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रायपुर/ शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा कि बेहद दुर्भाग्यजनक है कि नारायणपुर अबूझमाड़ के डूंगा के गोट गांव में फूड प्वायजनिंग से पांच मासूम लोगों की मौत हो गयी, 30 लोग गंभीर रूप से बीमार हो गए है। लोग एक छट्ठी समारोह में भोजन किए गए थे उसके बाद उनमें उल्टी, दस्त, चक्कर आने की शिकायत आने लगी। इन लोगों की मौत इसलिए हो गयी क्योंकि उनको समय पर स्वास्थ्य केंद्र नहीं पहुंचाया जा सका। इन लोगों की मौतों के लिए सिस्टम की लापरवाही भी जिम्मेदार है, यदि सब को समय पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवा दिया गया होता, इतने लोगों की असमय मौत नहीं होती।
बस्तर में हो रही नक्सल हत्याओं पर सरकार जवाब दे
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि गृहमंत्री विजय शर्मा बीजापुर के उसूर थाना क्षेत्र के ग्राम नब्वी गये थे। गृहमंत्री के दौरे के दूसरे दिन ही वहां से 10 किमी दूर नक्सलियों ने दो आदिवासी युवकों की हत्या कर दिया।
एक तरफ सरकार नक्सलवाद के खात्मे को लेकर बड़े-बड़े दावा करती है, सरकार बताती है कि नक्सली स्वफूर्त आत्मसमर्पण कर रहे है। दूसरी ओर नक्सली रोज बस्तर में ग्रामीणों की हत्या कर रहे है। पिछले हफ्ते एक भाजपा कार्यकर्ता की हत्या हो गयी। सुकमा में एक ग्रामीण को नक्सलियों ने मार डाला। अब बीजापुर में दो हत्यायें। सरकार इन हत्याओं का जवाब दे। सरकार के अति आत्मविश्वास का खामियाजा बस्तर के आदिवासियों को भोगना पड़ रहा।
सिर्फ 5 हजार शिक्षकों की भर्ती की स्वीकृति युवाओं के साथ धोखा है
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि सरकार के वित्त विभाग ने 5 हजार शिक्षकों की भर्ती के लिए वित्तीय स्वीकृति दिया है। प्रदेश में लगभग 58000 से अधिक शिक्षकों के पद खाली है। पूर्व शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने विधानसभा में घोषणा किया था कि 35000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वर्ष के बजट भाषण में वित्त मंत्री ओपी चौधरी ने घोषणा किया था कि बजट में 20 हजार शिक्षकों की भर्ती का वित्तीय प्रावधान है। जब कुल खाली पद 58000 है। पहले प्रक्रिया 35000 की भर्ती की शुरू हुई थी, बजट में 20000 भर्ती के प्रावधान थे तब सिर्फ 5 हजार शिक्षकों के ही भर्ती की वित्तीय स्वीकृति क्यों की गई है? शेष खाली 53000 हजार पद कब भरे जाएंगे ? विधानसभा चुनाव में मोदी की गारंटी में तो 1 लाख नौकरी का वादा किए थे इस हिसाब से भी अभी तक 40 हजार भर्ती हो जानी थी।
प्रदेश में कानून का नहीं, जंगल राज चल रहा
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि भाजपा की सरकार आने के बाद प्रदेश में जंगल राज चल रहा है। प्रदेश में बढ़ती आपराधिक घटनाएं बताती है कि राज्य में कानून का राज खत्म हो गया है। जशपुर में बगीचा थाना क्षेत्र में पहाड़ी कोरवा की एक मासूम बच्ची के साथ दूराचार हो गया और पत्थर से कुचलकर हत्या की कोशिश की गयी, रायगढ़ में आदिवासी दंपति को पीट-पीट कर मार डाला गया, सरगुजा में आदिवासी दंपति के घर में घुस कर हत्या कर दिया गया। गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष का भाई, लोगों के साथ खुलेआम मारपीट कर रहा है। राजधानी में तीन दिन में 45 से अधिक चाकूबाजी की घटनाएं हो चुकी है। राजनांदगांव में महापौर का पीए वसूली करने के लिए सरेआम लोगों को पीटता है। भिलाई में सरेआम मातर के जुलूस में हत्या हो जाती है। सरकार आपराधिक घटनाओं को रोक पाने में पूरी तरह विफल साबित हो रही है।
धान की फसल तैयार, सरकार 1 नवंबर से खरीदी शुरू करे
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि धान की फसल की कटाई शुरू हो गयी है। दीपावली त्योहार, मातर के बाद फसल की कटाई जोरो पर चलेगी, ऐसे में सरकार के द्वारा धान की खरीदी तुरंत शुरू की जानी चाहिए, देरी करने से किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। 1 नवंबर तक किसानों का धान खेतों से खलिहान में आकर बेचने के लिये तैयार हो जायेगा, 15 नवंबर से खरीदी होने पर किसानों को इंतजार करना पड़ेगा। जब से राज्य बना है, राज्योत्सव के दिन 1 नवंबर से ही धान खरीदी की परंपरा रही है, इस वर्ष भी 1 नवंबर से खरीदी हो। साय सरकार पिछले दो साल से 15 दिन देरी से 15 नवंबर से धान खरीदी शुरू करती है। ताकि कम किसानो का धान खरीदना पड़े।
जिनका एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन नहीं हो पा रहा उनका सोसायटी के माध्यम से पंजीयन कराया जाए
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि एग्रीस्टेक पंजीयन की तारीख बढ़ाने के बाद भी किसानों का पंजीयन सुचारू रूप से नहीं हो पा रहा है, अभी भी लाखों किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। पोर्टल में तकनीकी दिक्कतों से परेशानी पैदा हो रही है। पिछले साल लगभग 28 लाख किसानों ने धान बेचा था। इस वर्ष 10 प्रतिशत की भी ग्रोथ होती है तो तीस लाख से अधिक किसानों का पंजीयन होना चाहिए। अनुमानतः अभी तक 7 लाख से अधिक किसानों का पंजीयन नहीं हो पाया है। जिनका एग्रीस्टेक पोर्टल में पंजीयन नहीं हो पा रहा उनका सोसायटी के माध्यम से पंजीयन कराया जाना शुरू किया जाए। इस वर्ष सरकार का लक्ष्य 25 लाख किसानों से धान खरीदने का है, मतलब इस साल सरकार की नीयत पूरे किसानों से धान खरीदी करने की नहीं है, क्योंकि धान बेचने के पात्र किसान तो 30 लाख अस्सी हजार से अधिक होंगे। शायद इसीलिए सरकार पंजीयन में दिक्कत पैदा कर रही।
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