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दुर्ग / शौर्यपथ / उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुधार की कवायद अब मिशन मोड पर प्रारंभ हो गयी है। प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग के राज्य गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के द्वारा लगातार इस संबंध में बैठक एवं कार्यशालाएं आयोजित की जा रही है। इसी तारतम्य में दुर्ग संभाग के 62 शासकीय महाविद्यालयों के प्राचार्यों एवं आंतरिक गुणवत्ता एवं आश्वासन प्रकोष्ठ के संयोजकों की ऑनलाईन समीक्षा बैठक आयोजित की गयी। उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन एवं आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा ने बैठक में दिशा-निर्देश दिए।
उच्च शिक्षा विभाग के क्षेत्रीय अपर संचालक डॉ. सुशील चन्द्र तिवारी ने जानकारी देते हुए बताया कि दुर्ग संभाग में 62 शासकीय महाविद्यालयों में 34 महाविद्यालय का नैक से मूल्यांकन होना है जिसके लिए तैयारी प्रारंभ कर दी गयी है। क्षेत्रीय कार्यालय एवं विश्वविद्यालय द्वारा भी इस दिशा में कार्यशालाएं आयोजित की गयी है जिससे नैक मूल्यांकन की नई गाईडलाईन के अनुसार महाविद्यालयों का मूल्यांकन हो सके एवं बेहतर ग्रेड मिले।
बैठक के प्रारंभ में राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ के विशेष कर्तव्यस्थ अधिकारी डॉ. जी. घनश्याम ने विस्तार से नैक मूल्यांकन और उसकी नई गाईड लाईन की चर्चा करते हुए इसके 7 महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर प्रकाश डाला तथा बैठक का विश्लेषणात्मक संचालन किया।
बैठक में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव धनंजय देवांगन ने कहा कि नैक मूल्यांकन का कार्य मिशन मोड पर किया जाना है। उनहोनें कहा कि यद्यपि यह समय कठिन है पर इसी समय क्षमता एवं प्रयत्न ज्यादा होना चाहिए। हमें गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं करना है। प्राचार्यों को निर्देशित करते हुए कहा कि नैक के सभी बिन्दुओं पर आधारित वर्कचार्ट बना कर कार्य करें। संकल्प शक्ति बढ़ाए तभी हम लक्ष्य प्राप्त कर सकेंगे।
ऑनलाईन अध्यापन व्यवस्था को हम आगे भी एक विकल्प के रूप में उपयोग करते रहेंगे। उन्होनें सभी से टीकाकरण करवाने तथा इसके लिए प्रोत्साहित करने को कहा। समीक्षा बैठक में उच्च शिक्षा आयुक्त श्रीमती शारदा वर्मा ने कहा कि प्रदेश में उच्च शक्षा के क्षेत्र में दुर्ग संभाग अग्रणी रहा है। नैक मूल्यांकन में जिस तरह दुर्ग एवं कबीरधाम जिले ने सक्रियता दिखाई है उसी तरह अन्य जिले में तैयारी करें। उन्होनें अतिथि व्याख्याताओं के अध्यापन कार्य एवं कार्यकुशलता की प्रसंशा करते हुए कहा कि अध्यापन के साथ ही उनका सहयोग नैक मूल्यांकन एवं महाविद्यालय के विकास में लिया जाना चाहिए। श्रीमती वर्मा ने महाविद्यालय की विभिन्न समस्याओं पर भी निर्देश दिए तथा नैक मूल्यांकन हेतु अन्य महाविद्यालय के अंग्रेजी के प्राध्यापकों का सहयोग लेने तथा निरंतर मॉनिटिरिंग करने का निर्देश दिया।
बैठक के प्रारंभ में हाल ही में कोरोना से दिवंगत हुए साथियों को 2 मिनट की मौन श्रद्धांजली अर्पित की गयी। संभाग के अग्रणी महाविद्यालय कवर्धा से डॉ. बी.एस. चौहान, राजनांदगांव से डॉ. बी.एन. मेश्राम, बेमेतरा से निर्मल, बालोद से एल.के. गवेल, दुर्ग से डॉ. जगजीत कौर ने जिले के महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन पर जानकारी प्रस्तुत की। इसके पश्चात् सिलसिलेवार प्रत्येक महाविद्यालय के प्राचार्य एवं आई.क्यू.ए.सी. समन्वयकों ने जानकारी दी।
उल्लेखनीय है कि प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने प्रदेश के महाविद्यालयों के नैक मूल्यांकन पर त्वरित एवं ठोस कार्ययोजना बनाकर कार्यवाही करने का निर्देश दिए है। बैठक के अंत में राज्य गुणवत्ता प्रकोष्ठ के डॉ.जी.ए. घनश्याम ने आभार प्रदर्शित किया।
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