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आस्था /शौर्यपथ /ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अशुभ समय में किए काम का परिणाम कभी शुभ नहीं होता है. पंचक की अवधि में बहुत सारे शुभ काम करने की मनाही होती है. हालांकि पंचक एक महीने में एक बार आता है. ऐसे इस दौरान कभी-कभी अच्छे कार्य भी होते है. हर बार पंचक अलग-अलग तरह के होते है. नवंबर महीने से 29 तारीख यानी आज से अग्नि पंचक शुरू हो रहा है. इस पंचकी समाप्ति 04 दिसंबर 2022 को होगी. आइए जानते हैं कि अग्नि पंचक कब तक रहेगा और इसका महत्व क्या है.
कब से कब तक है अग्नि पंचक
ज्योतिष शास्त्र की गणना के अनुसार, अग्नि पंचक 29 नवंबर, यानी आज से शुरू हो रहा है. इस अग्नि पंचक का समापन आने वाले 4 दिसंबर, 2022 की रात को होगा. ऐसे में इस दौरान कुछ शुभ कार्य करने से परहेज करें. मान्यता है कि अग्नि पंचक के दौरान कुछ शुभ और मांगलिक कार्य संपन्न नहीं कराए जाते हैं.
क्या होता है पंचक
रोग पंचक - रविवार को शुरू होने वाला पंचक रोग पंचक कहा जाता है. माना जाता है कि इसके प्रभाव से ये पांच दिन शारीरिक और मानसिक परेशानियों वाले होते हैं. ऐसे में इस दौरान किसी भी तरह के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए.
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राज पंचक - सोमवार को शुरू होने वाला पंचक राज पंचक कहलाता है. ये पंचक शुभ माना जाता है. इसके प्रभाव से इन पांच दिनों में सरकारी कामों में सफलता मिलती है. राज पंचक में संपत्ति से जुड़े काम करना भी शुभ रहता है.
अग्नि पंचक - मंगलवार को शुरू होने वाला पंचक अग्नि पंचक के नाम से जाना जाता है. इन पांच दिनों में कोर्ट कचहरी और विवाद आदि के फैसले, अपना हक प्राप्त करने वाले काम किए जा सकते हैं. इस पंचक में अग्नि का भय होता है. इस पंचक में किसी भी तरह का निर्माण कार्य, औजार और मशीनरी कामों की शुरुआत करना अशुभ माना गया है.
मृत्यु पंचक - शनिवार को शुरू होने वाला पंचक मृत्यु पंचक कहलाता है. नाम से ही पता चलता है कि अशुभ दिन से शुरू होने वाला ये पंचक मृत्यु के बराबर परेशानी देने वाला होता है. इन पांच दिनों में किसी भी तरह के जोखिम भरे काम नहीं करना चाहिए. इसके प्रभाव से विवाद, चोट, दुर्घटना आदि होने का खतरा रहता है.
चोर पंचक - शुक्रवार को शुरू होने वाले पंचक चोर पंचक कहते हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों की मानें तो इस पंचक में यात्रा करना अशुभ होता है. चोर पंचक में लेन-देन, व्यापार और सौदे भी नहीं करने चाहिए. मना किए गए कार्य करने से धन हानि हो सकती है.
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