August 03, 2025
Hindi Hindi

20 मार्च गौरैया दिवस *पक्षी-इंसान एक दूसरे के पूरक*

  • Ad Content 1

विशेष लेख।

पक्षी और इंसान एक दूसरे के पूरक है‌ ।सृष्टि की उत्पत्ति के साथ ही यह बात उजागर होती रही है।बदलते दौर में बढ़ते कंक्रीट के जंगल, घटते वन और कीटनाशक दवाओं के उपयोग से पक्षी और इंसान दोनों संकट के दौर से गुजर रहे हैं‌। ऐसे में इंसानों के सबसे करीब रहने वाली चिड़िया गौरैया भी घोर संकट से जूझते अपने अस्तित्व के संघर्ष की लड़ाई लड़ रही है

           गौरैया की लुप्त होती स्थिति को उबारने के लिए पूरे विश्व में 20 मार्च को प्रतिवर्ष विश्व गौरैया दिवस का आयोजन किया जाता है। अन्य राष्ट्रीय दिवस पर जैसे देश परिवेश परिवार के संरक्षण पर चर्चा होती है। उसी तरह 20 मार्च को गौरैया का कृषि, संस्कृति और प्रकृति से अटूट संबंधों पर भी व्यापक चर्चा होती रही है। वर्ष 2010 में पहली बार गौरैया दिवस मनाने की शुरुआत की गई ।दरअसल ब्रिटेन की रॉयल सोसाइटी ऑफ वॉइस ने अपने शोध के आधार पर उजागर किया कि समूचे विश्व में गौरैया रेड लिस्ट की श्रेणी में आ गई है, अर्थात गौरैया का संकट अस्सी फ़ीसदी के करीब जा पहुंची है।

               मानव जीवन में पक्षियों के कलरव ना होने से बढ़ती उदासी और व्याधियों ने चिकित्सा जगत को भी चिंता में डाल दिया है। सूरज के उगने के साथ ही शीतल हवा के झोंके और पक्षियों के कलरव से प्रतिदिन की शुरुआत करने वाला इंसान अब अपनी हर सुबह को उबाऊ और मन में भारीपन का बोझ लिए आरंभ करता है। क्योंकि गौरैया, फाख्ता, कोयल, कौवे,कबूतर, तोता की आवाज अब केवल रेडियो टीवी मोबाइल पर ही सुनने को मिलता है। 

    गौरैया इंसान के करीब रहने वाली सबसे लोकप्रिय पक्षियों में से एक है वह समूह में रहना सिखाती है। संघर्ष करते हुए तिनके तिनके को जोड़कर घर घोसला बनाना, परिवार बसाना सिखाती है। चोंच में दाना ले जा ले जा कर अपने नवजात पखेरू को पालते पूछते हुए परिवार में प्रेम की भावना को उजागर करती है।

अनादि काल से मानव समुदाय के परिवार का हिस्सा बनी हुई चिड़िया फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले कीड़े मकोड़ों को खाकर, पके हुए फलों को खा कर उसके बीजों को दूर-दूर तक विकरित करने जैसे प्राकृतिक कार्यों का निष्पादन निशुल्क करती आ रही है। 

        पक्षियों के लुप्त होते वंश और कम होती संख्या का एक बड़ा दुष्परिणाम हमें वन और वनोपज की कमी को भी देखना पड़ रहा है।

20 मार्च गौरैया दिवस हमें सचेत कर रहा है की गौरैया के साथ-साथ अन्य पक्षी और पशुओं की सुरक्षा संरक्षण में ही मानव जीवन की भलाई है गौरैया दिवस पर अपने घर की मुंडेर में एक सुराही टांग दे पानी और धानी की व्यवस्था आंगन में कर दे तो गोरिया सहित अन्य पक्षी भी आपके आंगन में चलेंगे और आपको एहसास होगा कि परिंदे जिनके करीब होते हैं वह बड़े खुशनसीब होते हैं *विजय मिश्रा 'अमित'*

 पूर्व अति महाप्रबंधक (जन )

अग्रोहा सोसाइटी रायपुर

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)