
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
RAIPUR / SHOURYAPATH /
प्रदेश में किसानों की समृद्धि और कृषि को नई दिशा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार द्वारा लागू की गई समर्थन मूल्य पर धान खरीदी व्यवस्था अब और अधिक पारदर्शी, सरल एवं किसान-केंद्रित बन चुकी है। खरीफ विपणन वर्ष 2025-26 के लिए धान खरीदी का शुभारंभ 15 नवंबर से पूरे छत्तीसगढ़ में हो चुका है, जिसके उत्साहजनक परिणाम सामने आ रहे हैं।
धमतरी जिले में धान खरीदी के प्रति किसानों में विशेष उत्साह देखा जा रहा है। जिले के 100 उपार्जन केंद्रों में 19 नवंबर तक 3 हज़ार 431 किसानों से कुल 1 लाख 56 हज़ार 761 क्विंटल धान खरीदा जा चुका है। यह व्यवस्था किसानों के बढ़ते भरोसे को और मजबूत करता है।
इसी भरोसे की आवाज बने ग्राम संबलपुर उपार्जन केंद्र में धान बेचने पहुंचे किसान दीपेश कुमार देवांगन। उन्होंने बताया कि इस वर्ष धान बेचने की प्रक्रिया पहले से कहीं अधिक सुगम और पारदर्शी है। ऑनलाइन टोकन सिस्टम ने उनके लंबे इंतजार की समस्या को पूरी तरह समाप्त कर दिया है। निर्धारित समय पर टोकन मिलने से न भीड़ होती है और न ही अव्यवस्था का सामना करना पड़ता है।
दीपेश ने इस बार 76 क्विंटल धान बेचा है, जो पिछले वर्ष की मात्रा के लगभग बराबर है। उनका कहना है कि पिछले वर्ष समय पर भुगतान मिलने से खेती के कार्यों में बड़ा लाभ हुआ था, और इस वर्ष भी उन्हें शीघ्र भुगतान की उम्मीद है। धान बेचकर प्राप्त धन को वे कृषि सुधार, बीज-खाद की खरीदी और पारिवारिक आवश्यकताओं में उपयोग करते हैं।
केंद्र की व्यवस्थाओं की सराहना करते हुए दीपेश ने कहा कि अब हमें बिचौलियों पर निर्भर नहीं रहना पड़ता। यहाँ व्यवस्था अनुकरणीय है और कर्मचारियों का सहयोग प्रशंसनीय। हमारी मेहनत का सही मूल्य मिल रहा है।
दीपेश की तरह हंसराज, शत्रुघन सहित अन्य किसानों ने भी खरीदी व्यवस्था में आए सकारात्मक बदलावों की प्रशंसा की। उनका मानना है कि इस वर्ष प्रशासन द्वारा किए गए सुधारों के कारण प्रक्रिया अत्यंत सहज हो गई है—बेहतर व्यवस्थापन, त्वरित मापन, ऑनलाइन पारदर्शिता और अधिकारियों की सतत निगरानी ने किसानों का भरोसा कई गुना बढ़ाया है।
सरकार और जिला प्रशासन के ये प्रयास न केवल किसानों की आय बढ़ाने में सहायक सिद्ध हो रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में भी बड़ा कदम साबित हो रहे हैं। किसानों ने अपेक्षा जताई कि ऐसी पारदर्शी और विश्वसनीय व्यवस्था आगे भी इसी तरह जारी रहेगी।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.
Feb 09, 2021 Rate: 4.00
