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राजनंादगांव / शौर्यपथ / जिला कांग्रेस कमेटी ग्रामीण के प्रवक्ता रूपेश दुबे ने पूर्व मुख्यमंत्री राजनांदगांव के विधायक डॉ. रमन सिंह व ओपी चौधरी के शिक्षक भर्ती परीक्षा की मांग करने वाले बीएड, डीएडधारी युवाओं को गिरफ्तार करने की झूठी एवं भ्रामक ट्वीटर पोस्ट पर पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के पास पोलियो ग्रसित सूचना तंत्र है, जिसके कारण वे सत्ता से बेदखल होने के बाद अपनी राजनीति बचाने के लिए झूठ फर्जी एवं भ्रामक पोस्ट डालकर उपहास का पात्र बने हुए हैं।
प्रवक्ता दुबे ने कड़े शब्दों में आपत्ति दर्ज कराते हुए कहा कि स्वस्थ राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप तथ्यात्मक एवं सत्य परक होना चाहिए आरोप लगाने के नाम पर फर्जीवाड़ा झूठ भाजपा की संस्कृति बन गई है, जिसके चलते भाजपाई मुद्दों के दिवालियापन के कगार में खड़े होकर राजनीतिक को गंदा करने का खेल खेल रहे हैं। पूर्व में डॉ. रमन शराबबंदी के मुद्दे को लेकर कांग्रेस पर गंगाजल की कसम खाने का झूठा कथन कर चुके हैं, उसके बाद टूलकिट मामले में फर्जीवाड़ा दस्तावेजों को सोशल मीडिया में डालकर आरोप के दायरे में आ गए हैं, अब वे न्यायालय की शरण में जाने को विवश हैं, सबसे दुर्भाग्यजनक पहलू यह है कि अपने विधानसभा जिले में 15 वर्ष के कार्यकाल में गरीब हितग्राहियों को मिलने वाली 12 हजार की अनुदान राशि को भी उन्हें ना बटवा कर बंदरबांट करने वाले डॉ. सिंह 2 करोड़ युवाओं को रोजगार देने की भाजपाई घोषणा पत्र पर राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के नाते मुंह तक नहीं खोल युवाओं के आड़ में छग सरकार को बदनाम करने की नियत से फर्जी पोस्ट डालकर अपने किस प्रकार की मानसिकता प्रदर्शित कर रहे हैं, वह स्वयं तय करें। साथ ही ओपी चौधरी ने अपने पोस्ट में लोकतंत्र की हत्या जैसे शब्द का प्रयोग किया है, तो वे लोकतंत्र की व्याख्या भाजपा और कांग्रेस सरकार के कार्यप्रणाली से करने की बुद्धि जरूर रखते है। अतः आत्मचिंतन करें और भाजपा राज में किसानों पर शिक्षाकर्मियों पर किये अन्याय अत्याचार व घर से गिरफ्तारी, नजरबंद को भी याद करें, वैसे इस प्रकार के झूठे भ्रामक पोस्ट सोशल मीडिया का दुरुपयोग होने के कारण आईटी एक्ट की धाराओं के तहत अपराधिक कृत्य है।
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