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छत्तीसगढ़ की औसत बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत से 5.6 प्रतिशत कम
रोजगार सृजन में केंद्र सरकार से कई कदम आगे छत्तीसगढ़
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ देश में सबसे कम बरोजगार दर वाले राज्यों में है। प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनामी द्वारा जारी किए गए बेरोजगारी के आंकड़ों के अनुसार देश में बेरोजगारी दर 7.7 प्रतिशत है। भूपेश सरकार ने अपनी उत्कृष्ठ नीतियों से बेरोजगारी दर को केवल 2.1 प्रतिशत पर समेट रखा है। देश की बेरोजगारी दर दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है रिपोर्ट के अनुसार जनवरी 2021 में बेरोजगारी दर 6.52 प्रतिशत थी, नवम्बर तक यह 7 प्रतिशत हो गयी और सिर्फ 1 महीने में 0.7 प्रतिशत बढ़कर 7.7 प्रतिशत हो गयी है। केवल उद्योगपतियों की तिजोरी भरने वाली केंद्र सरकार ने लाखों लोगों को बेरोजगार कर दिया है। छत्तीसगढ़ में रमन सिंह के समय 2018 में बरोजगारी दर 22 प्रतिशत थी जो वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के विस्वसनीय छत्तीसगढ़ मॉडल में राज्य की बेरोजगारी दर 2.1 प्रतिशत पर है।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार को छत्तीसगढ़ की भूपेश सरकार से रोजगार सृजन की तालीम लेनी चाहिए। हर साल 2 करोड़ रोजगार देने का फर्जी ऐलान करने वाली मोदी सरकार देश के सामने बेपर्दा हो चुकी है और रोजगार के मामले में भी छत्तीसगढ़ मॉडल ने बाजी मार ली है। झूठ और आडंबर को ही राजनीति समझने वाली मोदी सरकार जब से सत्ता में आई है,रोजगार के विषय में सोचना छोड़कर केवल लफ्फाजी करने में लगी है। छत्तीसगढ़ में 15 साल में भाजपा द्वारा बर्बाद किये जा चुके आर्थिक ढांचे को दुरुस्त करने के लिए भूपेश सरकार ने शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों के आर्थिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा दिया है जिससे रोजगार बढ़ रहा है। प्रदेश का किसान केवल 3 सालों में ही कर्ज से मुक्त होकर आर्थिक मजबूती को पा चुका है साथ ही मनरेगा द्वारा रोजगार उपलब्ध कराने में भी राज्य पूरे देश में अव्वल रहा है। नरवा, गरवा, घुरवा, बाड़ी, गोधन न्याय योजना से रोजगार के अवसर बढ़ें। 2018 में प्रदेश में कुपोषण के आंकड़े 37.7 प्रतिशत थे जो राष्ट्रीय औसत 35.8 से लगभग 2 प्रतिशत अधिक था। विगत 3 वर्षो में छत्तीसगढ़ में 60 हजार से अधिक बच्चे कुपोषण से मुक्त हुये है। 6.4 प्रतिशत सुधार के साथ अब छत्तीसगढ़ में कुपोषण के आंकड़े राष्ट्रीय औसत से लगभग 1 प्रतिशत कम है। गौठानों में महिला स्व सहायता समूहों द्वारा गोबर से वर्मी कम्पोस्ट खाद और तरह-तरह के उत्पाद बनाकर बाजार में बेचे जा रहे हैं।
प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा निकाली जा रही हज़ारों सरकारी भर्तियां, कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में लगभग 4 लाख हेक्टयर कृषि रकबा बढ़ा है, 6 लाख 66 हजार पंजीकृत किसान बढ़े है, कृषि के बाद रोजगार उत्तपन्न करने वाले सेक्टर रियलस्टेट में छोटे भूखण्डो की रजिस्ट्री आरंभ करने और गाईडलाइन दरों में 30 प्रतिशत की कमी से मजबूती आयी है, लगभग 80 हजार से अधिक महिलाओं को गोठान समिति के माध्यम से जोड़कर सीधे तौर पर रोजगार उपलब्ध कराया है। गौठानों में रूरल इंडस्ट्रीयल पार्क और वनांचल में वनोपजो के वैल्यू एडिसन और मार्केटिंग की व्यवस्था से नये रोजगार सृजित हुये है। नयी उद्योग नीति 2019 से 2024 के माध्यम से आउटसोर्सिंग बंद कर स्थानीय युवाओं को रोजगार के अवसर प्रदान किये जा रहे है। प्रदेश में हो रहे औद्योगिक निवेश और ग्रामीण क्षेत्रों से शहरी क्षेत्रों में हो रहा नकदी प्रवाह शहरी क्षेत्रों में रोजगार के नए-नए अवसर पैदा कर रहा है।शिक्षित बेरोजगारों को रोजगार उपलब्ध कराने छत्तीसगढ़ लोक निर्माण विभाग द्वारा निःशुल्क ई-पंजीयन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है जिससे पंजीकृत युवाओं को राज्य शासन द्वारा आमंत्रित निविदाओं में भाग लेकर ठेकेदारी करने का अवसर मिल रहा है।काँग्रेस सरकार की नीतियों के कारण राज्य में 1564 नई औद्योगिक इकाईयाँ स्थापित हुई हैं, जिसमें 18 हजार 882 करोड़ रूपए से अधिक का पूंजी निवेश होने के कारण 30 हजार से अधिक लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार उपलब्ध हुआ है। 52 वनोपजों के संग्रहण और उनके वैल्यू एडिशन के कारण आदिवासी क्षेत्रों में भी निरंतर रोजगार पैदा हो रहे हैं और आर्थिक उन्नयन हो रहा है। भूपेश सरकार की नीतियों की मज़बूती को समझने के लिए इतना ही काफी है कि नक्सल प्रभावित क्षेत्रों की महिलाओं ने छत्तीसगढ़ के पहले रेडीमेड ब्राण्ड क्।छछम्ग् की स्थापना की है और फैक्ट्री का संचालन भी कर रही हैं। खादी और हथकरघा उद्योग में उत्पादन और रोजगार को बढ़ावा देने के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी ने सभी शासकीय विभागों को सख्त निर्देश जारी किए हैं कि केवल हथकरघा सहकारी संघ व खादी बोर्ड द्वारा निर्मित सामग्रियों की ही खरीदी की जाए। भूपेश सरकार की अभूतपूर्व और उत्कृष्ट नीतियों के कारण रोजगार सृजन में छत्तीसगढ़ शीर्ष राज्यों में है।
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