August 04, 2025
Hindi Hindi

पीरियड्स का इतना तनाव कि लड़की ने कर ली आत्महत्या, माता-पिता की जिम्मेदारी इस तरह करें अवेयर, फिर नहीं घबराएगी लाडली

  • Ad Content 1

    लाइफस्टाइल /शौर्यपथ /लड़कियों को आमतौर पर 12 से 16 साल की उम्र के बीच में पीरियड्स शुरू हो जाते हैं. ज्यादातर मां ही इस दौरान बेटी को पीरियड्स के बारे में बताती है. लेकिन, अक्सर ही देखा जाता है कि पीरियड्स   शुरू होने से पहले कितनी ही बच्चियों को इसके बारे में किसी तरह की कोई जानकारी नहीं होती और पीरियड्स होने के बाद भी उसके प्रश्नों का उसे बस यह जवाब मिलता है कि 'यह हर लड़की के साथ होता है'. पीरियड्स को लेकर जानकारी और जागरूकता की कमी ना सिर्फ बच्ची को परेशान करती है लेकिन उसके लिए कितनी खतरनाक साबित हो सकती है यह हाल ही में मुंबई में देखने को मिला है. मुंबई में 14 साल की लड़की ने पहली बार हुए पीरियड्स के तनाव  और दर्द के चलते आत्महत्या कर ली. पुलिस के अनुसार, उसे पीरिड्स को लेकर कुछ खासा जानकारी नहीं थी इसीलिए वह तनाव में थी और उसने यह कदम उठाया. यह घटना सभी पैरेंट्स के लिए एक बहुत बड़ा सबक है कि बच्चियों को कम्र से ही पीरियड्स के बारे में बताना कितना ज्यादा जरूरी है.
बेटी को जरूर बताएं पीरियड्स से जुड़ी ये 5 बातें
    10 साल की उम्र होने के बाद से ही बेटी को बैठाकर उससे पीरियड्स के बारे में बातचीत करना शुरू करें. उसे बताएं कि यह हर महीने होने वाली प्रक्रिया है. हफ्ते में 4 से 5 दिन पीरियड्स हो सकते हैं यह भी समझाएं.
    पीरियड्स में पैड्स   किस तरह इस्तेमाल करते हैं, किस तरह फेंकते हैं और पर्सनल हाइजीन कैसे मेंटेन करते हैं उसे सिखाएं. उसे पीरियड्स के बारे में कुछ पूछने के लिए झिझक महसूस करने की जरूरत नहीं है यह आश्वासन भी दें.
    बेटी को पीरिड्स में होने वाले दर्द के बारे में भी बताएं. पेट में दर्द, पीठ में ऐंठन और कभी-कभी सीने में दर्द महसूस होता है इसके बारे में भी बताएं. उसे कहें कि जब भी उसे पीरियड्स में जरूरत से ज्यादा दर्द महसूस हो तो आपसे कहने से बिल्कुल ना घबराए. पैरेंट्स दिक्कत बढ़ने पर गाइनीकोलॉजिस्ट को दिखा सकते हैं.
    पीरियड्स शुरू होने के बाद शरीर में और कौन-कौनसे बदलाव होते हैं इसके बारे में भी बेटी को बताना चाहिए.
    आखिर में, पीरियड्स में होने वाले तनाव को नजरअंदाज ना करें. बेटी को इस तनाव से निपटने के तरीके बताएं, उसे आराम करना है तो किसी काम के लिए जबरदस्ती ना करें और सबसे जरूरी है कि पीरियड्स के दर्द  या स्ट्रेस को लेकर उसकी बाकी लड़कियों से तुलना ना करें. सभी के लिए यह अनुभव अलग-अलग होता है.

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)