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रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में कोरोना संक्रमण से बचाव, नियंत्रण के उपायों और मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं की समीक्षा की साथ ही आगे की रणनीति पर विचार-विमर्श किया। उन्होंने क्वारेंटीन सेंटर्स की व्यवस्था, अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों की जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि संक्रमित व्यक्ति से अस्पताल आने वाले अन्य मरीजों में संक्रमण नहीं फैले। चिकित्सक और मेडिकल स्टाफ के लोग संक्रमण से बचाव के लिए गाइड लाईन का पालन करें। मुख्यमंत्री बघेल ने वीडियो क्रांफ्रेंसिंग के माध्यम से एम्स रायपुर के निदेशक और बिलासपुर सिम्स के अधिकारियों से भी वहां की व्यवस्थाओं और आगे की रणनीति पर चर्चा की। बैठक में अधिकारियों ने बताया कि जिलों में 141 कोविड केयर सेंटरों और कोविड के मरीजों के लिए 21 हजार 230 बिस्तर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जा रही है।
स्वास्थ्य सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह ने मुख्यमंत्री को विभिन्न अस्पतालों में उपचार की व्यवस्था के बारे में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने कोविड-19 नियंत्रण के लिए प्रदेश स्तर पर किए जा रहे उपायों की भी जानकारी दी। मुख्यमंत्री बघेल ने बैठक में शामिल अधिकारियों से क्वारेंटाइन सेंटर्स की संख्या, वहां की व्यवस्था और रह रहे लोगों के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस में प्रदेश में पहुंच चुके प्रवासी मजदूरों के लिए संचालित क्वारेंटाइन सेंटर्स एवं वहां की व्यवस्था के बारे में चर्चा की और अगले कुछ दिनों में पहुंचने वाले मजदूरों को क्वारेंटाइन सेंटर्स में रखने की व्यवस्था के संबंध में आवश्यक निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कोविड-19 के इलाज के लिए विभिन्न अस्पतालों में उपलब्ध बिस्तरों एवं वहां भर्ती मरीजों के बारे में जानकारी ली। इस पर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में क्षेत्रीय स्तर पर डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 1770 बेड हैं, वहीं जिले स्तर पर डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में 3470 बिस्तर की व्यवस्था है। इन सभी अस्पतालों में आईसीयू की व्यवस्था है। इसके अतिरिक्त बिना लक्षण वाले और कम लक्षण वाले मरीजों हेतु 141 कोविड केयर सेंटर जिलों में स्थापित किये जा रहे हैं, जहाँ 7234 बिस्तर उपलब्ध होंगे व 6500 बिस्तर के अतिरिक्त कोविड केयर यूनिट की स्थापना प्रक्रियाधीन है।
अधिकारियों ने बताया क्वारेंटीन सेंटर में पूर्व से उपलब्ध 4026 बिस्तरों को भी आवश्यकता पडऩे पर कोविड केयर सेंटर में परिवर्तित किया जायेगा। इस प्रकार प्रदेश में कोविड-19 मरीजों हेतु 21 हजार 230 बिस्तर उपलब्ध होंगे। उन्होंने कोरोना वायरस संक्रमितों के स्वास्थ्य की गंभीरता, लाक्षणिक और गैर-लाक्षणिक मरीजों की जांच व स्वास्थ्य की स्थिति एवं उपचार की व्यवस्था के बारे में जानकारी ली। मुख्यमंत्री बघेल ने आने वाले दिनों में कोविड-19 पर नियंत्रण के प्रभावी उपायों और इसका सामुदायिक प्रसार रोकने के संबंध में एम्स के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर से सुझाव मांगे। उन्होंने ज्यादा से ज्यादा लोगों की जांच करने और इलाज के बारे में आगामी कार्ययोजना एवं रणनीति पर भी चर्चा की। मुख्यमंत्री ने सिम्स बिलासपुर के डीन और अधीक्षक से वहां कोरोना वायरस संक्रमित डॉक्टर एवं मेडिकल स्टॉफ के बारे में जानकारी ली।
डीन डॉ. पात्रा ने मुख्यमंत्री को डॉक्टरों के संक्रमण के कारणों की जानकारी दी। उन्होंने इससे बचने के लिए वहां की जा रही सावधानियों के बारे में भी बताया। मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने सभी मेडिकल कॉलेजों को जरूरी सावधानी बरतने तथा इलाज के लिए आने वाले गंभीर मरीजों का गंभीरतापूर्वक उपचार करने के निर्देश दिए। उन्होंने इलाज और देखभाल के दौरान व्यक्तिगत सुरक्षा उपायों को अपनाने और सभी को इनका अनिवार्यत: पालन करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्ले, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, स्वास्थ्य विभाग की सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह, खाद्य एवं परिवहन विभाग के सचिव डॉ. कमलप्रीत सिंह, संचालक स्वास्थ्य सेवाएं नीरज बंसोड़, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक डॉ. प्रियंका शुक्ला, संचालक चिकित्सा शिक्षा डॉ. एस.एल. आदिले और सिम्स बिलासपुर के डीन डॉ. पात्रा शामिल हुए । एम्स रायपुर के निदेशक डॉ. नितिन एम. नागरकर तथा सिम्स बिलासपुर के अधीक्षक डॉ. पुनीत भारद्वाज अपने-अपने कार्यालय से वीडियो कॉन्फ्रेस में जुड़े।
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