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भिलाई / शौर्यपथ / भिलाई इस्पात संयंत्र की पॉवर सप्लाई विभाग (पीएसडी) और इलेक्ट्रो-टेक्नीकल लैब (ईटीएल) की टीम ने उपकरण आपूर्तिकर्ता के विशेषज्ञों के साथ मिलकर एमएसडीएस-5 में युद्धस्तर पर मरम्मत और जीर्णोद्धार के कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। जिसके फलस्वरूप संयंत्र के मॉडेक्स इकाइयों के उत्पादन को प्रभावित होने से बचाया जा सका। गत 20 मई को लगभग संध्या 4 बजे भिलाई इस्पात संयंत्र के एमएसडीएस-5 जीआईएस, 132 किलावॉट बस-2 बे-17 में फॉल्ट आ गया। इस सब-स्टेशन (एस/एस) की आपूर्ति मैसर्स गेंज हंगरी द्वारा की गई थी, जो वर्तमान में सीजी ग्लोबल के नाम से जानी जाती है। यह जीआईएस एस/एस के माध्यम से संयंत्र के यूनिवर्सल रेल मिल, बार एंड रॉड मिल, स्टील मेल्टिंग शॉप 3 और ब्लास्ट फर्नेस-8 को आपूर्ति किया जाता है।
इस दौरान सिर्फ एकमात्र बस, ही सही रूप में कार्य कर रहा था जिसके कारण मॉडेक्स इकाइयों को होने वाली बिजली की आपूर्ति की विश्वसनीयता कम हो गई थी। कार्य कर रहे 132 किलोवॉट बस-1 के किसी भी प्रकार के रूकावट आने पर सम्पूर्ण मॉडेक्स इकाइयों को लंबी अवधि के लिए बिजली की आपूर्ति बंद हो सकती थी। इसलिए, बिजली आपूर्ति की विश्वसनीयता सुनिश्चित करने के लिए जीआईएस के त्रुटिगत भाग की मरम्मत को प्राथमिकता पर किया जाना जरूरी था।
मेसर्स गैंज, हंगरी से इस बस-2 की मरम्मत के लिए संपर्क किया गया और तदनुसार, मेसर्स गंज ने सीजीएल इंडिया को इस रिपेयर कार्य को संपादित करने का काम सौंपा। सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए जीआईएस एस/एस के मरम्मत का कार्य 132 किलोवॉट बस-1 और 2 को पूर्णत: शटडाउन लेने पर ही हो सकता था। गत 07 अगस्त को यूआरएम में उत्पादन की निरंतरता को बनाए रखने के लिए 132 किलोवॉट साइड में सीएसईबी की सहायता से वैकल्पिक अस्थायी आपूर्ति की व्यवस्था की गई। एमएसडीएस-1 से ब्लास्ट फर्नेस-8 के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाए रखा गया। 14 अगस्त, 2020 को प्रात: 06 बजे भिलाई इस्पात संयंत्र के पॉवर सप्लाई विभाग (पीएसडी) और ईटीएल की टीम ने सीजीएल के विशेषज्ञों के साथ मिलकर 132 किलोवॉट जीआईएस बस-2 के रिपेयर कार्य को प्रारंभ किया और 16 अगस्त, 2020 को प्रात: 12.30 बजे सफलतापूर्वक पूर्ण कर लिया।
विदित हो कि पीएसडी और ईटीएल की टीम ने संयुक्त रूप से 40 घंटे कार्य किया और निर्धारित समय सीमा से छ: घंटे पूर्व सिस्टम को सामान्य करने में सफलता हासिल की। इस टीम ने मौजूदा महामारी कोविड-19 के दौरान किसी भी संकट से निपटने का साहस दिखाते हुए इस महत्वपूर्ण कार्य को संपादित करने में अपने उत्कृष्ट कार्य कुशलता, उत्साह व ऊर्जा का परिचय दिया।
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