकी जगह नहीं ले सकता। यदि आप बच्चे के साथ अच्छा समय बिताएंगे तो आपका बच्चा धीरे-धीरे मोबाइल का इस्तेमाल कम कर देगा।
रचनात्मकता सिखाएं
रुचि अनुसार बच्चे का पेंटिंग, नृत्य, संगीत आदि की क्लास में दाखिला करवा सकते हैं। यहां वो कुछ नया तो सीखेगा ही, साथ ही उसके नए दोस्त भी बनेंगे। इससे उसका व्यावहारिक ज्ञान भी बढ़ेगा। लोगों के साथ उठना-बैठना, कैसे पेश आना है वो बख़ूबी सीख जाएगा।
क्षमतानुसार काम कराएं
खाली समय में बच्चे की क्षमतानुसार घरेलू कार्यों में उसका सहयोग लें। इससे उसे मोबाइल की याद नहीं आएगी, वो आत्मनिर्भर बनेगा और कुछ व्यावहारिक बातें भी सीखेगा।
प्यार का मतलब मोबाइल नहीं है
कई अभिभावकों का कहना होता है कि वे बच्चे से बहुत प्यार करते हैं इसलिए उसे ना नहीं कह सकते, बच्चे को रोते हुए नहीं देख सकते। इसलिए बच्चे जब भी मोबाइल मांगते है, वो दे देते हैं! यदि आप सही मायने में अपने बच्चे से प्यार करते हैं तो बच्चे पर मोबाइल से होने वाले नुकसान को देखते हुए कम से कम समय के लिए मोबाइल देंगे।
आज ऑनलाइन पढ़ाई की वजह से बच्चों को छोटी उम्र में ही मोबाइल देना मजबूरी है। लेकिन क्लास के अलावा बच्चा ज़्यादा देर तक मोबाइल का उपयोग ना करे इसके लिए यहां दिए सुझाव आपके काम ज़रूर आएंगे।
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