November 14, 2024
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धर्म संसार / शौर्यपथ / प्रभु यीशु के जन्म की ख़ुशी में मनाया जाने वाला क्रिसमस का त्योहार पूरी दुनिया में मनाया जाता है। यह त्योहार कई मायनों में बेहद खास है। क्रिसमस को बड़ा दिन, सेंट स्टीफेंस डे या फीस्ट ऑफ़ सेंट स्टीफेंस भी कहा जाता है। प्रभु यीशु ने दुनिया को प्यार और इंसानियत की शिक्षा दी। उन्होंने लोगों को प्रेम और भाईचारे के साथ रहने का संदेश दिया। प्रभु यीशु को ईश्वर का इकलौता प्यारा पुत्र माना जाता है। इस त्योहार से कई रोचक तथ्य जुड़े हैं। आइए जानते हैं इनके बारे में।
क्रिसमस ऐसा त्योहार है जिसे हर धर्म के लोग उत्साह से मनाते हैं। यह एकमात्र ऐसा त्योहार है जिस दिन लगभग पूरे विश्व में अवकाश रहता है। 25 दिसंबर को मनाया जाने वाला यह त्योहार आर्मीनियाई अपोस्टोलिक चर्च में 6 जनवरी को मनाया जाता है। कई देशों में क्रिसमस का अगला दिन 26 दिसंबर बॉक्सिंग डे के रूप मे मनाया जाता है। क्रिसमस पर सांता क्लॉज़ को लेकर मान्यता है कि चौथी शताब्दी में संत निकोलस जो तुर्की के मीरा नामक शहर के बिशप थे, वही सांता थे। वह गरीबों की हमेशा मदद करते थे उनको उपहार देते थे। क्रिसमस के तीन पारंपरिक रंग हैं हरा, लाल और सुनहरा। हरा रंग जीवन का प्रतीक है, जबकि लाल रंग ईसा मसीह के रक्त और सुनहरा रंग रोशनी का प्रतीक है। क्रिसमस की रात को जादुई रात कहा जाता है। माना जाता है कि इस रात सच्चे दिल वाले लोग जानवरों की बोली को समझ सकते हैं। क्रिसमस पर घर के आंगन में क्रिसमस ट्री लगाया जाता है। क्रिसमस ट्री को दक्षिण पूर्व दिशा में लगाना शुभ माना जाता है। फेंगशुई के मुताबिक ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। पोलैंड में मकड़ी के जालों से क्रिसमस ट्री को सजाने की परंपरा है। मान्यता है कि मकड़ी ने सबसे पहले जीसस के लिए कंबल बुना था।

सम्पादकीय लेख / शौर्यपथ / केरल में एक हथिनी की जिस तरह दर्दनाक मौत हुई है, उससे न केवल कानून-व्यवस्था, बल्कि मानवीयता पर भी सवाल…
मेलबॉक्स / शौर्यपथ / धरती पर मानव ही ऐसा प्राणी है, जो अच्छे और बुरे का भेद कर सकता है। मगर केरल की घटना ने…
ओपिनियन / शौर्यपथ / प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन के बीच हुई शिखर-वार्ता समोसा और गुजराती खिचड़ी की चर्चा के साथ…

   दुर्ग / शौर्यपथ / आयुक्त बर्मन द्वारा सहायक राजस्व निरीक्षक को बाज़ार विभाग का प्रभार तो दे दिया गया किन्तु पहले दिन ही शहर के मुख्य बाज़ार इंदिरा मार्केट मुख्य मार्ग में अव्यवस्था का आलम दिखा और आम जनता परेशान होती रही किन्तु निगम के नवनियुक्त बाज़ार प्रभारी थान सिंह द्वारा किसी भी तरह की कोई कार्यवाही का ना करना समझ से परे है जबकि शाम के समय बाज़ार प्रभारी इंदिरा मार्केट प्रेस काम्प्लेक्स में ही अपनी टीम के साथ थे .
   बता दे कि इन दिनों शहर में अमृत मिशन योजना के तहत पाइप लाइन बिछाने का कार्य तीव्र गति से चल रहा है उसी कड़ी में आज पाइप लाइन का कार्य इंदिरा मार्किट मुख्य मार्ग होटल शीला के सामने पाइप लाइन बिछाने का कार्य प्रगति पर था जिसके कारण वन वे वाले मार्ग में एक तरफ ( शीला होटल के सामने ) के मार्ग को बंद कर दिया गया था जिसके कारण यातायात का दबाव दुसरे मार्ग पर जयादा बढ़ गया था . दुसरे मार्ग तरह निगम काम्प्लेक्स है जिसमे ऐसी कई दुकाने है जिनके सामान सड़क तक फैले रहते है . सामानों को इस तरह सड़क तक फैला कर व्यापार करने वालो के बारे में बाज़ार प्रभारी सहायक राजस्व निरीक्षक थान सिंह अच्छे से जानते है किन्तु वर्तमान में जब कार्य प्रगति पर था और एक ही तरफ से आने जाने वालो का रेला लगा हुआ था बावजूद इसके बाज़ार प्रभारी द्वारा मामले को किसी भी तरह संज्ञान नहीं लेना दुर्ग की आम जनता जो बाज़ार क्षेत्र में इस तरह के यातायात के दबाव से परेशांन थी निगम प्रशासन की कार्य शैली पर ऊँगली उठा रही थी किन्तु इतना सब होने के बाद भी बाज़ार विभाग द्वारा किसी भी तरह संज्ञान ना लेना सड़क तक सामान फैला कर व्यापार करने वाले व्यापारियों के हौसले ही बुलंद करता है . क्या नए बाज़ार प्रभारी इंदिरा मार्किट की दशा और दिशा सुधारेंगे या सिर्फ प्रभारी मुखिया बनकर मौन रहेंगे ?

दुर्ग / शौर्यपथ राजनीती लेख / राजेन्द्र साहू दुर्ग का जाना पहचाना नाम . कांग्रेस के बड़े नेताओ में राजेन्द्र साहू की गिनती होती है . प्रदेश कांग्रेस सरकार के मुखिया के करीबी माने जाने वाले राजेन्द्र साहू का दुर्ग के युवा वर्ग में खासी पकड है . राजेन्द्र साहू वर्षो से कांग्रेस के सक्रीय कार्यकर्ता और संगठन में कई पदों पर कार्य कर चुके है . मुख्यमंत्री के गृह क्षेत्र पतन का प्रभारी पद का बखूबी निर्वहन कर चुके राजेन्द्र साहू वर्तमान में प्रदेश कांग्रेस में महामंत्री के पद पर है . इन दिनों राजेन्द्र साहू केंद्र की नीतियों का विरोध करने में दुर्ग कांग्रेस के बड़े चेहरे बन गए है .
प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बने हुए ढेढ़ साल हो गया किन्तु राजेन्द्र साहू संगठन की राजनीती में ही समय देते रहे किन्तु पिछले कुछ दिनों से लगातार मिडिया के माध्यम से राजेन्द्र साहू लगातार केंद्र की मोदी सरकार की जनहित विरोधी नीतियों का लगातार विरोध कर रहे है और खबरों में छाए हुए है क्या सोशल मिडिया क्या प्रिंट मिडिया क्या इलेक्ट्रोनिक मिडिया हर क्षेत्र में लगातार कांग्रेस की तरफ से दुर्ग शहर में कांग्रेस की मुखर आवाज़ बन कर उभरे है .
          राजेन्द्र साहू के यु अचानक सक्रीय होने से दुर्ग कांग्रेसियों सहित भाजपा में भी चर्चा का विषय है . वैसे तो वर्तमान में भिलाई निगम , रिसाली निगम ,और जामुल निगम में ही चुनाव होने वाले है किन्तु देखा जाए तो इन तीनो निकाय के किसी पद की दौड़ में राजेन्द्र साहू कही नहीं नजर आते . वही चर्चा का विषय है कि क्या ये भविष्य की तैयारी तो नहीं .
      मुझे अच्छे से याद है कि २०१५ में जब हाल ही में छत्तीसगढ़ के विधान सभा चुनाव संपन्न हुए थे और प्रदेश में भाजपा की सरकार तीसरी बार बनी थी और मुख्यमंत्री बघेल तब नए प्रदेश अध्यक्ष का पद संभाले थे और राजनंदगांव के घुमका क्षेत्र में सभा ली थी उसी सभा में उनके द्वारा इस आक्रामक तरीके से कांग्रेसियों का उत्साह वर्धन किया था मानो चुनाव ४ साल बाद नहीं चार दिन बाद हो . पद सँभालते ही तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष भूपेश बघेल ने जिस तरह से पुरे छत्तीसगढ़ में सभाए लेनी शुरू कर दी थी और कार्यकर्ताओ को ऐसे तैयार कर रहे थे जैसे चुनाव अगले माह हो प्रदेश अध्यक्ष बनते ही तात्कालिक प्रदेश अध्यक्ष व वर्तमान मुख्यमंत्री बघेल ने आक्रामकता के साथ प्रदेश सरकार के खिलाफ राजनितिक जंग का बिगुल बजा दिया था और उसी का परिणाम २०१९ की विधान सभा में कांग्रेस की बम्फर जीत का तोहफा था .
     कुछ ऐसा ही नजारा आज उनके राजनैतिक शिष्य राजेन्द्र साहू में देखने को मिल रहा है . शहर में चर्चा का विषय है कि भविष्य में प्रदेश कांग्रेस द्वारा राजेन्द्र साहू को कोई बड़ी जिम्मेदारी दी जा सकती है . राजेन्द्र साहू वर्तमान में दुर्ग संसदीय क्षेत्र के एक ऐसे कांग्रेस नेता है जो आम जनता सहित संगठन की नजर में सौम्य , सहज , सरल और निर्विवाद नेता के तौर पर जाने जाते है .दुर्ग के और उनके जानने वाले कहते है कि राजेन्द्र साहू ने राजनितिक जीवन में अभी तक सिर्फ व्यक्ति ही कमाए है जो उनके समर्थक के रूप में जाने जाते है विरोधी भी उनके व्यवहार की तारीफ़ करते है . खैर राजनीती में एक पल में कौन कहा पहुँच जाए कुछ कहा नहीं जा सकते किन्तु वर्तमान में यही चर्चा है राजनितिक हलको में कि भविष्य में राजेन्द्र साहू को कोई महत्तवपूर्ण जिम्मेदारी मिल सकती है .

दुर्ग। शौर्यपथ । दुर्ग NSUI शहर अध्यक्ष हितेश सिन्हा के नेतृत्व में आज नगर पुलिस अधीक्षक श्री विवेक शुक्ला जी को दुर्ग शहर के साथ ही आस पास के ग्रामीण आंचलों में हर गाली मोहल्ले में चल रहे अवैध कारोबार सट्टा,जुआ के साथ ही प्रतिबंधित चीजे गांजा शराब बिक्री को तत्काल बंद करवाने के लिए ज्ञापन सौप करके पुलिस प्रशासन को जानकारी देकर चल रहे अवैध कारोबार जो भयंकर रूप से फलफूल रहा है जिसके को लेकर दुर्ग NSUI ने तत्काल बंद कराने एवं जो भी व्यक्ति इस कारोबार को बढ़ावा देने में लिप्त है ऐसे लोगो को चिंहित कर जल्द से जल्द कार्यवाही करने की मांग की किए एक सप्ताह के अंदर अवैध कारोबार पर अंकुश नही लगा तो प्रदेश के मुखिया श्री भूपेश बघेल जी,गृहमंत्री श्री ताम्रध्वज साहू से मिल करके इसकी शिकायत कर उचित कार्यवाही करने की मांग करेंगे.।।

*नीचले बस्तियों में जल भराव ना हो, निगम ने की है तैयारी...* *निगम, नाला और नालियों से कचरा निकालने का चला रहा है अभियान....* *आम जनता से अपील अपने घर के आस-पास नालियों में घर का कचरा ना डाले....निगम*

 

    दुर्ग /शौर्यपथ/ बारिश के समय शहर के निचली बस्तियों में बारिश के पानी से जलभराव की स्थिति निर्मित ना हो इसके लिए विशेष अभियान चलाकर नगर पालिक निगम दुर्ग द्वारा शहर के सभी बड़े नाला और वार्ड बस्तियों में स्थित छोटी बड़ी नालियों से कचरा मलमा निकालकर तल से सफाई की जा रही है । समस्त आम जनता से अपील है कि आपके द्वारा अपने घरों का कचरा घर के आस- पास के नालियों में डाल दिए जाने के कारण छोटी नाली से होकर बड़े नाला में कचरा आकर फंस जाता है । जिससे निचली बस्तियों में पानी भरने की समस्या होती है । नगर निगम द्वारा सभी नालियों से कचरा और मलबा निकालने का कार्य किया जा रहा है अत: अनुरोध है कि कोई भी व्यक्ति अपने घरों का कचरा अपने घर के आस-पास की नालियों में बिल्कुल ना डालें । उल्लेखनीय है कि भारत सरकार के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत स्वच्छता सर्वेक्षण के स्टार रेटिंग में केवल नालियों में कचरा मिलने के कारण ही दुर्ग निगम स्टार रेटिंग फेल हुआ है । पूरे शहर के छोटे बड़े नालियों से कचरा निकालने का अभियान निरंतर चलाया गया है । इसके साथ ही बड़े नाला से भी जेसीबी के माध्यम से मलमा और कचरा निकाला जा रहा है ताकि आने वाले समय में बारिश के दौरान किसी भी बस्ती व क्षेत्र में जलभराव की स्थिति ना हो और पानी सुगमता से निकास हो सके । इस कड़ी में नगर निगम दुर्ग द्वारा पोटिया कला वार्ड विवेकानंद नगर में स्थित बड़े नाला से कचरा मलमा निकाल कर जेसीबी से सफाई किया गया । इसी तरह से मग्गा होटल के पास से होकर मिलपारा की बड़ी नाली की सफाई की गई । इसी कड़ी में न्यू पुलिस लाइन वार्ड 48, गायत्री मंदिर वार्ड 25 गंजपारा वार्ड 36, नयापारा वार्ड 1, शंकर नगर वार्ड 10, --11, पोलसाय पारा वार्ड 27, संतरा बाड़ी वार्ड 26, आमदी मंदिर वार्ड 24, दीपक नगर वार्ड 23, शंकर नाल, गिरधारी नाला, पोटिया नाला, कसारीडीह नाला, केलाबाड़ी नाला, शक्ति नगर नाला, तकिया पारा, पोटियाकला वार्ड 54, आजाद वार्ड 37, आदि नालियों से कचरा निकाल कर सफाई की गयी । आयुक्त बर्मन ने बताया बारिश के दौरान किसी भी क्षेत्र में बारिश का पानी नालियों के कारण ना भरे इसके लिए अभियान चलाकर सभी नालियों से कचरा और मलमा निकाला जा रहा है । उन्होंने कहा शहर के बहुत से लोग अपने घरों का कचरा नालियों में डाल दे रहे हैं जिसके कारण कचरा छोटी नाली से होकर नाला में आकर फंसता है और इससे नाली में पानी निकासी रुक जाता है और संबंधित क्षेत्र में पानी भरने की समस्या होती है सभी लोगों से अपील है की वे नालियों में कचरा ना डालें शहर को साफ सुथरा रखने में नगर निगम को सहयोग प्रदान करे ।

शौर्यपथ लेख । फेसबुक वॉल में एक विचार दिखा जिसे एक महिला द्वारा पोस्ट किया गया था । पोस्ट में लिखी बाते सोंचने पर मजबूर कर देती है कहने को तो भारत मे अभिव्यक्ति की आजादी है महिलाओं का सम्मान भी है किंतु ऐसे कई क्षेत्र है जहां महिलाओं का सिर्फ उपयोग ही किया जाता है उन्ही क्षेत्री में एक क्षेत्र है विज्ञपन कि दुनिया का । विज्ञपन की दुनिया मे शायद ही कोई विज्ञपन का निर्माण हुआ हो जिसमें महिलाओं की भागीदारी ना हो किन्तु इसमे से कई विज्ञपन ऐसे है जो महिलाओं की उपयोग की वस्तु ना होने के बाद भी उनमें भागीदारी दिखती है । मेंस शेविंग क्रीम , मेंस वियर , मेंस ऑटो , मेंस ड्रिंक्स जैसे कई प्रोडूक्त है जिनका महिलाओं से कोई परोक्ष सम्बन्ध नही होता किन्तु बावजूद इसके ऐसे विज्ञापनों में इनकी भागीदारी एक विशेष ड्रेसिंग सेंस के साथ दिखाई जाती है ऐसे ही कुछ विज्ञापनों के बारे में एक महिला ने अपने विचार प्रकट किए है जो सोंचने पर मजबूर कर देते है कि क्या ये सही है ... पोस्ट के अंश आप सम्मानित पाठकों को समर्पित यह एक ऐड है जिसमें स्कूटर दिख रहा है.. स्कूटर बिक रहा हैसच कहूँ तो पहली नजर में स्कूटर दिखा ही नहीं..क्योंकि सबकी नजर स्कूटर पर गयी ही नही होगी ...? क्यों सच छिपाऊं,, मैं सोच रही हूँ ,, आखिर ये हो क्या रहा है..?? नारी क्यों देख औेर समझ नहीं पा रही कि बाजार ने उसे एक वस्तु बना दिया है,, वो क्यों विरोध नही करती..?? अगरबत्ती के ऐड में महिला,, शेविंग क्रीम के ऐड में महिला,, डिओ के ऐड में महिला की अमुक डिओ लगाओगे तो,, खिंची चली आंती है ,, पुरुषों के इनर वियर में महिला.. 18-20 साल के लड़के ओर लड़कियों पर इसका क्या असर हो रहा है? उसका समाज पर क्या असर होगा..?? एक परफ्यूम का विज्ञापन है जिसमें लड़की अपने पुरूष मित्र का परिचय माता पिता से कराती है। जब लड़का लड़की की माँ को आण्टी कहकर संबोधित करता है तो प्रौढ़ महिला उसे उसका नाम लेकर पुकारने को कहती है। उधर उसके पति के हाथ में पकड़े हुये पॉपकार्न के पैकेट भिंच जाते हैं, यह विज्ञापन क्या संदेश दे रहा है, समाज को..?? क्या परफ्यूम इतना प्रभाव कारी है कि एक अधेड़ महिला उससे प्रभावित होकर पति और बेटी के सामने इतनी निर्लज्ज हो जाती है..?? कुछ लड़कियां कहती है कि हम क्या पहनेंगे ये हम तय करेंगे, पुरुष नहीं..मैं आपकी बात से सहमत हो सकती हूँ लेकिन वुमन empowerment के नाम जो समाज के सामने जो अश्लीलता परोसी जा रही है उसके कारण देश के युवाओं और समाज पर जो इफेक्ट आ रहा है उसका जिम्मेदार कौन है..?? वह जो जिसे दिखाया जा रहा है या वह जो यह दिखा कर फायदा अपना फायदा उठा रहा। किसी भी प्रोडक्ट को बेचने के लिए किसी औरत या लड़की को अश्लील तरीके से दिखाना कहाँ तक वुमन इंपावरमेंट के अंदर आता है..?? समय बदल रहा है ...कहकर अंग प्रदर्शन करना कहा तक उचित है .. हा मानती हूँ समय अनुसार चलना चाहिए ..पर किस किताब मे लिखा है की ..अंग प्रदर्शन करो .. आज लड़के और लड़कियों मे कोई भेद नही बल्कि मे तो कहूँगी लड़कियां हर फिल्ड मे आगे है आज समाज मे .. आधुनिकता को इतना मत ओढ़ लो की अपनी सभ्यता ही भूल जाओ .. मे भी एक पढ़ी लिखी डॉक्टर हूँ .. पर पैसा कमाने के लिए देह प्रदर्शन का विरोध करती हूँ . सत्य ये है की अश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधों की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दूकान है।ऊंचा उठने के लिए अंग प्रदर्शन नही ...बल्कि अपने अंग को ढककर ऊंचा बनकर दिखाओ आपकी पहचान आपके कम कपड़ों के फोटो से नही ..बल्कि नाम से होनी चाहिए .असल मे वहीं आपकी सच्ची सफलता है

बेमेतरा । शौर्यपथ । संत आशारामजी बापू द्वारा प्रेरित युवा सेवा संघ जिला बेमेतरा ने विश्व पर्यावरण दिवस एवं वट पूर्णिमा व कबीरजी जयंती के…

         दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिक निगम में अधिकारियों कर्मचारियों के अनियमितता के मामले आये दिन उजागर होते ही रहते है भर्ष्टाचार / अनियमितता का दूसरा पर्याय के रूप में दुर्ग निगम की पहचान बनते जा रही है . एक तरफ निगम की नाक के नीचे घटिया पेंट ( एम् आई सी भवन ) के नज़ारे के बाद भी अधिकारियों के ख़ास बने ठेकेदारों को ऑफलाइन ठेके पद्दति से नित नए काम मिल रहे है और घटिया निर्माण / कार्य पर अधिकारी आँख बंद रखे हुए है वही ठ्केदारो की फाइल जो नियमतः कार्यालय में होनी चाहिए किन्तु अधिकतर ठेकेदार अपनी फाइल अपने पास ही रखते है और बिना निरिक्षण दस्खत करने का कार्य इंजिनियर अपने केबिन में बैठ कर करते है . स्थल जाँच कार्यो में हो इसकी संभावना कम ही नजर आती है . हो सकता है कोई बड़ा कमीशन का खेल हो ठेकेदारों और इंजीनियरों में क्योकि साल भर पहले ही ऐसे ही एक मामले में सब इंजिनियर व्ही.पी. मिश्रा द्वारा सड़क पर सडक का निर्माण हुआ और ठेकेदारों को दोनों ही कार्यो के बिल का भुगतान हुआ . क्योकि  जिनकी शिकायत के बाद भी किसी तरह की कार्यवाही नहीं हुई .
          वर्तमान समय में निगम प्रशासन के मुखिया के तौर पर आयुक्त बर्मन द्वारा एक अहम् फैसला लिया गया जिसके तहत सहायक राजस्व निरीक्षक थान सिंह को बाज़ार प्रभारी के रूप में नियुक्त किया गया . किन्तु सबसे बड़ा सवाल यह है कि थान सिंह जो सालो से बाज़ार विभाग का कार्य देख रहे है अब जबकि प्रभारी है तो क्या इनके द्वारा इंदिरा मार्केट में सडको तक सामान फैला कर व्यापार करने वाले बड़े बड़े व्यापारियों पर कार्यवाही की जाएगी या सिर्फ निगम प्रशासन को कार्यवाही के नाम पर गुमराह करते रहेंगे और पद की गरिमा को धूमिल करेंगे ? क्या थान सिंह इंदिरा मार्केट में निगम के द्वारा लीज में दी गयी दुकाने जो बिना अनुमति के अपने मूल स्वरूप में परिवर्तन कर बरामदे तक सामन फैला कर व्यापार कर रहे है उन व्यापारियों पर कार्यवाही करेंगे या फिर ऐसे व्यापारियों पर विशेष कृपा दृष्टी रहेगी ? क्या थान सिंह शहर के ऐसे व्यापारी जो नियमो की अवहेलना करते हुए व्यापार कर रहे है उन पर कार्यवाही करेंगे या निगम प्रशासन का जोर एक बार फिर गरीबो पर ही मेहरबान रहेगा . निगम आयुक्त बर्मन द्वारा एक महत्तवपूर्ण फैसला लिया गया है और थान सिंह को बड़ी जिम्मेदारी दी गयी है क्या आयुक्त के फैसले पर थान सिंह खरे उतरेंगे या सिर्फ दिखावा में ही कार्य होगा . थान सिंह बाज़ार विभाग के सभी कार्यो से भलीभांति परिचित है बस अब समय है अपने पद की गरिमा को बनाए रखने की और निष्पक्ष ( भर्ष्टाचार से परे )होकर निगम के शासकीय कार्यो को करने की तथा ये साबित करने की सहायक क को महत्तवपूर्ण प्रभार देकर आयुक्त ने कोई गलती नहीं की .

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