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मंत्री विधायकों और स्वयं सीएम भूपेश बघेल के पास दिल्ली जाने समय हैं, शक्ति प्रदर्शन और कुर्सी दौड़ करने समय हैं परंतु सूखे की मार झेल रहे छत्तीसगढ़ के भोले भाले किसानों के लिए समय नहीं हैं- ठाकुर रणजीत सिंह
दुर्ग / शौर्यपथ / भारतीय जनता युवा मोर्चा के प्रदेश प्रक्षिशण प्रमुख रणजीत ठाकुर ने छत्तीसगढ़ में सूखे की स्तिथि को लेकर प्रदेश सरकार की गंभीरता पर सवाल उठाया हैं । उन्हीने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की सरकार केवल अपने राजनीतिक लाभ के लिए, अपनी कुर्सी बचने के लिए किसानों का कंधा इस्तेमाल करती हैं। यह सरकार ऐसी कमरों में बैठ कर किसानों का निर्णय करती हैं और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने आपको किसान हितैषी बताते नहीं थकते। उन्होंने गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में सूखे को लेकर ना अब तक कोई सर्वे हुआ हैं और ना ही अपने आपको किसान हितैषी बताने वाले नेता किसानों के खेत तक पहुंचे हैं फिर भी अपने आपको किसान हितैषी बताते रहें जनता सब समझ चुकी हैं।
रणजीत ठाकुर ने कहा कि सूखे की रिपोर्ट अब तक नहीं आयी इसका सीधा मतलब हैं किसानों को राहत में देर होगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार की किसानों के प्रति गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता हैं कि प्रदेशभर से सूखे की रिपोर्ट सोमवार तक आनी थी जिसकी मियाद खत्म हो चुकी हैं और मुख्यमंत्री जी बिना रिपोर्ट के कैबिनेट में निर्णय करते हैं ऐसे निर्णय पर किसान कैसे भरोसा करें। किसान कैसे भरोसा करे कि सुखा से मिलने वाली राहत उस तक पहुंचेगी जबकि सरकार प्रभावित किसानों तक मियाद पूरी होने पर भी नहीं पहुंच पा रही हैं यह दुर्भाग्यपूर्ण ही नहीं बल्कि अपने आपको लगातार किसान हितैषी बताने वाले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के चेहरे से पर्दा हटाने वाला और यह साबित करने वाला भी हैं कि मुख्यमंत्री जी राजनीतिक रोटी सेकने अपने आपको किसान हितैषी बताने का काम करते हैं।
रणजीत ठाकुर ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से सवाल करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बताना चाहिए कि बिना रिपोर्ट के किसानों तक राहत कैसे पहुंचेगा? मियाद पूरी होने पर भी रिपोर्ट क्यों सामने नहीं आ रही हैं? क्या ढाई ढाई साल के कन्फ्यूजन में कन्फ्यूज कांग्रेस के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को अधिकारियों ने गंभीरता से लेना बंद कर दिया हैं क्या? उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को किसान हितैषी होने का ढोंग बंद कर ऐसी कमरे से बाहर आ कर किसानों की पीड़ा और दर्द समझना चाहिए। बिजली कटौती से परेशान किसानों के हित में कटौती पर तत्काल रोक का निर्णय करना चाहिए। खाद की तय समय पर पर्याप्त आपूर्ति के अभाव से जूझ रहे किसानों की सुध मुख्यमंत्री को लेनी चाहिए। घटिया बीज से अपने फसल की हत्या से आहत किसान का दर्द मुख्यमंत्री बघेल को समझना चाहिए। सूखे की मार झेल रहे किसानो तक मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनके मंत्रिमंडल के सदस्यों को पहुंचना चाहिए। उन्होंने इस बात के लिए दुःख जाहिर किया कि छत्तीसगढ़ सरकार के तमाम मंत्री विधायकों के पास और स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के पास दिल्ली जाने समय हैं, शक्ति प्रदर्शन और कुर्सी दौड़ करने समय हैं परंतु सूखे की मार झेल रहे छत्तीसगढ़ के भोले भाले किसानों के लिए समय नहीं हैं
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