September 21, 2024
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सुपोषण का हरा रंग निखारने गांव-गांव में त्यौहार

0 गुब्बारे, फुल और रंगोली से सजाए गए आंगनवाड़ी केंद्र
0 दीपक जलाकर उतारी गई बच्चों की आरती, अब टाफियां भी बंटेगी

राजनांदगांव / शौर्यपथ / बच्चों, गर्भवती महिलाओं व शिशुवती माताओं में सुपोषण के लिए जिले में वजन त्यौहार का प्रभावशाली ढंग से आगाज किया गया है। इस क्रम में शून्य से पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों के पोषण के स्तर की जांच करने के लिए उनका वजन लिया जा रहा है। 11 से 18 वर्ष तक की बालिकाओं का हिमोग्लोबिन टेस्ट किया जा रहा है। कुपोषित बच्चों तथा एनीमिक माताओं का चिन्हांकन किया जा रहा है, ताकि शत-प्रतिशत पीडि़तों को कुपोषण से मुक्त किया जा सके। इसके साथ ही कई अन्य रोचक आयोजन किए जा रहे हैं।
सुपोषण अभियान और वजन त्यौहार के दौरान जिले के गांव-गांव में बच्चे का अनिवार्य रूप से वजन कराने की अपील की जा रही है। विभिन्न माध्यमों से प्रचार भी किया जा रहा हैए वजन मशीन में बच्चे का वजन लेने पर सुपोषण अथवा कुपोषण के स्तर का पता चलता है। इसके आधार पर बच्चे को चिन्हांकित कर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता एवं सहायिका की देख-रेख में उन्हें विशेष पोषण आहार दिया जाता है। वजन मशीन में वजन लेते समय हरा रंग सुपोषित होने का प्रतीक है, जबकि पीला रंग मध्यम कुपोषण तथा लाल रंग गंभीर कुपोषण का संकेतक है।

स्वास्थ्य बेहतर तो मिलेगा ईनाम

इस संबंध में महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी रेणु प्रकाश ने बताया, सुपोषण अभियान में गर्भवती महिलाओं व शिशुवती माताओं की सेहत का ख्याल रखने के साथ ही विशेषकर बच्चों में सुपोषण के लिए 7 से 16 जुलाई तक जिले में वजन त्यौहार मनाया जा रहा है। इसकी शुरुआत में पहले दिन जन-जन की होगी भागीदारी, वजन त्यौहार की करें तैयारी स्लोगन के साथ आंगनबाड़ी केंद्रों को गुब्बारे, फूल और रंगोली से सजाया गया तथा दीपक जलाकर बच्चों की आरती भी उतारी गई। वजन त्यौहार के दौरान वजन कराने के लिए लाए जाने वाले बच्चों को अब गुड़-चना, चिक्की और टाफियां बांटी जाएगी। इसके साथ ही स्वस्थ शिशु स्पर्धा कराई जाएगी और स्वस्थ शिशु-स्वस्थ माता को पुरस्कृत किया जाएगा। पौष्टिक व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई जाएगी। इन पूरे क्रिया-कलापों की सफलता के लिए जनप्रतिनिधियों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा।

सुपोषण का संदेश देने का एक प्रयास ऐसा भी

सुपोषण की महत्ता के बारे में माताओं और बहनों को पंडवानी गीत के माध्यम से भी जागरूक किया जा रहा है, ताकि वह अपने बच्चों की सेहत और उनके खान-पान का विशेष रूप से ध्यान रखें। खैरागढ़ विकासखंड के जालबांधा सेक्टर अंतर्गत ग्राम बघमर्रा की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता श्रीमती भानबती भारती जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों में जाकर अपने चिर-परिचित अंदाज में पंडवानी गीत के माध्यम से माताओं और बहनों को वजन त्यौहार के दौरान अपने बच्चों का वजन अनिवार्य रूप से कराने का संदेश दे रही हैं। गीत के माध्यम से वह महिलाओं को इस बात के लिए जागरूक कर रही हैं कि वजन कराते समय वजन मशीन का कांटा यदि लाल रंग पर आकर ठहर जाता है तो यह बच्चे के गंभीर रूप से कुपोषित होने का संकेत है। कुपोषण दूर करने के लिए उसके खान-पान पर विशेष रूप से ध्यान दिए जाने की जरूरत है। पंडवानी गायिका श्रीमती भारती अपने गीत के माध्यम से यह भी बताती हैं कि, कुपोषण को कैसे दूर किया जा सकता है।

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