November 23, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

खाद्य मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की समीक्षा की
किसानों को धान विक्रय में सहूलियत के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था के निर्देश
पारदर्शिता लाने इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट से होगी तौल  
खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी
14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं धान
शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463 जारी
   रायपुर/शौर्यपथ /खाद्य मंत्री श्री दयाल दास बघेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य में 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होने जा रही है। धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। मंत्री श्री बघेल ने आज अपने रायपुर स्थित निवास कार्यालय में राज्य स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने मंत्री श्री बघेल को अवगत कराया कि धान उपार्जन के संबंध में संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान क्रय किया जायेगा।
   खाद्य मंत्री श्री बघेल ने बताया कि इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27,01,109 है। इस वर्ष 1,35,891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रक्बों का पंजीयन किया गया है। कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है। सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए 07 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी।
   मंत्री श्री बघेल ने बताया कि धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट की व्यवस्था किया गया है। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है। सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
  बैठक में अधिकारियों ने बताया कि धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। खाद्य मंत्री श्री बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में जिला कलेक्टरों के साथ संभाग स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
    राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी।
   अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे। विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे। प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।

केन्द्र सरकार ने शुरू की है, जनभागीदारी से जल संचय पहल   

    रायपुर / शौर्यपथ / जनभागीदारी से जल संचय में छत्तीसगढ़ पूरे देश में पहले स्थान पर है। केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस पहल पर उल्लेखनीय उपलब्धि के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में जल संचय, जनभागीदारी पहल के तहत जल संचय के एक लाख 53 हजार 533 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 10 हजार 872 कार्य प्रगतिरत हैं। इस कार्यक्रम के क्रियान्वयन में देश के पहले 10 जिलों में छत्तीसगढ़ के 8 जिलों ने अपना स्थान बनाया है।
छत्तीसगढ़ में जनभागीदारी से जल संचय के कार्यों में राज्य में पहले स्थान पर रायपुर जिला है, जहां 35 हजार 758 जल संचय के कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 5064 कार्य प्रगतिरत हैं। दूसरे स्थान पर बिलासपुर है, जहां 16,389 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 1643 कार्य प्रगति पर हैं। तीसरे स्थान पर रायगढ़ जिला है, जहां 16,629 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 662 कार्य प्रगति पर हैं। चौथे स्थान पर बलौदाबाजार-भाटापारा जिला है, जहां 16,730 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 300 कार्य प्रगति पर हैं। पांचवे स्थान बलरामपुर-रामानुजगंज जिला है, जहां 8618 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 586 कार्य प्रगति पर हैं। छठवें स्थान पर गरियाबंद जिला है, जहां 6899 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 634 कार्य प्रगति पर हैं। सातवें स्थान पर दुर्ग जिला है, जहां 4915 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 609 कार्य प्रगति पर हैं। दसवें स्थान पर धमतरी जिला है, जहां 3706 कार्य पूर्ण किए गए हैं तथा 107 कार्य प्रगति पर हैं।
गौरतलब है कि जल संचय जन भागीदारी पहल प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के जल संरक्षण को राष्ट्रीय प्राथमिकता बनाने के अटूट संकल्प का प्रतिबिंब है। यह पहल जल संरक्षण में जन भागीदारी के महत्व पर जोर देती है और सामूहिक पहल एवं एकजुटता से जलसंरक्षण की संकल्पना को साकार करती है। इस योजना का प्रमुख उद्देश्य अन्य गतिविधियों के अलावा कृत्रिम पुनर्भरण संरचनाओं, बोरवेल पुनर्भरण शाफ्ट के निर्माण पर विशेष बल दिया गया है, जिससे भंडारण क्षमता बढ़ेगी और भू-जल पुनर्भरण को बढ़ाने में मदद मिलेगी।

   जगदलपुर / शौर्यपथ / शहर के आमागुड़ा चौक में मंगलवार की शाम को एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार दंपति को अपने चपेट में ले लिया, इस हादसे में जहाँ पति पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, वही बच्चे ने उपचार के दौरान दम तोड़ दिया, घटना के बाद पुलिस शव को पीएम के लिए मेकाज भिजवा दिया गया है।
पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार जगदलपुर की रहने वाली अनिता ने कुछ वर्ष पहले ओड़िसा निवासी गुरुबंधु से शादी की थी, जिसके बाद इनका 8 साल का बच्चा त्रिनाथ भी था, मंगलवार को दंपति बाइक में जगदलपुर में रहने वाले रिश्तेदार के घर नयामुण्डा आये हुए थे, जिसके बाद पूरी फैमिली हाइवे में स्थित बस्तर हाट घूमने के लिए गए हुए थे, चुकी सभी आगे पीछे आ रहे थे, कुछ लोग ऑटो में आये, तो कुछ लोग लिफ्ट लेकर आमागुड़ा चौक में आकर अपने बाकी के रिश्तेदारों का इंतजार कर रहे थे, दंपति जैसे ही आमागुड़ा चौक के पास पहुँच कर जगदलपुर की ओर मुड़ रहे थे कि आमागुड़ा चौक के पास बस्तर की ओर से आ रही एक तेज रफ्तार ट्रक ने बाइक सवार दंपति को अपने चपेट में ले लिया, इस हादसे में जहाँ पति पत्नी की मौके पर ही मौत हो गई, वही बच्चे को गंभीर हालत में अस्पताल भिजवाया गया, घटना के तत्काल बाद कोतवाली पुलिस से लेकर यातायात विभाग के आला अधिकारी मौके पर आ पहुँचे, वही घटना के तत्काल बाद मौके पर लोगों की भीड़ लग गई, पुलिस ने शवों को सड़क किनारे रख कर उसे पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया, वही घायल बच्चे को उपचार के लिए अस्पताल भिजवाया गया, जहाँ उपचार के दौरान उसकी भी मौत हो गई।

समाचार सार ..
खाद्य मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की समीक्षा की
किसानों को धान विक्रय में सहूलियत के लिए चाक-चौबंद व्यवस्था के निर्देश
पारदर्शिता लाने इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट से होगी तौल
खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी
14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते हैं धान
शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर 0771-2425463 जारी

     रायपुर / शौर्यपथ / खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने कहा कि प्रदेश के किसानों से धान खरीदी की योजना हमारी सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में राज्य में 14 नवंबर से धान की खरीदी शुरू होने जा रही है। धान खरीदी के लिए सभी आवश्यक प्रारंभिक तैयारियां पूर्ण कर ली गई है। मंत्री बघेल ने आज अपने रायपुर स्थित निवास कार्यालय में राज्य स्तरीय अधिकारियों की बैठक लेकर धान खरीदी व्यवस्था की तैयारियों के संबंध में जानकारी ली। बैठक में अपर मुख्य सचिव ने मंत्री बघेल को अवगत कराया कि धान उपार्जन के संबंध में संपूर्ण तैयारियां पूर्ण कर ली गई हैं। राज्य में 2739 उपार्जन केन्द्रों में किसानों से समर्थन मूल्य पर धान क्रय किया जायेगा।
खाद्य मंत्री बघेल ने बताया कि इस खरीफ सीजन के लिए प्रदेश में पंजीकृत कुषकों की संख्या 27,01,109 है। इस वर्ष 1,35,891 नये किसान पंजीकृत हुए हैं, जिससे 1,36,263 हेक्टेयर नवीन रक्बों का पंजीयन किया गया है। कुल 34,51,729 हेक्टेयर रक्बे में पंजीयन अनुसार धान उपार्जन का अनुमान है। सभी उपार्जन केन्द्रों में बायोमैट्रिक डिवाईस के माध्यम से उपार्जन की व्यवस्था की गई है। छोटे, सीमांत और बडे़ कृषकों के द्वारा उपजाये गए धान को निर्धारित समर्थन मूल्य में खरीदा जाएगा। इसके लिए 07 नवंबर से ही टोकन आवेदन की व्यवस्था आरंभ कर दी गई है। खरीदी सीजन में लघु एवं सीमांत कृषकों को अधिकतम 2 टोकन एवं बडे़ कृषकों को 3 टोकन की पात्रता होगी।
मंत्री बघेल ने बताया कि धान खरीदी अवधि 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 के दौरान किसान अपना धान खरीदी केन्द्रों में लाकर समर्थन मूल्य पर विक्रय कर सकते है। खरीदी केंद्रों में तौल हेतु इलेक्ट्रानिक कांटा-बंाट की व्यवस्था किया गया है। खरीदी केंद्रों से धान का उठाव मिलर एवं परिवहनकर्ता के माध्यम से समयानुसार कराने के निर्देश दिये गये है। सभी खरीदी केन्द्रों में पर्याप्त बारदाने की व्यवस्था से लेकर छांव, पानी आदि की व्यवस्था सुनिश्चित कर ली गई है।
बैठक में अधिकारियों ने बताया कि धान उपार्जन केन्द्रों में शिकायत एवं निवारण के लिये हेल्प लाइन नंबर भी चस्पा कर दिये गये हैं। विपणन संघ मुख्यालय स्तर पर शिकायत निवारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना भी की गई है जिसका नं. 0771-2425463 है। धान बेचने वाले किसानों को समय पर भुगतान हेतु मार्कफेड द्वारा राशि की व्यवस्था कर ली गई है। समितियों में राशि आहरण हेतु ‘‘माइक्रो एटीएम’’ की व्यवस्था भी दी जा रही है, जिससे कि किसानों को सुविधा हो। किसानों द्वारा समिति में धान विक्रय के 72 घंटे के भीतर राशि किसानों के बैंक खाते में अंतरित कर दी जायेगी। खाद्य मंत्री बघेल के निर्देश पर धान रिसाइकलिंग बोगस खरीदी पर नियंत्रित करने के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में राज्य स्तरीय टीम द्वारा राज्य के अलग अलग संभागों में जिला कलेक्टरों के साथ संभाग स्तर पर विशेष कार्ययोजना बनाई गई है।
राज्य के सीमावर्ती क्षेत्र में विशेष निगरानी की व्यवस्था की गई है एवं चेक पोस्ट की स्थापना की गई है। मंडी विभाग द्वारा मंडी अधिनियम के तहत जिलों में अधिकृत व्यापारियों की सूची जिला प्रशासन के साथ साझा किया गया है। एनआईसी द्वारा तैयार मोबाइल एप्प के माध्यम से गिरदावरी के खसरों का पुनः सत्यापन लगातार जारी है। मार्कफेड द्वारा राज्य स्तर पर एकीकृत कंट्रोल कमांड सेंटर स्थापित कर राईस मिल एवं उपार्जन केन्द्रों पर रियल टाइम निगरानी रखी जाएगी।
अधिकारियों ने बताया कि राज्य स्तर पर अलग अलग जिलों के लिए राज्य स्तरीय वरिष्ठ अधिकारियों की जांच टीम बनाई गई है, जो लगातार जिले में हो रही धान खरीदी की मानिटरिंग करेंगे। विभागीय मंत्री द्वारा निर्देशित किया गया है कि राज्य स्तरीय दल आबंटित जिलों में खरीदी के दौरान कम से कम तीन बार भ्रमण करेंगे। प्राप्त शिकायतों पर संबंधित अधिकारियों द्वारा त्वरित कार्यवाही की जाएगी और की गई कार्यवाही के संबंध में अवगत भी कराया जाएगा।

नरेश देवांगन की ख़ास रिपोर्ट
    जगदलपुर / शौर्यपथ / आदिम जाति कल्याण विभाग के द्वारा जिले के आदिवासी बच्चों की शिक्षा के लिए सैकड़ों आश्रम छात्रावास बनाकर उनकी भविष्य सुधारने की बुनियाद रखी गई है। पर वहां नियुक्त होने वाले अधीक्षक और कर्मचारी इस कदर लापरवाह हैं कि वे हॉस्टल में उन बच्चों के साथ न रहकर अपनी मनमानी कर रहे हैं। जिन्हें नियंत्रित करने वाला कोई दिखाई नहीं पड़ता। शौर्यपथ ने ऐसे ही दुर्गम अंचल के छात्रावासों कि पड़ताल की है जिसमे सुकमा जिले के कोंटा ब्लॉक के शासकीय प्री मेट्रिक बालक छात्रावास भेजी में बच्चों को न तो ठीक से भोजन मिल रहा है और न ही उनकी आवासीय व्यवस्था ठीक ठाक है। मजे की बात तो यह है कि यहां पदस्थ अधीक्षक ना जाने किसके भरोसे यहाँ के बच्चों को छोड़ कर सप्ताह में एक दिन पहुंचकर रजिस्टर में दस्तखत कर अपनी कर्तव्य पूरा कर लेते हैं। साथ ही माह भर की तनख्वाह भी उठा लेते हैं।
वहां रहकर पढऩे वाले बच्चों ने बताया कि उन्हें मेनू चार्ट के हिसाब से भोजन नहीं दिया जाता है। वही अधीक्षक के द्वारा बच्चों को बाहर से लकड़ी लाने पर रविवार को अंडा कि सब्जी खिलाने कि बात भी कही जाती है। अधीक्षक महीने में दो-तीन दिन ही रहते हैं। छात्रावास के बालको ने बताया कि बीते 2 दिनों से एक बालक कि तबियत ज्यादा ख़राब है उसे बहुत तेज बुखार है जिसकी जानकारी अधीक्षक को बच्चों ने फ़ोन के माध्यम से दी थी जानकारी मिलने के बाद भी अधीक्षक इस पर गंभीर नहीं है स्वयं बालक को उपचार के लिए अस्पताल ले जाने कि जगह उलटे छात्रों से ही कह दिया कि डॉक्टर को ले जाके के दिखाए। बालक को सही समय में इलाज ना मिलने से तबियत काफ़ी बिगड़ती रही।
सूत्र बताते है कि बीते सप्ताह जिले के अधिकारी यहाँ आये हुए थे लेकिन अधिकारी ने बच्चो से हालचाल तक नहीं जाना ओर ना ही किसी ओर विषय पे उनसे बातचीत कि । यहां छात्रावास में 95 छात्र रह कर अध्ययन कर रहे हैं वह भी बदहाल स्थिति में। आश्रमों में रहने वाले छात्रावासी बच्चे बेबसी का जीवन जीने को मजबूर हैं।
    आलम यह है कि इनकी सुरक्षा के लिए अधीक्षक की नियुक्ति की जाती है, छात्रावास अधीक्षक स्थानीय पालक की तरह होते है। लेकिन अधीक्षक ही गायब हो जाएं, तो इन बच्चों का भविष्य कैसे सुरक्षित होगा, यह अपने आप में ही सवालिया निशान है। अब देखने वाली बात है कि जिम्मेदार इस पुरे मामले को कितनी गंभीरता से लेकर गैरजिम्मेदार अधीक्षक के ऊपर कब तक कार्यवाही करते है?

वनरक्षक राजवाड़े और वनपाल सिंह निलंबित
वन क्षेत्रपाल विनय कुमार सिंह से मांगा गया स्पष्टीकरण

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कोरिया जिले में बाघ की मौत की घटना को गंभीरता से लेते हुए इस घटना के लिए जिम्मेदार अधिकारियों-कर्मचारियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही के निर्देश प्रधान मुख्य वनसंरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव को दिए थे। इन निर्देशों के परिपालन में कोरिया वनमंडल बैकुण्ठपुर अंतर्गत परिक्षेत्र सोनहत के रामगढ़ सर्किल के वनरक्षक पिताम्बर लाल राजवाड़े और वनपाल रामप्रताप सिंह को निलंबित कर दिया गया है। इसी तारतम्य में परिक्षेत्राधिकारी सोनहत के वन क्षेत्रपाल विनय कुमार सिंह से टाईगर की मृत्यु के संबंध में स्पष्टीकरण मांगा गया है।
मुख्यमंत्री ने वन विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों से वनों की रक्षा और वन्यजीवों के संरक्षण के लिए मुस्तैदी से कर्तव्यों का पालन करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में किसी भी लापरवाही पर संबंधितों के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जाएगी।

   रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने हिन्दी के प्रसिद्ध साहित्यकार श्री गजानन माधव मुक्तिबोध की 13 नवम्बर को जयंती पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने कहा कि हमारे लिए यह गर्व की बात है कि हिन्दी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर और इस युग के महान कवि गजानन माधव मुक्तिबोध जी की कर्मभूमि छत्तीसगढ़ की संस्कारधानी राजनांदगांव रही है।कवि, आलोचक, निबंधकार, कहानीकार तथा उपन्यासकार के रूप में उन्होंने अमूल्य साहित्य की रचना की है। उन्हें आधुनिक हिंदी कविता के अग्रदूतों में से एक माना जाता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने श्री गजानन माधव मुक्तिबोध को स्मरण करते हुए कहा है कि मुक्तिबोध जी ने साहित्य की अनेक विधाओं में अपनी लेखनी से अमिट छाप छोड़ी है।

 प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि और खुशहाली की कामना की
    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज सक्ती जिले के चंद्रपुर में विराजित माँ चन्द्रहासिनी मंदिर में देवी माँ के दर्शन के लिए पहुंचे। मुख्यमंत्री साय ने मंदिर में माँ चन्द्रहासिनी के दर्शन कर विधिविधान से पूजा-अर्चना कर प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना की।
इस अवसर पर जांजगीर-चांपा सांसद श्रीमती कमलेश जांगड़े, जिला पंचायत सदस्य टिकेश्वर गबेल, कलेक्टर अमृत विकास तोपनो, पुलिस अधीक्षक सुश्री अंकिता शर्मा सहित अन्य विभिन्न क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और श्रद्धालुगण उपस्थित थे।

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय 13 नवंबर 2024 को जशपुर जिले के दौरे पर रहेंगे। वहां वे भगवान बिरसा मुण्डा ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में शामिल होंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय निर्धारित दौरा कार्यक्रम के अनुसार 13 नवंबर को जिंदल एयरस्ट्रिप रायगढ़ से हेलीकॉप्टर द्वारा सुबह 8.10 बजे प्रस्थान कर सुबह 8.50 बजे पुलिस लाइन हेलीपैड, जशपुर पहुंचेंगे। वहां से कार द्वारा सुबह 9 बजे जशपुर के गम्हरिया रेस्ट हाउस पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री साय सुबह 10 बजे पुरना नगर, जशपुर में आयोजित भगवान बिरसा मुंडा ‘माटी के वीर‘ पदयात्रा में शामिल होंगे। दोपहर 12.25 बजे बिरसा मुंडा चौक से प्रस्थान कर दोपहर 12.30 बजे कल्याण आश्रम, जशपुर पहुंचेंगे।
मुख्यमंत्री साय कल्याण आश्रम से दोपहर 2 बजे प्रस्थान कर 2.05 बजे विवेकानंद कॉलोनी, जशपुर में होटल वृंदावन इंटरनेशनल का शुभारंभ करेंगे। दोपहर 3.00 बजे विवेकानंद कॉलोनी से प्रस्थान कर दोपहर 3.05 बजे रेस्ट हाउस, गम्हरिया पहुंचेंगे। मुख्यमंत्री शाम 4 बजे आगडीह एयरस्ट्रिप जशपुर से स्टेट प्लेन द्वारा प्रस्थान कर शाम 5 बजे स्वामी विवेकानंद एयरपोर्ट रायपुर पहुंचेंगे।

रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को होगा राज्य स्तरीय आयोजन

    रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में 14 एवं 15 नवंबर को भगवान बिरसा मुंडा की जयंती जनजातीय गौरव दिवस पर राज्य स्तरीय भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा। दो दिवसीय कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ सहित 17 राज्यों के आदिवासी नर्तक दल मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देंगे।
जनजातीय गौरव दिवस पर अपने नृत्य की प्रस्तुति देने नर्तक दलों छत्तीसगढ़ पहुंच रहे हैं। आज अरूणाचल प्रदेश, उत्तराखण्ड, तेलंगाना, राजस्थान और सिक्किम के आदिवासी नर्तक दल रायपुर पहुंच चुके हैं।
अरूणाचल प्रदेश के नर्तक दल आदिलोक नृत्य नाटिका, उत्तराखंड के नर्तक दल झींझी, होली, हन्ना और दिया नृत्य, तेलंगाना के नर्तक दल माथुरी जनजाति नृत्य, राजस्थान के नर्तक दल वालर गरासिया गैर नृत्य और सिक्किम के नृतक दल सुब्बा लोक नृत्य नाटिका की प्रस्तुति देंगे।
उल्लेखनीय है कि 14 नवंबर एवं 15 नवंबर को साइंस कॉलेज मैदान में संध्या 3 बजे से अंतर्राज्यीय लोक नर्तक दलों के सांस्कृतिक कार्यक्रम की प्रस्तुति के साथ-साथ जनजातीय गौरव से संबंधित विषयों पर संगोष्ठी का आयोजन तथा जनजातीय जीवन शैली पर चित्रकला का प्रदर्शन भी होगा।

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