December 07, 2025
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“वंदे मातरम्” की 150वीं वर्षगांठ पर छत्तीसगढ़ में गूंजेगा राष्ट्रगौरव — 7 नवम्बर से प्रारंभ होगा वर्षभर चलने वाला जनभागीदारी का महोत्सव

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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी करेंगे शुभारंभ, चार चरणों में ग्राम पंचायत से लेकर राज्य स्तर तक होंगे आयोजन – मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बोले, “यह केवल गीत नहीं, भारत की आत्मा का स्वर है”


रायपुर, 6 नवम्बर 2025।
भारत माता के सम्मान और राष्ट्रभक्ति की अमर भावना का प्रतीक “वंदे मातरम्” अब एक बार फिर पूरे देश में गूंजने जा रहा है। राष्ट्रगीत के 150 वर्ष पूर्ण होने के इस ऐतिहासिक अवसर पर भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के मार्गदर्शन में 7 नवम्बर 2025 से वर्षभर चलने वाला राष्ट्रीय महोत्सव प्रारंभ होगा।
छत्तीसगढ़ इस अभियान में जनभागीदारी, सांस्कृतिक गौरव और राष्ट्रीय चेतना के नए अध्याय की शुरुआत करने जा रहा है।


? प्रधानमंत्री करेंगे शुभारंभ, एक साथ गूंजेगा “वंदे मातरम्”

इस भव्य आयोजन का शुभारंभ 7 नवम्बर को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के उद्बोधन के साथ होगा।
राष्ट्रीय कार्यक्रम प्रातः 10 से 11 बजे तक दूरदर्शन पर सीधा प्रसारित किया जाएगा। प्रधानमंत्री के संबोधन के पश्चात देशभर में एक साथ “वंदे मातरम्” का सामूहिक गायन किया जाएगा।
गीत के मूल बोल और धुन आधिकारिक पोर्टल vandemataram150.in

पर उपलब्ध हैं ताकि हर नागरिक इसमें सहभागिता कर सके।


? चार चरणों में मनाया जाएगा महाअभियान

इस अभियान को राष्ट्रव्यापी स्वरूप देने के लिए इसे चार चरणों में विभाजित किया गया है —

1️⃣ पहला चरण: 7 से 14 नवम्बर 2025
2️⃣ दूसरा चरण: 19 से 26 जनवरी 2026 (गणतंत्र दिवस के अवसर पर)
3️⃣ तीसरा चरण: 7 से 15 अगस्त 2026 (हर घर तिरंगा अभियान के साथ)
4️⃣ चौथा चरण: 1 से 7 नवम्बर 2026 (समापन सप्ताह)

प्रत्येक चरण में राज्य के सभी जिलों, जनपदों, नगर निगमों, ग्राम पंचायतों और शैक्षणिक संस्थानों में राष्ट्रगीत के सामूहिक गायन के साथ विविध सांस्कृतिक एवं जनजागरण कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।


? जनप्रतिनिधियों और नागरिकों की भागीदारी से बनेगा जनआंदोलन

मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा कि “यह आयोजन केवल एक सरकारी कार्यक्रम नहीं, बल्कि राष्ट्रप्रेम और जनभागीदारी का अभियान है।”
राज्य के सभी जिलों में मंत्रीगण, सांसद, विधायक और स्थानीय जनप्रतिनिधि इस आयोजन में भाग लेंगे।
प्रत्येक जिले में स्थानीय कलाकारों, छात्रों, सामाजिक संस्थाओं और नागरिक समूहों की सहभागिता सुनिश्चित की जा रही है, ताकि “वंदे मातरम् @150” केवल समारोह नहीं, बल्कि एक जनआंदोलन का रूप ले सके।


? विद्यालयों में रचनात्मक गतिविधियाँ — नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम की अलख

राज्य के विद्यालयों और महाविद्यालयों में विशेष गतिविधियाँ आयोजित की जाएँगी —
? निबंध लेखन, वाद-विवाद, प्रश्नोत्तरी, पोस्टर और पेंटिंग प्रतियोगिता
? एनसीसी, एनएसएस और स्काउट-गाइड के माध्यम से देशभक्ति गीतों की प्रस्तुतियाँ
? राज्य पुलिस बैंड द्वारा सार्वजनिक स्थलों पर वंदे मातरम् और देशभक्ति धुनों के कार्यक्रम

इन आयोजनों का उद्देश्य है कि युवा पीढ़ी राष्ट्रगीत की भावना को केवल शब्दों में नहीं, बल्कि अपने व्यवहार और विचारों में भी जिए।


? ‘वंदे मातरम् ऑडियो-वीडियो बूथ’ – एक अभिनव पहल

इस महाअभियान की सबसे अनूठी पहल होगी “वंदे मातरम् ऑडियो-वीडियो बूथ”, जो राज्यभर के सार्वजनिक स्थलों, विद्यालयों, मॉल और संस्थानों में स्थापित किए जाएंगे।
इन बूथों पर नागरिक अपनी आवाज़ में “वंदे मातरम्” गाकर उसे सीधे पोर्टल पर अपलोड कर सकेंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा, “यह पहल हर नागरिक को अपने तरीके से राष्ट्रप्रेम अभिव्यक्त करने का अवसर देगी। यह तकनीक के माध्यम से भावनात्मक एकता का प्रतीक बनेगी।”


? “वंदे मातरम्” – भारत की आत्मा का स्वर

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा,

“वंदे मातरम् केवल एक गीत नहीं, यह भारत की आत्मा का स्वर है।
इसकी गूंज हर नागरिक के हृदय में गर्व, ऊर्जा और एकता का संचार करती है।
इस अभियान के माध्यम से हम नई पीढ़ी में राष्ट्रप्रेम, कर्तव्यनिष्ठा और आत्मगौरव की भावना को जगाने जा रहे हैं।”

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ इस ऐतिहासिक अवसर को राष्ट्रीय एकता, सांस्कृतिक समरसता और सामूहिक गौरव के महोत्सव के रूप में मनाएगा।


? छत्तीसगढ़ तैयार — जनसहभागिता बनेगी राष्ट्रीय मिसाल

राज्य के सभी जिलों में तैयारी समितियाँ गठित कर दी गई हैं।
सांस्कृतिक विभाग, शिक्षा विभाग, जनसम्पर्क विभाग और स्थानीय निकाय मिलकर इसे जन-जन तक पहुँचाने में जुटे हैं।
हर वर्ग, हर आयु और हर समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विशेष अभियान शुरू किए जा रहे हैं।


समापन टिप्पणी:

“वंदे मातरम् के 150 वर्ष” केवल इतिहास का स्मरण नहीं, बल्कि राष्ट्रीय चेतना के पुनर्जागरण का अवसर है।
यह आयोजन भारत की एकता, संस्कृति और स्वाभिमान का ऐसा उत्सव होगा, जिसमें छत्तीसगढ़ की गूंज पूरे भारत को प्रेरित करेगी
यह पर्व हर भारतीय के लिए स्मरण कराएगा —
“राष्ट्रप्रेम कोई भावना नहीं, यह हमारा कर्तव्य है।”

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