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समाचार सार
मुख्यमंत्री के आग्रह पर जशपुर में स्पोर्ट्स स्टेडियम निर्माण की घोषणा
केन्द्रीय मंत्री एवं मुख्यमंत्री ने माटी के वीर पदयात्रा का किया भव्य शुभारंभ
जनजातीय संस्कृति का गौरव गान ही सनातन संस्कृति का गौरव गान है: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय
भगवान बिरसा मुंडा की जयंती पर जशपुर में निकली भव्य पदयात्रा
रायपुर / शौर्यपथ / केन्द्रीय मंत्री डॉ. मनसुख मंडाविया एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की उपस्थिति में आज छत्तीसगढ़ के जशपुर नगर में जनजातीय गौरव दिवस के उपलक्ष्य में माटी के वीर पदयात्रा का भव्य आयोजन हुआ। पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए केन्द्रीय मंत्री डॉ. मंडाविया ने देश की आजादी और कोरोना काल में युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका की सराहना की।
उन्होंने कहा कि भगवान बिरसा मुंडा के जीवन से हमें प्रेरणा लेना चाहिए, जिन्होंने 25 वर्ष की आयु में मातृ भूमि को आजाद कराने के लिए लड़ाई लड़ी और अपना बलिदान दिया। उन्होंने कहा कि देश की आजादी की लड़ाई में 6 लाख युवाओं ने अपना बलिदान दिया। उन्हांेने युवाओं से विकसित भारत के सपने को पूरा करने का संकल्प लेने तथा सामाजिक सरोकार को बढ़ावा देने के लिए आगे आने का आव्हान किया। डॉ. मंडाविया ने इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के आग्रह पर जशपुर नगर में सर्वसुविधायुक्त स्पोर्ट्स स्टेडियम का निर्माण कराए जाने की घोषणा की।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने माटी के वीर पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि यह छत्तीसगढ़ और जशपुर के लिए सौभाग्य की बात है कि भगवान बिरसा मुंडा की 150 वीं जयंती के उपलक्ष्य में यह कार्यक्रम आयोजित हो रहा है। उन्होंने इस मौके पर भगवान बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवम्बर को देश में जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाए जाने की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति आभार प्रकट किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने जनजातियों को गौरव करने का एक और बड़ा अवसर प्रदान किया है।
मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि जब-जब संस्कृति पर हमला हुआ है, जनजातीय समाज ने इसका तीव्र प्रतिकार किया है। जनजातीय संस्कृति प्रकृति से प्रेम करने की संस्कृति है। यह संस्कृति सौहार्द्र, शांति और सद्भाव की संस्कृति है। कलाओं से प्रेम करने वाली यह संस्कृति हमारी जनजातीय सनातन संस्कृति का उद्गम है। जनजातीय संस्कृति को बचाने की चिंता सनातन संस्कृति को बचाने की चिंता ही है। जनजातीय संस्कृति का गौरवगान सनातन संस्कृति का गौरवगान ही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि धरती आबा जनजातीय ग्राम उत्कर्ष अभियान और पीएम जनमन अभियान जनजातीय समुदायों के कल्याण के लिए संचालित की जा रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी जी ने जनजातीय समुदायों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए एकलव्य विद्यालयों तथा आय में बढ़ोतरी के लिए वन-धन योजना प्रारंभ किया। आयुष्मान भारत योजना में जनजातीय समुदायों के लिए मुफ्त इलाज की सुविधा शुरू की गई है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार है। हमने जनजातीय क्षेत्रों के विकास की रणनीति तय की है। हमारी सरकार जनजातीय समाज के प्राचीन गौरव और वैभव को वापस पाने के लिए काम कर रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसें गिन रहा है। लोकतंत्र की जड़ें दुर्गम क्षेत्रों तक पहुंच रही हैं। अंदरूनी गांवों में भी नियद नेल्ला नार योजना के तहत सड़क, पेयजल, बिजली, शिक्षा, स्वास्थ्य, संचार जैसी मूलभूत अधोसंरचनाएं पहुंच रही हैं। हमने विकसित भारत के निर्माण के लिए विकसित छत्तीसगढ़़ निर्माण का संकल्प लिया है। सभी की सहभागिता से इस लक्ष्य को हासिल किया जाएगा। जनजातीय समुदायों की अधिक से अधिक सहभागिता इस कार्य में सुनिश्चित की जाएगी।
माटी के वीर पदयात्रा के शुभारंभ कार्यक्रम में धरती के आबा भगवान बिरसा मुंडा के जीवन वृत्त पर आधारित वीडियो फिल्म का प्रदर्शन किया गया। कार्यक्रम में खेलकूद सहित अन्य क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल करने वाले जनजातीय युवाओं तथा माई भारत से जुड़े वॉलेंटियर को सम्मानित किया गया। मुंडा समाज के अध्यक्ष शंकर राम बारला ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। माटी के वीर पदयात्रा कार्यक्रम के शुभारंभ स्थल पुरना नगर मैदान में जनजातीय नायकोें के जीवन गाथा, जनजातीय संस्कृति एवं परंपराओं पर आधारित भव्य प्रदर्शनी लगाई गई।
इस अवसर पर उप मुख्यमंत्री अरूण साव, आदिम जाति कल्याण मंत्री रामविचार नेताम, वित्त मंत्री एवं जशपुर जिले के प्रभारी मंत्री ओ.पी. चौधरी, खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा, महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, सांसद राधेश्याम राठिया एवं चिंतामणी महराज, विधायक श्रीमती गोमती साय, श्रीमती रायमुनि भगत, राम कुमार टोप्पो, सुशांत शुक्ला, राज्य महिला आयोग की सदस्य श्रीमती प्रियम्बदा सिंह जूदेव सहित प्रबल प्रताप सिंह जूदेव, रणविजय सिंह जूदेव सहित अन्य जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में युवा और नागरिकगण उपस्थित थे।
विभागीय कार्यों में लापरवाही के चलते काष्ठ डिपो में रखे वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति का मामला
रायपुर / शौर्यपथ / प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा लगातार विभागीय समीक्षा करते हुए विभागीय कार्यों में कसावट लाते हुए त्वरित कार्यवाही कर वनमंडल मोहला में पदस्थ रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलंबन की यह कार्यवाही रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा द्वारा काष्ठ पातन डिपो परिवहन के विदोहन योजना में लापरवाही के चलते वनोपज की गुणवत्ता खराब होने से राजस्व की क्षति होने, अग्नि प्रहरी के प्रमाणकों को जारी करने के लिए पैसों की मांग करने, अतिक्रमण, बेदखली की कार्यवाही के दौरान अधीनस्थों को सहयोग नहीं के कारण की गई है।
उल्लेखनीय है कि वनमंडलाधिकारी मोहला द्वारा रेंजर हरिसूरजबली सिन्हा को लगातार समझाईश देने के बाद भी उनकी कार्यप्रणाली में सुधार नहीं हुआ था। प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख, छत्तीसगढ़ ने छत्तीसगढ़ सिविल सेवा नियमों के तहत शासकीय कार्य एवं पदीय दायित्वों के निर्वहन में लापरवाही तथा प्रकरण की जांच में प्रथम दृष्टतया दोषी पाये जाने पर निलंबित कर दिया है।
समाचार सार ...
राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर होगी धान खरीदी
14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान कर सकेंगे धान का समर्थन मूल्य पर विक्रय
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्रों में अवैध धान परिवहन पर रखी जाएगी कड़ी निगरानी
रायपुर / शौर्यपथ / राज्य में समर्थन मूल्य पर धान की खरीदी 14 नवंबर से प्रारंभ होने जा रही है। प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना सरकार की सर्वाेच्च प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के दिशानिर्देश पर प्रदेश के सभी 2739 उपार्जन केन्द्रों में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी हेतु आवश्यक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27 लाख 1 हजार 109 है। इस वर्ष 1 लाख 35 हजार 891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं और 1 लाख 36 हजार 263 हेक्टेयर नवीन रकबों का पंजीयन किया गया है।
सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए 7 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी।
धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बांट की व्यवस्था की गई है। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है। सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। खाद्य मंत्री श्री बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी।
राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे। विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे। प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।
RAIPUR / SHOURYAPATH / बस्तर संभाग के सभी जिलों में इन दिनों बस्तर ओलिंपिक का आयोजन हो रहा है। अबूझमाड़ जैसे बेहद पिछड़े ईलाके में भी बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक बस्तर ओलंपिक में हिस्सा ले रहे है। बस्तर ओलंपिक के शुभंकर मस्कट वनभैंसा और पहाड़ी मैना सबच्चें, युवा और आम नागरिक को आकर्षित हो रहे है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की विशेष पहल पर बस्तर संभाग में बस्तर ओलंपिक का आयोजन किया जा रहा है। इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य राज्य के जनजातीय बहुल क्षेत्रों के खिलाड़ियों की खेल प्रतिभा को निखारना है और उन्हें रचनात्मक गतिविधियों से जोड़ना है। मुख्यमंत्री श्री साय ने बस्तर अंचल के लोगों से इन खेल प्रतियोगिताओं में अधिक से अधिक संख्या में शामिल होने की अपील की है। उन्होंने कहा है कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों को लगातार प्रोत्साहन दिया जा रहा है और बस्तर अंचल में नई खेल अधोसंरचनाएं विकसित की जा रही है।
बस्तर ओलंपिक के आयोजन के तहत प्रथम चरण में 6 नवम्बर से 16 नवम्बर तक विकासखण्ड स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जा रही है। दूसरे चरण में 19 नवम्बर से 26 नवम्बर तक जिला स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। इसके बाद अंतिम चरण में संभाग स्तरीय खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की जाएगी। बस्तर ओलंपिक में युवा खो-खो, कब्बडी, बालीबाल, ऊंची कूद, तवाफेक, फुटबाल, गोलाफेक, तीरदांजी, बैडमिन्टन जैसे खेलों का आयोजन किया जा रहा है।
बचपन की यादें हो रही ताजा
बस्तर ओलंपिक में ऐसे खेल शामिल किए गए है जिसे ग्रामीणजन हमेशा से गांवों में खेलते आएं है। ग्रामीण परिवेश से जुड़े खेल होने के कारण बिना किसी हिचक के इन खेलों में उत्साह के साथ शामिल हो रहे है। इन आयोजनों में स्कूली बच्चों, ग्रामीण महिलाओं और बुजुर्गो को भी आनंद मिल रहा है। विशेषकर बुजुर्गो को अपने स्कूली जीवन और बचपन की याद ताजा हो रही है।
बस्तर ओलंपिक सराहनीय पहल
नारायणपुर के बोरावण्ड गांव के खिलाड़ी जयसिंह, रजनु यादव और उनके साथियों ने बस्तर ओलंपिक में अपने खेल को निखारने के इस अवसर के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का आभार व्यक्त किया और उन्होंने कहा कि अबूझमाड़ के सुदूर पहुंचविहीन गांव के प्रतिभावान युवाओं की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए यह उनकी सराहनीय पहल है। उन्होंने बताया कि कबड्डी पुरुष वर्ग में उनकी टीम ने विकासखंड स्तर पर प्रथम स्थान प्राप्त किया, जिसके लिए उन्हें ट्रॉफी, मेडल और टीम को ड्रेस प्रदान किया गया। जिला स्तर पर बेहतर प्रदर्शन के लिए तैयार है।
अबूझमाड़ अंचल में आ रहा बदलाव
बस्तर ओलंपिक में शामिल हो रहे खिलाड़ियों ने बताया कि अबूझमाड़ क्षेत्र में सुरक्षा और आधारभूत सुविधाओं में लगातार सुधार हो रहा है। इस क्षेत्र में माओवादी घटनाओं में कमी आई है और लोगों का जीवन स्तर भी बेहतर हो रहा है। अबूझमाड़ के संवेदनशील इलाकों में सड़क, बिजली, पानी, आंगनबाड़ी केंद्र, स्कूल और उप-स्वास्थ्य केंद्र जैसी बुनियादी सुविधाएं बड़ रही हैं। ईरकभट्टी, मसपुर और गारपा जैसे दूरस्थ गांवों तक अब पक्की सड़कें बन चुकी हैं, जिससे इन गांवों के निवासियों को शहरों और बाजारों से जोड़ने में आसानी हो रही है। नारायणपुर से गारपा और मसपुर तक बस सेवाओं की शुरुआत भी इस क्षेत्र के विकास में एक अहम कदम है, जिससे लोगों को यातायात में सहूलियत मिल रही है।
पीएम आवास योजना 2.0:परिवारों को घर के साथ साथ आर्थिक मदद भी,जाने नया नियम,पीएम आवास योजना में कई अहम बदलाव के साथ हितग्राहियों को कई फायदे होंगे:
प्रधानमंत्री आवास योजना-शहरी 2.0 अन्तर्गत रैपिड असेसमेंट सर्वे संभावित पात्र हितग्राहियों का सर्वेक्षण:
दुर्ग/शौर्यपथ /भारत सरकार, आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा शहरी क्षेत्रों में 'सबके लिए आवास' मिशन के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी 2.0 (पीएमएवाई-यू 2.0) का क्रियान्वयन दिनांक 1 सितम्बर 2024 से 5 वर्ष के लिए किया जाएगा।भारत सरकार एवं राज्य शासन के योजना अन्तर्गत दिशा-निर्देशों के अनुरूप सभी पात्र लाभार्थियों / परिवारों / क्रियान्वयन एजेंसियों को किफायती लागत पर आवास के निर्माण, विक्रय या किराए के लिए अनुदान प्रदान किया जावेगा।
योजना अन्तर्गत जारी दिशा-निर्देशों के अनुरूप योजना के क्रियान्वयन से पूर्व नगरीय निकाय में संभावित पात्र हितग्राहियों की सूची भारत सरकार के यूनिफाईड वेब पोर्टल पर दर्ज किये जाने हेतु रैपिड असेसमेंट सर्वे का कार्य संपादित किया जाना है।बता दे कि राज्य शासन द्वारा दिनांक 15 नवम्बर, 2024 से रैपिड असेसमेंट सर्वे प्रारंभ किये जाने का निर्णय लिया गया है। अतएव संलग्न दिशा-निर्देशों के अनुरूप नगरीय निकायों में रैपिड असेसमेंट सर्वे का कार्य संपादित करने के निर्देश दिए है।
पीएम आवास योजना 2.0 शुरू, शहरी गरीब परिवारों को घर के साथ-साथ आर्थिक मदद भी जान लें नया नियम।
पीएम आवास योजना में कई अहम बदलाव के साथ अब योजना के 2.0 भी शुरू हो गया है। जिसके तहत हितग्राहियों को कई फायदें होंगे। ऐसे में नियम क्या है ये आपको पता होनी चाहिए।
सरकार ने पीएम आवास योजना 2.0 भी शुरू कर दी है। इसके तहत सरकार का मकसद मध्यम वर्ग और शहरी गरीब परिवारों को आर्थिक सहायता देना है। योजना के तहत शहरी क्षेत्र में किफायती दर पर मध्यम वर्ग के परिवारों को घर मुहैया करवाए जाएंगे। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए गाइडलाइन भी जारी कर दी है। इसे राज्यों ने भी अपने यहां लागू करना शुरू कर दिया है।पीएम आवास योजना: नए सिरे से प्लानिंग
पीएम आवास योजना: राज्यस्तर पर इसकी प्लानिंग नए सिरे की जा रही है। नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा पीएम आवास योजना 2.0 के पात्र हितग्राहियों को निवास प्रमाण-पत्र 31 अगस्त 2024 के पहले का प्रस्तुत करना होगा। नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग ने आदेश भी जारी कर दिया है।
पीएम आवास योजना:पीएम आवास योजना के अपात्र हितग्राहियों को भी मिलेगा घर, बस करना होगा यह काम।पीएम आवास योजना 2.0 के नियम पीएम आवास योजना 2.0 के तहत आर्थिक रूप से कमज़ोर वर्ग (ईब्ल्यूएस), निम्न आय वर्ग (एलआईजी) और मध्यम आय वर्ग (एमआईजी ) के लोगों को सरकार की ओर से लाभ दिया जाएगा। नियमों के मुताबिक, इनमें से जिन लोगों के पास देश में कहीं भी पक्का घर नहीं है। उन्हें पक्के घर के लिए सहायता दी जाएगी। इसके लिए सरकार ने कुछ पात्रताएं तय की हैं। जिनमें लाभ लेने के लिए ईडब्ल्यूएस परिवार की सालाना 3 लाख रुपए से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। इसके अलावा एलआईजी परिवार की सालाना इनकम 3 लाख रुपए से 6 लाख रुपए तक के बीच होनी चाहिए। वहीं, एमआईजी परिवार की सालाना इनकम 6 लाख रुपए से 9 लाख रुपए तक होनी चाहिए।
ब्याज सब्सिडी योजना ( आईएसएस )
मिशन किफायती आवास क्षेत्र में संस्थागत ऋण प्रवाह का विस्तार करने के लिए केंद्रीय क्षेत्र की योजना के रूप में ब्याज सब्सिडी योजना आईएसएस घटक को कार्यान्वित करेगा।
मान दंड/इडब्लू एस/एलआईजी/एमआईजी
वार्षिक पारिवारिक आय-9 लाख
ब्याज सब्सिडी % प्रति वर्ष 4.0%
अधिकतम पात्र आवास ऋण राशि 25 लाख
अधिकतम ग्रह मूल्य राशि 35 लाख,
अधिकतम कालीन क्षेत्र तक वर्ग मीटर में 120
ब्याज सब्सिडी का अधिकतम लाभ वास्तविक रिलीज राशि 1.80 लाख,
ब्याज सब्सिडी अधिकतम लाभ एनपीवी राशि 1.50 लाख!
जनजाति गौरव दिवस पर पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार अपनी संस्कृति की दिखाएंगे झलक
वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई और सोलकिया आदिवासी नृत्यों की देंगे प्रस्तुति
रायपुर/शौर्यपथ / राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में दो दिवसीय जनजातीय गौरव दिवस के भव्य आयोजन में देश के विभिन्न राज्यों के साथ पूर्वोत्तर राज्यों के कलाकार भी अपनी संस्कृति की झलक बिखेरेंगे। 14-15 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम में प्रस्तुति देने पूर्वोत्तर भारत के पांच राज्यों मेघालय, मिजोरम, असम, अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम के कलाकार रायपुर पहुंच चुके हैं। रायपुर रेलवे स्टेशन पर कलाकारों का पुष्पाहार और तिलक लगाकर स्वागत किया गया। पूर्वोत्तर राज्यों से आए ये कलाकार वांगला-रुंगला, रेट-किनॉन्ग, गेह पदम ए ना-न्यी ई, सोलकिया जैसे लोक नृत्यों की प्रस्तुति से अपनी संस्कृति के विविध रंग बिखेरेंगे। फसल कटाई के बाद गारो आदिवासी करते हैं वांगला-रुंगला नृत्य, देवता मिस्सी सालजोंग का करते हैं धन्यवाद
जनजातीय गौरव दिवस पर प्रस्तुति देने मेघालय से 20 सदस्यों की टीम रायपुर आई है। यह दल गारो जनजाति द्वारा फसल कटाई के बाद किया जाने वाला वांगला-रुंगला लोक नृत्य प्रस्तुत करेगी। इसके कलाकार मेघालय की राजधानी शिलांग से करीब 200 किलोमीटर दूर नॉर्थ कर्व हिल्स से आए हैं। दल का नेतृत्व कर रहे श्री मानसेन मोमिन ने बताया कि वांगला गारो जनजाति का लोकप्रिय त्योहार है। यह जनजाति कृषि अर्थव्यवस्था पर निर्भर है। फसल कटाई के बाद उर्वरता के देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने के लिए वे यह नृत्य करते हैं। वे फसल उपलब्ध कराने के लिए भगवान को धन्यवाद देते हैं, उनकी पूजा कर नाच-गाकर प्रार्थना करते हैं और नई फसल का भोग लगाते हैं। देवता मिसी सालजोंग को धन्यवाद देने से पहले किसी भी कृषि उत्पाद का उपयोग नहीं किया जाता है।
वांगला-रुंगला आदिवासी लोक नृत्य में महिला और पुरुष दोनों हिस्सेदारी करते हैं। पुरुष नर्तक अपना परंपरागत ढोल लेकर नृत्य करते हैं जिसे दामा कहा जाता है। वांगला-रुंगला लोक नृत्य में नर्तकों का नेतृत्व करने वाले को ग्रिकगिपा या तोरेगिपा कहा जाता है। इसमें महिलाएं संगीत की धुन पर अपने हाथ हिलाती हैं, जबकि पुरुष अपने परंपरागत ढोल को बजाकर नृत्य करते हैं।
दुश्मनों पर जीत के जश्न का नृत्य है सोलकिया, मंत्रोच्चार जैसे स्वर संगीत के साथ होता है नृत्य
मिजोरम की राजधानी आईजोल से रायपुर पहुंची लोक नृत्य दल यहां सोलकिया नृत्य की प्रस्तुति देगी। इसके 20 सदस्यों के दल में 11 पुरूष और नौ महिलाएं शामिल हैं। यह नृत्य मुख्यतः मिजोरम की मारा जनजाति द्वारा किया जाता है। ‘सोलकिया’ का अर्थ दुश्मन के कटे हुए सिर से है। सोलकिया नृत्य मूल रूप से दुश्मनों पर जीत का जश्न मनाने के लिए किया जाता था। खासकर उस मौके पर जब विजेता द्वारा दुश्मन का सिर ट्रॉफी के रूप में घर लाया जाता था। लेकिन अब यह सभी महत्वपूर्ण अवसरों पर मिजो समुदायों के पुरुषों और महिलाओं द्वारा किया जाता है।
मिजोरम के कलाकारों के दल का नेतृत्व कर रहे श्री जोथमजामा ने बताया कि सोलकिया नृत्य की शुरुआत पिवी और लाखेर समुदायों द्वारा की गई थी। इस लोक नृत्य के साथ आने वाला स्वर संगीत गायन की तुलना में मंत्रोच्चार के अधिक निकट है। ताल संगीत एक जोड़ी घडि़यों द्वारा प्रदान किया जाता है, जो एक दूसरे से बड़े होते हैं, जिन्हें डार्कहुआंग कहा जाता है। संगीत को बेहतर बनाने के लिए कई जोड़ी झांझ भी बजाए जाते हैं।
श्री जोथमजामा ने इस नृत्य को करने वाली मारा जनजाति के बारे में बताया कि यह एक कुकी जनजाति है जो मिजोरम की लुशाई पहाड़ियों और म्यांमार की चिन पहाड़ियों में रहती है। इन्हें लाखेर, शेंदु, मारिंग, ज़ु, त्लोसाई और खोंगज़ई नामों से भी जाना जाता है।
भिलाईनगर/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम भिलाई के महापौर परिषद की बैठक वरिष्ठ पार्षद एवं एमआईसी सदस्य सीजू एन्थोनी की अध्यक्षता में आहूत की गई। बैठक में निगम भिलाई के सभी वार्डो में सफाई व्यवस्था को और व्यवस्थित बनाने के लिए प्रस्तुत प्रस्ताव पर विचार विमर्श के बाद 15 कार्यो को स्वीकृति प्रदान की गई। प्रत्येक वार्ड में निर्धारित सफाई कर्मचारियो की उपस्थित को सत्यापित करेगे, वार्ड पार्षद।
नगर पालिक निगम भिलाई क्षेत्रांतर्गत आने वाले वार्डो में नाली, सड़क, बाजार एवं तिपहिये रिक्शे/ई-रिक्शा से आवासीय एवं व्यवसायिक क्षेत्र में डोर-टू-डोर कचरा संग्रहण कार्य तथा अन्य कार्य के लिए कार्य आधारित निविदा के संबंध में निगम भिलाई के नेहरू नगर जोन-1 में वार्ड 1 से 8 तक एवं वार्ड 9 से 18 तक। वैशाली नगर जोन-2 में वार्ड 14, 15, 16, 19, 20, 26, 27 एवं 21, 22, 23, 24, 25, 28, 29 तक। मदर टेरेसा नगर जोन-3 में वार्ड 30, 31, 32, 33, 34, 35, 36, 37 तक। शिवाजी नगर खुर्सीपार जोन-4 में वार्ड 38, 39, 40, 41, 42, 43, 44 एवं वार्ड 45, 46, 47, 48, 49, 50, 51 तक। सेक्टर 06 जोन-5 में वार्ड 69 का 1/2 भाग एवं 70 तक के कार्यो की स्वीकृति प्रदान की गई। इसके साथ ही सफाई करने वाली संबंधित एजेंसी के नियम एवं शर्तो की जानकारी अगले महापौर परिषद की बैठक में विचारार्थ प्रस्तुत करने को कहा गया।
उपरोक्तानुसार समस्त वार्डो में सफाई कार्य को सुचारू रूप से संपादित कराये जाने के लिए प्रकरण एमआईसी के बाद सामान्य सभा से स्वीकृति के बाद ही मुर्त रूप लेगा। तब तक के लिए नवीन कार्यादेश होने तक कार्य की निरंतरता बनाये रखने के लिए स्वीकृति प्रदान की गई। जिससे सफाई व्यवस्था में किसी प्रकार का व्यवधान न हो। नगर निगम भिलाई के संपत्ति की सुरक्षा हेतु आगामी निविदा होने तक सुरक्षागार्ड व्यवस्था दिनांक 30.11.2024 तक के लिए समय वृद्वि, देयक एवं वित्तीय स्वीकृति को मंजूरी दी गई है। निगम के वाहन शाखा हेतु उच्चकुशल, कुशल एवं अर्धकुशल वाहन चालक एवं हेल्फर उपलब्ध कराने हेतु आगामी निविदा होने तक दिनांक 30.11.2024 तक समयावृद्वि एवं अतिरिक्त व्यय राशि की स्वीकृति प्रदान की गई है।
महापौर परिषद के बैठक में महापौर परिषद के सदस्य लक्ष्मीपति राजू, साकेत चंद्राकर, एकांश बंछोर, केशव चैबे, संदीप निरंकारी, आदित्य सिंह, चंद्रशेखर गंवई, मन्नान गफ्फार खान, श्रीमती मालती ठाकुर, नेहा साहू एवं निगम के अधीक्षण अभियंता दीपक जोशी, जोन आयुक्त येशा लहरे, सतीश यादव, कुलदीप गुप्ता, अभियंता आर.एस.राजपूत, स्वास्थ्य अधिकारी जावेद अली, राजस्व अधिकारी मलखान सिंह शोरी, लेखाधिकारी सी.बी.साहू आदि उपस्थित रहे।
हैदराबाद /शौर्यपथ /हैदराबाद में आज भारत गेम डेवलपर सम्मेलन का 16वां संस्करण आयोजित किया जा रहा है। तीन दिन के इस सम्मेलन में करीब 20 हजार प्रतिभागियों के शामिल होने की संभावना है। इसका आयोजन भारतीय गेम डिवेलेपर संगठन द्वारा किया जा रहा है।
इसका लक्ष्य भारत के गेमिंग और मनोरंजन क्षेत्र के तीव्र विकास पर प्रकाश डालना है। इसके उद्घाटन के अवसर पर सूचना और प्रसारण मंत्रालय के सचिव संजय जाजू और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहेंगे।
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जल संसाधन विभाग को दी शुभकामनाएं
केन्द्र सरकार ने शुरू की है, जनभागीदारी से जल संचय पहल
रायपुर/शौर्यपथ /जनभागीदारी से जल संचय में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहले स्थान पर है। केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल पर उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में जल संचय, जनभागीदारी पहल के तहत जल संचय के एक लाख 53 हजार 533 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 10 हजार 872 कार्य प्रगतिरत हैं। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में देश के पहले 10 जिलों में छत्तीसगढ़ के 8 जिलों ने अपना स्थान बनाया है।
छत्तीसगढ़ में जनभागीदारी से जल संचय के कार्यों में राज्य में पहले स्थान पर रायपुर जिला है, जहां 35 हजार 758 जल संचय के कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 5064 कार्य प्रगतिरत हैं। दूसरे स्थान पर बिलासपुर है, जहां 16,389 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 1643 कार्य प्रगति पर हैं। तीसरे स्थान पर रायगढ़ जिला है, जहां 16,629 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 662 कार्य प्रगति पर हैं। चौथे स्थान पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है, जहां 16,730 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 300 कार्य प्रगति पर हैं। पांचवे स्थान बलरामपुर-रामानुजगंज जिला है, जहां 8618 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 586 कार्य प्रगति पर हैं। छठवें स्थान पर गरियाबंद जिला है, जहां 6899 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 634 कार्य प्रगति पर हैं। सातवें स्थान पर दुर्ग जिला है, जहां 4915 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 609 कार्य प्रगति पर हैं। दसवें स्थान पर धमतरी जिला है, जहां 3706 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 107 कार्य प्रगति पर हैं।
गौरतलब है कि जल संचय जन भागीदारी पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है। यह पहल जल संरक्षण में जन भागीदारी के महत्व पर जोर देती है और सामूहिक पहल एवं एकजुटता से जलसंरक्षण की संकल्पना को साकार करती है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य अन्य गतिविधियों के अलावा कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं, बोरवेल पुनर्भरण शाफ्ट के निर्माण पर विशेष बल दिया गया है, जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी और भू-जल पुनर्भरण को बढ़ाने में मदद मिलेगी।
वोटर टर्न आउट एप के माध्यम से जान सकते हैं वोटर टर्न आउट की अद्यतन स्थिति
रायपुर /शौर्यपथ / रायपुर नगर (दक्षिण) विधानसभा उपनिर्वाचन-2024 मतदान तिथि 13 नवंबर को आम नागरिक मतदान प्रतिशत की जानकारी वोटर टर्न आउट मोबाइल एप का उपयोग कर देख सकते हैं। वोटर टर्नआउट एप के माध्यम से वोटर टर्न ऑउट (मतदान प्रतिशत) की अद्यतन स्थिति जान सकते हैं।