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- कृषि के क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना आवश्यक
- कलेक्टर ने कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं मत्स्यपालन विभाग के कार्यों की समीक्षा की
राजनांदगांव /शौर्यपथ /कलेक्टर संजय अग्रवाल ने कलेक्टोरेट सभाकक्ष में कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, कृषि विज्ञान केन्द्र एवं मत्स्यपालन विभाग की भौतिक, वित्तीय प्रगति एवं अन्य गतिविधियों की समीक्षा की। कलेक्टर अग्रवाल ने जिले में घटते हुए जल स्तर पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि किसानों को कम पानी उपयोग वाली अधिक लाभकारी फसलों की खेती के लिए किसानों को प्रेरित करें। उन्होंने कहा कि कृषि के क्षेत्र में उपयोग किए जा रहे पानी का विवेकपूर्ण तरीके से उपयोग करना आवश्यक है। जिले में मक्का, दलहन, तिलहन एवं सब्जी, फल जैसी फसलों की खेती का रकबा बढ़ाने कहा। जिससे किसानों को खेती-किसानी में अधिक लाभ मिल सके। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रगतिशील किसान जो कम पानी उपयोग वाली फसलों के उत्पादन से अधिक आमदानी अर्जित कर रहें हैं उन्हें अन्य किसानों को प्रोत्साहित करने के लिए कार्यक्रम एवं संगोष्ठियां आयोजित करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने बीज की उपलब्ध के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने कहा कि सही समय में पर्याप्त मात्रा में बीज उपलब्ध हो जाना चाहिए। किसानों को किसी भी प्रकार की समस्या नहीं होनी चाहिए। किसानों को सही समय पर पर्याप्त मात्रा में कम पानी उपयोग वाली बीज उपलब्ध होने से किसानों को सुविधा होगी। उन्होंने कहा कि बीज उत्पादन कार्यक्रम प्रचलित फसलों की खेती तुलना में आर्थिक रूप से अधिक लाभकारी है। बीज उत्पादन के क्षेत्र में स्वावलंबी बनाने के लिए धान के अलावा दलहन, तिलहन एवं अन्य फसलों की खेती का विस्तार करने के निर्देश दिए। कलेक्टर अग्रवाल ने कहा कि वृक्षारोपण में वृहद स्तर पर नीम के पौधे रोपे जाएंगे। उन्होंने नीम के पौधे तैयार करने के लिए नर्सरी तैयारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कृषि एवं उद्यानिकी फसलों के उत्पादों में उपयोग किए जा रहे हानिकारक रासायनों के कारण स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ी है।
कलेक्टर अग्रवाल ने पधुधन विकास विभाग द्वारा किए जा रहे कार्यों पर असंतुष्टि जाहिर करते हुए कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्षेत्रवार लक्ष्य निर्धारित करते हुए कार्य करें और लगातार मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए। उन्होंने बैकयार्ड कुक्कुट ई-वितरण, बकरा वितरण, सांड वितरण, उन्नत मादा वत्स पालन, राज्य डेयरी उद्यमिता विकास के भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की जानकारी ली। उन्होंने कृत्रिम गर्भाधान एवं टीकाकरण योजना में लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने मत्स्य विभाग द्वारा संचालित प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना, मत्स्य बीज उत्पादन, मत्स्योत्पादन, मत्स्य पालन प्रसार योजना, शिक्षण प्रशिक्षण योजना, मछुआ सहकारी समितियों को अनुदान, जलाशयों में मत्स्योद्योग विकास योजना एवं मछुआरों का दुर्घटना बीमा के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने मत्स्य बीज उत्पादन एवं मत्स्योत्पादन योजना में प्रगति लाने के निर्देश दिए। इस अवसर पर उप संचालक कृषि नागेश्वर लाल पाण्डे, उप संचालक पशु चिकित्सा सेवाएं डॉ. अनुप चटर्जी, वरिष्ठ वैज्ञानिक एवं प्रमुख कृषि विज्ञान केन्द्र सुरगी डॉ. गुंजन झा, सहायक संचालक उद्यान जीएस सोनकुसले, मत्स्य निरीक्षक मत्स्य पालन सुश्री वर्तिका ठाकुर, बीज प्रबंधक परमानंद वर्मा, सहायक बीज प्रमाणीकरण अधिकारी नीरज अंकुर टोप्पो सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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