December 07, 2025
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

    राजनांदगांव / शौर्यपथ / संस्कारधानी में जिस पदमश्री गोविंदराम निर्मलकर के नाम पर ऑडिटोरियम है, बेहद ही आर्थिक तंगी से जूझ रही उनकी पत्नी दुलारी बाई निर्मलकर लॉकडाउन में आभावों के बीच आज दम तोड़ दी। श्रीमती दुलारी बाई निर्मलक कुछ दिनों पूर्व दुर्ग आई थी और लोकमंच से तथा छॉलीवुड से जुड़े एक कलाकार के पास आकर उन्होंने अपनी व्यथा बताई थी कि बाबू,, पद्मश्री परिवार मन बर सरकार कोनो मदद करही का,, कुछु सरकारी योजना होही तो मोला दवाई पानी बर घलो मदद देवा देतेस,और चली गई। क्येांकि वो कुछ दिनों से बीमार चल रही थी, और इसी बीच शनिवार को खबर आई कि उनका निधन हो गया।
पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर भी जब तक जीवित रहे तब तक वे भी बेहद आर्थिक तंगी से जूझते रहे, टूटी फूटी खप्पर वाले मकान जिसको छवाने की बात तो दूर बल्कि दाने दाने के लिए मोहताज थे और आभावों के बीच ही वो भी इस संसार से बिदा हो गये।
आर्थिक तंगी के कारण पदमश्री लौटाने की खबर मिलने पर राज्यपाल ने की थी गोविंदराम की मदद
     ज्ञातव्य हो कि पद्मश्री गोविंदराम निर्मलकर जो देश के प्रसिद्ध नाटयमंच हबीब तनवीर के साथ लंबे समय से जुड़े हुए थे और कला को अपनी जीवन पूरा समर्पित कर दिये थे, श्री निर्मलकर जी का कला के क्षेत्र में बहुत ही अहम योगदान था। गोविंदराम निर्मलर का निधन चार पांच वर्ष पूर्व हो गया था, पदमश्री मिलने के बाद भी वे बेहद आर्थिक तंगी से जुझ रहे थे, आर्थिक तंगी के कारण शासन प्रशासन को कई बार जानकारी देने के बाद भी जब कोई सुनवाई नही हुई तो वे दुर्ग के बहुत पुराने लोककला मंच के कलाकार नकुल महलवार को पास आये और अपनी आर्थिक तंगी के कारण अपना फांके भरी कट रही जिंदगी के बारे बताया और कहा कि बाबू सरकार द्वारा पद्मश्री तो दे दिया गया है लेििकन कलाकारों की कोई वेल्यू सरकार नही कर रही है,कोई सुध नही ले रही है, मैं बहुत दुखी हूं मैं पदमश्री लौटा दूंगा, बताओ इसको कहां कब और कैसे लौटाया जाये, जब इस बात की जानकारी लोककलाकार एवं समाजसेवी नकुल महलवार के माध्यम से एक न्यूज चैनल को मिली और आर्थिक तंगी के कारण पदमश्री लौटाने की बात जब सामने आई तब तत्कालीन राज्यपाल बलराम दास टंडन ने सुध ली ओर पदमश्री गोविंगदराम निर्मलकर को बुलाकर एक लाख रूपये का चेक दिया था।

दुर्ग / शौर्यपथ / कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम  और  नियंत्रण के लिए जारी लाडला में शासन द्वारा  छूट प्रदान करते हुए  मां के प्रत्येक  सप्ताह के शनिवार  और रविवार को पूरे प्रदेश में पूर्ण लाकडाउन रखने का निर्देश दिया गया । जिला प्रशासन एवं निगम आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के निर्देशानुसार आज निगम का स्वास्थ्य विभाग हमला स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता के नेतृत्व में शहर में भ्रमण कर लॉक डाउन में खोलने वाले व्यवसाय की जांच की गई इस दौरान स्टेशन रोड मोहन नगर थाना के पास लक्मे सैलून का दुकान खुला पाया गया ।  सेलून संचालक व्दारा लाकडाउन के नियमों का पालन नहीं करने के कारण आयुक्त के निर्देशानुसार दुकान संचालक से ₹500 जुर्माना काटा, और दोबारा पूर्ण लाकडाउन के अवसर पर दुकान बिलकुल ना खोलें । अन्यथा कड़ी कार्यवाही की जाएगी । 

दुर्ग / शौर्यपथ /  शहर को कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम और नियंत्रण के तहत् संक्रमण से बचाव के अभियान में दुर्ग शहर के सब्जी और फल ठेला दुकानदार भी वारियर्स के रूप में कार्य कर अपना कर्तव्य निभा रहे हैं । वे शहर को गंदगी से बचाने नियमित कचरा गाड़ी को कचरा दे रहे हैं । अपने इस कार्य में वे नगर निगम को पूरा--पूरा सहयोग कर रहे हैं । अपने सब्जी पसरा और फल ठेला से निकलने वाले वेस्ट कचरे को निगम की ई--रिक्शा कचरा गाडियों को देकर शहर को स्वच्छ रखने का कार्य कर रहे है । निगम आयुक्त  बर्मन ने सब्जी और फल दुकानदारों से अपील कर कहा है की वे अपने सब्जी पसरा व फल दुकानों का कचरा बाहर ना फेंके कहीं भी डाल कर गंदगी ना करें यदि कचरा अधिक एकत्र हो जाता है तो उसे स्वास्थ्य विभाग के हमले को सूचित कर कचरा गाड़ी में कचरा देवें । 
      उल्लेखनीय है कि महापौर धीरज बाकलीवाल एवं आयुक्त इंद्रजीत बर्मन के मार्गदर्शन में शहर को कचरा, गंदगी और संक्रमण से बचाव के लिए चिल्लर सब्जी  व्यवसायियों तथा फल दुकानदारों का विकेन्द्रीकृत करते हुये अलग--अलग स्थानों पर व्यवसाय के लिए बैठाया गया है और उन्हें  समझाइश दिया गया है  कि कोई भी  सब्जी और फल दुकानदार  कचरा सड़क और नाली में फेंक कर  जिंदगी नहीं करेंगे  वे अपने दुकान का कचरा  निगम की ईरिक्शा कचरा गाड़ी को ही देंगे । सब्जी, फल वालों को सुराना कालेज के पास, महिला समृद्धि बाजार, शनिचरी बाजार, सिकोला बाजार, नयापारा बाजार में व्यवसाय कर रहे हैं । इसके अलावाशासन व्दारा व्यवसायिक गतिविधियां प्रारंभ कराने के बाद मुख्य बाजार इंदिरा मार्केट क्षेत्र में सब्जी और फल दुकानें लग रही है । इन बाजार क्षेत्रों से कचरा प्रबंधन कर सब्जी और फल  दुकानदार अपने दुकान का कचरा सड़क और नाली में ना फेकते हुये शहर को गंदगी से होने वाले महामारी व संक्रमण  से बचाव के लिए निगम व्दारा दो पालियों में चलाये जा रहे ई--रिक्शा कचरा कलेक्शन गाड़ी दे रहे हैं । इस तरह से दुर्ग के सब्जी और फल ठेला वाले कोरोना वारियर्स के रुप में कार्य कर शहर को संक्रमण से बचा रहे हैं । निगम का ई-रिक्शा कचरा गाड़ी आज  इंदिरा मार्केट सब्जी बाजार एरिया फुल बाजार महिला समृद्धि बाजार सुरानाकॉलेज के सामने पुराना गंज मंडी शनिचरीबाजार गांधीचौक एरिया आदि जगह से सब्जी और फल ठेला लगाने वालों से कचरा एकत्रित किया ।  

   दुर्ग / शौर्यपथ / नेशलन हाइवे टोल नाका दुर्ग में मजदूरो के सेवा के लिए संचालित श्रमिक सेवा केंद्र का यूनिसेफ रायपुर के अधिकारियों ने अवलोकन किया। आपदा प्रबंधन विभाग अधिकारी विवेक वासवानी और सैम ने श्रमिक सेवा केंद्र के द्वारा मजदूरों को उपलब्ध कराए जाने वाले सुविधाओं का बारीकी से निरीक्षण किया और महत्वपूर्ण सुझाव भी दिए। उन्होंने सेवा केंद्र में सेवारत स्वंयसेवक के द्वारा मास्क पहनकर और फिजिकल डिस्टेंश का पालन करते हुए कार्य किये जाने की उन्होंने तारीफ भी किया। नंगे पैर चलने वालों को चप्पल बाटने, गर्मी से बचने ओ आर एस का पैकेट, ग्लूकोस और ग्लूकोस बिस्किट देने का सलाह दिया। कोरोना वारियर्स के रूप में ट्रक व बस ड्राइवर के द्वारा इस आपदा में सेवा देने के लिए में उन्हें उचित सम्मान देने की सलाह दी गई।

      इस अवसर पर उन्होंने लक्ष्मण चंद्राकर, राजेश यादव, राजेन्द्र साहू, क्षितिज चंद्राकर, विशाल देशमुख, नीलेश चौबे, मुकेश चंद्राकर, अजय गोलू गुप्ता, अजय शर्मा, दीपक चावड़ा, गजराज राउत से मजदूरों के हित मे आगामी दिनों में कार्य करने और उन्हें सुविधाए उपलब्ध कराने पर चर्चा किए। मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा और मीडिया सलाहकार रुचिर गर्ग ने भी श्रमिक सेवा केंद्र का अवलोकन किया। जिला पंचायत अध्यक्ष शालिनी यादव ने सेवा केंद्र में अपनी सेवा दी। आज लगभग पंद्रह हजार पैकेट इस केंद्र से मजदूरों को बांटने का लक्ष्य रखा गया है। गुरुद्वारा श्री गुरु सिंह सभा दुर्ग के द्वारा पंद्रह सौ भोजन का पैकेट इस केंद्र से वितरित किया गया। अवसर पर प्रदीप चौबे, प्रतिमा चंद्राकर, आर एन वर्मा, निर्मल कोसरे, रिवेंद्र यादव, कृष्णा देवांगन, भूपेश वर्मा,  निखिल खिचरिया, राजा विक्रम बघेल, सन्नी साहू, सुजीत बघेल, एकांत चंद्रकार, अयूब खान, एम पी गोयल, आशीष चंद्राकर, विमल यादव, अनिल जैन, सुरेंद्र राजपूत, असगर अली, चंद्र मोहन गभने, राम जोशी, विकास यादव, प्रकाश भारजद्वाज, ज्ञानेश्वर ताम्रकार, राकेश साहू, मयंक यादव, कृष्णकांत अग्रवाल, रविन्द्र साहू, राजू जैन, राकेश ठाकुर, विजेश बर्बे, वी एस राव, कमलेश चंद्राकर, अभिषेक शर्मा, अरविंदर खन्ना, रमनजीत, हरविंदर, राजपाल, बंटी, गुरविंदर सिंह आदि ने अपनी सेवाएं प्रदान किया।

राजनांदगांव / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बागनदी बार्डर पर आकस्मिक एवं अनपेक्षित रूप से अन्य राज्यों से श्रमिकों को आवाजाही बढऩे पर श्रमिकों को उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने छत्तीसगढ़ राज्य सीमा के अंदर प्रवेश करने वाले प्रत्येक श्रमिक चाहे वह राज्य का निवासी हो या नहीं परिवहन, भोजन की व्यवस्था करने के निर्देश दिए हैं।  कलेक्टर मौर्य ने आज बागनदी चेक पोस्ट में लगी हुई बसों का निरीक्षण किया। इस अवसर पर उनके साथ मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार  विनोद वर्मा एवं  रूचिर गर्ग उपस्थित थे। चेक पोस्ट में श्रमिकों को पानी एवं सूखा भोजन दिया जा रहा है और उनके स्वास्थ्य परीक्षण के लिए काउंटर बनाया गया है। पुलिस सहायता केन्द्र में उन्हें मदद दी जा रही है। अन्य राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को उनके राज्य तक एवं छत्तीसगढ़ के श्रमिकों को उनके जिलों तक पहुंचाने के लिए लगभग 100 बसे लगी हुई है। 
  राष्ट्रीय राजमार्ग क्रमांक 53 में स्थित बागनदी बार्डर में प्रतिदिन लगभग 10 से 15 हजार श्रमिक सीमा में प्रवेश कर रहे है। महाराष्ट्र, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, गुजरात, मध्यप्रदेश से आने वाले यात्री लगातार आ रहे है। महाराष्ट्र एवं गुजरात परिवहन विभाग की बसों एवं उन राज्यों से आने वाले ट्रकों के माध्यम से बढ़ी संख्या में यात्रियों को बागनदी चेक पोस्ट के समीप उतार दिया जाता है। जिससे बागनदी चेक पोस्ट पर हजारों लोगों की भीड़ एकत्र हो रही है। सीमा पर आने वाले यात्री छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार, ओडि़सा, पश्चिम बंगाल के निवासी है।
   यात्रियों के लिए उनके गंतव्य स्थल तक पहुंचाने के लिए बस रूट चार्ट बनाया गया है। जिसके अनुसार बागनदी से बलरामपुर बार्डर रूट में सरगुजा, बलरामपुर तथा पश्चिमी झारखंड जिले के निवासी जाएंगे। बागनदी से लोदाम बार्डर रूट से होते हुए जशपुर तथा पूर्वी झारखंड जिले के निवासी  जाएंगे। बागनदी से सराईपाली बार्डर रूट से होते हुए ओडि़सा, रायगढ़, महासमुंद के निवासी तथा बागनदी से रायपुर जोन के लिए गरियाबंद एवं रायपुर के निवासी, बागनदी से बिलासपुर जोन के लिए मुंगेली, पेंड्रा एवं बिलासपुर के निवासी जाएंगे। बागनदी से बलौदाबाजार रूट से होते हुए बलौदाबाजार के निवासी जाएंगे। बागनदी से जांजगीर की रूट में जांजगीर एवं कोरबा के निवासी, रैन बसेरा राजनांदगांव से कवर्धा, बेमेतरा एवं बालोद के निवासी, रैन बसेरा से कांकेर जोन के रूट में धमतरी, कांकेर, कोण्डागांव, नारायणपुर, जगदलपुर के निवासी जाएंगे। 
     झारखंड तथा बिहार के प्रवासी बलरामपुर बार्डर तक जाएंगे। बिहार जाने वाले सभी यात्री बलरामपुर बार्डर जाएंगे इसके अलावा झारखंड के गड़वा, पलामू, लातेहार, चतरा, हजारी बाग एवं कोडरमा जिले के यात्री भी बलरामपुर बार्डर जाएंगे। झारखंड के प्रवासी लोदाम सीमा तक जाएंगे। ऊपर लिखे जिलों को छोड़कर झारखंड राज्य के शेष यात्री लोदाम बार्डर जाएंगे। बिहार का कोई यात्री लोदाम बार्डर नहीं जाएगा।
    बस से रायपुर जाने वाले श्रमिक  ओमप्रकाश पटेल ने मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल को धन्यवाद देते हुए कहा कि आज हम राहत महसूस कर रहे है और अब अपने घर रायपुर जा रहे है। सपरिवार रोजी-मजदूरी के लिए पुणे चले गए थे और वहां कोरोना वायरस की वजह से लगे लॉकडाउन में फंस गए थे। पुणे से आ रहे श्री गेंदराम वर्मा ने बताया कि वे कमाने-खाने के लिए पूना गए थे और वहां लॉकडाउन में फंस गए थे। छत्तीसगढ़ शासन की मदद से वे अब अपने घर ओडि़सा भवानीपटना चले जाएंगे। श्री जोगिंदर ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए बताया कि नागपुर से आए है और अब बस से रायपुर के लिए रवाना हो जाएंगे। 

राजनांदगांव / शौर्यपथ / कलेक्टर  जयप्रकाश मौर्य के निर्देशानुसार जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. अरविन्द मरावी ने 18 से 31 मई 2020 तक जिले के विभिन्न आयुर्वेद चिकित्सकों की ड्यूटी बागनदी चेक पोस्ट पर लगाई है। चिकित्सकों द्वारा बागनदी चेक पोस्ट में कोरोना वायरस के रोकथाम एवं स्क्रीनिंग का कार्य किया जाएगा। इस संबंध में जारी आदेश के अनुसार 18, 23 एवं 28 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. हर्षा दुबे, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. हर्षा चौरसिया तथा रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. तपेश्वर सिंह की ड्यूटी लगाई गई है। 19, 24 एवं 29 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. आरती कावले, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. योगेश्वरी ठाकुर, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. हरीशशरण साहू की ड्यूटी लगाई गई है।
    इसी तरह 20, 25 एवं 30 मई 2020 को प्रात:8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. प्रज्ञा सक्सेना, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. अन्नपूर्णा मिश्रा, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. सुरेन्द्र कुमार मेश्राम एवं 21, 26 एवं 31 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ: हर्षा बरैया, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. यामिनी शर्मा, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. नरोत्तम राम नेताम तथा 22 एवं 27 मई 2020 को प्रात: 8 बजे से दोपहर 2 बजे तक डॉ. वैशाली महाकालकर, दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे तक डॉ. रूबिना शाहिन अंसारी, रात्रि 8 बजे से प्रात: 8 बजे तक डॉ. दिनेश कुमार सोनी की ड्यटी लगाई गई है।

*टाटीबंध चौक और रेलवे स्टेशन में मज़दूरों से मिलकर जाना उनका हाल

मजदूरों की हर संभव सहायता करने अधिकारियों को निर्देश

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री  भूपेश बघेल के निर्देशानुसार  कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए शनिवार और रविवार को पूर्ण लॉक डाउन का निर्णय लिया गया है। राजधानी रायपुर में कानून व्यवस्था का जायजा लेने  गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने आज प्रमुख चौक चौराहों का निरीक्षण किया। उनके साथ वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री आरिफ शेख भी मौजूद थे। गृहमंत्री श्री साहू ने टाटीबंध चौक और रेलवे स्टेशन पर दूसरे राज्यों के छत्तीसगढ़ में फंसे मज़दूरों से उनका हाल चाल जाना और उनके किए गए व्यवस्था के बारे में  जानाकरी ली।  झारखंड और उत्तर प्रदेश के मज़दूरों ने बताया कि यहाँ की व्यवस्था ठीक है। हमारे लिए  खाने-पीने आदि की व्यवस्था की गई  है। मजदूरों ने बताया कि उन्हें उनके गृह राज्य भेजने की व्यवस्था की जा रही है। 

   मंत्री  साहू ने पुलिस और जिला प्रशासन के अधिकारियों से कहा कि दूसरे राज्य के मजदूर हमारे मेहमान हैं। उन्होंने ने मजदूरों की हर सम्भव मदद करने   अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। गृह मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री के मंशा के अनुरूप कोई भी मज़दूर को परेशानी न हो। सभी के लिए उचित व्यवस्था करने का आदेश है विभिन्न विभागों के अधिकारियों को दिया गया है। इसीलिए आज मज़दूरों का हाल चाल जानने आया था। श्री साहू ने  और मज़दूरों से बात की और उसके लिए की गई  व्यवस्था से संतुष्ट हुवे। गृहमंत्री ने चौक चौराहों में सुरक्षा व्यवस्था में लगे जवानों से भी बात की और उनकी समस्याओं के बारे में भी पूछ की। उन्होंने ड्यूटी में तैनात जवानों का हौसला अफजाई किया।

    रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ में व्यापक स्तर पर शुरू किए गए मनरेगा कार्यों से ग्रामीण श्रमिक राहत में हैं। लॉक-डाउन के मौजूदा दौर में इसने न केवल उनकी रोजगार की चिंता दूर की है, बल्कि विपरीत परिस्थितियों में परिवार के भरण-पोषण के लिए आर्थिक संबल भी प्रदान किया है। सामुदायिक और व्यक्तिमूलक आजीवन संवर्धन के कार्यों के तहत जल संरक्षण, कृषि, उद्यानिकी और पशुपालन को मजबूत करने विविध परिसंपत्तियों का निर्माण किया जा रहा है। इन कार्यों में अभी सीधे रोजगार के साथ ही मनरेगा के तहत निर्मित हो रही परिसंपत्तियों से भविष्य में जीविकोपार्जन के बेहतर संसाधन मिलेंगे।
बस्तर जिले में भी मनरेगा कार्य जोरों पर है। वहां संचालित विभिन्न कार्यों में अभी 31 हजार 397 श्रमिक काम कर रहे हैं। कार्यस्थलों पर सवेरे पांच बजे से ही श्रमिकों की चहल-पहल शुरू हो जाती है। सुबह पांच से आठ बजे के बीच ये अपने-अपने हिस्से का काम खत्म कर धूप तेज होने के पहले ही घर लौट आते हैं। कोविड-19 से बचाव के लिए मजदूर मुंह ढंकने के लिए मास्क या गमछा का इस्तेमाल कर रहे हैं। परस्पर शारीरिक दूरी बनाए रखने के दिशा-निर्देशों के पालन के साथ ही सभी कार्यस्थलों पर साबुन से हाथ धुलाई की व्यवस्था की गई है।
बस्तर जिले में करीब छह हजार प्रवासी मजदूरों की घर वापसी की संभावना है। इनकी क्वारेंटाइन अवधि पूरी होने के बाद काम की मांग करने वालों को भी तत्काल रोजगार उपलब्ध कराने की तैयारी है। जिनके पास मनरेगा जॉब-कॉर्ड नहीं हैं, उनके नए जॉब-कॉर्ड बनाए जाएंगे। चालू वित्तीय वर्ष 2020-21 में बस्तर जिले में मनरेगा के लिए 94 करोड़ रूपए का लेबर बजट प्रावधानित है। पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में वहां मनरेगा कार्यों में 61 करोड़ रूपए से अधिक की राशि खर्च की गई है।

 

    मनरेगा के तहत गांवों में जल संरक्षण और आजीविका संवर्धन के कार्य प्राथमिकता से स्वीकृत किए जा रहे हैं। सभी विकासखण्डों में निजी डबरी, कुआं, भूमि सुधार, मेढ़ बंधान, तालाब निर्माण, पशु शेड निर्माण, गौठान निर्माण, चारागाह निर्माण, शासकीय भूमि पर वृक्षारोपण, व्यक्तिमूलक फलदार वृक्षारोपण, आंगनबाड़ी भवन निर्माण, हितग्राहियों के लिए बकरी शेड, मुर्गी शेड, महिला समूह के माध्यम से नर्सरी में पौध निर्माण, सिंचाई के लिए नाली निर्माण, गांव से जल निकास के लिए नाली निर्माण, बोल्डर डेम, चेक डेम, गेबियन निर्माण तथा महिला समूह के लिए वर्क-शेड निर्माण जैसे काम कराए जा रहे हैं।

   रायपुर / शौर्यपथ / ‘पढ़ई तुंहर दुआर’ कार्यक्रम की सफलता को देखते हुए अब इसमें कोई संदेह नहीं कि यह कार्यक्रम भविष्य में शिक्षा का सशक्त माध्यम बनेगा। इस कार्यक्रम ने कोरोना संक्रमण जैसी संकटपूर्ण और लॉकडाउन की स्थिति में विद्यार्थियों को बेहद सहज तरीके से घर बैठे अध्ययन-अध्यापन की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ ही उनके सर्वांगीण विकास में भी मददगार साबित हुआ है। पढ़ाई के साथ-साथ बच्चों को इस पोर्टल के माध्यम से अपनी कला एवं रूचि को संवारने का अवसर मिला है। छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा संचालित ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ‘पढ़ई तुहर दुआर’ कार्यक्रम के तहत राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एससीईआरटी) में संचालित भूगोल, सामाजिक विज्ञान, गणित की ऑनलाइन कक्षाओं में 3242 छात्र छात्राएं सम्मिलित हुए।
कक्षा 10वीं के सामाजिक विज्ञान विषय की ऑनलाइन पढ़ाई के दौरान एससीईआरटी के संचालक श्री जीतेन्द्र कुमार शुक्ला ने कक्षा से जुड़े छात्र-छात्राओं के साथ ऑनलाइन शिक्षा पोर्टल ‘पढ़ई तुहर दुआर’ कार्यक्रम व ऑनलाइन कक्षा के अनुभव के बारे में चर्चा की। उपस्थित छात्र-छात्राआंे ने इसे एक नया रोचक अनुभव बताया।
आज वैश्विक बीमारी के चलते स्कूली बच्चों की पढ़ाई पर भी अब असर दिखने लगा है, क्योंकि ग्रीष्मकालीन पाठ्यक्रम प्रारंभ करने का समय निकल चुका है और आने वाले सत्र की तैयारी शुरू नहीं हो पा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा बच्चों की पढ़ाई की रूकावट को दूर करने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। यूं तो बहुत से ऑनलाइन शिक्षा के कार्यक्रम अनेक सोशल मीडिया साइट पर उपलब्ध हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ के पाठ्यक्रम अनुसार ऑनलाइन शिक्षा उपलब्ध होना एक अभिनव पहल है। जिसके अंतर्गत एक वेब पोर्टल का निर्माण किया गया है। जिसमें बच्चे अपनी कक्षा के विषयों का चयन कर उसका घर बैठे आसानी से अध्ययन कर रहे हैं।
‘पढ़ई तुहर दुआर’ के इस पोर्टल का विधिवत उद्घाटन मुख्यमंत्री बघेल द्वारा विगत माह 7 अप्रैल को किया गया था। आज एक माह बाद ही इसकी सफलता का आंकड़ा 27 करोड़ पेज व्यूव छू चुका है। जिसमें लगभग 20 लाख विद्यार्थी पंजीयन करवाकर एक लाख 70 हजार से अधिक शिक्षकों से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं। इस ऑनलाइन शिक्षा का लाभ सरकारी स्कूल और प्राइवेट स्कूल दोनों ही के छात्र ले रहे हैं। ‘पढ़ई तुहर दुआर’ का यह पोर्टल सीजीस्कूलडॉटइन पर उपलब्ध है। छात्र इस साइट के द्वारा अपनी सुविधानुसार मोबाइल लैपटॉप या टैब पर पढ़ाई कर रहे हैं। इस वेब पोर्टल पर ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन आकर्षक तरीके से किया जा रहा है जिसमें छात्र अपनी कक्षा और विषय चयनित कर उस ऑनलाइन कक्षा से जुड़ते हैं और शिक्षकों के साथ परस्पर संवाद भी करते है एक तरह से वास्तविक कक्षा का स्वरूप है।
जिस तरह वास्तविक कक्षाओं में बच्चों को होमवर्क दिया जाता हैं, उसी तरह से इसमें भी होमवर्क दिया जाता है। जिसे बच्चे पीडीएफ फॉर्मेट में अपना होमवर्क पोर्टल पर अपलोड कर लेते हैं और शिक्षक उसे जाँच कर फीडबैक देते है। बिना किसी खर्च के तैयार की गई ये बेबसाइट बच्चों को भी निःशुल्क उपलब्ध हैं।

रायपुर / शौर्यपथ / राज्यपाल सुश्री अनुसुईया उइके ने कोविड-19 के बचाव में एनसीसी कैडेट्स द्वारा किए जा रहे सहयोग की सराहना की है। उन्होंने कहा है कि इस समय देश-प्रदेश कोरोना संकट का सामना कर रहा है। इन परिस्थितियों में एनसीसी कैडेट्स द्वारा लोगों को इस बीमारी के प्रति जागरूक किया जा रहा है। आम लोगों को सोशल डिस्टेसिंग का पालन कराया जा रहा है। उनके द्वारा यातायात व्यवस्था संभालने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जा रही है।
राज्यपाल ने कहा कि एनसीसी युवाओं में राष्ट्रभक्ति का भाव पैदा करता है तथा उन्हें संकटापन्न स्थितियों का सामना करने के लिए प्रशिक्षण भी देता है। ऐसा प्रशिक्षण का ही प्रभाव है कि आज एनसीसी कैडेट्स अंतर्राष्ट्रीय आपदा के समय कंधा से कंधा मिलाकर कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अभी कोरोना से लंबी लड़ाई लड़ना है। एनसीसी कैडेट्स अपना स्वयं का ध्यान रखें और आम जनता को कोरोना के प्रति जागरूक करें।

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