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बिर्रा / शौर्यपथ / बम्हनीडीह तहसील अंतर्गत ग्राम पंचायत सेमरिया की कोटवार भूमि को लेकर बड़ा मामला सामने आया है। एक शासकीय शिक्षक द्वारा ग्राम की कोटवारी सरकारी भूमि को अवैध रूप से खरीदने का गंभीर आरोप पंचायत ने लगाया है। मामले की शिकायत पर कलेक्टर कार्यालय ने तत्काल जांच के निर्देश जारी कर दिए हैं।
ग्राम पंचायत सेमरिया की सरपंच ईश्वरी बाई कश्यप द्वारा प्रस्तुत आवेदन में कहा गया है कि ग्राम खसरा नंबर 1761 की कोटवारी भूमि, जो कि वर्षों से कोटवार उपयोग के लिए आरक्षित रही है, उसे गांव के कृष्ण कुमार कश्यप ने खरीदकर निजी मकान निर्माण शुरू कर दिया है। जबकि यह भूमि राजस्व रिकार्ड में सरकार की संपत्ति मानी जाती है, न कि किसी निजी व्यक्ति की।ज्ञात हो कि कृष्ण कुमार कश्यप पेशे से एक शासकीय शिक्षक है।
कलेक्टर कार्यालय ने लिया संज्ञान, जांच आदेश 3 दिनों में रिपोर्ट सौंपने के निर्देश
जिला प्रशासन ने इस मामले को गंभीर मानते हुए तहसीलदार बम्हनीडीह को तत्काल मौका निरीक्षण कर तथ्यों की पुष्टि करने को कहा है। आदेश में यह भी उल्लेख है कि कोटवारी भूमि को न तो बेचा जा सकता है और न ही खरीदा जा सकता है, यह सार्वजनिक उपयोग की संपत्ति है।
शिक्षक की भूमिका सवालों के घेरे में
कृष्ण कुमार कश्यप जो पेशे से एक शिक्षक है और शासकीय शिक्षक द्वारा इस तरह की सरकारी संपत्ति को खरीदना न सिर्फ नियमों का उल्लंघन है, बल्कि शासकीय पद का दुरुपयोग भी माना जा रहा है। इस कृत्य को लेकर क्षेत्र में नाराजगी है, लोग पूछ रहे हैं – "क्या अब शिक्षक भी सरकारी कोटवारी भूमि जैसे जमीनों के सौदागर बन गए हैं?"
पंचायत की मांग – भूमि पर निर्माण कार्य तुरंत रोका जाए
सरपंच कश्यप ने प्रशासन से यह भी मांग की है कि जब तक जांच पूरी न हो जाए, तब तक निर्माण कार्य पर रोक लगाई जाए और यदि जांच में अवैध क्रय-विक्रय प्रमाणित होता है, तो संबंधित शिक्षक पर कड़ी कानूनी व विभागीय कार्रवाई की जाए।
यह सिर्फ जमीन नहीं – ये पंचायत की प्रतिष्ठा और व्यवस्था का सवाल है
यह मामला केवल एक ज़मीन का नहीं, बल्कि ग्रामीण व्यवस्था, कानून और पंचायत स्वायत्तता से जुड़ा है। यदि एक शिक्षक, जो समाज का मार्गदर्शक माना जाता है, इस तरह नियम तोड़ता है, तो यह पूरे तंत्र पर सवाल खड़े करता है।
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