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मुख्यमंत्री ( सफलता की कहानी ) (251)
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना से सपना हुआ साकार
जिंदगी में आया बदलाव, योजना बनी उम्मीद की नई किरण
रायपुर / शौर्यपथ /
प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत भारत का हर घर ऊर्जा के मामले में आत्मनिर्भर हो जाएगा और इसका फायदा भारत को होगा। इस योजना के वजह से रोजगार के अवसर भी ज्यादा बढ़ेंगे और इसकी वजह से नई नौकरियां भी निकलेगी। पीएम सूर्य घर योजना के तहत जिस घर में सोलर पैनल लगाए जाएंगे, उस घर की बिजली 24 घंटे रहेगी । इस घर में बिजली की कोई भी कटौती नहीं होगी। प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना ने रायगढ़ के कृष्णा वाटिका निवासी रामेश्वर सिंह के जीवन में बड़ा बदलाव ला दिया है। जहाँ पहले उन्हें हर माह 3,000 रुपए से अधिक का बिजली बिल चुकाना पड़ता था, वहीं अब उनके घर का बिजली खर्च लगभग शून्य हो गया है।
पीएम सूर्य घर योजना के लिए सब्सिडी का प्रावधान
मध्यमवर्गीय परिवार से संबंध रखने वाले रामेश्वर सिंह के लिए बिजली का बढ़ता खर्च हमेशा चिंता का कारण था। गर्मी के दिनों में कूलर और पंखों की अधिक खपत से बिजली बिल 3,000 रुपए से ऊपर पहुँच जाता था, जिससे उनके घरेलू बजट पर अतिरिक्त बोझ पड़ता था। इसी बीच उन्हें प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के बारे में पता चला। इस योजना के तहत शासन छत पर सोलर पैनल लगाने के लिए आकर्षक सब्सिडी दे रही है। उन्होंने बताया कि एक किलोवाट सोलर प्लांट पर 45 हजार, 2 किलोवाट पर 90 हजार और 3 किलोवाट पर एक लाख 8 हजार रुपए की अनुदान राशि दी जा रही है। यह जानकारी उनके लिए उम्मीद की नई किरण लेकर आई और उन्होंने तुरंत इस योजना के लिए आवेदन किया।
बिजली विभाग पर निर्भर नहीं रहकर पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गया
आवेदन के बाद टीम ने रामेश्वर सिंह के घर का निरीक्षण किया, बिजली की खपत का आकलन किया और उनकी ज़रूरत के हिसाब से सोलर सिस्टम लगाने की सलाह दी। सरकारी सब्सिडी और आसान प्रक्रिया के कारण कुछ ही हफ्तों में उनके घर की छत पर सोलर पैनल लग गए। यह सोलर पैनल रामेश्वर सिंह के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ। जहां पहले हर महीने बिजली का बिल 3,000 रुपए से ज़्यादा आता था, अब यह खर्च लगभग शून्य हो गया है। इस बचत का उपयोग वे अब अपने परिवार की अन्य ज़रूरतों को पूरा करने के लिए कर पा रहे हैं। रामेश्वर सिंह अब बिजली विभाग पर निर्भर नहीं हैं और पूरी तरह से आत्मनिर्भर हो गए हैं। उनके घर की छत पर लगे ये सोलर पैनल न केवल उनकी बिजली की जरूरतें पूरी कर रहे हैं, बल्कि स्वच्छ और अक्षय ऊर्जा का उपयोग करके वे पर्यावरण संरक्षण में भी अपना योगदान दे रहे हैं।
रामेश्वर सिंह ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुक्त बिजली योजना ने हमारे जीवन की सबसे बड़ी चिंता को खत्म कर दिया। अब हम बिना किसी परेशानी के बिजली का उपयोग कर रहे हैं और पर्यावरण की रक्षा में भी सहयोग दे रहे हैं। रामेश्वर सिंह की यह कहानी इस बात का एक और उदाहरण है कि प्रधानमंत्री सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना कैसे लोगों को बिजली के भारी-भरकम बिल से राहत देकर उन्हें आत्मनिर्भर और पर्यावरण-हितैषी बनने में मदद कर रही है। यह योजना कई जिंदगियों में बड़ा बदलाव ला रही है।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग जिले के छोटे से गांव असोगा की रहने वाली श्रीमती मंजू अंगारे जो आज लड्डू वाली दीदी के नाम से प्रसिद्ध है। पाटन विकासखण्ड के असोगा गांव में 12 महिलाओं को जोड़कर मॉ संतोषी महिला स्व सहायता समूह का गठन किया गया, जिसमें मंजू अंगारे दीदी सदस्य के रूप में है। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़कर मंजू अंगारे द्वारा सभी प्रकार के लड्डु अपने हाथों से तैयार कर दुकानों एवं आयोजित होने वाले विभिन्न कार्यक्रमों के लिए विक्रय किया जा रहा है। दीदी द्वारा करी के लड्डु, मुर्रा लड्डु, तिल के लड्डु, मेवे के लड्डु, बेसन का लड्डु बनाया जा रहा है।
समूह से जुड़कर दीदी द्वारा बैंक से एक लाख रूपए का लोन लिया और अपने कार्य को चलाना प्रारंभ किया, जिसमें दीदी प्रतिमाह 15 हजार से 20 हजार रूपए औसत कमा रही है। दीदी के द्वारा शुरूआत में केवल अपने गांव के दुकानों का आर्डर लेकर सभी प्रकार के लड्डु का निर्माण किया जाता था, लेकिन आज दीदी के द्वारा पाटन ब्लॉक के आस-पास के सभी गांवो से सभी प्रकार के लड्डू बनाने का ऑर्डर लिया जा रहा है, जिससे दीदी के कमाई में और अधिक वृद्धि हुई।
दीदी के द्वारा अपने काम को आगे और बढ़ाने के लिए ग्राम संगठन से सीआईएफ लोन ऋण 60 हजार उपलब्ध कराया गया, जिसे प्रतिमाह समय पर संगठन में जमा कर रही है। समूह को 15 हजार की अनुदान राशि की सहायता मिलने से कार्य में वृद्धि आई। दीदी को आस-पास के गांव से शादी/छट्ठी एवं अन्य कार्यक्रम में आर्डर मिलना शुरू हो गया। छोटे से गांव में समूह के माध्यम से आजीविका करके पूरे गांव में लड्डू वाली दीदी के नाम से प्रसिद्व हो गई। लड्डू बनाकर प्रत्येक माह 15 हजार से 20 हजार रूपये लाभ कमाकर मंजू दीदी लखपति दीदी बन गई हैं।
सही जवाब देकर खूब उपहार भी बटोरे
कटोरा तालाब के उद्यान में आज होगा तीसरा इवेंट
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के सफल नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार के एक साल पूरे हो गए हैं । जनसंपर्क विभाग द्वारा खुशहाल एक साल इवेंट के ज़रिए छत्तीसगढ़ सरकार की पिछले एक साल की उपलब्धियों और योजनाओं को राजधानी रायपुर के लोगों के बीच पहुंचाया जा रहा है । मनोरंजन , गेम्स , हंसी मज़ाक के माहौल में लोगों को शासन की योजनाओं की जानकारी भी दी जा रही और इस बीच सरकार की पिछले एक साल की उपलब्धियों और योजनाओं संबंधी प्रश्न भी रोचक ढंग से पूछे जा रहे हैं । सही जवाब देने पर उन्हें आकर्षक गिफ्ट वाउचर्स , उपहार भी दिए जा रहे हैं । योजनाओं की सही जानकारी और उस पर से सही जवाब देने पर मिलने वाले उपहार से लोगों के उत्साह में चार चांद लग रहा है । रविवार 15 दिसंबर मैग्नेटो मॉल से शुरू हुए खुशहाल एक साल इवेंट के सिलसिले की कड़ी में मंगलवार 17 दिसंबर को दूसरा कार्यक्रम तेलीबांधा स्थित मरीन ड्राइव में किया गया । शाम की गुलाबी ठंड में मरीन ड्राइव पे वॉक करने , फ़ूड और गेम जोन में आनेवाले सैकड़ों लोगों ने इवेंट शुरू होने पर रुक कर इसका भरपूर आंनद लिया । कोई खड़े खड़े , कोई तालाब किनारे बैठकर , तो कोई कुर्सी में बैठकर इवेंट का लुत्फ उठाता रहा । बच्चे , बड़े , बुजुर्ग , युवा सबने ख़ुशहाल एक साल इवेंट में भाग लेते हुए छत्तीसगढ़ सरकार की महतारी वंदन योजना , नियद नेल्ला नार योजना , औद्योगिक विकास नीति , बस्तर पर्यटन कॉरिडोर , बढ़ती विमान सेवाएं , अधोसंरचनात्मक विकास के कार्यों को दिल से सराहा ।

आज बुधवार को इसी कड़ी में कटोरा तालाब के उद्यान में शाम 6.30 बजे से खुशहाल एक सवाल इवेंट आयोजित किया जाएगा।
खुद के टीबी जैसी बीमारी से मुक्त होने के लिए मुख्यमंत्री को प्रकट किया आभार
रायपुर / शौर्यपथ / एम्स रायपुर के आडिटोरियम में आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में 100 दिन तक टीबी, मलेरिया एवं कुष्ठ रोगियों की पहचान की जाएगी तथा उनका उपचार किया जाएगा। कार्यक्रम के अंतर्गत ऐसे लोगों का भी सम्मान किया गया जिन्होंने टीबी और कुष्ठ जैसी बीमारियों से लड़ाई लड़ी और आज स्वस्थ जीवन का आनंद उठा रहे हैं। इन्हीं मे से एक हैं बस्तर के तोकापाल की रहन वाली बबीता नाग जो कुछ समय पहले तक टीबी के रोग से पीड़ित थीं। इन्होंने सरकारी अस्पताल में अपनी जांच करायी और शासन की योजनाओं का लाभ लेते हुए समय पर दवाइयां और पोषण आहार का सेवन किया। इसकी वजह से बबीता पूरी तरह स्वस्थ हैं। बबीता ने अपने ठीक होने का श्रेय मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय को दिया है जिनकी पहल की वजह से वो टीबी जैसी बीमारी के प्रति जागरूक हो सकीं और समय पर अपना इलाज कराया। मुख्यमंत्री को धन्यवाद देने के लिए बबीता ने आज निक्षय निरामय छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में उपस्थित थीं। उन्होने मुख्यमंत्री को अपने हाथों से निक्षय निरामय सूत्र बांधा और प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
-अब तक जिले में लगभग 2 लाख 57 हजार महिलाओं को 10 किश्त में लगभग 242 करोड़ रूपए की राशि हुई प्राप्त
-महिलाओं ने मुख्यमंत्री को तहेदिल से कहा शुक्रिया
राजनांदगांव / शौर्यपथ / महतारी वंदन योजना महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण एवं स्वावलंबन की दिशा में कारगर साबित हो रही है। महिलाओं के सम्मान और उन्हें जीवन में आगे बढऩे की प्रेरणा मिली है। इस योजना अंतर्गत महिलाओं के खाते में प्रतिमाह 1000 रूपए की राशि प्राप्त हो रही है। अब तक जिले में लगभग 2 लाख 57 हजार महिलाओं को 10 किश्त में लगभग 242 करोड़ रूपए की राशि प्राप्त हुई है। महिलाओं के चेहरों पर यह खुशी आत्मविश्वास एवं आत्मनिर्भरता की है। उन्होंने मोबाईल पर महतारी वंदन योजना अंतर्गत प्राप्त राशि का नोटिफिकेशन दिखाकर अपनी खुशी जाहिर की।
राजनांदगांव शहर के शीतला पारा वार्ड नंबर 8 मोतीपुर निवासी श्रीमती मधु साहू ने बताया कि वह महतारी वंदन योजना से प्राप्त राशि को बचत कर रही हैं। एक ही परिवार के तीन महिलाएं इस योजना से लाभान्वित हो रही है। 50 वर्षीय श्रीमती सरोज निर्मलकर गृहिणी हंै। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि वह इस राशि का उपयोग घरेलू खर्च में करती हैं। वही उनकी देवरानी श्रीमती रजनी निर्मलकर ने बताया कि वह प्राप्त राशि का उपयोग बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के लिए कर रही है। उनकी बहू श्रीमती कंचन निर्मलकर ने बताया कि महतारी वंदन योजना अंतर्गत प्राप्त राशि का उपयोग अपने बच्चे के अच्छे स्वास्थ्य के लिए करती हैं। एक ही परिवार की दो महिला श्रीमती वेणु साहू एवं श्रीमती शोभा साहू भी महतारी वंदन योजना के तहत लाभान्वित हो रही हैं। उन्होंने बताया कि वह इस राशि का उपयोग घरेलू कार्य में कर रही है। सभी महिलाओं ने महतारी वंदन योजना के तहत राशि प्राप्त होने पर मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय को तहेदिल से शुक्रिया कहा।
हितग्राही महिलाओं को अब तक 6530.41 करोड़ रूपए की मदद
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ महिलाओं के स्वास्थ्य, पोषण, आर्थिक स्वावलंबन और सशक्तिकरण को बढ़ावा के उद्देश्य से विष्णु देव सरकार द्वारा संचालित महतारी वंदन योजना से हितग्राही महिलाओं के जीवन में बड़ा बदलाव आया है। महिलाएं इस मदद की राशि से अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के साथ ही अतिरिक्त आय उपार्जन की गतिविधियों को आगे बढ़ाने लगी है।
श्रीमती बिंदिया प्रजापति को जब से महतारी वंदन योजना के तहत हर महिने एक-एक हजार रूपए मिल रहे है, उनके चेहरे में खुशी की चमक देखते ही बन रही है। मरवाही विकासखण्ड के ग्राम धरहर की श्रीमती प्रजापति महतारी वंदन की राशि का उपयोग अपने ईंट व्यवसाय के कारोबार को बढ़ाने में कर रही है। आर्थिक रूप से कमजोर बिंदिया बाई को पहले ईंट बनाने के लिए मिट्टी, पकाने के लिए भूंसी-लकड़ी आदि के लिए उधारी लेना पड़ता था, अब उन्हें दूसरों के सामने हाथ नहीं फैलाना पड़ता।
बलौदा बाजार जिला के वनांचल ग्राम बल्दा कछार की निवासी श्रीमती ममता परंपरागत रूप से बांस शिल्प की कला कृति बनाकर जीवकोपार्जन करती है। पहले वह आर्थिक तंगी के कारण बांस शिल्प बनाने के लिए बांस नहीं खरीद पाती थी पर अब उन्हें महतारी वंदन योजना से प्रतिमाह 1 हजार रूपये मिलते है, जिसका उपयोग वह बांस खरीदने में करती है। वह झेंझरी, सुपा, पर्रा, टुकनी सहित अन्य सजावटी वस्तुएं अधिक संख्या में बना पाती है, जिसे बेचकर उन्हें अच्छी खासी आमदनी मिल रही है, जिसमें बचत कर वो अपनी बेटियों को शिक्षित कर रही हैं। कोरिया जिले के ग्राम जमड़ी की निवासी श्रीमती सुनीता साहू के जीवन में महतारी वंदन योजना ने बदलाव लाया। तीन बच्चों की मां श्रीमती साहू ने योजना से मिली राशि को बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए निवेश करना शुरू कर दिया है।
बस्तर जिले के बकावंड ब्लॉक मुख्यालय की निवासी लाभार्थी श्रीमती चंद्रमणि और उनके परिवार के पास कृषि भूमि नहीं है पति-पत्नी दोनों मजदूरी कर 6 सदस्यीय परिवार का किसी तरह भरण-पोषण करते हैं। राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना अब उनके परिवार के लिए सहारा साबित हो रही है। जिससे चंद्रमणि को एक हजार रूपए तथा उसकी सास रुकनी को महतारी वंदन योजना से 500 रुपए एवं वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत 500 रूपए मिल रही है, जो इस गरीब परिवार के लिए बहुत ज्यादा तो नहीं लेकिन उपयोगी साबित हो रही है।
इसी तरह कई महिलाएं हैं जो मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की सरकार की महत्वाकांक्षी योजना महतारी वंदन योजना की बदौलत आर्थिक रूप से सशक्त बन रही है। सरकार का यह कदम उनके जीवन में बड़ा बदलाव ला रहा है।
गौरतलब है कि उक्त योजना का शुभारंभ 10 मार्च 2024 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने किया था। राज्य की लगभग 70 लाख हितग्राही महिलाओं को हर माह एक हजार रूपए की आर्थिक सहायता दी जा रही है। मार्च से लेकर दिसम्बर तक हितग्राही महिलाओं को 10 मासिक किश्तों में 6530 करोड़ 41 लाख रूपए की आर्थिक सहायता दी जा चुकी है।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के आग्रह पर रायगढ़ की सरस्वती यादव ने बटन दबाकर प्रदेश की महिलाओं को जारी किया महतारी वंदन योजना की दसवीं किश्त के 652 करोड़
रायगढ़ / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कल रायगढ़ में आयोजित कार्यक्रम में महतारी वंदन योजना की राशि जारी की। इस दौरान मुख्यमंत्री साय के सुशासन की झलक देखने को मिली। मंच में उनसे मिलने पहुंची महतारी वंदन योजना की हितग्राही सरस्वती यादव को उन्होंने बटन दबाकर प्रदेश की महिलाओं के खाते में महतारी वंदन योजना की दसवीं किश्त की राशि जारी करने का आग्रह किया, जिस पर सरस्वती यादव ने बटन दबाकर प्रदेश की 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना की 10वीं किश्त के रूप में 652 करोड़ रूपए की राशि अंतरित की। यह पहला मौका होगा जब किसी योजना के हितग्राही ने ही योजना की राशि जारी की है।
दुर्ग / शौर्यपथ / दो एकड़ जमीन में खेती-किसानी व मनरेगा में छोटी-मोटी मजदूरी कर, एक छोटे से कच्चे मकान में गुजर बसर करने वाला मजदूर शोभित राम की यह कहानी है। दुर्ग जिले के अछोटी ग्राम के 45 वर्षीय श्री शोभित राम खेती-मजदूरी से प्राप्त आय को अपने परिवार का भरण-पोषण करने एवं तीनों बच्चों को अच्छी शिक्षा प्रदान कर रहे हैं।
शोभित राम ने बताया कि पक्का मकान बनाने का हर व्यक्ति का सपना होता है। आर्थिक रूप से कमजोर व्यक्ति के लिए तो पक्का मकान बनाना एक सपने के समान होता है। उनकी पूरी जिंदगी निकल जाती है और पक्का मकान बनाने का सपना, सपना ही बनकर रह जाता है। लेकिन प्रधानमंत्री आवास योजना उनके जीवन में एक नई रोशनी की किरण लेकर आया। जब शोभित को इस योजना के तहत पक्के मकान की स्वीकृति मिली, तो यह उनके लिए किसी चमत्कार से कम नहीं था। प्रधानमंत्री आवास योजना वर्ष 2019-20 में आवास स्वीकृति हुआ। आवास स्वीकृति उपरान्त प्रथम किश्त 35 हजार, द्वितीय किश्त 45 हजार एवं तृतीय किश्त 30 हजार और चौथी किश्त 10 हजार रूपए प्राप्त हुए। पक्के मकान में दो कमरा और एक किचन कुछ ही महीनों के भीतर तैयार हो गया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण किया गया है। साथ ही उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेण्डर प्राप्त हुआ। उनके परिवार को पक्का नया घर मिल जाने से सभी सदस्य बहुत खुश है। हितग्राही शोभित राम ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों के लिए वास्तव में एक उपहार है। इसने न केवल उनके जीवन स्तर में सुधार आया, बल्कि समाज में भी प्रतिष्ठा बढ़ने लगी है।
चित्रोत्पला फिल्म सिटी से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, नाटकों के साथ पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा
पद्मश्री विभूतियों की सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रुपए करने की घोषणा
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में 147 करोड़ रूपए की लागत से चित्रोत्पला फिल्म सिटी बनेगी। इसके लिए भारत सरकार ने 147 करोड़ रूपए की स्वीकृति दी है। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आज छत्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा में दिए गए अपने सम्बोधन में यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार के प्रस्ताव पर केन्द्र सरकार द्वारा फिल्म सिटी के निर्माण की स्वीकृति प्रदान करते हुए राशि की स्वीकृति दी गई है। उन्होंने कहा कि चित्रोत्पला फिल्म सिटी के निर्माण से छत्तीसगढ़ी फिल्मों, छत्तीसगढ़ी नाटकों को प्रोत्साहन तो मिलेगा ही, साथ ही पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कार्यक्रम में पद्मश्री सम्मान से विभूषित छत्तीसगढ़ की विभूतियों को दी जाने वाली सम्मान राशि प्रतिमाह 5 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा की। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार छत्तीसगढ़ी भाषा के विकास के लिए लगातार काम कर रही है। छत्तीसगढ़ी गुरतुर भाषा है, जो हमें आपस में दिल से जोड़ती है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ी फिल्में काफी लोकप्रिय हैं। छत्तीसगढ़ी भाषा को बढ़ावा देने में छत्तीसगढ़ी फिल्मों का भी बड़ा योगदान है।
मुख्यमंत्री ने साहित्य परिषद में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग के विलय की समाप्ति की घोषणा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग राजभाषा छत्तीसगढ़ी को बढ़ावा देने का कार्य करता रहेगा। उल्लेखनीय है कि पूर्व में छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग का साहित्य परिषद में विलय कर दिया गया था।
मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ी भाषा को समृद्ध करने वाले छह साहित्यकारों को शॉल-श्रीफल और स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया। उन्होंने छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग द्वारा प्रकाशित छत्तीसगढ़ी भाषा में लिखित 12 पुस्तकों का विमोचन भी किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी भाषा को लोकप्रिय बनाने और राजभाषा का सम्मान देने के लिए यह जरूरी है कि हम छत्तीसगढ़ी भाषा में बातचीत करें और नई पीढ़ी को भी छत्तीसगढ़ी बोलना सिखाए। उन्होंने साहित्यकारों से छत्तीसगढ़ी भाषा में उपन्यास, कविता और इतिहास का लेखन करने का आव्हान किया। उन्होंने कहा कि विधानसभा में सदस्य छत्तीसगढ़ी में अपना सम्बोधन दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सांसद के रूप में वे छत्तीसगढ़ी को संविधान की आठवें अनुसूची में शामिल कराने का प्रयास करेंगे।
कार्यक्रम में पद्श्री डॉ. सुरेन्द्र दुबे और डॉ. रमेन्द्रनाथ मिश्र विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे। कार्यक्रम में संस्कृति विभाग के सचिव श्री अन्बलगन पी., संचालक संस्कृति एवं राजभाषा श्री विवेक आचार्य ने छत्तीसगढ़ी राजभाषा में सम्बोधन दिया। राजभाषा आयोग की सचिव डॉ. अभिलाषा बेहार ने बताया कि आयोग द्वारा छत्तीसगढ़ी में 2700 से अधिक अधिकारियों-कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान किया गया है। आयोग द्वारा अब तक छत्तीसगढ़ी भाषा की 1400 पुस्तकों का प्रकाशन किया जा चुका है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि डबल इंजन की सरकार में छत्तीसगढ़ में अब तेज रफ्तार से विकास की रेल चल रही है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कल रायपुर से बिलासपुर तक की अपनी ट्रेन यात्रा के दौरान छत्तीसगढ़ के तेजी से विकास के संकल्प को पुनः दोहराया।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि पिछले 10 सालों में रेलवे के क्षेत्र में जो सकारात्मक बदलाव हुए, इसने न केवल यात्री सुविधाएं बढ़ी हैं, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी गति मिली है। उन्होंने कहा रेलवे के आधुनिकीकरण से रोजगार के नए अवसर पैदा हुए हैं। रेलवे नेटवर्क के विस्तार से ग्रामीण और सुदूर क्षेत्रों को बड़े शहरों से जोड़ा जा रहा है, जिससे व्यापार और पर्यटन को प्रोत्साहन मिल रहा है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि वंदे भारत, तेजस और गतिमान जैसी हाई-स्पीड ट्रेनों ने यात्रा समय को काफी घटा दिया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेलवे के अधिकारियों ने उन्हें बताया कि आधुनिक ट्रेनों में वातानुकूलित डिब्बे, आरामदायक सीटें, वाई-फाई, ऑनबोर्ड कैटरिंग सुविधा मिल रही है। स्टेशन अब आधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित हैं, जिसने यात्रियों के अनुभव को बेहतर बनाया है। उन्होंने कहा कि ई-टिकटिंग और डिजिटल भुगतान ने बुकिंग प्रक्रिया को सरल और तेज बना दिया है। सौर ऊर्जा और बायो-टॉयलेट जैसी पहल पर्यावरण को संरक्षित करने में मदद कर रही हैं। भारतीय रेलवे अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा एनालिटिक्स और ऑटोमेशन जैसे आधुनिक तकनीकी उपायों के उपयोग की ओर आगे बढ़ रहा है, ताकि दक्षता और सेवा की गुणवत्ता में सुधार हो सके।
इस चर्चा के दौरान मुख्यमंत्री ने बताया कि छत्तीसगढ़ सरकार की मंशा है कि प्रदेश की आर्थिक तरक्की के लिए रेल परिवहन के समुचित उपयोग की ओर तेजी से आगे बढ़ा जाए। इसी क्रम में केंद्र सरकार के सहयोग से कई रेल परियोजनाओं पर तेजी से काम हो रहा है और कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जिनको विस्तार दिए जाने की तैयारी की जा रही है। उन्होंने कहा है कि डोंगरगढ़-कवर्धा-कटघोरा रेल लाइन परियोजना के लिए रेल मंत्रालय से मंजूरी मिल चुकी है। यह परियोजना लगभग 295 किलोमीटर लंबी होगी और इसकी अनुमानित लागत 4021 करोड़ रुपये है। इस रेल लाइन का निर्माण छत्तीसगढ़ रेलवे कॉरपोरेशन द्वारा किया जाएगा। वर्तमान में भूमि अधिग्रहण और प्रारंभिक निर्माण कार्यों के लिए 300 करोड़ रुपये की राशि स्वीकृत की गई है। इस रेल लाइन में डोंगरगढ़ से कवर्धा के बीच 12 और कवर्धा से कटघोरा के बीच 15 स्टेशनों का निर्माण किया जाएगा। यह परियोजना न केवल क्षेत्र में यात्री सुविधा बढ़ाएगी बल्कि खनिजों के परिवहन और रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
उन्होंने कहा कि हाल ही में भारत सरकार और रेल मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ में कई नई रेल परियोजनाओं को मंजूरी दी है, जिनका उद्देश्य राज्य के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना और कनेक्टिविटी बढ़ाना है। कोरबा-अंबिकापुर नई रेल लाइन 180 किलोमीटर लंबी परियोजना है, जिसके सर्वेक्षण और डीपीआर के लिए 16.75 करोड़ रुपये स्वीकृत किए गए हैं। यह परियोजना सरगुजा क्षेत्र में विकास को गति देगी। उसी प्रकार गढ़चिरौली-बीजापुर-बचेली तक 490 किलोमीटर लंबी रेल लाइन के सर्वेक्षण के लिए 12.25 करोड़ रुपये मंजूर हुए हैं। यह परियोजना सुदूर क्षेत्रों को बेहतर शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के अवसरों से जोड़ने में मदद करेगी। सरडेगा-भालुमुडा डबल लाइन 37 किलोमीटर लंबी परियोजना ओडिशा और छत्तीसगढ़ के बीच कनेक्टिविटी को बेहतर बनाएगी। इस परियोजना के लिए 1360 करोड़ रुपये का प्रावधान है।छत्तीसगढ़ में अम्बिकापुर-बरवाडीह, खरसिया-नया रायपुर-परमलकसा, रावघाट-जगदलपुर और धरमजयगढ़-पत्थलगांव-लोहरदगा रेल परियोजनाओं का डीपीआर तैयार हो रहा है। धरमजयगढ़-लोहरदगा परियोजना के लिए रेलवे द्वारा किए जा रहे सर्वेक्षण का काम अंतिम चरण में है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ये परियोजनाएं न केवल यात्री कनेक्टिविटी को बढ़ाएंगी, बल्कि औद्योगिक और खनिज संसाधनों के परिवहन को भी सुगम बनाएंगी। इनके अलावा, राज्य में कई अन्य छोटी रेल लाइन और मल्टी-ट्रैकिंग परियोजनाएं भी योजना में हैं, जो क्षेत्रीय विकास और आपूर्ति श्रृंखला को मजबूत करेंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश के विकास में जहां-जहां रेल परिवहन की आवश्यकता महसूस की जाएगी, उस दिशा में तेजी से पहल की जाएगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि इस यात्रा से मुझे बहुत कुछ जानने समझने का सुंदर अवसर मिला था। हम यात्रियों की सुविधाएं बढ़ाने और उनके समस्याओं के समाधान की दिशा में केंद्र सरकार के सहयोग से आवश्यक कदम उठाएंगे।
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सीएम साय ने दिए निर्देश:आदिवासी अँचलों में 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने का कार्य प्रगति पर
8,091 किलोमीटर लाइनें, 2217 ट्रांसफॉर्मर, 7950 बसाहटें
रायपुर / शौर्यपथ / आदिवासी अँचलों में बिजली से वंचित रह गए घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 3 अतिविशिष्ट योजनाओं के माध्यम से 77,292 घरों में बिजली पहुंचाने की कार्ययोजना बनाकर उस पर अमल प्रारंभ कर दिया गया है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी द्वारा इस महती कार्ययोजना पर कार्य किया जा रहा है जिसमें से 2 योजनाएं केंद्र सरकार की है तथा 1 योजना छत्तीसगढ़ शासन की है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 426 करोड़ रुपए से अधिक लागत की इन योजनाओं का क्रियान्वयन शीघ्रता से करने के निर्देश दिए है। वहीं छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष रोहित यादव ने तीनों योजनाओं की प्रगति की नियमित तौर पर मॉनिटरिंग की व्यवस्था की है।
प्रधानमंत्री जनजाति आदिवासी न्याय महा-अभियान (पीएम जनमन) के अंतर्गत छत्तीसगढ़ की अति पिछड़ी 7 जनजातियों जिनमें अबुझमाड़िया, बैगा, भारिया, पहाड़ी कोरवा, कमार तथा बिरहोर शामिल हैं, इन 7 जनजातियों के लिए विशेष प्रयास किये जा रहे हैं। ग्रिड से विद्युतीकृत गांवों के 7,077 घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 37 करोड़ 60 लाख रुपए की लागत से कार्य किया जा रहा है। इसके अंतर्गत 1,087 बसाहटों में 363.24 किलोमीटर 11 के.वी. लाइन, 267 नग 25 के.वी.ए. क्षमता के वितरण ट्रांसफॉर्मर तथा 650 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जा रही है। पीएम जनमन के तहत अभी तक 4,500 घरों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है।
प्रधानमंत्री जनजाति उन्नत ग्राम अभियान की घोषणा हाल ही में की गई है जिसके अंतर्गत 919 गांवों के 65,711 अविद्युतीकृत घरों में बिजली पहुंचाने के लिए 323 करोड़ 63 लाख रुपए की कार्ययोजना को स्वीकृति मिली है। जिसके अंतर्गत 6,863 बसाहटों में 1889.56 किलोमीटर लाइनें, 25 के.वी.ए. क्षमता के 1950 वितरण ट्रांसफॉर्मर स्थापित किए जाएंगे तथा 5,188 किलोमीटर से अधिक निम्नदाब लाइनें बिछाई जाएंगी।
आदिवासी बहुल गांवों में बिजली पहुंचाने में सबसे बड़ी समस्या वहां के सघन वन क्षेत्र होते हैं। घने जंगलों में बहुत से क्षेत्र पहुंच विहीन होती हैं। इसके अलावा बस्तर के सघन वन क्षेत्रों में विरासत में मिली नक्सलवाद की समस्या भी है जिसके समाधान की दिशा में राज्य सरकार द्वारा केंद्र की मदद से लगातार प्रयास किया जा रहा है। इस मोर्चे पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के कार्यकाल में बड़ी सफलताएं भी मिल रही हैं। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में व्यापक स्तर पर सुरक्षाबलों की तैनाती केंद्र तथा राज्य शासन द्वारा की गई है। जिसके लिए सुरक्षा कैम्प बनाए गए है। सुरक्षा कैम्पों के समीप 5 किलोमीटर के दायरे में बहु-आयामी विकास कार्यों को गति देने के लिए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा नियद नेल्लानार योजना प्रांरभ की गई है। इस योजना के अंतर्गत 24 सुरक्षा कैम्पों के 5 किलोमीटर के दायरे में 96 गांवों में घरों को रोशन करने की कार्ययोजना बनाकर कार्य प्रारंभ किया गया है। इसमें ग्रिड से विद्युतीकृत 8 गांवों के 105 आवासों तथा ऑफग्रिड विद्युतीकृत 61 गांवों के 4,399 आवासों को ग्रिड से विद्युतीकृत करने की योजना प्रचलन में है। 61 करोड़ रुपए की लागत से इस योजना के अंतर्गत उपकेंद्रों, वितरण लाइनों की स्थापना की जा रही है। इस योजना के अंतर्गत बीजापुर जिले के यथागुण्डम तथा चिन्तावागु गांवों का विद्युतीकरण किया गया है तथा 60 आवासों में बिजली पहुंचाई जा चुकी है। छत्तीसगढ़ स्टेट पॉवर कंपनीज के अध्यक्ष रोहित यादव के निर्देशानुसार इन तीनों योजनाओं को प्राथमिकता से पूरा किया जाना है। एम.डी. डिस्ट्रीब्यूशन भीमसिंह कंवर द्वारा नियमित तौर पर क्रियान्वयन की समीक्षा की जा रही है।
समाचार सार
प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों की 6 साल से लंबित मांग 24 घंटे के अंदर हुई पूरी
समितियों के कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में हुई बढ़ोत्तरी
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ ने मुख्यमंत्री के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल पर प्राथमिक कृषि साख सहकारी समितियों के प्रबंधकों और कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त हो गई। मुख्यमंत्री श्री साय की पहल पर समिति कर्मचारियों की 6 वर्षों से लंबित वेतन वृद्धि की मांग को पंजीयक सहकारी संस्थाएं द्वारा 24 घंटे के भीतर पूर्ण करते हुए समिति कर्मचारियों के वेतन और भत्ते में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गयी। इसके साथ ही अन्य 2 मांगों के संबंध में शासन स्तर पर अंतर्विभागीय समिति का गठन कर उचित कार्यवाही की जा रही है। मुख्यमंत्री श्री साय के पहल पर वर्ष 2018 के बाद पहली बार सहकारी समितियों के लगभग 13 हजार कर्मचारियों के वेतन और भत्तों में 25 प्रतिशत की वृद्धि की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कर्मचारियों की मांगों पर स्वयं संज्ञान लेकर इनके निराकरण के निर्देश विभागीय अधिकारियों को दिये थे, इस संबंध में मुख्यमंत्री श्री साय के समक्ष 10 नवम्बर को विभागीय अधिकारियों के साथ सहकारी समितियों के कर्मचारियों की मांगों को लेकर सकारात्मक चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कर्मचारियों की मांगों के शीघ्र निराकरण के संबंध में निर्देश दिये।
समिति के कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में 25 प्रतिशत की वृद्धि
मुख्यमंत्री के निर्देशों के परिपालन में आयुक्त सहकारिता विभाग द्वारा सहकारी समिति कर्मचारी सेवा नियम में संशोधन किये जाने के आदेश 11 नवम्बर 2024 को जारी कर दिये गए। इसमें समिति के कर्मचारियों के वेतन एवं भत्तों में 25 प्रतिशत की वृद्धि स्वीकृत कर दी गई है, जिसमें सभी कर्मचारियों में हर्ष एवं उल्लास व्याप्त है।
खाद्य विभाग द्वारा इस आशय का पत्र भी जारी कर दिया गया है कि धान उपार्जन समाप्त होने के एक माह के अंदर धान का उठाव राइस मिलर्स एवं विपणन संघ द्वारा किया जाएगा, यदि इसके पश्चात् भी उपार्जन केन्द्रों में धान शेष रहता है तो खाद्य विभाग द्वारा सहकारी समितियों को धान की सूखत दिये जाने संबंधी प्रस्ताव वित्त विभाग को प्रेषित किया जाएगा। कर्मचारियों की अन्य मांग के निराकरण के संबंध में खाद्य विभाग, वित्त विभाग, कृषि विभाग, सहकारिता विभाग एवं विपणन संघ को शामिल करते हुए एक अंर्तविभागीय समिति का गठन किया गया है, जो कर्मचारी संघ की मांग पर विचार कर निराकरण हेतु प्रस्ताव शासन को प्रेषित करेगी। मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय द्वारा संवेदनशीलता के साथ सहकारी समितियों के कर्मचारियों की मांगों के निराकरण करने पर कर्मचारियों ने मुख्यमंत्री के प्रति आभार जताया है।
कर्मचारी अपनी-अपनी समितियों में कार्य में वापस लौटे
सभी कर्मचारी अपनी-अपनी समितियों में कार्य में वापस आ गए हैं तथा 14 नवम्बर 2024 से प्रारंभ हो रही धान खरीदी की समुचित व्यवस्था में लग गए हैं। कर्मचारियों द्वारा यह भी आश्वस्त किया गया है कि किसानों को धान उपार्जन के दौरान किसी प्रकार की कोई कठिनाई नही होगी। धान उपार्जन केन्द्रों में सभी आवश्यक तैयारी 13 नवम्बर 2024 तक पूर्ण कर ली जाएगी। आयुक्त सहकारिता एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं श्री कुलदीप शर्मा द्वारा पूरी पारदर्शिता के साथ धान उपार्जन सुगमतापूर्वक किये जाने के निर्देश सभी विभागीय कर्मचारियों-अधिकारियों को दिये गये हैं। धान उपार्जन के दौरान उपार्जन केन्द्रों का सतत् निरीक्षण एवं पर्यवेक्षण के निर्देश भी उन्होंने अधिकारियों को दिये हैं।
छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी संघ द्वारा 4 नवम्बर 2024 से की जा रही हड़ताल आज समाप्त घोषित कर दी गई है। छत्तीसगढ़ सहकारी समिति कर्मचारी महासंघ के अध्यक्ष श्री नरेन्द्र साहू ने समिति कर्मचारियों की हड़ताल समाप्त घोषित करते हुए कहा है कि समस्त समिति कर्मचारी शासन की समस्त योजनाओं का समिति स्तर से क्रियान्वयन किए जाने हेतु प्रतिबद्ध हैं। कर्मचारी महासंघ द्वारा मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय, सहकारिता मंत्री श्री केदार कश्यप, खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल, स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल, खाद्य विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती ऋचा शर्मा, मुख्यमंत्री के सचिव श्री बसव राजू एस., सचिव सहकारिता डॉ. सी.आर. प्रसन्ना, आयुक्त एवं पंजीयक सहकारी संस्थाएं छत्तीसगढ़ श्री कुलदीप शर्मा, प्रबंध संचालक अपेक्स बैंक श्री के.एन काण्डेय सहित अन्य अधिकारियों के प्रति धन्यवाद ज्ञापित किया गया है।
सांप के जहर से शरीर हो रहा था लकवाग्रस्त, 42 घंटे तक नहीं था होश, 3 दिन तक वेंटीलेटर पर रखा गया
एक हफ्ते तक विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में चला गहन इलाज
परिजनों ने कहा मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में मिले इलाज से बच्चे की मुस्कुराहट लौट आई
रायगढ़ / शौर्यपथ / तीन तस्वीरों से समझा जा सकता है कि बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में सरकार के प्रयास कैसे लोगों के जीवन में संजीवनी का काम कर रहे हैं। यह तस्वीर 3 साल के मासूम मानविक की है, जिसे जहरीले करैत सांप ने डस लिया था। मरणासन्न हालत में उसे मेडिकल कॉलेज रायगढ़ में इलाज के लिए जब भर्ती कराया गया तो सांप का जहर पूरे शरीर में फैल चुका था उसकी स्थिति काफी गंभीर हो चुकी थी। शरीर में लकवे का असर दिख रहा था और सांस लेने में भी तकलीफ हो रही थी। शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं आया था और उसे वेंटीलेटर में रखना पड़ा था। मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल रायगढ़ के डॉक्टरों ने एक हफ्ते तक गहन इलाज कर उसकी जान बचाई और नया जीवनदान दिया।
करैत भारत में पाए जाने वाले सर्वाधिक जहरीले सांपों में से एक है। इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है। जिससे नर्वस सिस्टम पर असर पड़ता है। सही समय पर इलाज न मिले तो जान बचने की गुंजाइश कम होती है। ऐसे में एक छोटे मासूम बच्चे की रायगढ़ मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में विशेषज्ञ चिकित्सकों की निगरानी में मिले उचित इलाज से जान बचाई जा सकी।
रायगढ़ के खरसिया ब्लॉक के औरदा गांव के निवासी तुलेश्वर चौहान के 3 साल के बेटे मानविक चौहान को सोते समय घर में सुबह पांच बजे के करीब जहरीले करैत सांप ने दाहिने हाथ की उंगली में काट लिया। परिजन बच्चे को सिविल अस्पताल खरसिया लेकर गए। वहां चिकित्सकों द्वारा प्राथमिक उपचार कर बच्चे को बेहतर ईलाज के लिए संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ में रेफर कर दिया गया। बच्चे को सुबह लगभग 8 बजे के आसपास संत बाबा गुरु घासीदास जी स्मृति शासकीय चिकित्सालय रायगढ़ के आपातकालीन विभाग में अत्यंत गंभीर स्थिति में भर्ती कराया गया। बच्चे के शरीर में सॉप का जहर फैल चुका था, बच्चे की आँखों की दोनों पलकों में लकवा मार चुका था, सांस लेने में तकलीफ हो रही थी, मुँह से झाग आ रहा था, बच्चे के हाथ-पैर ठंडे पड़ गए थे एवं नाड़ी भी कमजोर हो रही थी। बच्चे को आपातकालीन विभाग में ही बाल्य एवं शिशुरोग विभाग के आपातकालीन ड्युटी में उपस्थित डाक्टरों द्वारा त्वरित ईलाज प्रारंभ कर चिकित्सकों की आपातकालीन टीम द्वारा आई.सी.यू. वार्ड में शिफ्ट किया गया। गंभीर स्थिति को देखते हुए डॉ.एल. के. सोनी, विभागाध्यक्ष बाल्य एवं शिशुरोग के नेतृत्व में डॉक्टरों और स्टॉफ नर्सों की टीम के अथक प्रयासों से बच्चे के स्वास्थ्य में सुधार आना शुरू हुआ। बच्चे के शरीर में सांप के जहर का असर कम होने के उपरांत बच्चे को 3 दिवस पश्चात वेंटीलेटर से बाहर निकाला गया। वेंटीलेटर से बाहर निकलने के पश्चात् बच्चे के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ। एक हफ्ते तक चले गहन इलाज से बच्चे के स्वास्थ्य में पूर्ण सुधार के बाद अस्पताल से छुट्टी दे दिया गया।
परिजनों ने कहा मेडिकल कॉलेज के इलाज से लौटी बच्चे की मुस्कुराहट
किसी भी माता पिता के लिए अपने बच्चे को जिंदगी और मौत से लड़ते देखना बहुत हृदयविदारक होता है। नन्हा मानविक अपने माता पिता की इकलौती संतान है। करैत के डसने से उसकी हालत इतनी खराब हो चुकी थी कि शुरुआती 40 से 42 घंटे तक वह पूरी तरह से होश में नहीं था। लेकिन मेडिकल कॉलेज में स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की टीम के साथ सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध होने से उसका बेहतर इलाज संभव हुआ। पिता तुलेश्वर चौहान कहते हैं कि डॉक्टरों के प्रयासों से उसके बच्चे की मुस्कान वापस लौट आई।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए राज्य सरकार बेहद संवेदनशील है। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय ने राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं के विस्तार के लिए स्वास्थ्य बजट को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है। स्वस्थ छत्तीसगढ़ के लिए यह जरूरी है कि राज्य की स्वास्थ्य व्यवस्था कुशल चिकित्सकों के हाथों में रहे। लेकिन आज से 24 वर्ष पहले छत्तीसगढ़ में सिर्फ एक शासकीय मेडिकल कालेज था जिसमें मात्र 100 एमबीबीएस की सीटें थीं। बीते 24 वर्षों में राज्य में शासकीय मेडिकल कालेजों की संख्या 1 से बढ़कर 10 हो गयी है और एमबीबीएस की सीटें भी बढ़कर 1460 हो गयी हैं। शासकीय मेडिकल कालेजों में 291 स्नातकोत्तर की सीटें भी बढ़ी हैं जिससे राज्य को विशेषज्ञ चिकित्सक मिल रहे हैं।
वो छत्तीसगढ़ जो 1 नवंबर 2000 को जन्म लेते समय बीमारू राज्य का दर्जा रखता था वो आज बीते जमाने की बात हो गयी है। वर्तमान में मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की सरकार ये बात भली भांति समझती है कि भारत की तर्ज पर छत्तीसगढ़ को भी वर्ष 2047 तक विकसित राज्य बनाना है तो स्वास्थ्य ही वो पहली कड़ी है जो राज्य को सक्षम और समृद्ध बनाएगा। खुशी की बात ये है कि राज्य की वर्तमान सरकार इस पर लगातार प्रयास कर रही है और इसके बेहतर परिणाम भी देखने को मिल रहे हैं।
प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल स्वास्थ्य सेवाओं को सजग रूप से आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। राज्य स्तर पर डीकेएस और मेकाहारा जैसे अस्पताल अत्याधुनिक तकनीकों से लैस हो रहे हैं तो वहीं संभाग स्तर पर सुपर स्पेशिलिटी अस्पतालों का कार्य निरंतर जारी है। इसी तरह से जिले और ब्लाक स्तर पर आयुष्मान आरोग्य मंदिर राज्य के लोगों की सेहत का विशेष ध्यान रख रहे हैं।
मोहला / शौर्यपथ / किसी भी व्यक्ति के जीवन के लिए पैसे का बड़ा अहमियत होता है। पैसा ही वह सहारा होता है, जिससे वह अपने इच्छाओं को पूरा कर सकता है। जरूरत चाहे छोटी-छोटी हो या बड़ी। हर चीज के लिए पैसे की बड़ी अहमियत होती है। महिलाओं को अपने दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए पैसे की आवश्यकता तो होती है, ऐसे में महतारी वंदन योजना महिलाओं के लिए कारगर साबित हो रहा है। महतारी वंदन योजना से मिलने वाली राशि से महिलाएं अपनी इच्छाओं को पूरी कर रही है। जिला मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी के अंतर्गत 82 हजार से अधिक महिलाओं को महतारी वंदन योजना का लाभ मिल रहा है। इन महिलाओं के लिए योजना कारगर साबित हो रहा है। जिससे वह अपनी इच्छाओं को पूरी कर जीवन में उल्लास ला रही है। महिलाओं को आत्मनिर्भरता के साथ स्वाभिमान पूर्वक जीवन जीने की राह प्रशस्त हुआ है। योजना अंतर्गत मिलने वाली राशि से महिलाएं अपने दैनिक आवश्यकताओं के साथ-साथ घर गृहस्ती की वस्तुओं की खरीदारी करने के साथ ही अपने बच्चों की देखरेख के लिए खर्च कर रही है। विकास खंड मानपुर के ग्राम बेलगांव निवासी श्रीमती अनीता विश्वास ने बताया कि उसे हर महीने उसके खाते में 1000 रूपये की राशि मिल रही है। वह इस राशि को लेकर बेहद उत्साहित है। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना अंतर्गत मिलने वाली राशि से वह अपने बच्चों की पढ़ाई-लिखाई के साथ ही अपनी जरूरत को पूरा कर रही है। योजना के लिए उन्होंने छत्तीसगढ़ शासन मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय के प्रति अपना आभार व्यक्त किया है।