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मौके पर पहुंचे जिला कलेक्टर एवं सीईओ
घटनाक्रम की ली जानकारी, बच्चों के बेहतर प्राथमिक उपचार के दिए निर्देश
जर्जर भवन में कक्षा संचालन शासन के निर्देशों का उल्लंघन,बी.ई.ओ., बी.आर.सी. प्रधान पाठक को नोटिस जारी करने दिए निर्देश
मुंगेली/शौर्यपथ/मुंगेली विकासखंड के ग्राम बरदुली में स्थित शासकीय प्राथमिक शाला में छत का प्लास्टर गिरने से बच्चों के घायल होने की सूचना मिली। जानकारी मिलने पर तत्काल कलेक्टर श्री कुन्दन कुमार और जिला पंचायत सीईओ श्री प्रभाकर पांडेय ने विद्यालय का निरीक्षण किया। उन्होंने मौजूद शिक्षकों से घटनाक्रम के संबंध में विस्तार से जानकारी ली। प्रधान पाठक श्री अखिलेश शर्मा ने बताया कि शाला भवन के छत का प्लास्टर गिरने से कक्षा तीसरी के साथ छात्र हिमांशु दिवाकर और अंशिका दिवाकर को सिर और हाथ में चोट आई। उनका प्राथमिक उपचार किया गया, अभी बच्चे ठीक हैं। जिला प्रशासन एवं स्वस्थ आमले की मौजूदगी में बच्चों का जिला अस्पताल में प्राथमिक उपचार किया गया। सी.एम.एच.ओ ने बताया कि कोई भी गंभीर स्थिति नहीं है बच्चे खतरे से बाहर है।कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को बच्चों का बेहतर इलाज करने एवं अन्य आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
घटना को गंभीरता से लेते हुए कलेक्टर ने संबंधित अधिकारियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने कहा कि शासन का स्पष्ट निर्देश है कि जर्जर भवनों में किसी भी परिस्थिति में कक्षाओं का संचालन नहीं होना चाहिए। निर्देशों की अवहेलना करते हुए कक्षाओं का संचालन किया जाना गंभीर लापरवाही को दर्शाता है। उन्होंने विकासखंड शिक्षा अधिकारी श्री जितेंद्र बावरे, बी.आर.सी. सूर्यकांत उपाध्याय, संकुल समन्वयक शत्रुघ्न साहू और प्रधान पाठक अखिलेश शर्मा को नोटिस जारी करने के निर्देश दिए। उन्होंने जिला शिक्षा अधिकारी और डीएमसी समग्र शिक्षा को फटकार लगाते हुए स्पष्ट निर्देश दिए कि जिले में कहीं भी इस प्रकार की घटना नहीं होनी चाहिए अन्यथा सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कलेक्टर ने बच्चों से बातचीत कर बढ़ाया उत्साह
विद्यालय निरीक्षण के दौरान कलेक्टर ने कक्षा में मौजूद बच्चों से बातचीत की। विद्यालय में शिक्षण सहित अन्य आवश्यक व्यवस्थाओं के संबंध में जानकारी ली। उन्होंने बच्चों से पहाड़ पूछा और उन्हें चॉकलेट एवं बिस्किट प्रदान कर प्रोत्साहित किया।
कलेक्टर को अपने बीच पाकर बच्चे आश्चर्यचकित
स्कूल में उस समय भावुक एवं आश्चर्य जनक माहौल बन गया जब जिला पंचायत सीईओ ने बच्चों से जिले के कलेक्टर का नाम पूछा। बच्चों ने पूरी तत्परता से कलेक्टर का नाम बताया और भविष्य में उनसे मिलने की इच्छा जताई। लेकिन जब सामने बैठे व्यक्ति ने कलेक्टर के रूप में अपना परिचय दिया तो बच्चे आश्चर्य से उत्साहित हो उठे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं रहा।
दुर्ग/शौर्यपथ /प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय द्वारा रक्षाबंधन के पावन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारी बहनो ने महापौर श्रीमती अलका बाघमार के बगले में पहुँचकर राखी बांधी।
रक्षाबंधन का संदेश देते हुए महापौर अलका बाघमार ने कहा वैसे तो भारत को त्योहारों व पर्वों का देश कहा जाता है जब भी कोई पर्व या त्यौहार आता है तो सभी के मन में खुशी, उमंग, उत्साह व रिश्तो में एक नई मिठास घुल सी जाती है। रक्षाबंधन का यह पर्व वैसे तो भाई-बहन के स्नेह, सुरक्षा और सम्मान के पर्व के रूप में मनाया जाता है। बहनें, भाई को तिलक लगाती है। राखी बांधती है व मुँह मीठा करती है एवं भाई, बहन को गिप्ट देते हैं व उनके रक्षा का संकल्प लेते हैं।इस अवसर पर ब्रह्माकुमारीज के भाई-बहनों ने अपनी सहभागिता दी।
वोटर लिस्ट को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के द्वारा प्रस्तुत साक्ष्य गंभीर और चिंताजनक
चुनाव आयोग राहुल गांधी के उठाए गए सवालों का जवाब दें
रायपुर/शौर्यपथ / प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय राजीव भवन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं, पदाधिकारियों ने चुनावी गड़बड़ियों को लेकर की गयी नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस की रिकार्डिंग को फिर से देखा तथा राहुल गांधी के द्वारा दिये गये तथ्यों को तार्किक और गंभीर बताते हुए कहा कि राहुल गांधी के द्वारा दिये गये साक्ष्यों से साफ हो रहा है कि देश की चुनाव प्रणाली में गड़बड़ियां की जा रही है। चुनाव आयोग द्वारा इसका जवाब देश की जनता को देना चाहिए।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव श्री केसी वेणुगोपाल के निर्देश पर प्रदेश मुख्यालय में राहुल गांधी के प्रेस कॉन्फ्रेंस की रिकार्डिंग फिर से दिखाई गई। 11 अगस्त को प्रदेश के सभी जिला कांग्रेस कार्यालयों में भी कांग्रेसजनों एवं बुद्धिजीवियों तथा मीडिया के समक्ष राहुल गांधी की 7 अगस्त की प्रेस कॉन्फ्रेंस की रिकार्डिंग दिखाई जायेगी।
कांग्रेस की मांग है कि चुनाव आयोग यदि अपनी निष्पक्षता को प्रमाणित करना और अपनी विश्वसनीयता को पुनःस्थापित करना चाहता है, तो उसे दो स्पष्ट माँगों पर तत्काल कार्रवाई करनी होगीः-
1. चुनाव आयोग को मशीन-पठनीय मतदाता डेटा तत्काल सार्वजनिक करना चाहिए।
2. चुनावी प्रक्रिया से जुड़ी सीसीटीवी फुटेज को सार्वजनिक किया जाना चाहिए।
साथ ही चुनाव आयोग राहुल गांधी के उठाये सवालों का जवाब दे।
आज के कार्यक्रम में पूर्व अध्यक्ष धनेन्द्र साहू, वरिष्ठ नेता सत्यनारायण शर्मा, पूर्व मंत्री ताम्रध्वज साहू, पूर्व मंत्री अमितेश शुक्ल, पूर्व विधायक विकास उपाध्याय, पूर्व सांसद छाया वर्मा, महामंत्री सकलेन कामदार, प्रदेश कांग्रेस संचार विभाग के अध्यक्ष सुशील आनंद शुक्ला, महेंद्र छाबड़ा, प्रमोद दुबे, पंकज शर्मा, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ प्रवक्ता धनंजय सिंह ठाकुर, रायपुर ग्रामीण जिला अध्यक्ष उधो वर्मा, पूर्व महापौर एजाज ढेबर, राजेश चौबे, कन्हैया अग्रवाल, युवा कांग्रेस अध्यक्ष, आकाश शर्मा, कांग्रेस सेवादल के अध्यक्ष अरूण ताम्रकार, डॉ. राकेश गुप्ता, डॉ. अजय साहू, श्रीकुमार मेनन, मो. सिद्दीक, सारिक रईस खान, दिलीप चौहान, शब्बीर खान, बबीता नत्थानी, प्रमोद चौबे, नंदलाल देवांगन, रियाज अहमद, योगेन्द्र सोलंकी, इकराम भाई, देवेन्द्र यादव, अरूण जंघेल, सुनील कुकरेजा, सौरभ साहू, डॉ. कमलनयन पटेल, देवकुमार साहू, पल्लवी सिंह, मुकेश चंद्राकर उपस्थित थे।
कलेक्टर ने जिले के विभिन्न स्थानों में पहुँचकर किया स्थल निरीक्षण
बालोद/शौर्यपथ /राज्य शासन के गौधाम योजना के अंतर्गत बालोद जिले में भी गौधाम बनाकर निराश्रित एवं घुमन्तू एवं जप्त किए गए गौवंश पशुओं का समुचित देखभाल के अलावा संरक्षण एवं संवर्धन का कार्य किया जाएगा। इसके अंतर्गत कलेक्टर श्रीमती दिव्या उमेश ने अधिकारियों के साथ जिले के अलग-अलग स्थानों में पहुँचकर गौवंश पशुओं के लिए जरूरी सुविधाओं से युक्त गौधाम निर्माण कार्य के लिए स्थल चयन हेतु मौके पर पहुँचकर जगह का मुआयना किया। जिससे कि गौधाम निर्माण कार्य को शीघ्र प्रारंभ किया जा सके। इसके अलावा कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने गौवंश पशुओं के देखरेख, पंजीकृत संस्थाओं द्वारा संचालित गौशालाओं का भी निरीक्षण किया। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने आज जिला मुख्यालय बालोद के आमापारा स्थित महावीर गौशाला के अलावा तांदुला जलाशय के समीप नगर पालिका बालोद द्वारा संचालित गौठान तथा गुरूर विकासखण्ड के ग्राम चुल्हापथरा में संचालित कृष्णगोपाल गौशाला के अलावा गुरूर विकासखण्ड के चिटौद में राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित चारागाह में पहुँचकर इसे गौधाम निर्माण हेतु चयनित किया गया। इस दौरान जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री सुनील चंद्रवंशी, एसडीएम गुरूर श्री रामकुमार सोनकर सहित पंचायत एवं पशु चिकित्सा विभाग के उप संचालकों के अलावा अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।
कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने आमापारा बालोद में संचालित महावीर गौशाला में वहाँ के व्यवस्थाओं का जायजा लिया। उन्होंने मौके पर उपस्थित गौशाला संचालन समिति के पदाधिकारियों से वर्तमान में गौठान में रह रहे गौवंश पशुओं की संख्या, उनके लिए चारा, दवाइयां, इलाज एवं देखरेख आदि की व्यवस्थाओं के संबंध में विस्तारपूर्वक जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने गौशाला के पशुओं को गुड़ भी खिलाया। इसके अलावा श्रीमती मिश्रा ने जिला मुख्यालय बालोद में तांदुला जलाशय के समीप नगर पालिका परिषद द्वारा संचालित गौठान का भी अवलोकन किया। इस स्थान पर गौधाम निर्माण के लिए पर्याप्त रकबा एवं आवागमन हेतु मार्ग आदि की उपलब्धता को देखते हुए अधिकारियों ने इसे गौधाम निर्माण के लिए चयनित किया। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने यहाँ पर गौधाम निर्माण कार्य प्रारंभ करने हेतु तहसीलदार एवं मौके पर उपस्थित अधिकारियों सभी प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात कलेक्टर श्रीमती मिश्रा एवं अधिकारियों ने गुरूर विकासखण्ड ग्राम चुल्हापथरा में पहुँचकर कृष्णगोपाल गौशाला का भी अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने गौशाला का देखरेख कर रहे लोगों की गौशाला में दुध उत्पादन, गोबर एवं गौमूत्र के उपयोग के संबंध में जानकारी ली।
कलेक्टर एवं अधिकारियों ने गुरूर विकासखण्ड के ग्राम चिटौद में राष्ट्रीय राजमार्ग के समीप स्थित चारागाह का अवलोकन कर इस स्थान पर पर्याप्त रकबा, सुविधाओं की उपलब्धता एवं पहुँच मार्ग एवं अन्य सभी दृष्टि से उपयुक्त पाए जाने पर इस स्थान को गौधाम निर्माण हेतु चयन किया जाएगा। कलेक्टर श्रीमती मिश्रा ने कहा कि इस स्थान पर 05 एकड़ शासकीय भूमि पर पशुओं के लिए जरूरी सुविधाओं से युक्त गौधाम का निर्माण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि गौधाम के सुचारू संचालन हेतु शासन के द्वारा अनुदान भी प्रदान किया गया है। उन्होंने कहा कि इस गौधाम में पशुओं के लिए शेड निर्माण तथा चारापानी एवं उनके देखरेख आदि सभी सुविधाएं सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने मौके पर उपस्थित ग्राम पंचायत के सरंपच को इस स्थान पर गौधाम निर्माण करने हेतु ग्राम पंचायत सचिव को प्रस्ताव पारित कराने एवं अनापत्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने को कहा। इसके अलावा कलेक्टर ने सरपंच एवं मौके पर उपस्थित अधिकारी-कर्मचारियों को समुचित स्थान पर पौधरोपण कर पूरे परिसर को हरा-भरा बनाने के कार्य में सहयोग करने को कहा। कलेक्टर ने कहा कि यहाँ पर गौधाम बनाकर गौवंशीय पशुओं के समुचित देखभाल के अलावा उनके संरक्षण एवं संवर्धन सुनिश्चित करने हेतु इस स्थान को बेहतर तरीके से विकसित किया जाए। श्रीमती मिश्रा ने मौके पर उपस्थित एसडीएम एवं जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी को इस संबंध में शीघ्र कार्य योजना बनाने के निर्देश दिए।
नासिक / शौर्यपथ / सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन सीबीआईने महाराष्ट्र के नासिक ज़िले के इगतपुरी स्थित रेनफॉरेस्ट रिसॉर्ट में चल रहे अवैध कॉल सेंटर पर बड़ी कार्रवाई करते हुए साइबर ठगी के अंतरराष्ट्रीय रैकेट का भंडाफोड़ किया है। यह कॉल सेंटर अमेरिका, कनाडा समेत कई देशों के नागरिकों को ठगने में लिप्त था।
सीबीआईने 8 अगस्त 2025 को मुंबई निवासी छह निजी आरोपियों और अज्ञात बैंक अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया था। आरोप है कि आरोपी मिलकर अमेज़न सपोर्ट सर्विसेज कॉल सेंटर के नाम पर फर्जी कॉल कर विदेशी नागरिकों को गिफ्ट कार्ड और क्रिप्टोकरेंसी के जरिए ठगते थे।
छापेमारी के दौरान सीबीआई को कॉल सेंटर में काम कर रहे लगभग 60 ऑपरेटर मिले, जिनमें डायलर, वेरिफायर और क्लोज़र शामिल थे। उस समय विदेशी नागरिकों से ठगी की प्रक्रिया लाइव चल रही थी।
कार्रवाई में 44 लैपटॉप, 71 मोबाइल फोन, ₹1.20 करोड़ नकद, 500 ग्राम सोना और ₹1 करोड़ की सात लग्जरी कारें बरामद हुईं। डिजिटल साक्ष्यों के साथ लगभग 5000 USDT (₹5 लाख) की क्रिप्टोकरेंसी और 2000 कनाडाई डॉलर (₹1.26 लाख) के गिफ्ट वाउचर भी पकड़े गए।
अब तक सीबीआईने 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है — विशाल यादव, शेबाज़, दुर्गेश, अभय राज उर्फ राजा और समीर उर्फ कालिया उर्फ सोहैल। मामले में अन्य आरोपियों और धन के स्रोत का पता लगाने के लिए जांच जारी है।
सीबीआई अधिकारियों के अनुसार, यह गिरोह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सक्रिय साइबर अपराध नेटवर्क का हिस्सा है, जो भारत से संचालित होकर विदेशी नागरिकों को निशाना बना रहा था।
दुर्ग / शौर्यपथ विशेष
राजनीति में कुछ लोग आते हैं, पद पाते हैं और समय के साथ गुमनाम हो जाते हैं। लेकिन कुछ ऐसे होते हैं जो पद से नहीं, अपने कार्य से पहचाने जाते हैं। दुर्ग भाजपा के निर्वतमान जिलाध्यक्ष जितेंद्र वर्मा ऐसे ही नेता हैं, जिन्होंने संगठन को केवल चलाया नहीं, बल्कि उसमें नई ऊर्जा भर दी। आज, 10 अगस्त, उनका जन्मदिन है—और यह तारीख न केवल उनके जीवन का, बल्कि दुर्ग भाजपा के इतिहास का भी एक अहम दिन है।
जब चुनौती थी पहाड़ जैसी…
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का गृह जिला दुर्ग, और भाजपा की स्थिति—पांच विधानसभा में से एक भी सीट अपने पास नहीं। ऐसे कठिन समय में पार्टी ने पाटन के एक छोटे से गांव से उठाकर जितेंद्र वर्मा को दुर्ग जिले की कमान सौंपी। चुनौती केवल कांग्रेस को टक्कर देने की नहीं थी, बल्कि टूटे-बिखरे संगठन को एकजुट कर नई राह पर ले जाने की थी।
संगठन को दी नई दिशा, कार्यकर्ताओं में जगाई आग
जिला अध्यक्ष बनने के बाद जितेंद्र वर्मा ने हर गुट के कार्यकर्ताओं को बराबरी से महत्व दिया। अपने राजनीतिक गुरुओं के साथ जुड़े कार्यकर्ताओं को जिम्मेदारी सौंपी और "एक आवाज, एक लक्ष्य" का मंत्र दिया। परिणाम—सड़कों पर आंदोलन की कतारें लंबी हुईं, कार्यकर्ताओं में जोश लौटा, और दुर्ग भाजपा एकजुट होकर मैदान में उतरी।
विधानसभा में रचा जीत का इतिहास
उनकी रणनीति और नेतृत्व में हुए विधानसभा चुनावों में दुर्ग भाजपा ने चमत्कार कर दिखाया—
साजा से ईश्वर साहू
अहिवारा से डोमन लाल कोर्सेवाड़ा
दुर्ग ग्रामीण से ललित चंद्राकर
दुर्ग शहर से गजेंद्र यादव
इन नए चेहरों ने जीत दर्ज की, जबकि सांसद विजय बघेल ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उनके गढ़ पाटन में बांधे रखा, जिससे अन्य सीटों पर भाजपा की जीत आसान हुई।
रिकॉर्ड सदस्यता और सामंजस्य की मिसाल
अपने कार्यकाल में जितेंद्र वर्मा ने संगठनात्मक स्तर पर नए आयाम गढ़े। हाल के सदस्यता अभियान में दुर्ग भाजपा ने पूरे प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त किया। मंडल अध्यक्षों के चुनाव में जिस सामंजस्य और आपसी तालमेल का प्रदर्शन हुआ, वह कार्यकर्ताओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गया।
व्यक्तिगत कठिनाइयों में भी निभाई जिम्मेदारी
नगरीय निकाय चुनाव के दौरान जब उनके प्रिय पिताजी गंभीर रूप से बीमार थे और वे स्वयं स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे थे, तब भी उन्होंने चुनावी मैदान में डटे रहकर जिम्मेदारियों का निर्वहन किया। नतीजा—निकाय चुनाव में दुर्ग भाजपा की चारों ओर जीत।
धार्मिक और सांस्कृतिक जुड़ाव
कांवड़ यात्रा जैसे धार्मिक आयोजनों के माध्यम से उन्होंने जिले की धार्मिक भावनाओं को एक सूत्र में पिरोया। इससे न केवल संगठन, बल्कि समाज के हर वर्ग में उनकी स्वीकार्यता बढ़ी।
एक मजबूत विरासत छोड़कर गए
5 जनवरी को नए जिला अध्यक्षों की नियुक्ति के साथ वे पद से मुक्त हुए, लेकिन वे संगठन को मजबूती, सामंजस्य और जीत की परंपरा का खजाना सौंप गए—एक ऐसी विरासत जिसे आने वाले वर्षों तक याद रखा जाएगा।
आज उनके जन्मदिन पर मित्र, संगठन के साथी और शुभचिंतक लगातार शुभकामनाएं दे रहे हैं। शौर्यपथ परिवार भी उन्हें जन्मदिन की हार्दिक बधाई और दीर्घायु की शुभकामनाएं देता है।
— शौर्यपथ विशेष संपादकीय टीम
दुर्ग। शौर्यपथ।
दुर्ग नगर पालिक निगम में आयुक्त सुमित अग्रवाल लगातार प्रशासनिक कसावट और सुशासन की दिशा में निर्णायक कदम उठा रहे हैं। उनके कई फैसले जहां पारदर्शिता और जिम्मेदारी की मिसाल पेश कर रहे हैं, वहीं कुछ निर्णय चर्चा का विषय भी बन रहे हैं। ऐसा ही एक ताज़ा मामला है—इंदिरा मार्केट सहित नगर के बाजार प्रबंधन की कमान एक बार फिर ईश्वर वर्मा को सौंपना।
पूर्व आयुक्त लोकेश चंद्राकर के कार्यकाल में भी ईश्वर वर्मा को बाजार प्रभारी बनाया गया था, लेकिन कुछ ही महीनों में उनके कार्यों में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद उन्हें पद से हटा दिया गया था हालाँकि पद से हटाने का कारण प्रशासनिक व्यवस्तथा बताई गई किन्तु चंद महीनो में ही मूल पद में स्थानातरण चर्चा का विषय रहा । सूत्रों के अनुसार, उनके उस कार्यकाल में बाजार व्यवस्था में सुधार की दिशा में कोई ठोस पहल नहीं हुई। उनकी प्रमुख गतिविधि केवल पेंडिंग पड़ी नामांतरण एवं पंजीयन फाइलों को निपटाने तक सीमित रही, जबकि बाजार में दुकानों के मूल स्वरूप में बड़े पैमाने पर हुए बदलाव और बरामदों तक फैली दुकानदारी पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।
इंदिरा मार्केट की स्थिति किसी से छिपी नहीं है—बरामदों को दुकानों में बदलना, सड़कों तक अतिक्रमण, और निगम अधीन दुकानों में बिना अनुमति संरचनात्मक परिवर्तन वर्षों से जारी हैं। सहायक राजस्व निरीक्षक के रूप में लंबे समय तक जिम्मेदारी संभालने वाले ईश्वर वर्मा ने इन मामलों में कार्रवाई की अनुशंसा तक नहीं की, जिससे उनकी कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े हुए।
यही कारण था कि पूर्व आयुक्त लोकेश चंद्राकर ने उन्हें महज़ कुछ महीनों में ही प्रभार से मुक्त कर दिया था। अब, आयुक्त सुमित अग्रवाल ने एक बार फिर उनके ऊपर भरोसा जताते हुए उन्हें बाजार प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी है। प्रशासनिक मुखिया के रूप में सुमित अग्रवाल की छवि सख्त और सुशासनप्रिय अधिकारी की रही है, लेकिन इस नियुक्ति ने यह सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या यह निर्णय बाजार व्यवस्था सुधारने में कारगर होगा या फिर अतीत की गलतियां दोहराई जाएंगी।
जनता की निगाह अब ईश्वर वर्मा पर है—क्या वे उन दुकानदारों पर कार्रवाई करेंगे जिन्होंने अपने मूल स्वरूप को बदला और बरामदों तक कब्जा जमाया? क्या वे न्यू जनता बूट हाउस, बजाज बूट हाउस जैसे बड़े नामों के खिलाफ भी सख्त कदम उठाएंगे, या फिर बाजार विभाग की कुर्सी एक बार फिर "मौन स्वीकृति" की गवाही देगी?
दुर्ग के नागरिक यह देखने को आतुर हैं कि क्या ईश्वर वर्मा इस बार आयुक्त सुमित अग्रवाल के भरोसे पर खरे उतरेंगे और बिगड़ी बाजार व्यवस्था को पटरी पर लाएंगे, या फिर बाजार की सूरत सुधारने का सपना फिर अधूरा रह जाएगा।
विशेष आलेख
बिलासपुर के सांसद-नेता और अनुभवी वकील अरुण साव का राजनीतिक उत्थान, 9 अगस्त 2022 के नेतृत्व वितरण से नवम्बर 2023 में उपमुख्यमंत्री बनने तक का क्रम — एक ऐसा अध्याय जो उनके समर्थकों और प्रदेश की राजनीति दोनों के लिए निर्णायक साबित हुआ।
छत्तीसगढ़ के उपमुख्यमंत्री अरुण साव (जन्म: 25 नवम्बर 1968) का राजनीतिक और वैधानिक सफर पारंपरिक पृष्ठभूमि से निकलकर राज्य के उच्चतम राजनीतिक मंच तक पहुंचने का प्रेरक अंकन है। रायपुर में जन्मे अरुण साव किसान परिवार से आते हैं; उनके पिता स्वर्गीय श्री अभय राम साव और माता श्रीमती प्रमिला साव हैं। उन्होंने 17 अप्रैल 2000 को श्रीमती मीना साव से विवाह किया और उनका एक पुत्र है। शिक्षा की दृष्टि से उन्होंने मुंगेली के शासकीय एस.एन.जी. कॉलेज से बी.कॉम. और बिलासपुर के कौशलेन्द्र राव लॉ कॉलेज से एल.एल.बी. की डिग्री हासिल की।
विधिक जीवन में अरुण साव ने मुंगेली सिविल कोर्ट में प्रैक्टिस से अपने करियर की शुरुआत की और बाद में बिलासपुर उच्च न्यायालय में अधिवक्ता के रूप में कार्य करते हुए राज्य की सेवा में भी गहन भूमिका निभाई। उनकी सरकारी सेवा-भूमिका इस प्रकार रही: मार्च 2005 से फरवरी 2006 तक उप शासकीय अधिवक्ता, मार्च 2006 से अगस्त 2013 तक शासकीय अधिवक्ता, और सितम्बर 2013 से जनवरी 2018 तक छत्तीसगढ़ के उप महाधिवक्ता के रूप में उन्होंने दायित्व निभाये — एक ऐसा क्रम जो उन्हें विधिक विशेषज्ञता के साथ प्रशासनिक अनुभव भी देता है।
सामाजिक और छात्र-जीवन में वे 1990 से अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद व अन्य संगठनों से सक्रिय रहे, तथा साहू समाज के तहसील, जिला और प्रादेशिक स्तर पर विभिन्न जिम्मेदारियाँ निभाईं। खेलों और सांस्कृतिक गतिविधियों के प्रति उनकी रुचि—कबड्डी, वॉलीबाल, क्रिकेट और बैडमिंटन—उन्हें जमीनी स्तर से जोड़ती है और संगठनात्मक क्षमता के विकास में मदद करती है।
राजनीतिक रूप से अरुण साव का बड़ा पड़ाव 2019 में आया जब वे बिलासपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद निर्वाचित हुए। 17वीं लोकसभा में वे कोयला व खान मंत्रालय की परामर्शदात्री समिति तथा कोयला और इस्पात संबंधी स्थायी समिति के सदस्य रहे — जिनसे उनके संसदीय अनुभव और क्षेत्रीय उद्योगों के साथ जुड़ाव को मजबूती मिली।
उनके राजनीतिक जीवन का निर्णायक मोड़ था 9 अगस्त 2022 — जिस दिन उन्हें भारतीय जनता पार्टी, छत्तीसगढ़ का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उस समय प्रदेश में सत्तारूढ़ सरकार के बावजूद संगठनात्मक मजबूती और विरोधी राजनीति को संगठित करने की जिम्मेदारी अरुण साव के हाथों सौंपी गई। भाजपा संगठन ने 9 अगस्त 2022 के बाद संगठनात्मक पुनर्रचना और सक्रियता बढ़ाकर लगभग चौदह माह के भीतर वह राजनीतिक माहौल तैयार कर दिया, जिसका फल नवम्बर 2023 में भाजपा की प्रदेश में सत्ता वापसी के रूप में सामने आया। परिणामस्वरूप राज्य सरकार बनने पर अरुण साव को उपमुख्यमंत्री का महत्त्वपूर्ण पद भी सोंपा गया — एक पद जिसे वे अपने व्यापक संगठनात्मक और विधिक अनुभव के साथ निभा रहे हैं।
9 अगस्त 2022 का सोशल मीडिया संदेश और नियुक्ति पत्र
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने इस दिन को अपने जीवन का अहम मोड़ मानते हुए अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा—
"आज के ही दिन 9 अगस्त 2022 को भारतीय जनता पार्टी केंद्रीय नेतृत्व ने मुझे जैसे सामान्य कार्यकर्ता को छत्तीसगढ़ भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश नेतृत्व की कमान संभालने का अवसर दिया था।
पूरे प्रदेश का दौरा कर, बूथ से लेकर प्रदेश स्तर के कार्यकर्ताओं को उनकी शक्ति का अहसास दिलाया और प्रदेश के वरिष्ठ नेताओं और साथी कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर हमने कांग्रेस सरकार के भ्रष्ट किले को ढहा दिया।
और 14 माह के सामूहिक परिश्रम और प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी की मोदी की गारंटी की आधार पर प्रदेश की जनता ने भाजपा की सुशासन सरकार को चुना।"
इसके साथ ही उन्होंने भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव अरुण सिंह द्वारा जारी आधिकारिक नियुक्ति पत्र भी साझा किया, जिसमें 9 अगस्त 2022 से प्रभावी रूप से उन्हें छत्तीसगढ़ भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
आलेख - शरद पंसारी
संपादक - दैनिक समाचार
हजारों बहनों ने बांधी राखी, विधायक बोले 'भिलाई मेरा परिवार है, यही मेरा सबसे बड़ा धन हैÓ
भिलाई / शौर्यपथ / रक्षाबंधन के अवसर पर भिलाई नगर विधायक ने एक बार फिर अपने अनोखे और भावनात्मक आयोजन से लोगों के दिल जीत लिए। सेक्टर-5 स्थित एक विशाल पंडाल में भव्य रक्षाबंधन पर्व का आयोजन किया गया, जहां पूरे विधानसभा क्षेत्र से हजारों महिलाएं और युवतियां विधायक को राखी बांधने के लिए उमड़ीं।
यह आयोजन हर साल की तरह इस वर्ष भी विधायक द्वारा स्वयं के स्तर पर आयोजित किया गया था, जिसमें राखी बांधने के साथ-साथ महिलाओं के लिए विशेष भोजन, मनोरंजन, गीत-संगीत, और छत्तीसगढ़ी सुआ नृत्य की भी आकर्षक प्रस्तुति हुई।
विधायक के हाथों में बंधीं हजारों राखियाँ
विधायक का पूरा हाथ राखियों से भर गया था। बहनों के स्नेह और आशीर्वाद से अभिभूत विधायक ने भावुक होते हुए कहा –पूरा भिलाई मेरा परिवार है। यह रक्षाबंधन सिर्फ एक पर्व नहीं, बल्कि हमारे विश्वास और प्रेम का प्रतीक है। यह परंपरा सालों से चल रही है, और इसे मैं हर साल अपनी बहनों के साथ मनाता हूं।
जेल में भी नहीं टूटा बहनों का रिश्ता
विधायक ने याद करते हुए कहा -
"पिछले साल जब मैं जेल में था, तब भी मेरी बहनें राखी लेकर वहां पहुंचीं थीं। यह सिर्फ धागा नहीं, बल्कि प्यार, विश्वास और आशीर्वाद का प्रतीक है। यही मेरा सबसे बड़ा धन है।"
बहनों ने दी लंबी उम्र की कामना
राखी बांधने पहुंची महिलाओं ने विधायक को तिलक कर रक्षा सूत्र बांधा और उनकी लंबी उम्र, सफलता और स्वस्थ जीवन की कामना की। कई बहनों ने कहा कि विधायक से उनका रिश्ता सिर्फ एक जनप्रतिनिधि का नहीं, बल्कि भाई जैसा है, जो हर समय उनके साथ खड़ा रहता है।
आयोजन स्थल पर उमड़ी भारी भीड़
रक्षाबंधन पर्व के इस आयोजन में सुबह से ही महिलाओं की भीड़ लगने लगी थी। आयोजन समिति द्वारा पंडाल में बैठने, खाने और सुरक्षा की समुचित व्यवस्था की गई थी। छत्तीसगढ़ी लोकनृत्य और गीत-संगीत ने माहौल को और भी उल्लासमय बना दिया।
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जो सीधे तौर पर महापौर श्रीमती अलका बाघमार के निर्देशों की अवहेलना और निगम की प्रशासनिक कमजोरी को उजागर करता है। महापौर के आदेश के बावजूद, मिशन क्लीन सिटी (MCC) की एक कर्मचारी अब भी जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र शाखा में काम कर रही है, जबकि उसका मूल कार्यक्षेत्र वार्डों में सफाई का है। यह घटना न केवल नियमों के उल्लंघन का प्रतीक है, बल्कि यह भी सवाल उठाती है कि क्या दुर्ग निगम में महापौर से भी ज़्यादा प्रभावशाली कोई और है?
पिछले महीने, महापौर अलका बाघमार ने स्वयं इस नियम विरुद्ध कार्य को देखा था और स्वास्थ्य अधिकारी को तुरंत उस कर्मचारी को उसके मूल कार्य पर वापस भेजने का निर्देश दिया था। लेकिन, आश्चर्यजनक रूप से, महापौर के स्पष्ट आदेश के बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है। इस मामले की जानकारी शहरी सरकार के स्वास्थ्य प्रभारी निलेश अग्रवाल को भी दी गई थी, जिन्होंने कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन जमीनी स्तर पर कोई बदलाव नहीं हुआ।
यह स्थिति सीधे तौर पर प्रशासनिक अधिकारियों की मनमर्जी और महापौर के निर्देशों की खुली अवहेलना को दर्शाती है। जब शहर की प्रथम नागरिक के आदेशों का पालन नहीं हो रहा है, तो यह निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाता है। इस तरह की निष्क्रियता न केवल मेयर के पद की गरिमा को कम करती है, बल्कि यह भी बताती है कि अधिकारी और जनप्रतिनिधि अपनी जिम्मेदारियों के प्रति कितने उदासीन हैं।
इस मामले पर अब स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी और निगम के उपायुक्त मोहेंद्र साहू के संज्ञान लेने की खबर सामने आई है। अब देखना यह है कि क्या वे इस मामले में ठोस कदम उठाते हैं या यह मामला भी पिछली शिकायतों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा। यह घटना दुर्ग के प्रशासनिक ढांचे की पोल खोलती है और यह दिखाती है कि अगर शीर्ष नेतृत्व के आदेशों का भी पालन न हो, तो आम जनता के लिए न्याय और व्यवस्था की उम्मीद रखना कितना मुश्किल है।
क्या दुर्ग निगम के अधिकारी महापौर के निर्देशों का पालन करेंगे या एक 'MCC' कर्मचारी का पदस्थापन ही अंतिम निर्णय माना जाएगा, यह समय ही बताएगा।