
CONTECT NO. - 8962936808
EMAIL ID - shouryapath12@gmail.com
Address - SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)
संभाग के नक्सल प्रभावित जिलों में भी लोगों की पहुंच में हैं स्वास्थ्य सुविधाएं
चिकित्सक स्टाफ की नियुक्ति से बस्तर संभाग में मजबूत हुई है व्यवस्था
बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारीः स्वास्थ्य मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल
रायपुर /शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में सुशासन और स्वास्थ्य योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से न केवल सामान्य क्षेत्रों में, बल्कि नक्सल प्रभावित जिलों में भी स्वास्थ्य सुविधाएं लोगों की पहुंच में आ रही हैं। छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं में क्रांतिकारी बदलाव देखने को मिल रहा है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक , राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन अभियान और मलेरिया मुक्त अभियान जैसे कार्यक्रमों ने इस क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं को नया आयाम दिया है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि बस्तर में स्वास्थ्य सुविधाओं का विस्तार हमारी सरकार की जन-केंद्रित सोच और समर्पित प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, मितानिनों तथा स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहनत से बेहतर परिणाम देखने को मिल रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराना है और इस दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारी हैं। बस्तर में घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को नियंत्रित किया गया है। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत बस्तर सहित पूरे छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य संस्थानों ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक के तहत उल्लेखनीय उपलब्धि
1 जनवरी 2024 से 16 जून 2025 तक बस्तर संभाग में कुल 130 स्वास्थ्य संस्थाओं को क्वालिटी सर्टिफिकेशन प्राप्त हुआ है। इनमें 1 जिला अस्पताल, 16 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और 113 उप स्वास्थ्य केंद्र शामिल हैं। इसके अलावा, 65 अन्य संस्थाओं का सर्टिफिकेशन कार्य प्रक्रियाधीन है। विशेष रूप से नक्सल प्रभावित जिलों—कांकेर (8), बीजापुर (2), सुकमा (3) और दंतेवाड़ा (1)—में 14 संस्थानों को गुणवत्ता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया है, जो क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार का प्रमाण है।
नियद नेल्लानार योजना के अंतर्गत बस्तर संभाग में 62,466 राशन कार्ड बनाने का लक्ष्य रखा गया है, जबकि एक वर्ष में ही 36,231 आयुष्मान कार्ड पंजीकृत किए जा चुके हैं। इसके अंतर्गत अब तक 52.6 प्रतिशत आयुष्मान कार्ड का कवरेज इन पांच जिलों में हो चुका है, जिसमें 6,816 लोगों को लाभ मिला है और इन पर 8 करोड़ 22 लाख रुपये की राशि क्लेम की गई है।
चिकित्सक स्टाफ की नियुक्ति से मजबूत हुई व्यवस्था
पिछले डेढ़ वर्षों में बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं को और सुदृढ़ करने के लिए 33 मेडिकल स्पेशलिस्ट, 117 मेडिकल ऑफिसर और 1 डेंटल सर्जन की नियुक्ति की गई है। इसके साथ ही राज्य स्तर से 75 तथा जिला स्तर से 307 स्टाफ एवं प्रबंधकीय पदों पर भर्ती की गई है, जबकि 291 पदों पर भर्ती की प्रक्रिया चल रही है। यह कदम क्षेत्र में चिकित्सा सेवाओं की उपलब्धता और गुणवत्ता को बढ़ाने में महत्वपूर्ण साबित हो रहा है।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की पहुंच
नक्सल प्रभावित जिलों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार सरकार की प्राथमिकता रहा है। कांकेर, बीजापुर, सुकमा और दंतेवाड़ा जैसे क्षेत्रों में गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ अब आम लोगों तक पहुंच रहा है। यह विष्णु देव साय के सुशासन का परिणाम है, जिसने बस्तर संभाग में स्वास्थ्य सेवाओं की तस्वीर को पूरी तरह बदल दिया है।
बस्तर संभाग में स्वास्थ्य क्षेत्र में हो रहे ये सुधार न केवल स्थानीय निवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठा रहे हैं, बल्कि यह भी साबित कर रहे हैं कि सुशासन और समर्पित प्रयासों से सबसे चुनौतीपूर्ण क्षेत्रों में भी सकारात्मक बदलाव संभव है।
Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.