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आस्था /शौर्यपथ /बेलपत्र भगवान शिव को अतिप्रिय है. इसके बिना भोलेनाथ की पूजा अधूरी मानी जाती है. हिंदू धर्म में बेल के पेड़ का अत्यंत महत्व है. धार्मिक तौर पर ही नहीं सेहत के लिए भी यह काफी अहम माना जाता है. बेलपत्र ही नहीं इस पेड़ की छाल, जड़, फल औषधीय गुणों से भरपूर होते हैं. माना जाता है कि इस पेड़ से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है और समृद्धि आती है. मान्यता है कि जिस घर में बेल का पेड़ होता है वहां भोलेनाथ की विशेष कृपा बनी रहती है और मां लक्ष्मी भी वास करती हैं जिससे कभी भी दुख या पैसों की कमी नहीं होती है. हालांकि, इसे घर की सही दिशा में ही लगाना चाहिए ताकि शुभ प्रभाव मिल सके. यहां जानिए बेलपत्र लगाने के लिए वास्तु के अनुसार कौनसी दिशा सही है.
घर की किस दिशा में लगाएं बेल का पेड़
वास्तु शास्त्र के मुताबिक बेल का पौधा हमेशा घर की उत्तर या पश्चिम दिशा (West Direction) में लगाना चाहिए. इससे समस्याएं घर में नहीं आ पाती हैं और पहले से चल रही समस्याएं भी खत्म हो सकती हैं. इतना ही नहीं घर के चारों तरफ सकारात्मक ऊर्जा बनी रहतr है, बुरी शक्तियां नहीं आ पाती हैं, घर के सदस्य ऊर्जावान रहते हैं और मानसिक शांति बनी रहती है. बेल का पेड़ तांत्रिक बाधाओं को भी दूर रखता है. इससे परिवार सुरक्षित रहता है और चंद्र दोष से भी मुक्ति मिलती है.
बेलपत्र ना तोड़ने का समय
हिंदू धर्म शास्त्रों में बताया गया है कि चतुर्थी, अष्टमी, नवमी, चतुर्दशी और अमावस्या तिथि पर किसी को भी बेलपत्र तोड़ने से बचना चाहिए. सोमवार के दिन भी इसे न तोड़ें. बेलपत्र (Bel Patra) तोड़ते समय ध्यान दें कि इसे कभी भी टहनी के साथ न तोड़ें.
बेल का महत्व
बेल का पेड़ दिव्य पेड़ माना जाता है. हिंदू धर्म में इसे लेकर कई मान्यताएं हैं.
घर में बेल का पेड़ लगाना अत्यंत शुभ और फलदायी माना जाता है.
हिंदू ही नहीं जैन धर्म में भी बेलपत्र के पेड़ का महत्व है.
भगवान शिव बेलपत्र चढ़ाने से प्रसन्न होते हैं. इसलिए बेलपत्र जब भी तोड़ने जाएं, शिवजी का ध्यान लगाकर ही तोड़ें
बेल की तासीर ठंडी होती है इसलिए यह पेट के लिए फायदेमंद माना जाता है और गर्मियों में लू से बचाता है.
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