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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।
संवाददाता कृष्णा टण्डन
जांजगीर चाम्पा / शौर्यपथ / बम्हनीडीह विकास खण्ड के ग्राम पंचायत सेमरीया के कुछ ग्रामीणो ने पहले तो शासकीय तालाब को पाट कर खेत बना लिया था जब पंचायत द्वारा तालाब का कायाकल्प करने के लिए शासन से स्वीकृति हुई तो अब सेमरीया के कब्जा धारियों को परेशानी हो रही है इतना ही कब्जा धारी तालाब गहरी करण मे बाधा डाल रहे है और गहरी करण नही होने दे इसकी लिखित शिकायत ग्राम के 19 पंचों के साथ काफी अधिक संख्या में लोगो ने इसकी सिकायत अनुविभागीय अधिकारी राजस्व चाम्पा व जनपद पंचायत बम्हनीडीह के मुख्य कार्यालय पालन अधिकारी से की है पंचों व ग्रामीणो का आरोप है की सेमरीया के फिरात यादव, पुनी राम सतनामी, बोहारिक सतनामी, गोपाल सतनामी, खीकराम सतनामी, खेदराम कश्यप, के द्वारा बंधा तालाब के करीब 10 एकड शासकीय भूमि पर अवैध कब्जा कर खेती कर रहे है जब की वर्तमान वह भुमि शासकीय है जिसमे मनरेगा के तहत तालाब गहरी करण कार्य स्वीकृति है कार्य मे कब्जा धारियों के द्वारा बाधा उत्पन्न किया जा रहा है
दो ग्राम कब्जा छोडने को तैयार
ग्रामीणो से मिली जानकारी के अनुसार फिरात यादव, और खेदराम कश्यप कब्ज़ा छोड़ने के लिये तैयार है बाकी के ग्रामीणो के द्वारा कब्जा नही छोडा जा रहा है जिससे तालाब के कायाकल्प होने से पंचायत को काफी परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है
नही हटा तालाब से कब्जा तो होगा उग्र आंदोलन
ग्राम पंचायत सेमरीया के ग्रामीणो बताया की अगर तालाब से कब्जा नही हटाया गया तो वह उग्र आंदोलन करेगे ग्रामीणो ने यह भी कहना है की अगर जन हित के कार्य मे लोग बाधा डालते है तो वह गलत है तालाब का अगर कायाकल्प होगा तो वह सभी के लिये अच्छा है अगर कब्जा धारी कब्जा नही हटायेगे तो उच्च अधिकारीयो से इसकी सिकायत की जायेगी
जिम्मेदार बने है मुख दर्शक
ग्रामीणो का यह भी आरोप है की सिकायत के बाद भी जिम्मेदार अधिकारिय कब्जा हटाने के मुड मे नही है ऐसा लग रहा है तभी तो शासकीय का पर ग्रहण सा लग गया है कुछ दिनो मे बारिश आ जायेगी जिसके बाद मनरेगा का काम ही बंद हो जायेगा अगर जल्द ही कब्जा नही हटाया गया तो तालाब गहरी करण केवल नाम का ही रह जायेगा एक ओर शासन हर हाथ मे काम देने की बात कह रही है और यहा लोगो को काम तक नही मिल पा रहा है इसका मुख्य कारण शासकीय तालाब मे कब्जा नजर आ रहा है और जिम्मेदार अधिकारी है की इस ओर ध्यान नहीं दे रहे है
वर्जन
सेमरीया के तालाब गहरी करण मे कुछ लोगो के द्वारा बाधा डालने की सिकायत मिली है भुमि पर कुछ लोगो ने कब्जा कर रखा है पटवारी से नक्शा मंगाया गया है जिसके बाद कब्जा हटा कर कार्यवाई के साथ गहरी करण किया जायेगा
कुबेर सिंह उरैती , सीईओ - जनपद पंचायत बम्हनीडीह
अवधेश टंडन की रिपोर्ट
जांजगीर चांपा / शौर्यपथ / हसौद पुलिस की बड़ी कारवाई जानकारी के मुताबिक रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर 10 लोगो से 9-9 लाख रुपये ठगी करने वाले 4 आरोपियों को पुलिस में गिरफ्तार कर लिया है वही एक आरोपी फरार है। मामला हसौद थाने की है जहाँ ग्राम पंचायत मिरौनी के अशोक कुमार कश्यप ने थाने में शिकायत की थी कि उससे रेलवे में नौकरी लगाने के नाम पर ग्राम पंचायत हसौद के ही भरत कश्यप,अर्जुन बर्मन,दीपक कश्यप,दिलीप कश्यप,पन्नालाल कश्यप ने रेलवे में नौकरी लगाने के नाम से उससे और उसके रिस्ते दरों से नौ नौ लाख रुपये लिए थे।और उसे दिल्ली ले जाकर फर्जी ज्वांइन लेटर,फ़र्ज़ी आईडी कार्ड देकर उससे धोका धाड़ी की है।जब इस बात की जानकारी उसे हुई तो उसने थाने में आरोपियों के विरुद्ध धोखाधाड़ी का आरोप दर्ज करवाया ।
जिसके आधार पर हसौद पुलिस ने कल दिनांक 01/06/2020 को पांचो आरोपि भरत कश्यप पिता गेंदराम कश्यप,अर्जुन बर्मन पिता दुजराम बर्मन,दीपक कश्यप पिता भरत कश्यप, दिलीप कश्यप पिता भरत कश्यप,पन्नालाल कश्यप पिता होरीलाल कश्यप के विरुद्ध 420,120ब,468,471 के तहत गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड में जेल भेज दिया गया । वही एक आरोपी पन्नालाल कश्यप फरार बताया जा रहा है ।
सूत्रों के अनुसार ग्राम पंचायत हसौद के भरत कश्यप भोजनालय दुकान का संचालन करता था जिससे मोटी रकम नही आता था जिससे ओ लोगो को रेलवे में नौकरी लगाऊंगा बोल के लोगो से पैसे का मांग करता था।
तथा अपने दोनों बेटे दीपक कश्यप और दिलीप कश्यप का नौकरी लगा दिया हूँ जो दिल्ली और कोलकत्ता में नौकरी करते है बोल के लोगो से पैसे की मांग किया करते थे ।वही अर्जुन बर्मन ट्रेडर्स का बिजनेस करता था और हसौद व्यपारी संघ का अध्यक्ष हूँ बोल के लोगो से पैसे का मांग किया करते थे ।
जानकारी के अनुसार ये लोग हसौद क्षेत्र के लग भाग 50 लोगो से नौकरी के नाम से पैसे की ठगी किये है ।इस लिए इस गिरोह को अंतरराष्ट्रीय गिरोह माना जा रहा है।
सूत्रों की माने तो इस गिरोह में कई बड़े बड़े लोगो का भी नाम सामने आ रहा है जो भाजपा के नेता और नेत्री है ।
जल्द ही इस केस में और भी कई लोगो के नाम आने की संभावना है । अब देखना यह होगा कि उन पर भी क्या कार्यवाही होता है ।
अवधेश टंडन की रिपोर्ट
मालखरौदा/ शौर्यपथ / पंचायत सचिव द्वारा लगातार मुख्यालय में अनुपस्थित रहकर गांव के सरपंच के घर को बनाया सचिव मुख्याल ऐसे में महत्वपूर्ण दस्तावेज अनाधिकृत व्यक्ति के हाथ में होने से कभी अनियमितता होने की आशंका है। वहीं ग्रामीणों को शासकीय योजनाओं के लिए ग्राम पंचायत भवन को छोड़कर सरपंच के घर में मिलना पड़ रहा है। यहां उनकी अनुपस्थिति में ग्राम पंचायत का सभी कार्य सरपंच साहब के घर में किया जाता है। इसके चलते राज्य शासन की कई महत्वकांक्षी योजनाएं पंचायत प्रतिनिधि व कर्मचारियों की भेंट चढ़ने लगा है।
राज्य शासन द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वकांक्षी योजना का संचालन कर इसका बेहतर ढंग से क्रियान्वयन करने का निर्देश दिया गया है
वहीं लगातार कलेक्टर द्वारा समीक्षा बैठक में योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन करने के उद्देश्य से अधिकारियों को योजना की जानकारी लेकर उन्हें प्रत्येक नागरिकों तक लाभ पहुंचाने का निर्देश दिया जाता है, मगर शासन की महत्वाकांक्षी योजनाएं पंचायत कर्मचारियों के मनमाने रवैये की भेंट चढ़ने लगी है जनपद पंचायत मालखरौदा अंतर्गत ग्राम पंचायत बड़े सीपत की जनसंख्या लगभग दो हजार से अधिक है। यहां जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र सहित अन्य कार्यों को लेकर रोजाना बड़ी संख्या में ग्रामीण पंचायत भवन पहुंचते हैं, मगर यहां पंचायत सचिव समरू लाल मधुकर के मनमाने रवैये से ग्रामीणों को बैरंग लौटना पड़ रहा है। यहां पंचायत सचिव के मनमाने रवैये के चलते कई बार पंचायत भवन में सचिव के नहीं मिलने पर ग्रामीणों को उनके गृह ग्राम तक जाना पड़ रहा है। सचिव को उनके मोबाइल नंबर पर संपर्क करने पर शासकीय कार्य के लिए जनपद पंचायत कार्यालय या जिला पंचायत कार्यालय आने का हवाला दिया जाता है। यहां सचिव के मनमाने रवैये से ग्रामीण परेशान हैं।
बिलासपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के ठीक बाहर ग्राम पंचायत बन्नाकडीह में मनरेगा के नियमों का लगातार उल्लंघन हो रहा है और इस खेल में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की आपस में सांठगांठ है इसी का परिणाम है कि अभी तक किसी भी जॉब कार्ड धारी को एक भी परिश्रमिक भुगतान नहीं हुआ जबकि मनरेगा की गाइडलाइन के अनुसार 1 सप्ताह में भुगतान होना चाहिए साथ ही जो जॉब कार्ड धारी मनरेगा का काम करने आते हैं उन्हें सरपंच के अपशब्द भी सुनने पड़ते हैं बन्नाकडीह के सरपंच संजय आडिल द्वारा जब कार्यस्थल पर जेसीबी से काम लगवा लूंगा मेरे को किसी का कोई डर नहीं के साथ अपशब्द का भी लगातार उच्चारण किया जा रहा है इस मुद्दे पर सचिव का कहना है की जब सरपंच ऐसा कुछ कहा होगा तब मैं वहां नहीं था मनरेगा का काम मशीन से नहीं किया जा सकता और ऐसा नहीं होगा क्या वे सरपंच के व्यवहार की शिकायत सीईओ से करेंगे के प्रश्न पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया मनरेगा के काम गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर तथा वित्तीय मामलों पर प्रश्न पूछने पर सरपंच ने जवाब देने के स्थान पर पलायन करना उचित समझा मनरेगा की अटेंडेंस और मस्टर रोल पर जब रोजगार सहायक से बात करनी चाही गई तो उसने स्वयं को गांव से बाहर बताया और क्वारेंटाइन सेंटर पर आ रहा हूं पर नहीं आया क्वारेंटाइन सेंटर के कर्मचारियों की ड्यूटी के संबंध में भी काफी शिकायतें मिली किंतु एक बात साधारण तह दिखाई दी की क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है उनके बीच सामंजस्य नहीं है.बिलासपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर नगर निगम क्षेत्र के ठीक बाहर ग्राम पंचायत बन्नाकडीह में मनरेगा के नियमों का लगातार उल्लंघन हो रहा है और इस खेल में सरपंच, सचिव और रोजगार सहायक की आपस में सांठगांठ है इसी का परिणाम है कि अभी तक किसी भी जॉब कार्ड धारी को एक भी परिश्रमिक भुगतान नहीं हुआ जबकि मनरेगा की गाइडलाइन के अनुसार 1 सप्ताह में भुगतान होना चाहिए साथ ही जो जॉब कार्ड धारी मनरेगा का काम करने आते हैं उन्हें सरपंच के अपशब्द भी सुनने पड़ते हैं बन्नाकडीह के सरपंच संजय आडिल द्वारा जब कार्यस्थल पर जेसीबी से काम लगवा लूंगा मेरे को किसी का कोई डर नहीं के साथ अपशब्द का भी लगातार उच्चारण किया जा रहा है इस मुद्दे पर सचिव का कहना है की जब सरपंच ऐसा कुछ कहा होगा तब मैं वहां नहीं था मनरेगा का काम मशीन से नहीं किया जा सकता और ऐसा नहीं होगा क्या वे सरपंच के व्यवहार की शिकायत सीईओ से करेंगे के प्रश्न पर उन्होंने गोलमोल जवाब दिया मनरेगा के काम गांव के क्वॉरेंटाइन सेंटर तथा वित्तीय मामलों पर प्रश्न पूछने पर सरपंच ने जवाब देने के स्थान पर पलायन करना उचित समझा मनरेगा की अटेंडेंस और मस्टर रोल पर जब रोजगार सहायक से बात करनी चाही गई तो उसने स्वयं को गांव से बाहर बताया और क्वारेंटाइन सेंटर पर आ रहा हूं पर नहीं आया क्वारेंटाइन सेंटर के कर्मचारियों की ड्यूटी के संबंध में भी काफी शिकायतें मिली किंतु एक बात साधारण तह दिखाई दी की क्वॉरेंटाइन सेंटर पर जिन कर्मचारियों की ड्यूटी लगी है उनके बीच सामंजस्य नहीं है.vvvvv
बिलासपुर / शौर्यपथ / बिलासपुर विश्वविद्यालय शिक्षा सत्र 2020-21 के लिए प्रवेश प्रारंभ कर दिया यूनिवर्सिटी के वेवसाईट पर विश्वविद्यालय पर चल रहे पाठ्यक्रमों की पुरी जानकारी के साथ उनकी फिस की जानकारी है ओनलाइन आवेदन के साथ बाईपोस्ट आवेदन पत्र जमा की जा सकती है किंतु यहां सवाल प्रथम वर्ष में प्रवेश लेने वालों का है 12वीं की जितनी भी परीक्षाएं हुई उनके परिणाम किसी भी बोर्ड ने घोषित नहीं की है ऐसे में यूनिवर्सिटी की यह सूचना की प्रवेश पत्र हेतु आवेदन पत्र प्रथम सप्ताह तक लिए जाएंगे और दूसरे सप्ताह में मेरिट जारी होगी का कोई विश्वास नहीं होता सामान्य जानकारी के आधार पर यह माना जा सकता है कि प्रवेश पत्र के आवेदन के अंतिम तिथि बोर्ड के परीक्षा परिणाम घोषित होने के बाद ही होगी.
बिलासपुर / शौर्यपथ / लॉक डाउन के ठीक पहले देश के खाद्य तेलों के बाजार में बड़ा परिवर्तन हुआ देसी ब्रांड पतंजलि ने रुचि, महाकोश, स्वयम्, तुलसी खाद्य तेल की पांच यूनिट को एक साथ एक टेकओवर कर लिया बाजार सूत्र की माने तो यह सौदा 4500 करोड़ का था अपने को हर्बल ब्रांड वाला बताने वाला योग गुरु बाबा रामदेव यादव के पतंजलि ट्रस्ट ने तेल की इन भिन्न-भिन्न कंपनियों को गुजरात, राजस्थान, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र में टेकओवर किया रूचि के सोयाबीन का टिन अब पतांजलि नाम से आ रहा है किन्तु इसमे अब कही भी पतांजलि की विषेश पहचान योग गुरु का फोटो नहीं है एसा माना जा रहा है कि तेल के धंधे में पतांजलि टेकओभर हुई कम्पनी की सप्लाई चेन पर ही भरोसा करेगी जिसका सीधा अर्थ है कि ये तेल पतांजलि के पूर्व स्टोर पर नहीं मिलेगा.
दुर्ग / शौर्यपथ / नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा ने कहा कि प्रत्येक वर्ष के अप्रैल माह के अंत से प्रारंभ होकर मई माह के प्रथम सप्ताह तक दुर्ग शहर के तालाबों में निस्तारी हेतु पानी भरा जाता है, जिससे नागरिक गण नहाने धोने जैसा निस्तारी का काम भी करते हैं साथ ही भूगर्भ जल में वृद्धि भी होती है जिससे हमारे अनेक माध्यमों जैसे नल बोरिंगो में पेयजल उपलब्ध हो जाता है ।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि राजा जगतपाल की इस नगरी में भूजल संरचना इतनी सुंदर है, कि यदि शहर के तालाबों में ग्रीष्म ऋतु में पानी भर दिया जाए तो इस शहर में कभी जल संकट आ नहीं सकता इसलिए इस शहर के तालाबों को संरक्षित एवं सुरक्षित रखना हम सभी की जिम्मेदारी है । किंतु महापौर जी की निगम कार्य में रुचि नहीं होने के कारण दुर्ग शहर के कई तालाबों में पानी नहीं भर पाया जिससे उक्त क्षेत्र में निस्तारी के लिए जनता त्राहि-त्राहि हो रही है ।
इस आशय की जानकारी देते हुए नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा सहित भाजपा के सभी पार्षदों श्रीमती गायत्री साहू, चंद्रशेखर चंद्राकर, काशीराम कोसरे, नरेंद्र बंजारे, देवनारायण चंद्राकर, चमेली साहू, नरेश तेजवानी, लीना दिनेश देवांगन , मनीष साहू , अजीत वैद्य, ओम प्रकाश सेन, हेमा शर्मा ,शशि द्वारिका साहू ,पुष्पा गुलाब वर्मा ,कुमारी बाई साहूने कहा कि कातुलबोड़ वार्ड 59 का आमा तालाब वार्ड 15 का सिकोला बस्ती तालाब वार्ड 22 का कैलाश नगर तालाब एवं वार्ड 54 पोटिया कला डबरी तालाब में निगम प्रशासन बिल्कुल भी पानी नहीं भरवा पाई साथ ही पोटिया कला का बड़ा तालाब एवं वार्ड 23 दीपक नगर का रेवा तालाब आंशिक रूप से भर पाया शहर के और जो भी तालाब नहर पानी से भरा गया है वह भी स्थानीय पार्षदों एवं सफाई कर्मियों के सहयोग से भरा गया है ।
देश में मानसून के दस्तक देने के पश्चात विधायक जी तालाबों को भरने बैठक लेते हैं, और अधिकारियों को निर्देश देते हैं कि इन तालाबों को भरा जाए साथ ही शहर वासियों को अधिकारियों के हवाले से तालाब भरने का झूठा आश्वासन देते हैं । इस विषय में नेता प्रतिपक्ष अजय वर्मा एवं भाजपा पार्षदों ने विधायक जी से मांग करते हुए कहा कि आप जनता को झूठा आश्वासन न देकर ठोस काम करें इस बार तालाब नहीं भरने की जो चूक हुई है उसकी पुनरावृत्ति ना हो ताकि आगामी वर्षों में शहर के नागरिकों को इस संकट का सामना ना करना पड़े ।
// मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से चर्चा कर जानी उद्योगों की समस्याएं : समाधान के लिए हर संभव सहयोग का दिया आश्वासन
// छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रियल हब बने, स्थानीय लोगों को रोजगार और राज्य सरकार को उद्योगों से मिले राजस्व
// उद्योगपतियों ने कहा: नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में बना अच्छा औद्योगिक वातावरण
रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री बघेल ने लॉक डाउन के बाद प्रदेश में शुरू हुए उद्योगों में कोरोना संक्रमण से बचाव की गाईड लाइन सहित सभी एहतियाती उपायों का गंभीरता से पालन करने की जरूरत पर बल दिया है। श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में आयोजित बैठक में उद्योगपतियों से चर्चा कर रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि लॉक डाउन के 60 से 70 दिनों बाद औद्योगिक गतिविधियां प्रारम्भ हुई हैं, ऐसे में यह आवश्यक है कि उद्योगों में काम करने वाले संक्रमण से सुरक्षित रहें। काम करने वालों के स्वास्थ्य की जांच सहित गाइड लाइन का पालन किया जाए और स्थानीय उद्योगों में काम करने वाले लोगों को बाहर से आने वाले लोगों के सम्पर्क से दूर रखा जाए।
मुख्यमंत्री ने चर्चा के दौरान उद्योगों की समस्याओं की जानकारी ली और उद्योगपतियों को उनके समाधान के लिए राज्य सरकार के स्तर से हर संभव सहयोग का आश्वासन दिया। वन मंत्री श्री मोहम्मद अकबर भी इस अवसर पर उपस्थित थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की यह मंशा है कि छत्तीसगढ़ इंडस्ट्रियल हब बने, यहां के स्थानीय लोगों को रोजगार मिले और राज्य सरकार को भी उद्योगों से राजस्व की प्राप्ति हो। उद्योगपतियों ने चर्चा के दौरान कहा कि नई सरकार बनने के बाद प्रदेश में अच्छा औद्योगिक वातावरण बना है। अधिकारी उद्योगों की समस्याएं सुन रहे हैं और उनके निराकरण का प्रयास भी कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों से कहा कि कोरोना संकट से यह सीख मिली है कि उद्योगों के संचालन में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जाए। स्थानीय श्रमिकों को उद्योगों की आवश्यकता के अनुसार प्रशिक्षण देकर उनके कौशल का उन्नयन किया जाए। साथ ही स्थानीय विशेषज्ञों की सेवाएं ली जाएं। मुख्यमंत्री ने बताया कि बाहर से आने वाले श्रमिकों की स्किल मैपिंग करने के निर्देश अधिकारियों को दिए गए हैं। मैपिंग के बाद श्रमिकों की तैयार की जाने वाली सूची से उद्योगों को उनकी आवश्यकता अनुसार दक्ष श्रमिकों की सेवाएं लेने में आसानी होगी।
बैठक में उद्योगपतियों ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि पुरानी औद्योगिक नीति के तहत स्थापित उद्योगों को उस समय की औद्योगिक नीति में दी जाने वाली रियायतों का लाभ मिलना चाहिए। उद्योगपतियों ने भूखण्डों को फ्री होल्ड करने के नियमों में संशोधन के लिए भी आग्रह किया। उन्होंने बताया कि फ्री होल्ड हेतु भूखण्ड के लिए जो सीमा निर्धारित की गई है, उससे बड़े आकार के भूखण्डों पर उद्योग स्थापित हैं इसलिए इस प्रावधान का लाभ उद्योगों को नहीं मिल पा रहा है। उद्योगपतियों ने भूमि अधिग्रहण में आ रही दिक्कतों और उद्योगों के लिए जलकर की दरों के संबंध में भी ध्यान आकर्षित किया। मुख्यमंत्री ने उद्योगपतियों की इन समस्याओं के निराकरण के लिए गंभीरता पूर्वक विचार करने का आश्वासन दिया।
बैठक में मेसर्स श्री सीमेंट लिमिटेड के रवि तिवारी, मेसर्स आर.आर. इस्पात के दिनेश अग्रवाल, मेसर्स मां कुदरगढ़ी एल्यूमिना रिफायनरी प्रायवेट लिमिटेड के अनिल कुमार अग्रवाल, एस.के.एस इस्पात एण्ड पावर लिमिटेड के हरिहरण, मेसर्स प्रकाश इंडस्ट्रिज लिमिटेड ए.के. चतुर्वेदी, मेसर्स गोपाल स्पंज एंड पावर लिमिटेड के विजय आनंद झावर, मेसर्स रामा पावर एंड स्टील प्रायवेट लिमिटेड के संजय गोयल, मेसर्स बजरंग एलायस लिमिटेड के नरेन्द्र गोयल, मेसर्स गोयल जेनिथ एग्रो प्रायवेट लिमिटेड के श्री विरेन्द्र गोयल भी उपस्थित थे।
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष, पूर्व मंत्री एवं अभनपुर विधायक धनेंद्र साहू ने कहा है कि केन्द्र सरकार द्वारा धान का समर्थन मूल्य में मात्र 53 रूपये प्रति क्विंटल बढ़ाया है। यह ऊॅट के मूंह में जीरा की तरह है। एक तरफ किसानो से वोट लेते समय भाजपा किसानो की आमदनी दोगुना करने की बात करती है वही धान का मूल्य निर्धारण करते समय मात्र 53 रूपये की वृद्धि करता है। भाजपा पूर्व में 2013 के चुनाव में 2100 रूपये समर्थन मूल्य एवं 300 रूपये बोनस देने की बात कही थी। आज समर्थन मूल्य उसी के अनुसार भी दे देते तो किसानो के साथ न्याय हो जाता।
साहू ने आगे कहा है कि हमारे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी पिछले साल से ही किसानो के धान का समर्थन मूल्य 2500 रूपये दे दिये है। उसके बाद अब केन्द्र सरकार द्वारा 1868 रूपये की घोषणा हमारे छत्तीसगढ़ के किसान के लिए घोर निराशा का विषय है। यह समर्थन मूल्य अभी भी छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल द्वारा दिये जा रहे धान के मूल्य से 632 रूपये कम है। मोदी सरकार की घोषणा से छत्तीसगढ़ के किसानो को निराशा और हताशा हाथ लगी है। केन्द्र में मोदी जी की सरकार स्वामीनाथन कमेटी सिफारिश लागू करेगे कहकर सत्तासीन हुई थी। आज 6 वर्ष व्यतित होने के बाद भी मोदी सरकार की किसानो के प्रति सोच नही बदली।
कृषि लागत का डेढ़ गुना देने की बात केन्द्र की सरकार ने सत्ता मे आने के पहले रखी थी। अपने 11 वर्ष के कार्यकाल में भाजपा सरकार ने सिर्फ 460 रूपये की वृद्धि की है जबकि यू.पी.ए. कांग्रेस कार्यकाल में 890 रूपये की वृद्धि की थी। 53 रूपये की बढ़ोत्तरी किसानो के साथ भद्दा मजाक है। किसानों की कृषि लागत लगातार बढ़ती ही जा रहा है। डीजल, खाद, बीज, मजदूरी सभी की दरो में डेढ़ गुना बढ़ोत्तरी हो गयी है। किसानो को उम्मीद थी कि धान का समर्थन मूल्य 2500 से अधिक होगा लेकिन मोदी सरकार की इस घोषणा से किसानो के साथ भद्दा मजाक हुआ है। किसान घोर उपेक्षा का शिकार हुए है। किसान नेता, विधायक, पूर्व अध्यक्ष प्रदेश कांग्रेस कमेटी एवं पूर्व मंत्री धनेन्द्र साहू, ने केन्द्र सरकार से मांग किया है कि किसानो के साथ जो अन्याय हुआ है एवं छला गया है उसे कम से कम अपने घोषणा के अनुरूप 2500 रूपये क्विंटल देवे।
कोरोना 19 के विषम परिस्थिति में केन्द्र सरकार द्वारा 20 लाख करोड़ की आर्थिक पैकेज की जो घोषणा की गई है वह भी किसानो के लिए निरर्थक है। पूर्व मंत्री एवं विधायक धनेन्द्र साहू ने 20 लाख करोड़ के पैकेज में किसानो को प्रति क्विंटल के हिसाब से 700 रूपये प्रदान करने की मांग की है ताकि किसानो को इस विषम परिस्थिति में सहायता मिल सके।