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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
धमतरी शौर्यपथ
मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय अजय चंद्राकर ने देवेंद्र नगर स्थित नारायणा अस्पताल पहुँचकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के से भेंट की एवं चिकित्सकों से उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली.
छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मस्तिष्क को ऑडियो थेरेपी के द्वारा जागत करने की कोशिश की जा रही है आज जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उन्हें उनके पसंदीदा गाने सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है।
छत्तीसगढ प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी (उम्र 74 वर्ष), की स्थिति अभी भी बेहद गंभीर बनी हुई है। उनका हृदय, ब्लड प्रेशर और यूरिन आउटपुट नियंत्रित है।
अजीत जोगी को अभी वेंटीलेटर के माध्यम से सांस दी जा रही है। मेडिकल प्रोटोकॉल्स के तहत उपचार जारी है और डॉक्टरों द्वारा उनके दिमाग को क्रियाशील ( एक्टिवेट ) करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
ऑडियो थेरेपी द्वारा भी उनके पसंदीदा गाने उन्हें कान में सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है। आज शाम 4 बजे उनके दिमाग का ईईजी टेस्ट किया गया जिसमें उनके दिमाग में बहुत थोड़ी सी हलचल देखी गयी है।
धमतरी शौर्यपथ
मंगलवार को पूर्व कैबिनेट मंत्री माननीय अजय चंद्राकर ने देवेंद्र नगर स्थित नारायणा अस्पताल पहुँचकर पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के से भेंट की एवं चिकित्सकों से उनकी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी ली.
छत्तीसगढ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी के मस्तिष्क को ऑडियो थेरेपी के द्वारा जागत करने की कोशिश की जा रही है आज जारी मेडिकल बुलेटिन के मुताबिक उन्हें उनके पसंदीदा गाने सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है।
छत्तीसगढ प्रथम मुख्यमंत्री अजीत जोगी (उम्र 74 वर्ष), की स्थिति अभी भी बेहद गंभीर बनी हुई है। उनका हृदय, ब्लड प्रेशर और यूरिन आउटपुट नियंत्रित है।
अजीत जोगी को अभी वेंटीलेटर के माध्यम से सांस दी जा रही है। मेडिकल प्रोटोकॉल्स के तहत उपचार जारी है और डॉक्टरों द्वारा उनके दिमाग को क्रियाशील ( एक्टिवेट ) करने का पूरा प्रयास किया जा रहा है।
ऑडियो थेरेपी द्वारा भी उनके पसंदीदा गाने उन्हें कान में सुनाकर उनके मस्तिष्क को जागत करने की कोशिश चल रही है। आज शाम 4 बजे उनके दिमाग का ईईजी टेस्ट किया गया जिसमें उनके दिमाग में बहुत थोड़ी सी हलचल देखी गयी है।
शौर्यपथ
यूनिसेफ, एनएचएम एवं डब्ल्यूएचओ ने संयुक्त रूप से जारी की मार्गदर्शिका
• प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल की दी गयी जानकारी
• प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान सावधानियां बरतने की दी गयी सलाह
रायपुर 12 मई 2020। कोरोना संक्रमण के कारण हुए देशव्यापी लॉकडाउन में दूसरे राज्यों में फंसे प्रवासी कामगारों सहित छात्र एवं अन्य लोग अब अपने-अपने राज्य लौटने लगने लगे हैं. इन्हें सुरक्षित अपने घर पहुँचाने के लिए केंद्र एवं राज्य सरकारों ने कई स्तर पर व्यवस्थाएं की हैजिसमें इनके आवाजाही के लिए स्पेशल ट्रेन सहित अपने राज्य पहुँचने पर क्वारंटाइन की सुविधा शामिल है. लेकिन कोरोना संक्रमण के इस दौर में भारी संख्या में लोगों के घर वापसी पर संक्रमण प्रसार को रोकने की भी चुनौती सरकार के सामने है. इसे ध्यान में रखते हुए यूनिसेफ, राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिश (एनएचएम) एवं विश्व स्वास्थ्य संगठन ने संयुक्त रूप से मार्गदर्शिका जारी की है, जिसमें प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर प्रबंधन प्रोटोकॉल, प्रवासी कामगारों के लिए होम क्वारंटाइन के दौरान जरुरी सावधानियां एवं कोरोना से बचाव को लेकर विशेष वर्गों के लोगों के लिए सावधानी इत्यादि के विषय में विस्तार से जानकारी दी गयी है|
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर बनाये गए प्रबंधन प्रोटोकॉल:
प्रवासी कामगारों के घर वापसी पर कुछ प्रबंधन प्रोटोकॉल बनाये गए हैं, जिसमें बाहर से घर लौटने पर सभी प्रवासियों का जिला प्रशासन द्वारा पंजीकरण एवं स्क्रीनिंग की जानी है. जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण मिलेंगे उन्हें कुछ तय प्रोटोकॉल के अनुपालन करने होंगे. जबकि जिन प्रवासियों में कोविड-19 के लक्षण नहीं भी मिलते हैं, उन्हें भी कुछ सावधानियों का अनुपालन करना अनिवार्य होगा.
1. कोविड-19 के लक्षण पाए जाने पर:
सरकार द्वारा ऐसे प्रवासियों को सरकार द्वारा प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में रखा जाएगा
प्रबंधित क्वारंटाइन फैसिलिटी में कोविड-19 की जांच होगी
जांच में संक्रमण पाए जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाएगा
जांच में संक्रमण नहीं पाए जाने पर 7 दिन क्वारंटाइन में रख दोबारा जांच की जाएगी
7 दिन के बाद भी संक्रमण न होने पर घर भेज दिया जाएगा जहाँ खुद को 14 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा
2. कोविड-19 के लक्षण नहीं होने पर
ऐसे में प्रवासी को घर भेज दिया जाएगा
घर में खुद को 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहना होगा
होम क्वारंटाइन के दौरान यदि खांसी, बुखार या सांस लेने में कोई कठिनाई जैसे लक्षण दिखाई देंम तो तुरंत आशा या सरकार की हेल्पलाइन नंबर ( 1800-180-5145) पर संपर्क करने की सलाह दी गयी है |
बनें ज़िम्मेदार, होम क्वारंटाइन में प्रवासी बरतें सावधानियाँ:
होम क्वारंटाइन में प्रवासी सावधानी बरतकर संक्रमण प्रसार को रोका सकते हैं. इसके लिए मार्गदर्शिका में जरुरी जानकारी दी गयी है :
• घर पहुंचते ही 21 दिन होम क्वारंटाइन में रहें. इस दौरान अलग कमरे में ही रहें
• क्वारंटाइन में रहते हुए अनिवार्य रूप से मास्क/गमछा / दुपट्टे से मुँह एवं नाक को ढँक कर रखें
• मास्क/गमछा / दुपट्टे को साबुन एवं गर्म पानी से धोकर धूप में सुखाएं
• सिर्फ एक बार के उपयोग के लिए बने मास्क का दोबारा इस्तेमाल न करें
• हाथों को साफ़ पानी एवं साबुन से बार-बार धोते रहें
• किसी से भी हाथ मिलाने से परहेज करें
• घर का सामान जैसे बर्तन, पानी का ग्लास, बिस्तर, तौलिया या अन्य उपयोग की जाने वाली चीजों को घर के दूसरे सदस्य के साथ साझा न करें
• संक्रमित व्यक्ति के लिए अलग से थाली रखें एवं इसे अलग से गर्म पानी से अच्छी तरह धोएं
• अपने मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप्प का उपयोग करें
• किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश अपने घर में नहीं होने दें
• आपको या आपके परिवार के किसी भी सदस्य में यदि कोविड-19 के लक्षण दिखाई देते हैं तो इसकी सूचना आशा को तत्काल दें
• आपके घर से केवल एक व्यक्ति ही जरुरी सामानों की खरीदारी के लिए घर से बाहर जाए
• घर से निकलते समय मास्क/गमछा/दुपट्टा का प्रयोग करें एवं वापस लौटने पर हाथों को साबुन से अच्छी तरह धोएं ।
धमतरी शौर्यपथय
जिले में पशुओं की संक्रामक बीमारी गलघोंटु एवं एक टंगिया से सुरक्षा के लिये कलेक्टर श्री रजत बंसल के निर्देश अनुसार पशु चिकित्सा विभाग द्वारा पशुओं में आगामी 15 मई से 15 जून तक सघन गलघोंटु एवं एक टंगिया रोग टीकाकरण अभियान चलाया जाएगा। इसके तहत गाय, भैंस, बकरी एवं सूकर में गलघोंटु एवं एक टंगिया रोग का टीकाकरण किया जावेगा। उप संचालक, पशु चिकित्सा सेवाएं डाॅ.महेश सिंह बघेल से मिली जानकारी के मुताबिक इसके लिये जिले में 43 दल एवं 15 सेक्टर बनाए गए हैं, ताकि माॅनिटिरिंग एवं रिपोर्टिंग किया जा सके। बताया गया है कि गलघोंटु एवं एक टंगिया रोग के टीकाकरण के बीच 15 दिन का अंतराल रखा जाएगा, जिससे पशुओं में प्रतिरोधक क्षमता अच्छी तरह विकसित हो सके। इसके लिए जिला स्तर पर डाॅ. जी.पी.सूर्यवंशी को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है, जिनका मोबाईल नम्बर 94242-92616 है। किसी प्रकार की समस्या होने पर पशुपालक द्वारा उक्त नम्बर पर सम्पर्क किया जा सकता है।
डाॅ.बघेल ने बताया कि गलघोंटु एवं एक टंगिया बहुत ही संक्रामक बीमारी है। इसका समय पर उपचार नहीं मिलने से पशुओं की अकाल मृत्यु हो जाती है, जिससे पशुपालकों को आर्थिक हानि का सामना करना पड़ता है। उन्होंने बताया कि पहले चरण में गौठान ग्राम और दूसरे चरण में शेष ग्रामों के पशुओं का टीकाकरण किया जाएगा। टीकाकरण के संबंध में व्यापक प्रचार-प्रसार एवं संबंधित ग्राम में टीकाकरण के एक दिन पूर्व मुनादी कराने और शीत श्रृंखला प्रबंधन करने के लिए संबंधित अधिकारी एवं कर्मचारियों को निर्देशित किया गया है। साथ ही टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए सभी पशुपालकों एवं जन प्रतिनिधियों से सहयोग करने अपील किया गया है।
दुर्ग / शौर्यपथ / देश वर्तमान में कोरोना संकट से जूझ रहा है और इस लॉक डाउन में ऐसे लाखो परिवार है जिनके पास रोजगार के साधन नहीं है . केंद्र सहित प्रदेश सरकार की पूरी कोशिश रही है कि कोई भी भूखा ना रहे . सरकार के साथ विपत्ति की इस घडी में कई स्वयं सेवी संस्थाए भी आगे रही और खुल कर गरीब वर्ग की धन से राशन से मदद की . लॉक डाउन की घडी में दान करने वाले और सहयोग करने वालो की पहचान हुई वही कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों को भी जनता ने देखा .
लॉक डाउन के समय अति आवश्यक वस्तुओ की दुकानों को खुलने की अनुमति मिली जिसमे राशन की दूकान का अहम् योगदान था किन्तु शहर के ऐसे कई राशन व्यापारी है जो इस लॉक डाउन में संकट की घडी में भी अपनी नैतिकता को दरकिनार करते हुए कीमत से ज्यादा सामन का विक्रय कर जेब भरने में लगे हुए थे . देश सहित प्रदेश में भी लॉक डाउन था . लॉक डाउन के 42 दिनों में भी आम जनता को किसी वस्तु की कमी नहीं हुई हर वस्तु की आपूर्ति हुई चाहे वो राशन हो चाहे , शराब हो , चाहे पान गुटखा , सिगरेट- बीडी सभी का विक्रय निरंतर जारी था नशे की सामग्री की खुलकर चोरी छिपे विक्रय का खेल चलता रहा और व्यापारियों द्वारा दुगनी तिगुनी कीमत भी वसूली गयी वही राशन में क्वालिटी की बात कह कर राशन को भी ऊँचे दामो में कई व्यापारियों ने बेचा हर सामान पर गिरी हुई मानसिकता के कई व्यापारियों ने आम जनता को खूब लुटा . विपत्ति के 42 दिन ( लॉक डाउन ) का दिन भी जैसे तैसे बीत गया और जनता ने राहत की साँस ली जब जिला प्रशासन द्वारा सभी दुकानों को ( कुछ दुकानों को छोड़कर ) खोलने की अनुमति दे दी .
वर्तमान में ज़रूरत की लगभग सभी दुकाने तो खुल गयी है किन्तु आज भी नशे की सामग्री ( सिगरेट , बीडी , गुटखा , जर्दा युक्त पौच आदि ) प्रिंट रेट से भी ज्यादा कीमत पर बिक रही किन्तु नशे के लोभी मौन है और कालाबाजारी को बढ़ावा दे रहे है . नशे तक की बात है तो मामला दबा हुआ है किन्तु अचानक एक ऐसी अफवाह फैली जिसके कारण आम जनता में हाहाकार मच गया .
अफवाह फैली नमक कि कमी की . कहा से ये अफवाह फैली इसकी जाँच के लिए और संबंधितो पर कड़ी से कड़ी कार्यवाही के लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री ने आदेश दे दिए वही जिला प्रशासन द्वारा भी त्वरित कार्यवाही करते हुए ऐसे कई दुकानदारों पर कड़ी कार्यवाही की गयी जिन्होंने अफवाह का फायदा उठाते हुए नमक जैसी अति आवश्यक खाद्य वास्तु को ज्यादा कीमत में बेचना शुरू किया . शासन की कार्यवाही निरंतर जारी रहेगी .
होना चाहिए निलंबन ..
अफवाह हो या हकीकत किन्तु ज्यादा कीमत पर नमक बेचने वाले व्यापारियों की मानसिकता का पता चल गया जिस समय देश संकट से गुजर रहा है उस समय व्यापारियों अपने निम्न स्तरीय सोंच का परिचय देते हुए आम जनता को लुटने लगे क्या ऐसे व्यापारियों को बाज़ार में व्यापार करने की अनुमति देनी चाहिए क्या ऐसे व्यापारियों को सिर्फ चाँद रूपये की जुर्माना राशि वसूल कर खुला छोड़ देना चाहिए जो संकट के समय लालची प्रवृत्ति अपना कर आम जनता को लुटने लगे क्या ऐसे व्यापारियों पर सख्त से सख्त कार्यवाही कर ऐसी मिसाल नहीं पेश होनी चाहिए ताकि भविष्य में ऐसी अफवाह का ये लालची व्यापारी फायदा ना उठा सके ?
अधिक दर पर नमक विक्रय के संबंध में की गई कार्रवाई
26 प्रतिष्ठानों की जांच, 84 हजार रुपये का अर्थदंड
दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में नमक की कृत्रिम कमी के संबंध में हो रही अफवाहों के तारतम्य में प्राप्त हो रही शिकायतों पर खाद्य विभाग, नगरीय निकाय, एवं नाप तौल विभाग के मैदानी अमलों द्वारा दिनांक 12.05.2020 को 26 प्रतिष्ठानों की जांच की गई, जिसमें अधिक कीमत में नमक विक्रय करते पाये जाने के फलस्वरूप साहू किराना एवं जनरल स्टोर, वार्ड क्रं. 04 कुम्हारी को 25000/-रू, सुमन पटेल चंद्रशेखर आजाद नगर भिलाई 5000/-रू., माही किराना स्टोर्स मडौदा 5000/-रू., एजाक अहमद गौतम नगर 2000/-रू., हरीश किराना स्टोर्स पाटन 7000/-रू., किसान बंधु किराना स्टोर पाटन 4000/- रू., बालाजी किराना स्टोर्स जुनवानी 5000/-रू., खान किराना स्टोर कोडिया 5000/-, प्रवीण किराना स्टोर नगर पंचायत धमधा 8000/-रू., भाले किराना स्टोर 5000/-, सखाराम किराना 3000/- रू. एवं गुलाब किराना स्टोर्स जेवरा सिरसा से 10000/- रू. कुल- 84000 रू. नगद अर्थदंड आरोपित किया गया जिसकी वसूली निकायों द्वारा की गई इन दुकान संचालकों को भविष्य में अधिक दर पर खाद्य सामग्री न विक्रय किये जाने की चेतावनी दी गई, निर्धारित दर से अधिक दर पर विक्रय करते पाये जाने पर दुकान की अनुज्ञप्ति निरस्त करने की कार्यवाही भी की जावेगी। खाद्य नियंत्रक ने बताया कि यह जांच सतत राजस्व विभाग, खाद्य विभाग, नगरीय निकाय एवं नाप तौल विभाग के द्वारा नियमित जारी रहेगी।
- कलेक्टर अंकित आनंद भी स्टेशन पर मौजूद रहे, स्वास्थ्य टीम ने परीक्षण किया,
बसों से किया गया घर रवाना - लिंगमपल्ली,
हैदराबाद से आ रही ट्रेन में दुर्ग के 14, बेमेतरा के 75 और बालोद के 34 ग्रामीण आए
दुर्ग / शौर्यपथ / पहली श्रमिक एक्सप्रेस हैदराबाद के लिंगमपल्ली से निकलकर सुबह दस बजे दुर्ग स्टेशन पर पहुंची। ट्रेन से तेलंगाना में निर्माण कार्य में लगे श्रमिकों की घर वापसी हो सकी। स्टेशन पर पूरी तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का और सैनिटाइजेशन का ध्यान रखा गया था। स्वास्थ्य विभाग की चार टीमें स्टेशन में लगाई गई थीं। सभी यात्री एसिम्पमैटिक पाए गए। स्टेशन में सोशल डिस्टेंसिंग बनाये रखने के लिए रेलवे पुलिस के साथ ही स्थानीय पुलिस और प्रशासन के लोग थे। इस मौके पर कलेक्टर श्री अंकित आनंद ने स्वयं मौजूद रहकर व्यवस्थाओं का निरीक्षण किया। ट्रेन से बेमेतरा से 75, बालोद से 34 और दुर्ग से 14 ग्रामीण पहुंचे। इन सभी को बस में गृह ग्राम भेज दिया गया।
पूरी प्रक्रिया में एसओपी (स्टैंडर्ड आपरेटिव प्रोसिजर) का पालन किया गया। श्रमिकों को नाश्ते कराकर गंतव्य स्थल के लिए रवाना किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए सहायक श्रमायुक्त श्री रमेश प्रधान ने बताया कि हैदराबाद में रह रहे इन श्रमिकों से जिला प्रशासन सतत संपर्क में था। यह सभी निर्माण कार्य में लगे हुए थे। दुर्ग जिले में पहुंचने वाले सभी श्रमिक भिलाई 3 और पाटन ब्लाक के हैं। श्रमिकों ने बताया कि घर पहुंचकर बहुत अच्छा लग रहा है। लाकडाउन में फंस जाने के बाद यहां आने को लेकर चिंता थी।
जिला प्रशासन के अधिकारी हमसे निरंतर संपर्क में थे और हमें भरोसा देते रहे थे कि जब भी ट्रेन आरंभ होगी, वे हमें यहां से निकालकर सुरक्षित अपने गांव तक पहुंचा देंगे। हमें यहां भोजन भी उपलब्ध करा दिया गया है और बसें भी हमारी खड़ी हैं। अब हम 14 दिन अपने गांव के क्वारंटीन सेंटर में रहेंगे। अपने घर आने का सुख सबसे बड़ा सुख है। हमारे साथ छोटे-छोटे बच्चे भी थे जिनको लेकर भी हमें चिंता थी। उल्लेखनीय है कि आने वाले दिनों में भी इसी तरह विभिन्न रूट्स से श्रमिकों को लाए जाने की व्यवस्था की जा रही है। उल्लेखनीय है कि सड़क मार्ग से आ रहे श्रमिकों को सहायता पहुंचाने श्रमिक सहायता केंद्रों की स्थापना की गई है। इन केंद्रों में पहुंचने वाले श्रमिकों को सूखा नाश्ता कराया जा रहा है तथा राह के लिए सूखा नाश्ता पैक कर भी दिया जा रहा है। जो मजदूर साधन विहीन हैं उन्हें घर पहुंचाने की व्यवस्था भी की जा रही है।
भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम रिसाली के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के निर्देश पर रिसाली निगम के 90 नियमित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का माह अप्रैल का 2370885/- रूपये का वेतन भुगतान करने का निर्देश लेखा शाखा को प्राप्त होते ही सोमवार को ही वेतन आहरण हेतु बैंक को भेजा गया, जहां मंगलवार को रिसाली निगम कर्मी वेतन प्राप्त करना शुरू कर दिया। स्वयं की संस्था से वेतन भुगतान की खबर लगते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों में खुशी व्याप्त है। अब प्रति माह कर्मचारियों का वेतन भुगतान रिसाली निगम ही करेगी।
बता दें की नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नया रायपुर की अधिसूचना क्र.1-168/2019/18 छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा (7) सहपठित धारा 405 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के पहल पर एवं राज्य शासन के निर्देश पर 26.12.2019 को छ.ग. के राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन उपरांत 04 अप्रैल 2020 को रिसाली क्षेत्र के 13 वार्डों को मिलाकर पृथक नगर पालिक निगम रिसाली के रूप में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आ गया। अपनी सीमित संसाधनों एवं श्रमिक बस्तियों की आबादी होने तथा कोरोना वायरस के अटैक से रिसाली निगम में स्वयं की अर्जित आय का स्त्रोत लगभग बंद हो चुका था। भिलाई निगम से पृथक होने के बाद यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वेतन भुगतान हेतु भिलाई निगम पर आश्रित रहना पड़ रहा था।
कोविड 19 कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु निगम के क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा हेतु ल?ाई लड़ रहे अपने कर्मचारियों की पीढ़ा एवं मनोदशा को समझते हुए निगम प्रशासन शुरू से ही प्रयासरत थे की रिसाली निगम अपने आत्म निर्भरता के बल बूते अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान की ओर अग्रसर हो। उक्त हेतु निगम आयुक्त श्री सर्वे ने बहूत ही सूझ-बूझ के साथ प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू तक अपनी बात रखी। गृह मंत्री चाह भी रहे थे कि उनके स्वयं के प्रयासों से बनी निगम रिसाली का सर्वांगीय विकास हो तथा उनके निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं एवं ज्वलंत समस्याओं को तत्वरित निराकरण हो। तत्संबंध में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए राज्य शासन से रिसाली निगम को 7.00 करो? की राशि दिलाई। छ0ग0 स्वातशाषी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गोपाल सिन्हा सहित सभी पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के वेतन भुगतान किये जाने पर प्रदेश के गृह मंत्री तामध्वज साहू के प्रयासों की सराहना करते हुए निगम रिसाली के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे एवं जोन आयुक्त रमाकांत साहू के प्रति आभार व्यक्त किये है।
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकटापन्न और चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए 21 स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम किया गया है। इन स्पेशल ट्रेनों में श्रमिकों की राज्य वापसी का सिलसिला बीते 11 मई से शुरू भी हो गया है।
प्रदेश के श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के प्रवासी श्रमिक जो अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, उन्हें 21 ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस लाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर श्रम विभाग के अधीन गठित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा अभी तक नोडल अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 9 ट्रेनों में आने वाले 11 हजार 946 श्रमिकों के लिए छह रेल्वे मण्डलों को कुल 71 लाख 93 हजार 230 रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि इन 21 स्पेशल ट्रेनों में अहमदाबाद से बिलासपुर के लिए दो ट्रेन, विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर एक ट्रेन, अमृतसर पंजाब से चांपा एक ट्रेन, विरामगम अहमदाबाद से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, लखनऊ उत्तरप्रदेश से रायपुर के लिए तीन ट्रेन, लखनऊ से भाटापारा के लिए दो ट्रेन, मुजफ्फरपुर बिहार से रायपुर एक ट्रेन, दिल्ली से बिलासपुर के लिए एक ट्रेन, मेहसाना गुजरात से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, लिंगमपल्ली हैदराबाद तेलंगाना से दुर्ग, राजनांदगांव होते बिलासपुर एक ट्रेन, हैदराबाद तेलंगाना से दुर्ग रायपुर होते हुए बिलासपुर एक ट्रेन, दिल्ली से बिलासपुर-रायपुर एक ट्रेन, खेड़ा नाडियाड गुजरात से बिलासपुर-चांपा एक ट्रेन, साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर-चांपा एक ट्रेन, कानपुर उत्तरप्रदेश से बिलासपुर, भांटापारा, रायपुर, दुर्ग एक ट्रेन और इलाहाबाद उत्तरप्रदेश से बिलासपुर,भाटापारा, रायपुर, दुर्ग दो ट्रेन शामिल है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि गुजरात-अहमदाबाद से बिलासपुर ट्रेन में 1208 श्रमिक छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं। इसी तरह साबरमती से बिलासपुर ट्रेन में 1212 श्रमिक, विरामगम-रायपुर ट्रेन से 1210 श्रमिक, मेहसाना-बिलासपुर ट्रेन से 1200 श्रमिक, दिल्ली से रायपुर ट्रेन में 1400 श्रमिक, लखनऊ से भाटापारा रायपुर ट्रेन में 1584 श्रमिक, खेड़ा नाडियाड से चांपा ट्रेन में 1710 श्रमिक, साबरमती से चांपा ट्रेन में 1222 तथा अमृतसर पंजाब से चांपा स्पेशल ट्रेन में 1200 श्रमिक लौटेंगे।
राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक भी जारी किया है -
http:cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx
इस लिंक में एप्लाई कर लोग इन ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आ सकेंगे। इसके अलावा 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 तथा 88277-73986 पर संपर्क किया जा सकता है।
// प्रदेश में नमक की कोई कमी नहीं: छत्तीसगढ़ में नमक के पर्याप्त रेक नियमित रुप से आ रहे हैं
//सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल कार्डधारियों को नमक का सुचारु रुप से किया जा रहा है वितरण
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में नमक की कोई कमी नहीं है। जो लोग नमक की कालाबाजारी कर रहे हैं या नमक की कमी की अफवाह फैला रहे हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नमक के पर्याप्त रेक नियमित रूप से आ रहे हैं।
इस संबंध में खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के हितग्राहियों को आवंटन के अनुसार नमक की आपूर्ति निरंतर सुचारु रुप से की जा रही है। प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में प्रत्येक बीपीएल कार्डधारी को 2 किलोग्राम नमक तथा सामान्य क्षेत्र के प्रत्येक बीपीएल कार्डधारी को एक किलोग्राम नमक निशुल्क वितरित किया जा रहा है। प्रदेश में बीपीएल कार्डधारियों की कुल संख्या 56 लाख 4 हजार 653 है।
इन कार्डधारियों के लिए मासिक आवंटन लगभग आठ हजार मेट्रिक टन है तथा वर्तमान में मई माह के नमक आवंटन के अनुसार नमक की कुल उपलब्धता लगभग 11 हजार 532 मेट्रिक टन है। छत्तीसगढ़ राज्य में नमक के पांच रेक शीघ्र पहुंचने वाले हैं। इनमें 20 मई को पहला रेक रायपुर में तथा दूसरा रेक बिलासपुर में पहुंचने की संभावना है। तीसरा रेक 27 मई को पहुंचने की संभावना है।