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बेमेतरा / शौर्यपथ / आठ सूत्रीय मांगों को लेकर नवागढ़ तहसील के पटवारियों ने मंगलवार से आंदोलन शुरू कर दिया है, जिसके चलते पटवारी दफ्तरों में ताले लटकते रहे। इस हड़ताल की वजह से जमीन व राजस्व सहित अन्य मामलों को लेकर पहुंचे लोग भटकते रहे। तहसील मुख्यालय में पटवारियों ने अपने संघ के बैनर तले धरना-प्रदर्शन कर राज्य सरकार के खिलाफ जमकर हल्ला बोला। पटवारी संघ के पदाधिकारी पिछले लंबे समय से अपनी लंबित मांगों व समस्याओं को लेकर विभाग के अफसरों के साथ राज्य सरकार को ज्ञापन दिया था, जिसमें वेतन विसंगति सहित आठ सूत्रीय मांगों को पूरा करने की मांग की गई। डेढ़ से दो साल बीत जाने के बाद भी शासन ने उनकी मांगों को पूरा करने के लिए कोई ध्यान नहीं दिया, जिसके बाद कुछ दिन पहले पटवारी संघ के बैनर तले सरकार को अल्टीमेटम देते हुए 14 मई तक अपनी लंबित मांगों को पूरा करने की मांग की थी। मांगे पूरी नहीं होने पर पटवारी संघ ने 15 मई से आंदोलन पर जाने की चेतावनी दी थी।
मंगलवार को पटवारी संघ के आह्वान पर तहसील के पटवारी दफ्तरों में ताला लगाकर मुख्यालय पहुंचे। तहसील संघ के पदाधिकारियों के साथ धरना प्रदर्शन करते हुए राज्य सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और अपनी मांगों को पूरा करने के लिए आवाज बुलंद किया। इधर, दफ्तरों में तालेबंदी की स्थिति के चलते जमीन संबंधी काम जैसे फौती, नामांतरण, अभिलेख दुरुस्तीकरण का काम नहीं हुआ और भटकते रहे। वहीं पटवारियों ने अपना आईडी तक ओपन नहीं किया, जिसके कारण ऑनलाइन काम भी ठप रहा।
नवागढ़ तहसील पटवारी संघ अध्यक्ष दिनेश ठाकुर ने बताया कि पटवारी अपनी मांगों को पूरा कराने के लिए तीन साल से प्रयासरत हैं। पूर्व में वर्ष 2020 में पटवारी संघ ने 14 दिनों तक हड़ताल किया था, जिस पर राजस्व मंत्री ने उनकी मांगों को पूरा कराने का आश्वासन दिया था, जिसके बाद हड़ताल स्थगित की गई थी। लेकिन, दो साल बीत जाने के बाद भी उनकी मांगो पर शासन की ओर से कोई ध्यान नहीं दिया गया। इस बीच 24 मार्च को रायपुर में एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन कर शासन का ध्यान आकर्षित कराया गया। फिर भी उनकी मांगों को नजरअंदाज कर दिया गया, जिसके चलते उन्हें अनिश्चितकालीन आंदोलन का रूख अपनाना पड़ा।
इस दौरान घनश्याम सेन अभिषेक सोनी तारन दास पाटले भरत ठाकुर राजकुमार प्रमोद सिंह राजपूत पुष्पेंद्र ठाकुर लोकेश ध्रुव साकेत साहू, सेन कुमार घोष मुकेश साहू शैलेश वैष्णव सहित पटवारी उपस्थित रहे।
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