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सेहत / शौर्यपथ / भोजन में नमक और शक्कर की अधिकता को कम करके आप अपनी इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रख सकते हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने स्वस्थ वयस्कों को दिए गए दिशानिर्देशों में यह सलाह दी है। पारंपरिक रूप से भारत में यूरोप-अमेरिका के मुकाबले ज्यादा नमक व चीनी का इस्तेमाल किया जाता है इसलिए हमें और ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। वैश्विक निकाय के मुताबिक, ये दोनों खाद्य पदार्थ हमारे श्वसन तंत्र की सेहत के लिए खतरनाक साबित होते हैं।
अनप्रोसेज्ड भोजन को प्राथमिकता-
डब्लूएचओ के मुताबिक, दैनिक भोजन में हमें अनप्रोसेस्ड फूड या ऐसे खाद्य पदार्थ को प्राथमिकता देनी चाहिए जो ताजा पकाया गया हो। ऐसा इसलिए है क्योंकि प्रोसेस्ड फूड केमिकल युक्त होता है और इसे पहले से बनाकर रख दिया जाता है। इस तरह के भोजन का उपयोग लंबे समय तक संरक्षित रखने के बाद किया जाता है। लंबे समय तक खराब होने से बचाए रखने के लिए इनमें ऐसी सामग्री का इस्तेमाल होता है जो केमिकल से भरपूर होती हैं। इस तरह के खाद्य से दिल की बीमारी का खतरा बना रहता है। इतना ही नहीं दिल के मरीजों के कोरोना संक्रमित होने का जोखिम भी बढ़ जाता है।
ऐसा भोजन करें-
डब्लूएचओ के मुताबिक, अपने भोजन में ताजे फलों व हरी सब्जियों को शामिल करें। जिससे आपके शरीर के लिए जरूरी पोषक तत्व विटामिन, खनिज, फाइबर, प्रोटीन और एंटीऑक्सीडेंट मिल सकें। शाम के समय हल्की भूख लगने पर कच्ची सब्जियां और ताजे फल खाएं। डिब्बाबंद फल या सब्जियां ऐसे खरीदें, जिनमें नमक और शक्कर ज्यादा न हो।
काढ़ा बीमार न कर दे-
पहली लहर में बहुत से लोग घरेलू नुस्खों और जड़ी बूटियों का बहुत अधिक सेवन करने के कारण बीमार पड़े। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मौसम के हिसाब से किया जाने वाला भोजन ही सबसे पोषणयुक्त होता है और यही हमारी प्रतिरक्षा क्षमता को बढ़ाता है इसलिए इस बात का विशेष ध्यान रखें। येल यूनिवर्सिटी की इम्युनोलॉजिस्ट अकिको इवासाकी का कहना है कि कई तरह की जड़ीबूटी व काढ़े का उपयोग लोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए करते हैं पर समस्या यह है कि इस तरह के कई दावों का कोई प्रमाणिक आधार नहीं है।
व्रत-रोजा रखते हुए ये सावधानी बरतें-
रमजान का महीना चल रहा है और कई लोग साप्ताहिक व्रत भी रखते हैं। सप्ताह में एक दिन व्रत रखने के बारे में वैज्ञानिक मानते हैं कि इससे पाचन तंत्र को लाभ होता है और शरीर के टॉक्सिक बाहर निकल पाते हैं। पर इस बात का ध्यान रखने की जरूरत है कि व्रत वाला भोजन ज्यादा तैलीय न हो क्योंकि इससे आपको व्रत रखने का कोई शारीरिक लाभ नहीं मिलेगा। दूसरी ओर, रोजा रखने वाले लोगों को ध्यान रखना चाहिए कि सहरी व इफ्तार के वक्त उन्हें पोषणयुक्त भोजन ही करना है, ज्यादा पानी वाले फल खाएं ताकि रोजे के दौरान शरीर में पानी की भारी कमी न हो जाए।
खूब पानी पियें-
गर्मी शुरू हो चुकी हैं, ऐसे में अपने शरीर में पानी की मात्रा को घटने न दें। पानी पीने के लिए प्यास लगने का इंतजार न करें क्योंकि प्यास का अहसास तब जाकर होता है जब शरीर में पानी की कमी हो चुकी होती है, वैसी स्थिति न आने दें।
मानसिक सेहत पर भी ध्यान-
पिछले एक साल से जारी हालात से परेशान लोगों को अपनी मानसिक सेहत पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है। विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि मानसिक स्वास्थ्य के लिए लोगों को हर वक्त कोरोना के बारे में जानने से बचना चाहिए क्योंकि इससे तनाव बढ़ता है। समाचार देखने का एक समय नियत करें, हर वक्त मरीजों-मौतों के आंकड़े घबराहट पैदा करेंगे। रोज 20 मिनट ध्यान लगाना लाभदायक होगा।
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