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धर्म संसार /शौर्यपथ/
हिंदू धर्म में मासिक कृष्ण जन्माष्टमी का खास महत्व है. मासिक जन्माष्टमी का व्रत प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की अष्ठमी तिथि को रखा जाता है. धार्मिक मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण का जन्म भाद्रपद मास की अष्टमी तिथि पर हुआ था. इसलिए भगवान श्रीकृष्ण के भक्त हर महीने कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मासिक जन्माष्टमी का व्रत रखा जाता है. भक्त इस दिन व्रत रखकर भगवान की पूजा करते हैं. जिससे उन पर प्रभु की कृपा बनी रहती है. साथ ही घर में मां लक्ष्मी का वास होता है. आइए जानते हैं मासिक जन्माष्टमी व्रत कब है और पूजा की विधि क्या है.
मासिक कृष्ण अष्टमी तिथि और शुभ मुहूर्त
पंचांग के अनुसार आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि की शुरुआत 20 जून, सोमवार को 01 बजे से हो रही है. वही आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तिथि का समापन 21 जून को 3 बजे हो रहा है.
मासिक कृष्ण अष्टमी के दिन भक्त सुबह उठकर स्नान आदि से निवृत होकर घर के मंदिर की सफाई करते हैं. इससे बाद शुद्ध होकर भगवान की प्रतिमा या तस्वीर के सामने दीया और धूपबत्ती जलाते हैं. इसके बाद भगवान का अभिषेक किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप यानि लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. इस दिन लड्डू गोपाल को माखन, मिश्री और मेवा का भोग लगाया जाता है. अंत में आरती के बाद पूजा की समाप्ति की जाती है. इसके बाद लोगों के बीच प्रसाद वितरित किया जाता है.
मासिक कृष्णाष्टमी व्रत का महत्व
मासिक कृष्णाष्टमी व्रत का खास धार्मिक महत्व है. इस दिन विधि-विधान से भगवान श्रीकृष्ण के बाल स्वरूप लड्डू गोपाल की पूजा की जाती है. मान्यता है कि इस दिन लड्डू गोपाल की पूजा करने से भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. संतान की कामना के लिए भी यह व्रत बेहद खास माना गया है.
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