November 14, 2024
Hindi Hindi

सहानुभूति और साहस का वर्ष

        ओपिनियन / शौर्यपथ / नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया। सरकार ने 30 मई, 2019 को पदभार संभाला था। नरेंद्र मोदी का विश्व के लोकप्रिय कद्दावर नेता के रूप में उभरना भारत की लोकतांत्रिक राजनीति की एक असाधारण उपलब्धि है। हमारी सरकार के पहले कार्यकाल में सुधार, प्रदर्शन और परिवर्तन (रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म) के लिए किए गए कुछ दूरदर्शी फैसले देखने को मिले थे। सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा सामान्य नागरिकों का समावेश और उनका सशक्तीकरण करना था। चाहे डिजिटल इंडिया के माध्यम से प्रौद्योगिकी का उपयोग हो, जेएएम ट्रिनिटी का उपयोग करके वित्तीय समावेशन का प्रयास हो या स्वच्छ भारत अभियान के रूप में स्वच्छता और स्वास्थ्य सुधार के लिए जन-आंदोलन या आयुष्मान भारत जैसे कार्यक्रमों के जरिए स्वास्थ्य सेवा पहुंचाने के प्रयास। हमारे प्रधानमंत्री एक ऐसे नेता के रूप में उभरे, जिनमें भारत के रणनीतिक और सुरक्षा हितों की रक्षा का साहस और दृढ़ निश्चय है। भारत को अद्भुत विचारों वाले देश के रूप में मान्यता मिली है।
भारत की जनता ने 2019 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर भरोसा जताते हुए उनके नेतृत्व में भाजपा को भारी बहुमत से जिताया। पिछले लगभग साठ वर्षों में ऐसा नहीं हुआ था, जब दोबारा चुनाव राष्ट्रीय स्तर पर बड़े पैमाने पर किए गए प्रदर्शन के आधार पर हुए हों। इस नए और भारी-भरकम जनादेश के बाद अधिक साहसिक सुधारों और गरीबों के लिए अनेक प्रकार की पहल की गई। पीएम किसान योजना के अंतर्गत प्रत्येक किसान को प्रतिवर्ष 6,000 रुपये प्रदान किए गए। किसानों, मजदूरों, व्यापारियों और स्वरोजगार करने वालों के लिए समर्पित पेंशन योजनाएं भी शुरू की गईं, ताकि उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्रदान की जा सके।
भारतके सभी गांवों में बिजली पहुंचाना, आठ करोड़ परिवारों को सब्सिडी वाले एलपीजी कनेक्शन प्रदान करना और समावेश के लिए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम हमारी सरकार की कुछ प्रमुख उपलब्धियां हैं। सरकार ने गरीबों को लाभ हस्तांतरित करने का तरीका बदल दिया है। 435 योजनाओं के तहत 11 लाख करोड़ रुपये सीधे लाभार्थियों के बैंक खातों में भेज दिए गए हैं, जिससे 1.70 लाख करोड़ रुपये की बचत हुई है, जो बिचौलियों व फर्जी उपयोगकर्ताओं के पास चला जाता था।
अनुच्छेद-370 को निरस्त करने, तीन तलाक पर रोक लगाने और पड़ोसी देशों में जुल्म के शिकार अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने के लिए कानून बनाने की ऐतिहासिक पहल को पथ-प्रवर्तक कहा जा सकता है। आर्थिक मोर्चे पर भारत विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिए एक पसंदीदा स्थान बन गया। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस इंडेक्स में 2014 की 142वीं रैंकिंग को सुधारकर 2019 में 63वीं पर लाना भी उल्लेखनीय रहा। भारत दुनिया में दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल फोन निर्माता बनकर उभरा।
हालांकि सबसे चुनौतीपूर्ण क्षण कोविड-19 के रूप में सामने आया, जब प्रधानमंत्री ने अनुकरणीय साहस, सहानुभूति और प्रतिबद्धता का परिचय दिया। इसे फैलने से रोकने के लिए लॉकडाउन एकमात्र तरीका था। एक आश्चर्यजनक तुलना से पता चलता है कि कोविड-19 से प्रभावित 15 प्रमुख देशों (चीन को छोड़कर) की जनसंख्या 142 करोड़ है और इन देशों में मरने वालों की संख्या 3.07 लाख से अधिक है, जबकि भारत की जनसंख्या 137 करोड़ है और यहां मौतों की संख्या 4,534 है। भारत में ठीक होने वालों की संख्या भी अधिक है। शुरुआती चरणों में प्रधानमंत्री ने स्वयं समाज के गरीब और कमजोर तबके के लिए 1.70 लाख करोड़ रुपये के भारी मुआवजे की घोषणा की। इसमें 80 करोड़ लोगों को तीन महीने के लिए मुफ्त राशन, 20 करोड़ महिला जन-धन खाताधारकों को वित्तीय लाभ देना शामिल है। बैंक से सीधे हस्तांतरण द्वारा भेजी गई कुल राशि 52,606 करोड़ रुपये के करीब है। बाद में आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा हुई।
किसानों, ग्रामीण अर्थव्यवस्था, प्रवासी श्रमिकों, शहरी गरीब और मध्यम वर्ग के घर खरीदारों के लिए 3.16 लाख करोड़ रुपये रखे गए हैं। अगले दो महीने तक गरीब परिवारों को मुफ्त खाद्यान्न की अगली किस्त और रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 रुपये तक का आसान ऋण भी पैकेज में शामिल है। ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए भी अतिरिक्त 40,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया है। सरकार ने कृषि बुनियादी ढांचे के लिए 1.63 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की है। कृषि उपज की बिक्री देश भर में कहीं भी किसी भी खरीदार को करने की अनुमति दी गई है। इससे किसान को उसकी उपज का अधिकतम मूल्य मिलेगा।
प्रधानमंत्री ने भारतीयों की रचनात्मक और उद्यमशील क्षमताओं के विकास की चुनौती को स्वीकार किया है। वह कोविड-19 के समय लंबित सुधारों का भी समाधान चाहते हैं, ताकि आत्मनिर्भरता के आंदोलन को प्रभावी बनाया जा सके। इसमें कोयला और खनन क्षेत्रों में साहसिक सुधार शामिल हैं। भारत विमान रख-रखाव और मरम्मत का एक केंद्र बनने की ओर बढ़ा है। रक्षा उत्पादन में स्वदेशीकरण हुआ है। कोविड-19 ने नवाचारों में एक बड़ा उछाल देखा है। आरोग्य सेतु जैसे प्लेटफॉर्म, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग पर नवीन भारतीय उत्पाद पाइपलाइन में हैं।
हां, प्रवासी मजदूरों की दुर्दशा वास्तव में बहुत पीड़ादायक है और हम सभी को इसे कम करने की पूरी कोशिश करनी होगी। मनरेगा की धनराशि के अधिक आवंटन जैसे कदम उठाए गए हैं, प्रवासियों के आने-जाने के लिए लगभग 3,500 श्रमिक स्पेशल टे्रनें चलाई गई हैं। प्रवासियों की स्क्रीनिंग के लिए मानवीय प्रावधान किए गए हैं, क्वारंटीन सुविधाएं प्रदान करने के लिए राज्य सरकारों को सहयोग और मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई है। कोविड-19 ने पहाड़ के समान कठिनाइयां खड़ी की हैं। यह हमारे प्रधानमंत्री के निर्णायक नेतृत्व के अलावा राज्य सरकारों के एक टीम के रूप में साथ-साथ काम करने के कारण संभव हुआ है।
भारत ने दुनिया के अन्य देशों की तुलना में इस संकट को कहीं बेहतर तरीके से संभाला है। नरेंद्र मोदी सरकार ने जो साहस और सहानुभूति दिखाई है, वह निश्चित रूप से हमें इस संकट से उबरने में सक्षम बनाएगी। हमें यकीन है कि यह चुनौती देश के लिए एक बड़ा अवसर पैदा करेगी। भारत का समय आ गया है।
(ये लेखक के अपने विचार हैं) रवि शंकर प्रसाद, केंद्रीय विधि एवं न्याय, आईटी और दूरसंचार मंत्री

 

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)