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गणतंत्र दिवस के परेड में आकर्षण का केंद्र बनी छत्तीसगढ़ की झांकी
फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने भी उत्सुकता से निहारा, तालियां बजाई
राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री सहित केंद्रीय मंत्रियों ने भी किया उत्साहवर्धन
नई दिल्ली / शौर्यपथ / आज 75वें गणतंत्र दिवस के मौके पर नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बस्तर की आदिम जनसंसद विषय पर केंद्रित छत्तीसगढ़ की झांकी ने लोगों का मन मोह लिया। मुख्य अतिथि फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने उत्सुकता के साथ झांकी का अवलोकन किया। देश की राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और अन्य विशिष्ट अतिथियों ने तालियां बजाकर उत्साहवर्धन किया। झांकी में जगदलपुर के मुरिया दरबार और बड़े डोंगर के लिमऊ राजा को मुख्य रूप से प्रदर्शित किया गया था।
कर्तव्य पथ पर राज्यों की झांकियों की परेड में छत्तीसगढ़ की झांकी छठवें क्रम पर थी। उद्घोषणा में जनजातीय समाज मे आदिम काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और विषय वस्तु की प्राचीनता के बारे में जब बताया गया तो दर्शकों का कौतुहल बढ़ गया। उन्होंने तालियां बजाकर सराहना की। झांकी के समक्ष छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों ने मांदर की थाप और बांसुरी की धुन पर परब नृत्य का प्रदर्शन किया।
छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम 'भारत लोकतंत्र की जननी' पर आधारित है। 'बस्तर की आदिम जनसंसद मुरिया दरबार' विषय पर बनी झांकी में जनजातीय समाज के सांस्कृतिक सौंदर्य और कलाधर्मिता को भी दर्शाया गया था।
मुरिया दरबार विश्व-प्रसिद्ध बस्तर दशहरे की एक परंपरा है, जो 600 सालों से निरंतर जारी है। कोंडागांव जिले के बड़े-डोंगर के लिमऊ-राजा नामक स्थान पर भी आदिम लोकतांत्रिक चेतना के प्रमाण मिलते हैं। इस स्थान से जुड़ी लोककथा के अनुसार आदिम-काल में जब कोई राजा नहीं था, तब आदिम-समाज एक नीबू को राजा का प्रतीक मानकर आपस में ही निर्णय ले लिया करता था।
साभार -जनसंपर्क विभाग रायपुर
• राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री सहित दर्शक-दीर्घा में अनेक विशिष्ट-जन होंगे उपस्थित
• मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता और सुंदरता को दुनिया के सामने लाने का महत्वपूर्ण अवसर
रायपुर / शौर्यपथ / अपने अनूठे विषय को लेकर राष्ट्रीय स्तर पर चर्चित हो रही छत्तीसगढ़ की झांकी "बस्तर की आदिम जनसंसद : मुरिया दरबार" कल 26 जनवरी को नई दिल्ली के कर्तव्य पथ पर गणतंत्र दिवस की परेड में प्रदर्शित होगी। राष्ट्रपति श्रीमती द्रौपदी मुर्मु, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित देश के शीर्षस्थ लोगों, विशिष्ट अतिथियों तथा आम-नागरिकों की दर्शक-दीर्घा में उपस्थिति होगी। अनेक देशों के अतिथिगण भी गणतंत्र-दिवस की परेड में आमंत्रित होते हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति की विशिष्टता और सुंदरता को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का यह महत्वपूर्ण अवसर होगा।
देश के 28 राज्यों के बीच कड़ी प्रतियोगिता के बाद छत्तीसगढ़ की झांकी को इस साल नई दिल्ली में होने वाली गणतंत्र-दिवस परेड में प्रदर्शन के लिए चुना गया है। परेड के लिए स्पर्धा में शामिल 28 में से 16 राज्यों की झांकियों का चयन किया गया है। झांकी का रोचक विषय और डिजाइन रक्षा मंत्रालय की विशेषज्ञ समिति को रिझाने में कामयाब रहा। छत्तीसगढ़ की झांकी भारत सरकार की थीम 'भारत लोकतंत्र की जननी' पर आधारित है। यह झांकी जनजातीय समाज में आदि-काल से उपस्थित लोकतांत्रिक चेतना और परंपराओं को दर्शाती है, जो आजादी के 75 साल बाद भी राज्य के बस्तर संभाग में जीवंत और प्रचलित है। इस झांकी में केंद्रीय विषय "आदिम जन-संसद" के अंतर्गत जगदलपुर के "मुरिया दरबार" और कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर में स्थित "लिमऊ-राजा" को दर्शाया गया है।
हाल ही में नई-दिल्ली की रंगशाला में प्रेस-रिव्यू के दौरान प्रदेश की झांकी ने नेशनल-मीडिया से जमकर तारीफें बटोरी हैं।
भोपाल में आयोजित राज्य खनन मंत्री सम्मेलन में केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री ने दिया अवार्ड
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने खनिज विभाग के अधिकारियों को दी बधाई और शुभकामनाएं
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ राज्य को गैर कोयला मुख्य खनिज ब्लॉकों की नीलामी के लिए एक और राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है। केन्द्रीय कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आयोजित राज्य खनन मंत्री सम्मेलन में गैर कोयला मुख्य खनिज ब्लॉकों की सफलतापूर्वक नीलामी के लिए छत्तीसगढ़ को देशभर में द्वितीय बेस्ट परफॉर्मेंस अवार्ड से नवाजा है। यह पुरस्कार भारत सरकार के खनन मंत्रालय द्वारा दिया गया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए खनिज विभाग के सभी अधिकारियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में भोपाल में आयोजित राज्य स्तरीय खनन मंत्री सम्मेलन में केन्द्रीय मंत्री प्रहलाद जोशी से छत्तीसगढ़ राज्य की ओर से अनुराग दीवान, संयुक्त संचालक (खनिज प्रशासन) एवं इंचार्ज ऑक्शन तथा संजय कनकने संयुक्त संचालक (भौमिकी) द्वारा अवार्ड प्राप्त किया गया।
गौरतलब है कि प्रदेश में वर्ष 2015 उपरांत राज्य में ईऑक्शन के माध्यम से कुल 35 आबंटित गैर कोयला मुख्य खनिज ब्लॉकों में से 20 खनिज ब्लॉकों का आबंटन वर्ष 2022-23 में किया गया है। इनमें 02 चूनापत्थर, 09 लौह अयस्क, 05 बाक्साइट ब्लॉक्स एवं 02 निकल-क्रोमियम-प्लेटिनम-गु्रप ऑफ एलीमेंट एवं 02 ग्रेफाइट खनिज सहित कुल 20 ब्लॉक्स का ई-ऑक्शन के माध्यम से खनिज पट्टा-कांपोजिट लायसेंस आबंटन किया गया। प्रदेश में बहुमूल्य एवं सामरिक महत्व के खनिजों के अन्वेषण एवं दोहन सुनिश्चित कराने के उद्देेश्य से सितंबर, 2022 में राष्ट्रीय स्तर का स्टेकहोल्डर्स कॉन्फ्रेंस कराया गया था।
खनिज अधिकारियों ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य निकल-क्रोमियम-प्लेटिनम-गु्रप ऑफ एलीमेंट खनिज ब्लॉक का आंबटन करने वाला देश का पहला राज्य है। इसी प्रकार राज्य में प्रथम बार लौह अयस्क, बॉक्साइड एवं ग्रेफाईट ब्लॉक्स का आबंटन भी सफलतापूर्वक किया गया है। उन्होंने बताया कि 20 खनिज ब्लॉकों के सफल आबंटन से रायल्टी, डीएमएफ, एनएमईटी, पर्यावरण एवं अधोसंरचना उपकर के अतिरिक्त लगभग 43,700 करोड़ रूपए की आय बतौर प्रीमियम राज्य को होगी।
राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता का नागपुर में किया उद्घाटन
रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि एकल अभियान ने देश के आदिवासी क्षेत्र में बड़ा योगदान दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेलो इंडिया के जरिए ग्रामीण इलाकों में हुनर को आगे लाने का काम किया। शिक्षा के साथ-साथ खेल भी महत्वपूर्ण हैं और खेलों के माध्यम से खुशी, संस्कृति और दोस्ती का संगम होता है। मुख्यमंत्री साय आज नागपुर के राष्ट्रसंत तुकडोजी महाराज विश्वविद्यालय, लॉ कॉलेज स्टेडियम में आयोजित एकल अभियान राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिता के उद्घाटन समारोह को सम्बोधित कर रहे थे। प्रतियोगिता में देशभर से 1200 से अधिक एथलीटों ने हिस्सा लिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कार्यक्रम में कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने अनुसूचित जनजाति वर्ग के विकास के लिए विशेष ध्यान दिया है। उन्होंने सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को ध्येय वाक्य मानकर सबके विकास का काम कर रहे हैं। प्रधानमंत्री जनमन योजना 15 नवम्बर 2023 से देश में संचालित है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजाति के लोग हैं, उन्हें राष्ट्रपति का दत्तक पुत्र भी कहा जाता है, जो विकास की दृष्टि से और भी पीछे हैं इनके लिए अलग से प्रधानमंत्री जनमन अभियान प्रधानमंत्री ने शुरू की है। इसमें सैकड़ों अनुसूचित जनजाति के लोग विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजाति में आते हैं। तीन वर्षों में इनके विकास के लिए योजना तैयार की गई है। प्रधानमंत्री ने यह योजना 23 नवम्बर 2023 से प्रारंभ की। इसमें 11 योजनाओं पर फोकस करते हुए इसकी जिम्मेदारी भारत सरकार के 9 मंत्रालयों को दी गई है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री का संकल्प है कि इन वर्गों की जहां भी बसाहट है सबसे पहले उनकी बसाहट आवागमन से जुड़ जाए। सबका आधार कार्ड बने, सभी के घरों में बिजली पहुंचे, जल जीवन मिशन के अंतर्गत नल के द्वारा पानी पहुंचे, सबके पास गैस का सिलेण्डर उपलब्ध हो, सबका प्रधानमंत्री आवास में मकान बन जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन सभी 11 योजनाओं का परिणाम बहुत अच्छा देखने को मिला है। आने वाले समय में विशेष पिछड़ी अनुसूचित जनजाति के लोगों का बहुत विकास होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश के राष्ट्रपति का सर्वोच्च पद पर श्रीमती द्रौपदी मुर्मु को नियुक्त कर आदिवासी समाज का गौरव बढ़ाया है। पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने छत्तीसगढ़ राज्य का निर्माण किया। उनकी सोच के अनुसार छोटा राज्य निर्माण से प्रदेश का तेजी से विकास हो रहा है।
इससे पहले अतिथियों ने भारत माता की प्रतिमा का पूजन किया। विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी ने खिलाड़ियों को शपथ दिलाई। विशेष अतिथि श्री विशाल अग्रवाल ने खेल मशाल स्थापित कर खेल ध्वज फहराया। इस मौके पर उपस्थित सभी गणमान्य लोगों ने खिलाड़ियों को बधाई दी।
एकल अभियान के राष्ट्रीय संगठन प्रभारी श्री माधवेंद्र सिंह ने कहा, एकल अभियान के माध्यम से ग्रामीण वनवासी बच्चों को आगे लाने का काम किया जा रहा है। विश्वास है कि भारत भविष्य में विश्व का नेतृत्व करेगा। एकल अभियान ग्रामीण क्षेत्रों में आदिवासी बच्चों को शिक्षित करने का काम कर रहा है। इसकी शुरुआत झारखंड राज्य के धनबाद से हुई। आज इसने विशाल स्वरूप ले लिया है और के 31 प्रदेशों में कार्य पहुंच चुका है। कार्यक्रम को कार्यक्रम के अध्यक्ष एमईसीएल के सीएमडी श्री इंद्र देव नारायण और विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. सुभाष चौधरी ने भी सम्बोधित किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने उपस्थित सभी खिलाड़ियों से व्यक्तिगत रूप से मुलाकात की और उन्हें शुभकामनाएं दीं। प्रतियोगिता में पूर्वी उत्तर पूर्व, पश्चिम उत्तर पूर्व, दक्षिण उत्तर पूर्व, बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तरी झारखंड, दक्षिणी झारखंड, उत्तरी बिहार, दक्षिणी बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, दक्षिणी उत्तर प्रदेश, मध्य उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, ब्रज मंडल, पंजाब, उत्तरी हिमाचल, दक्षिणी हिमाचल, जम्मू, कश्यप, राजस्थान, मध्य भारत, महाकौशल्या, गुजरात, महाराष्ट्र, दक्षिणी तेलंगाना, उत्तरी तेलंगाना, आंध्र, कर्नाटक आदि विभाग के खिलाड़ियों ने भाग लिया है।
रायपुर/नई दिल्ली / शौर्यपथ / भारत के उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ ने कहा है कि आदिवासी हमारे देश की शान हैं। उप राष्ट्रपति ने अपने निवास पर छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश से आए आदिवासी छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा “मैं आपको यही कहूंगा कि आप इस देश के मालिक हैं। आप जमीन से जितना जुड़े हुए हैं और कोई वर्ग नहीं जुड़ा हुआ है’’।
छत्तीसगढ़ के आदिवासी बहुल बीजापुर, सुकमा, बस्तर, दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर और राजनांदगांव जिले के 140 आदिवासी छात्र-छात्राएं और मध्य प्रदेश के बालाघाट जिले के 60 छात्र-छात्राएं आज उप राष्ट्रपति से ‘जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम’ के तहत उप राष्ट्रपति के निवास पर उनसे मुलाकात के लिए पहुंचे थे। इस वर्ष देश भर के 25 प्रमुख शहरों में ‘जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम’ कार्यक्रम आयोजित हो रहे हैं। प्रत्येक कार्यक्रम में 200 प्रतिभागी होते हैं। गुरुग्राम (हरियाणा) में भी एक कार्यक्रम 15 से 21 जनवरी, 2024 तक हो रहा है। इस कार्यक्रम में भाग ले रहे छात्र-छात्राएं आज उप राष्ट्रपति से मिले। छत्तीसगढ़-मध्य प्रदेश के आदिवासी छात्र-छात्राओं ने ‘जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम’ के तहत संसद का भ्रमण भी किया।
गौरतलब है कि गृह मंत्रालय द्वारा पिछले 15 वर्षों से जनजातीय युवा एक्सचेंज कार्यक्रम (TYEP) का संचालन युवा मामले एवं खेल मंत्रालय के नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) के माध्यम से किया जा रहा है। इस कार्यक्रम में दूर-दराज के व उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों के जनजातीय युवक-युवतियों को देश भर के प्रमुख शहरों में भ्रमण पर ले कर जाते हैं। इस कार्यक्रम के उद्देेश्य प्रमुखतः आदिवासी युवाओं की आकांक्षा (Aspiration) बढ़ाना, उन्हें देश की विकास गतिविधियों, योजनाओं व रोजगार के अवसरों से अवगत कराना और देश के दूसरे भागों के युवाओं से मिलवाना है।
उपराष्ट्रपति ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि 2024 की शुरुआत मेरे लिए, राज्यसभा परिवार के लिए और उपराष्ट्रपति के परिवार के लिए बहुत ही सौभाग्यशाली रहेगी क्योंकि आपके कदम यहां पड़ चुके हैं। श्री धनखड़ ने कहा कि जनजाति की ताकत, इनके महत्व और प्रतिभा को समझना है तो राष्ट्रपति भवन चले जाइए। जनजाति वर्ग की श्रीमती द्रौपदी मुर्मु भारत की राष्ट्रपति हैं। भारत आज दुनिया का सबसे बड़ा और जीवंत लोकतंत्र है, जो तेजी से प्रगति की राह पर आगे बढ़ रहा है। श्री धनखड़ ने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा की स्मृति में जनजातीय गौरव दिवस मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि आज भारत अमृत काल में है। दुनिया हमारी प्रगति को देखकर आश्चर्यचकित है। उपराष्ट्रपति ने उपस्थित छात्र-छात्राओं से कहा कि आपके सबल कंधों पर विकसित भारत के निर्माण का दायित्व है। उन्होंने सभी छात्रों को नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं दी।
*भारत सरकार ने दी छत्तीसगढ़ में 7 नए खेलो इंडिया सेंटर्स की स्वीकृति*
*अब राज्य के 31 जिलों में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था हुई सुनिश्चित*
*खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर को धन्यवाद ज्ञापित किया*
रायपुर । शौर्यपथ। आज केंद्रीय खेल मंत्री अनुराग ठाकुर ने 7 नए खेलो इंडिया सेंटर्स की स्वीकृति दी। खेल मंत्री टंकराम वर्मा ने इस पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए केंद्रीय खेल मंत्री को धन्यवाद ज्ञापित किया। खेल सचिव हिमशिखर गुप्ता ने इस अवसर पर हर्ष व्यक्त किया।
खेल संचालक श्रीमती श्वेता श्रीवास्तव सिन्हा ने बताया कि खेल संचालनालय के प्रस्ताव पर पूर्व में 24 जिलों में विभिन्न खेल विधाओं के 24 खेलो इंडिया सेंटर्स की स्वीकृति प्राप्त हुई थी, जिसका क्रियान्वयन किया जा रहा है।
इसी क्रम में आज जिला कोंडागांव में तीरंदाजी, सारंगढ़-बिलाईगढ़ में फुटबॉल, गौरेला पेंड्रा मरवाही में कबड्डी, सक्ती में फुटबॉल, कबीरधाम में कबड्डी, कोरिया में बैडमिंटन और मनेंद्रगढ़ भरतपुर-चिरमिरी जिले में कबड्डी खेल की खेलो इंडिया सेंटर्स की स्वीकृति भारत सरकार से प्राप्त हुई है। इस प्रकार अब राज्य के 31 जिलों में खिलाड़ियों के प्रशिक्षण की व्यवस्था सुनिश्चित की जा चुकी है। राज्य के खिलाड़ियों के लिए प्रशिक्षण की अधिक सुविधा मिलेगी, राज्य के खिलाड़ियों के लिए यह कदम मील का पत्थर साबित होगा।
भोपाल । शौर्यपथ। अंग्रेजी कलेंडर वर्ष 2024 में एम पी पुलिस में कई बदलाव होंगे । इस बदलाव का प्रमुख कारण वरिष्ठ अधिकारियों की सेवा निवृत्ति है । 2024 में मध्य प्रदेश में कई बदलाव देखने को मिलेंगे। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) सुधीर कुमार सक्सेना, चार एडीजी, एक आईजी और तीन डीआईजी सेवानिवृत होंगे। एडीजी पीटीआरआई जी. जनार्दन रिटायर होंगे। राजेश चावला के बाद विजय कटारिया बनेंगे स्पेशल डीजी। पुरुषोत्तम शर्मा रिटायर होंगे और उनकी जगह अनुराधा शंकर को स्पेशल डीजी बनाया जाएगा।
पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना 30 नवंबर को रिटायर्ड होंगे। स्पेशल डीजे पुरुषोत्तम शर्मा 30 अप्रैल को रिटायर होंगे। डीजी जेल राजेश चावला 29 फरवरी को रिटायर हो रहे हैं। स्पे. डीजी शिकायत अशोक अवस्थी 30 जून, संजय झा 31 जुलाई, संचालक अभियोजन सुषमा सिंह 31 अगस्त, एडीजी बीबी शर्मा 30 अप्रैल को, एडीजी ट्रेनिंग अनुराधा शंकर 31 मई, एडीजी एजेके राजेश गुप्ता 30 सितंबर, एडीजी आरएंडडी अनिल कुमार गुप्ता 30 सितंबर, आईजी रेल महेंद्र सिंह सिकरवार 31 दिसंबर, डीआईजी आरके हिंगणकर, 31 अक्टूबर, डीआईजी, मनीष कपूरिया 31 जनवरी, डीआईजी, आरआरएस परिहार, 30 जून को सेवानिवृत होने वाले हैं।
बता दें, 1989 बैच के आईपीएस डीजी जेल राजेश चावला 29 फरवरी को रिटायर होंगे। इसके बाद 1990 बैच के एडीजी प्रशासन विजय कटारिया पदोन्नत होकर स्पेशल डीजी का पदभार संभालेंगे। वहीं, 1986 बैच के अफसर स्पेशल डीजी पुरुषोत्तम शर्मा 30 अप्रैल को रिटायर होंगे। उनके रिटायर होने पर 1990 बैच की अफसर एडीजी अनुराधा शंकर को स्पेशल डीजी बनाया जाएगा। लेकिन वह सिर्फ एक माह के लिए ही स्पेशल डीजी रह पाएंगी, क्योंकि वे 31 मई को रिटायरमेंट हो रही हैं।
रायपुर । शौर्यपथ । प्रदेश में विशेष पिछड़ी जनजाति समूहों के लोगों को लाभ दिलाने हेतु प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत प्राथमिकता से कार्य किया जा रहा है। विशेष पिछड़ी जनजाति के बसाहटों को चिन्हांकित कर शिविरों का आयोजन किया जा रहा है। इन शिविरों में सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से वंचित एवं पात्र सभी हितग्राहियों को लाभान्वित किया जा रहा है। शिविर में शासकीय अधिकारी-कर्मचारियों द्वारा लोगों को विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग हेतु संचालित योजनाओं के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी जा रही है। इसी कड़ी में जनजाति बहुल कोरबा जिले के ग्राम छातासराई, माखुरपानी, पतरापाली, गढ़उपरोड़ा, देवपहरी जैसे कई गांवों में शिविर का आयोजन किया गया।
गौरतलब है कि पीएम जनमन योजना का मूल उद्देश्य कमजोर जनजातीय समूहों (पीवीटीजी), परिवारों और बस्तियों तक बुनियादी सुविधाओं और सेवाओं को पहुंचाकर उनकी सामाजिक, आर्थिक स्थितियों में सुधार करना है। पीएम जनमन योजना अंतर्गत कमजोर जनजाति समूहों के बसाहटों में विभिन्न विभागों के समन्वय से पेयजल, आवास, सड़क, आंगनबाड़ी के माध्यम से पोषण, आजीविका संवर्धन हेतु कौशल विकास जैसे महत्वपूर्ण गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।
शिविरों में विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के वंचित लोगों को आधार कार्ड, आयुष्मान कार्ड, राशन कार्ड, जनधन खाता, केसीसी, जाति प्रमाण पत्र, वन अधिकार पत्र, जॉब कार्ड सहित अन्य योजनाओं से लाभान्वित भी किया जा रहा है। साथ ही उनका स्वास्थ्य परीक्षण के रूप में बीपी, शुगर, आंख, खून की जांच कर आवश्यक परामर्श एवं दवाइयां भी प्रदान की जा रही है। विशेष पिछड़ी जनजाति के लोगों को शिविर तक लाने हेतु महिला कर्मचारियों, स्वसहायता समूह द्वारा सहयोग भी किया जा रहा है एवं शिविर की नियमित मॉनिटरिंग हेतु गठित जिला एवं ब्लॉक स्तरीय नोडल अधिकारियों की टीम द्वारा शिविर का निरीक्षण कर संबंधित विभागों की उपस्थिति सुनिश्चित की जा रही है।
रायपुर । शौर्यपथ । प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2023-24 में छत्तीसगढ़ में दो लाख से अधिक महिलाओं को लाभान्वित करने का लक्ष्य रखा गया है। इनमें प्रथम बच्चे हेतु एक लाख 46 हजार और दूसरे बालिका संतान हेतु 75 हजार हितग्राहियों को लाभान्वित करने का लक्ष्य है। भारत सरकार द्वारा संचालित मिशन शक्ति के अंतर्गत इस योजना में पहले बच्चे के जन्म पर महिला को दो किश्तों में पांच हजार रूपए और दूसरी संतान बालिका होने पर एकमुश्त छः हजार रूपए देने का प्रावधान है। राज्य सरकार का लक्ष्य है कि सभी पात्र हितग्राहियों को योजना का शत् प्रतिशत लाभ मिल सके।
गर्भवती एवं धात्री महिलाओं के पोषण स्तर में सुधार एवं गर्भावस्था के दौरान मजदूरी में हुई हानि की प्रतिभूति राशि का भुगतान सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक जुलाई 2017 से प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना देश के सभी जिलों में शुरू की गई है। योजना के तहत ऐसी गर्भवती महिलाओं एवं स्तनपान कराने वाली माताओं को छोड़कर जो केंद्र सरकार या राज्य सरकारों या सार्वजनिक उपक्रमों के साथ नियमित रोजगार में हैं या जो वर्तमान में लागू किसी कानून के अंतर्गत समान लाभ प्राप्त कर रही है, सभी गर्भवती महिलाएं एवं स्तनपान कराने वाली माताएं पात्रता रखती हैं।