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रायपुर / शौर्यपथ / वरिष्ठ कांग्रेस नेता राजेश बिस्सा ने कहा की केंद्र सरकार के स्व-केंद्रित व्यवहार से देश को भारी नुकसान हो रहा है। अतः उन्होने लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिख कर “सर्वदलीय उच्च स्तरीय संसदीय कमेटी” बनाए जाने की मांग की है। जो लाक डाउन की हुई अचानक घोषणा व उससे देश में मची अव्यवस्था से बचा जा सकता था क्या? पर विचार कर रिपोर्ट देगी तथा अब विषम स्थिति में पहुंच चुके देश को आगे क्या करना चाहिये? के संदर्भ में अपनी अनुशंषाऐं देगी।
बिस्सा ने लोकसभा अध्यक्ष को प्रेषित अपने पत्र में कहा की प्रधानमंत्री जी 24 मार्च की रात को 8:00 बजे टीवी पर आते हैं और घोषित करते हैं कि रात 12:00 बजे से लाक डाउन रहेगा। लाक डाउन के इस तरीके से देश में सर्वत्र अव्यवस्था कायम हो गई और प्रत्येक नागरिक असहाय हो गया। जबकि करोना संकट की गंभीरता के बारे में 30 जनवरी से ही सभी को ज्ञात हो गया था। अतः 10 मार्च होली मिलन के आयोजनों को भी सभी ने स्वमेव ही रद्द कर दिया था। लेकिन केंद्र सरकार को समझ नहीं आया क्योंकि उसने अपने को स्व-केंद्रित कर दिया है।
बिस्सा ने कहा की केंद्र सरकार को 1 मार्च को ही घोषणा करना चाहिए थी कि 25 मार्च से लाक डाउन लागू होगा जिसके लंबे अवधि तक चलने की संभावना है, अतः सभी अपने को तदनुसार व्यवस्थित कर लेवें। ऐसी घोषणा से सभी अपने आप को व्यवस्थित कर लेते।
अचानक घोषणा से देश में भयंकर अव्यवस्था कायम हुई। देश में अफरा-तफरी फैल गई है। घोषणा के बाद अगर समय मिलता तो मजदूर, कामगार अपने नियोक्ताओं से हिसाब करके पैसे ले सकते थे और शांतिपूर्वक घर लौट सकते थे। मजदूर, कामगारों को आवश्यकता अनुसार फैक्ट्री मालिक या ठेकेदार आवासीय व भोजन व्यवस्था का प्रबंध भी कर सकते थे।
बिस्सा ने कहा कि करोड़ों मजदूर स्वयं की मेहनत की कमाई का पैसा छोड़कर बिना हिसाब किए बदहाली में अपने घर लौट रहे हैं। इसका जवाबदार कौन है? यह तय होना चाहिये। उन्होने कहा की इस विषय पर सर्वदलीय संसदीय कमेटी के सुझावों से प्रधानमंत्री जी की इस प्रवृत्ति पर भी रोक लगेगी की रात को अचानक टीवी पर आओ और घोषणा कर दो कि रात को 12:00 बजे के बाद सब बंद।
बिस्सा ने मांग की है कि देश की सड़कों पर बदहाल अपने घर जाते प्रत्येक नागरिक को कोरोना आपदा से पीड़ित माना जाना चाहिए। तथा उन्हें केंद्र सरकार द्वारा मुआवजा दिया जाना चाहिए।
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