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शौर्यपथ /कोविड से निजात पाने के बाद कई लोगों के खून में गाढ़ापन की समस्या सामने आ रही है। इस आशंका की जांच के लिए डॉक्टर डी डायमर टेस्ट कराने की सलाह दे रहे हैं। साथ ही खून पतला करने की दवाएं भी दे रहे हैं। इन दवाओं के साथ हम कुछ आयुर्वेदिक तरीके से भी खून के गाढ़ेपन को कम कर सकते हैं। आइए जानते हैं क्या हैं ये आयुर्वेदिक तरीके
फाइबर युक्त भोजन
फाइबर युक्त भोजन खून को शुद्ध रखने के लिए एक कारगर तरीका है। हमें रोजाना इसका प्रयोग करना चाहिए। इससे हमारे शरीर की पाचन शक्ति तो अच्छी रहती ही है साथ ही खून भी साफ रहता है। गाजर, ब्रोकली, मूली, शलजम आदि को हमें अपने भोजन में नियमित रूप से शामिल करना चाहिए। हमें विटामिन सी युक्त फलों को भी ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना चाहिए। यह खून में पैदा होने वाले थक्कों को रोकता है और खून को पतला बनाए रखता है। इसके अलावा साबुत अनाज, अलसी के बीज, जई, ओट्स और नट्स भी खून को पतला रखने में काफी मददगार हैं।
हल्दी, अदरक, लहसुन हैं कारगर
हल्दी में औषधीय गुण खूब होते हैं। इसमें कुरकुमिन नामक तत्व पाया जाता है जो खून के थक्कों को बनने से रोकने का काम करता है। इसके अलावा अदरक के सेवन से भी बहुत फायदा मिलता है। अदरक में शरीर की सूजन कम करके मांसपेशियों को आराम दिलाने का गुण होता है। इसी कारण अदरक को भी खून को पतला करने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं। दालचीनी में भी ये गुण होता है। अदरक और दालचीनी का सेवन एक साथ करने का सबसे अच्छा तरीका ये है कि आप उसे चाय में डाल लें। लहसुन भी खून को पतला करने में मदद करता है। आप चाहें तो सुबह के समय लहसुन की एक या दो कली कच्ची चबाकर खा जाएं। अगर ऐसे नहीं खा पा रहे हैं तो फिर खाने के साथ खा सकते हैं।
मछली भी उपयोगी
मछली में प्रचुर मात्रा में ओमेगा-3, फैटी एसिड और डीएचए पाया जाता है। जिसमें खून को पतला करने के साथ ही साफ रखने के गुण भी पाए जाते हैं। मछली के तेल का सेवन कैप्सूल के रूप में किया जाता है। इसलिए मछली का तेल भी खून को पतला करने में अपना योगदान करता है।
लौंग और मशरूम करे समाधान
लौंग में अत्यधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट तत्व पाए जाते हैं जो रक्त में बनने वाले थक्कों को हटाने में मदद करता है। लौंग एस्प्रिन की तरह काम करती है। लौंग में मौजूद यूजीनोल नामक पदार्थ खून को पतला करने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है। कुकुरमुत्ता अर्थात काला मशरूम भी हमारे शरीर में खून को गाढ़ा होने से रोकता है। काले मशरूम में एपस्थित एडिनोसिन के साथ ही अन्य पदार्थ भी पाए जाते हैं जो खून को पतला करने का कार्य करते हैं। जिन्हें खून के गाढ़े होने की शिकायत रहती हैं उन्हें काले मशरूम का सेवन अवश्य करना चाहिए।
क्या है डी डायमर टेस्ट
ब्लड में माइक्रो क्लॉट्स से बनने वाला एक प्रोटीन होता है। जिसे फिबरिन डी जनरेशन प्रोडक्ट भी कहते हैं। यही डी डायमर है। यह शरीर के अंदर सामान्य ब्लड को थक्का बनाने की क्रिया का एक भाग होता है। शरीर में संक्रमण के कारण कई पैथोलॉजिकल कंडीशन में यह मात्रा बढ़ जाती है। ब्लड में इसी माइक्रो क्लॉट प्रोटीन की मात्रा मापने के लिए टेस्ट किया जाता है जिसे डी डायमर टेस्ट कहते हैं।
जहां तक ब्लड क्लॉटिंग की बात है तो इसका इलाज भी आयुर्वेद से संभव है। चिकित्सीय देखरेख में प्रतिदिन मृदु शोधन के साथ-साथ द्रच्छादि काढ़ा अन्य दवाओं के साथ लिया जा सकता है। आयुष मंत्रालय ने भी अभी हाल में आयुष 64 नाम से एक दवा जारी की है जो रक्त शुद्धि के लिए बहुत ही लाभप्रद है।
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