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व्रत त्यौहार /शौर्यपथ / सनातन परंपरा में अमावस्या तिथि का बेहद महत्व है. अगर यह तिथि सोमवार या शनिवार को पड़े तो इसका महत्व और भी ज्यादा बढ़ जाता है. जब किसी भी माह की अमावस्या सोमवार के दिन पड़ती है, उसे सोमवती अमावस्या कहते हैं. इस बार भाद्रपद माह की अमावस्या सोमवती अमावस्या है, जो 2 सितंबर को है. सोमवती अमावस्या की तिथि 2 सितंबर को सुबह 5:21 बजे से 3 सितंबर को सुबह 7:24 बजे तक है. ज्योतिष शास्त्र में इस दिन को लेकर कई सारे नियम बनाए गए हैं. सोमवती अमावस्या के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा और व्रत करने का विधान है. इस दिन विवाहित महिलाएं व्रत रखकर भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करके अपने पति की लंबी आयु के लिए प्रार्थना करती हैं.
सोमवती अमावस्या तिथि पर क्या करें और क्या न करें?
अपने पितरों को भोजन, जल और अन्य वस्तुएं अर्पित करें.
मांसाहारी भोजन या शराब का सेवन न करें.
धर्मग्रंथों का पाठ करें.
इस दिन चना, मसूर दाल, सरसों का साग और मूली जैसी चीजों को खाने की मनाही होती है.
पूजा-पाठ पर ज्यादा से ज्यादा जोर दें.
भगवान विष्णु की पूजा करें.
इस तिथि पर क्रोध करने से बचें.
सोमवती अमावस्या व्रत रेसिपी-
सोमवती अमावस्या पर कई महिलाएं व्रत करती हैं. अगर आप व्रत कर रहे हैं तो आप मखाने की खीर का सेवन कर सकते हैं. इसे आसानी से बनाया जा सकता है. इसे बनाने के लिए आपको दूध, मखाना, चीनी, ड्राई फ्रूट्स और इलायची पाउडर की आवश्यकता होती है.
सोमवती अमावस्या पूजन विधि-
सोमवती अमावस्या के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत देवी-देवता के ध्यान से करें. इसके बाद स्नान करें. अब भगवान सूर्य देव को जल अर्पित करें. इसके पश्चात भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा करें. शास्त्रों के अनुसार इस दिन पितरों को प्रसन्न करने के लिए पीपल के पेड़ को स्पर्श करके पूजा अर्चना की जाती है. इसके अलावा धान, पान और खड़ी हल्दी को मिला कर उसे विधान पूर्वक तुलसी के पेड़ पर भी चढ़ाने की मान्यता है.
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