August 06, 2025
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बच्चों पर बुरा असर डालती हैं ये 5 बातें, कहने से बचें

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   लाइफस्टाइल /शौर्यपथ  ऐसा नहीं है बच्चों की परवरिश करने वाले सभी माता पिता एकदम परफेक्ट होते हैं। बच्चों को बड़ा करते हुए वो भी जीवन की किताब से रोजाना एक नया पाठ सीख रहे होते हैं। ऐसे में लाजमी है अपने बच्चों के लिए हमेशा अच्छा सोचने वाले माता-पिता से भी उनकी परवरिश करते समय कई गलतियां हो जाती हैं। इसका मतलब यह बिल्कुल नहीं है कि वो अपने बच्चों से प्यार नहीं करते या उनका भला नहीं सोचते। ऐसे में थोड़ी सी समझदारी और सतकर्ता को अपनाकर पैरेंट्स कुछ गलतियां करने से बच सकते हैं। आइए जानते हैं उन गलतियों के बारे में जिन्हें माता-पिता को अपने बच्चों से अनजाने में भी नहीं बोलना चाहिए।    
बच्चों के संपूर्ण विकास के लिए उनकी अच्‍छी परवरिश का होना बेहद जरूरी होता है। अच्‍छी परवरिश का मतलब सिर्फ खान-पान और अच्छे पहनावे से ही नहीं बल्कि उनके साथ किए जाने वाले व्यवहार से भी है। कई बार पैरेंट्स अनजाने में ही सही लेकिन गुस्सा होने पर अपने बच्चों से इतनी गलत तरीके से बातें करते हैं जो उनके मस्तिष्‍क पर नकारात्‍मक प्रभाव डालने लगती है। जिसकी वजह से बच्‍चा या तो डरपोक या फिर हिंसक होने लगता है। आइए जानते हैं ऐसी ही कुछ गलतियों के बारे में-
डांटने की जगह समझाएं-
अगर आपका बच्चा अपनी क्लास में अच्छे ग्रेड्स नहीं ला पा रहा है तो उसके पीछे छिपे कारण को समझने की कोशिश करें न कि उसे डांटने-मारने लग जाएं। ऐसा करने से आपके बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास कम हो जाएगा और उसके अंदर डर बैठ जाएगा। अपने बच्चे के ग्रेड्स अच्छा करने के लिए उसके साथ खुद भी मेहनत करें। उसकी कमियों को दूर करने की कोशिश करें। आपके ऐसा करने से बच्‍चे का आत्‍मविश्‍वास बढ़ेगा।
पापा की धमकी न दें-
अक्सर देखा जाता है कि बच्चे अपनी मां के ज्यादा करीब होते हैं और पिता से कुछ भी शेयर करने में थोड़ी सी झिझक महसूस करते हैं। इसके पीछे हो सकता है कि बच्चे की हर छोटी गलती पर उसे बार-बार पापा के नाम की धमकी देकर अनुशासित बनाए रखने की कोशिश की जा रही हो। ऐसा करने से बच्चों के मन में पिता के लिए सम्मान की जगह खौफ बैठ सकता है।
बच्चों को ताना न देना-
पैरेंट्स कई बार दूसरे बच्चों से अपने बच्चों की तुलना करते समय उन्हें ताना मारने लग जाते है। ऐसे करने से कई बार बच्चे गुस्सैल और चिढ़चिढ़े हो जाते हैं। अपनी हर बात मनवाने के लिए वो जिद्द करने लगते हैं।
सरे बच्‍चों से तुलना-
कई बार पैरेंट्स न चाहते हुए भी अपने बच्चों के साथ भेदभाव करने लगते हैं। ऐसा वो तब करते हैं जब वो अपने बच्चे की तुलना किसी दूसरे बच्चे से करते हैं। ऐसा करने से बच्चे के मन में हीन भावना पनपने लगती है।
बच्चों की डाइट-
कुछ पैरेंट्स बच्चे की डाइट को लेकर भी बात का बतंगड़ बनाने लगते है, जिससे बच्चे के मन में हीन भावना और खुद को दूसरे बच्चों से कम आंकने की प्रवृति जन्म ले सकती है। जिससे उसका आत्मविश्वास भी कम हो सकता है।

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