October 30, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ


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भिलाई / शौर्यपथ / नगर पालिक निगम रिसाली के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे के निर्देश पर रिसाली निगम के 90 नियमित अधिकारियों एवं कर्मचारियों का माह अप्रैल का 2370885/- रूपये का वेतन भुगतान करने का निर्देश लेखा शाखा को प्राप्त होते ही सोमवार को ही वेतन आहरण हेतु बैंक को भेजा गया, जहां मंगलवार को रिसाली निगम कर्मी वेतन प्राप्त करना शुरू कर दिया। स्वयं की संस्था से वेतन भुगतान की खबर लगते ही अधिकारियों एवं कर्मचारियों में खुशी व्याप्त है। अब प्रति माह कर्मचारियों का वेतन भुगतान रिसाली निगम ही करेगी।
बता दें की नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग नया रायपुर की अधिसूचना क्र.1-168/2019/18 छ.ग. नगर पालिक निगम अधिनियम 1956 की धारा (7) सहपठित धारा 405 में प्रदत्त शक्तियों को प्रयोग में लाते हुए प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू के पहल पर एवं राज्य शासन के निर्देश पर 26.12.2019 को छ.ग. के राजपत्र में अधिसूचना प्रकाशन उपरांत 04 अप्रैल 2020 को रिसाली क्षेत्र के 13 वार्डों को मिलाकर पृथक नगर पालिक निगम रिसाली के रूप में स्वतंत्र रूप से अस्तित्व में आ गया। अपनी सीमित संसाधनों एवं श्रमिक बस्तियों की आबादी होने तथा कोरोना वायरस के अटैक से रिसाली निगम में स्वयं की अर्जित आय का स्त्रोत लगभग बंद हो चुका था। भिलाई निगम से पृथक होने के बाद यहां के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को वेतन भुगतान हेतु भिलाई निगम पर आश्रित रहना पड़ रहा था।
कोविड 19 कोरोना वायरस के नियंत्रण एवं रोकथाम हेतु निगम के क्षेत्र के नागरिकों की सुरक्षा हेतु ल?ाई लड़ रहे अपने कर्मचारियों की पीढ़ा एवं मनोदशा को समझते हुए निगम प्रशासन शुरू से ही प्रयासरत थे की रिसाली निगम अपने आत्म निर्भरता के बल बूते अपने कर्मचारियों का वेतन भुगतान की ओर अग्रसर हो। उक्त हेतु निगम आयुक्त श्री सर्वे ने बहूत ही सूझ-बूझ के साथ प्रदेश के गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू तक अपनी बात रखी। गृह मंत्री चाह भी रहे थे कि उनके स्वयं के प्रयासों से बनी निगम रिसाली का सर्वांगीय विकास हो तथा उनके निर्वाचन क्षेत्र के नागरिकों की मूलभूत आवश्यकताओं एवं ज्वलंत समस्याओं को तत्वरित निराकरण हो। तत्संबंध में गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू ने संवेदनशीलता का परिचय देते हुए राज्य शासन से रिसाली निगम को 7.00 करो? की राशि दिलाई। छ0ग0 स्वातशाषी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष गोपाल सिन्हा सहित सभी पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के वेतन भुगतान किये जाने पर प्रदेश के गृह मंत्री तामध्वज साहू के प्रयासों की सराहना करते हुए निगम रिसाली के आयुक्त प्रकाश कुमार सर्वे एवं जोन आयुक्त रमाकांत साहू के प्रति आभार व्यक्त किये है।

रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की पहल और निर्देशन पर राज्य सरकार द्वारा लॉकडाउन के कारण अन्य राज्यों में फंसे छत्तीसगढ़ के श्रमिकों, छात्रों, संकटापन्न और चिकित्सा की आवश्यकता वाले व्यक्तियों की छत्तीसगढ़ वापसी के लिए 21 स्पेशल ट्रेनों का इंतजाम किया गया है। इन स्पेशल ट्रेनों में श्रमिकों की राज्य वापसी का सिलसिला बीते 11 मई से शुरू भी हो गया है।
प्रदेश के श्रम मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य के प्रवासी श्रमिक जो अन्य राज्यों में लॉकडाउन के कारण फंसे हुए हैं, उन्हें 21 ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस लाने का निर्णय राज्य सरकार द्वारा लिया गया है। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल के निर्देशन पर श्रम विभाग के अधीन गठित छत्तीसगढ़ भवन एवं अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल द्वारा अभी तक नोडल अधिकारियों से प्राप्त जानकारी के अनुसार 9 ट्रेनों में आने वाले 11 हजार 946 श्रमिकों के लिए छह रेल्वे मण्डलों को कुल 71 लाख 93 हजार 230 रूपए का भुगतान भी किया जा चुका है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि इन 21 स्पेशल ट्रेनों में अहमदाबाद से बिलासपुर के लिए दो ट्रेन, विजयावाड़ा आन्ध्रप्रदेश से बिलासपुर एक ट्रेन, अमृतसर पंजाब से चांपा एक ट्रेन, विरामगम अहमदाबाद से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, लखनऊ उत्तरप्रदेश से रायपुर के लिए तीन ट्रेन, लखनऊ से भाटापारा के लिए दो ट्रेन, मुजफ्फरपुर बिहार से रायपुर एक ट्रेन, दिल्ली से बिलासपुर के लिए एक ट्रेन, मेहसाना गुजरात से बिलासपुर चांपा एक ट्रेन, लिंगमपल्ली हैदराबाद तेलंगाना से दुर्ग, राजनांदगांव होते बिलासपुर एक ट्रेन, हैदराबाद तेलंगाना से दुर्ग रायपुर होते हुए बिलासपुर एक ट्रेन, दिल्ली से बिलासपुर-रायपुर एक ट्रेन, खेड़ा नाडियाड गुजरात से बिलासपुर-चांपा एक ट्रेन, साबरमती अहमदाबाद से बिलासपुर-चांपा एक ट्रेन, कानपुर उत्तरप्रदेश से बिलासपुर, भांटापारा, रायपुर, दुर्ग एक ट्रेन और इलाहाबाद उत्तरप्रदेश से बिलासपुर,भाटापारा, रायपुर, दुर्ग दो ट्रेन शामिल है।
डॉ. डहरिया ने बताया कि गुजरात-अहमदाबाद से बिलासपुर ट्रेन में 1208 श्रमिक छत्तीसगढ़ वापस लौटे हैं। इसी तरह साबरमती से बिलासपुर ट्रेन में 1212 श्रमिक, विरामगम-रायपुर ट्रेन से 1210 श्रमिक, मेहसाना-बिलासपुर ट्रेन से 1200 श्रमिक, दिल्ली से रायपुर ट्रेन में 1400 श्रमिक, लखनऊ से भाटापारा रायपुर ट्रेन में 1584 श्रमिक, खेड़ा नाडियाड से चांपा ट्रेन में 1710 श्रमिक, साबरमती से चांपा ट्रेन में 1222 तथा अमृतसर पंजाब से चांपा स्पेशल ट्रेन में 1200 श्रमिक लौटेंगे।
राज्य सरकार ने इन ट्रेनों में सफर के लिए ऑनलाइन लिंक भी जारी किया है -
http:cglabour.nic.in/covid19MigrantRegistrationService.aspx

इस लिंक में एप्लाई कर लोग इन ट्रेनों के माध्यम से छत्तीसगढ़ वापस आ सकेंगे। इसके अलावा 24 घंटे संचालित हेल्पलाइन नम्बर 0771-2443809, 91098-49992, 75878-21800, 75878-22800, 96858-50444, 91092-83986 तथा 88277-73986 पर संपर्क किया जा सकता है।

// प्रदेश में नमक की कोई कमी नहीं: छत्तीसगढ़ में नमक के पर्याप्त रेक नियमित रुप से आ रहे हैं
//सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत बीपीएल कार्डधारियों को नमक का सुचारु रुप से किया जा रहा है वितरण

     रायपुर / शौर्यपथ / मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि प्रदेश में नमक की कोई कमी नहीं है। जो लोग नमक की कालाबाजारी कर रहे हैं या नमक की कमी की अफवाह फैला रहे हैं, उनके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी। श्री बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में नमक के पर्याप्त रेक नियमित रूप से आ रहे हैं।
इस संबंध में खाद्य विभाग से प्राप्त जानकारी के अनुसार सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राज्य के हितग्राहियों को आवंटन के अनुसार नमक की आपूर्ति निरंतर सुचारु रुप से की जा रही है। प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में प्रत्येक बीपीएल कार्डधारी को 2 किलोग्राम नमक तथा सामान्य क्षेत्र के प्रत्येक बीपीएल कार्डधारी को एक किलोग्राम नमक निशुल्क वितरित किया जा रहा है। प्रदेश में बीपीएल कार्डधारियों की कुल संख्या 56 लाख 4 हजार 653 है।
इन कार्डधारियों के लिए मासिक आवंटन लगभग आठ हजार मेट्रिक टन है तथा वर्तमान में मई माह के नमक आवंटन के अनुसार नमक की कुल उपलब्धता लगभग 11 हजार 532 मेट्रिक टन है। छत्तीसगढ़ राज्य में नमक के पांच रेक शीघ्र पहुंचने वाले हैं। इनमें 20 मई को पहला रेक रायपुर में तथा दूसरा रेक बिलासपुर में पहुंचने की संभावना है। तीसरा रेक 27 मई को पहुंचने की संभावना है।

नई दिल्ली / शौर्यपथ / जस्टिस एल नागेश्वर राव ने आज सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को बताया कि अगले हफ्ते से जज कोर्टरूम में बैठेंगे और वकील अपने चैम्बर से बहस कर सकते हैं. ये एक पॉयलट प्रोजक्ट है. दरअसल मंगलवार को जस्टिस एल नागेश्वर राव, जस्टिस एस अब्दुल नज़ीर और जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के कोर्ट नंबर चार से वीडियो कांफ्रेसिंग के जरिए सुनवाई की.

हालांकि एक बार CJI एसए बोबडे की बेंच भी इसी तरह सुनवाई कर चुकी है. अभी तक सुप्रीम कोर्ट के जज अपने घर से ही वर्चुअल सुनवाई कर रहे हैं. शीर्ष अदालत में 18 मई से 6 जुलाई तक गर्मियों की छुट्टी होनी थी, लेकिन ऐसा लगता है कि पूरी छुट्टियां नहीं होंगी क्योंकि अगले हफ्ते से जज कोर्ट में बैठेंगे. हालांकि शीर्ष अदालत को गर्मियों की छुट्टी रद्द करने की आधिकारिक घोषणा करना बाकी है. 

रायपुर / शौर्यपथ / छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी (Ajit Jogi) गंभीर रूप से बीमार हैं और उनकी तबीयत में कोई सुधार नहीं है. चिकित्सक उनके मस्तिष्क को क्रियाशील करने के लिए उनके पसंदीदा गाने उन्हें सुनवा रहे हैं. रायपुर के श्री नारायणा अस्पताल के प्रबंध निदेशक डॉक्टर सुनील खेमका ने मंगलवार को बताया कि जोगी (74 वर्ष) की स्थिति लगातार चिंताजनक बनी हुई है. उन्हें वेंटीलेटर पर रखा गया है. खेमका ने बताया कि जोगी की न्यूरोलॉजिकल (मस्तिष्क) गतिविधियां लगभग नहीं के बराबर हैं. 

    चिकित्सा नियमों के तहत, उपचार चल रहा है और चिकित्सक उनके मस्तिष्क को क्रियाशील करने का पूरा प्रयास कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सोमवार से जोगी को ऑडियो थेरेपी भी दी जा रही है, जिसके तहत उनके पसंदीदा गानों को उन्हें ईयरफोन लगा कर सुनवाया जा रहा है. इससे यह कोशिश की जा रही है कि सामान्य प्रक्रिया से उनके मस्तिष्क को जागृत किया जाए लेकिन अभी तक इसमें सफलता नहीं मिली है. खेमका ने बताया कि मंगलवार को अंतरराष्ट्रीय नर्स दिवस पर श्री नारायणा अस्पताल के समस्त नर्सिंग स्टाफ ने परमपिता परमेश्वर से अजीत जोगी के शीघ्र स्वास्थ होने की कामना की. 

     छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री जोगी की तबीयत बिगड़ने के बाद उन्हें शनिवार को अस्पताल में भर्ती कराया गया था. परिवार के सदस्यों के अनुसार अजीत जोगी शनिवार सुबह व्हीलचेयर पर गार्डन में घूम रहे थे. इस दौरान उन्होंने इमली खाई और बाद में वह अचानक बेहोश हो गए. 

   भारतीय प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए अजीत जोगी वर्तमान में मारवाही क्षेत्र से विधायक हैं. उनकी पत्नी रेनु जोगी कोटा क्षेत्र से विधायक हैं. जोगी वर्ष 2000 में छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण के दौरान यहां के पहले मुख्यमंत्री बने तथा वर्ष 2003 तक मुख्यमंत्री रहे. राज्य में वर्ष 2003 में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी से पराजित हो गई थी. राज्य में कांग्रेस नेताओं से मतभेद के चलते जोगी ने वर्ष 2016 में नई पार्टी जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) का गठन कर लिया था और वह उसके प्रमुख हैं.

   नई दिल्ली / शौर्यपथ / पिछले दिनों धोनी (Dhoni) की एक तस्वीर वायरल हुई थी जिसमें उनकी सफेद दाढ़ी की काफी चर्चा हुई थी. फैन्स यह समझ नहीं पा रहे थे कि आखिर में धोनी इतने बूढ़े कैसे दिख रहे हैं. धोनी की सफेद दाढ़ी वाली तस्वीर काफी वायरल भी हुई थी. इसी दौरान ऑस्ट्रेलिया के खेल पत्रकार डेनिस फ्रीडमैन ने धोनी के वायरल हुई तस्वीर का मजाक बनाया और ट्विटर पर भारत के वीर कमांडर अभिनंदन का नाम लेकर ट्रोल करने की भरपूर कोशिश की. खेल पत्रकार डेनिस फ्रीडमैन ने ट्विटर पर धोनी की तस्वीर शेयर कर उनके द्वारा पहनी गई टी-शर्ट पर कमेंट किए और लिखा, आप उस समय ऐसी टी-शर्ट पहनते हैं जब आप अपनी राष्ट्रीय इतिहास की किताबों में 2019 के महान अभिनंदन प्रकरण को अनदेखा कर देते हैं.

दरअसल तस्वीर में धोनी ने जो टी-शर्ट पहनी हैं उसमें भारतीय वायु सेना की प्रतीकात्मक तस्वीर बनी हुई है. बता दें कि पछले साल भारत के कमांडर अभिनंदन ने पाकिस्तान के F16 को मार गिराने के क्रम में पाकिस्तान के सीमा में जा पहुंचे थे जिसके बाद उन्हें पाकिस्तानी सेना ने बंदी बना लिया था. बाद में फिर भारतीय सरकार ने पाकिस्तानी सरकार के साथ बातचीत की और फिर कमांडर अभिनंदन वापस भारत लौट आए थे. गौरतलब है कि ऑस्ट्रेलियाई पत्रकार के इस कमेंट के बाद ट्विटर पर लोगों ने उनको खूब ट्रोल भी किया. बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई स्पोर्ट्स पत्रकार डेनिस फ्रीडमैन इससे पहले भी भारतीय क्रिकेटरों पर कमेंट करते रहे हैं. कोहली और गंभीर को लेकर डेनिस हमेशा ट्विटर पर कमेंट कर छाए रहते हैं. खासकर विराट कोहली के आक्रमक अंदाज को अपने ट्विट के जरिए काफी निशाना बनाते हैं. 

इंदौर/ शौर्यपथ / ‘रेड जोन' में शामिल इंदौर जिले में 20 दिन की एक बच्ची समेत दो साल से कम उम्र वाले 21 अबोध बच्चों ने इलाज के बाद कोविड-19 को मात दे दी है. स्थानीय अस्पतालों में इलाज के दौरान भी इन बच्चों की माताएं ममता का आंचल फैलाकर हरमुमकिन तरीके से उनकी देखभाल करती रहीं. शहर के चोइथराम अस्पताल की वरिष्ठ शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. रश्मि शाद ने बताया कि पिछले 15 दिन के दौरान उनके अस्पताल के कोविड-19 वॉर्ड से 20 दिन की बच्ची, दो माह के लड़के और डेढ़ साल के लड़के को छुट्टी दी गयी है. इलाज के बाद लगातार दो जांचों में वे कोविड-19 के संक्रमण से मुक्त पाए गए थे. उन्होंने बताया, "कोविड-19 से उबरी 20 दिन की लड़की को अस्पताल से शनिवार को छुट्टी दी गई. उसे एक मई को अस्पताल में भर्ती कराया गया था."

शाद ने बताया कि 20 दिन की लड़की अपने एक नजदीकी रिश्तेदार से संक्रमित हुई थी. लेकिन हैरत की बात यह है कि देखभाल के लिए हमेशा उसके साथ रहने वाली उसकी मां जांच के दौरान कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाई गईं. शहर के एक अन्य निजी अस्पताल श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) के छाती रोग विभाग के प्रमुख डॉ. रवि डोसी ने बताया, "गुजरे डेढ़ महीने के दौरान हमारे अस्पताल में इलाज के बाद दो साल से कम उम्र के 18 बच्चे कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं." उन्होंने बताया कि इनमें से आठ बच्चे छह महीने से कम उम्र के थे और आहार के लिए अपनी मां के दूध पर निर्भर थे.
डोसी ने बताया, "मेरे लिए इतने छोटे बच्चों को कोविड-19 वॉर्ड में भर्ती देखना अलग ही अनुभव था. दवाओं के असर और अपनी अच्छी रोग प्रतिरोधक क्षमता के बूते ये बच्चे इस महामारी से जीत गए." उन्होंने बताया, "संक्रमणमुक्त होने के बाद जब ये बच्चे अपनी प्रफुल्लित माताओं के साथ घर लौट रहे थे, तब एक डॉक्टर के तौर पर मुझे जो खुशी हुई, उसे शब्दों में बयान करना मुश्किल है."

कोविड-19 से संक्रमित दुधमुंहे बच्चों का इलाज करने वाले दोनों डॉक्टरों ने बताया कि इनकी माताओं ने अस्पतालों में मास्क पहनकर और संक्रमण से बचाव के अन्य उपाय करते हुए अपनी संतानों को स्तनपान कराया. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (सीएमएचओ) प्रवीण जड़िया ने बताया कि संक्रमण मुक्त होने के बाद अस्पतालों के कोविड-19 वॉर्डों से छुट्टी के बाद माताओं और उनकी कम उम्र की संतानों को भी अन्य मरीजों की तरह 14 दिन तक अपने घर में अलग रहने की सलाह दी जा रही है. नियमित अंतराल में उनकी सेहत की जानकारी भी ली जा रही है. इंदौर, देश में कोरोना वायरस के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल है. आधिकारिक जानकारी के मुताबिक जिले में कोविड-19 के मरीजों की संख्या बढ़ते-बढ़ते 1,858 पर पहुंच गई है. इनमें से 89 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है, जबकि 891 मरीजों को इलाज के बाद संक्रमण मुक्त होने पर अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है.

नई दिल्ली / शौर्यपथ /

       कोरोनावायरस (Coronavirus) संकट के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) आज रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे. लॉकडाउन को लेकर सोमवार को राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ हुई बैठक के बाद पीएम मोदी का यह संबोधन काफी अहम है. देशव्यापी लॉकडाउन 17 मई को समाप्त हो रहा है. मार्च महीने में लॉकडाउन की घोषणा के बाद से यह प्रधानमंत्री मोदी का तीसरा संबोधन होगा. सूत्रों के मुताबिक, इसमें पीएम मोदी प्रवासियों (Migrants) और लॉकडाउन (Lockdown) के मुद्दे पर बोल सकते हैं. 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के नाम अपने संबोधन में प्रवासियों के संकट पर बोल सकते हैं, जो कि लॉकडाउन के दौरान नौकरी जाने की वजह से अपने घरों की ओर कूच कर रहे हैं. घर लौटने के लिए परेशान लोग पैदल, साइकिल या ट्रकों में लटक कर, यहां तक कि ऑटोरिक्शा से आ रहे हैं. इनमें से कई लोगों की भूख, थकान या दुर्घटना में मौत भी हो गई है. 

राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ सोमवार को हुई बैठक में प्रधानमंत्री ने कहा था कि प्रवासियों के एक जगह से दूसरे जगह जाने से राज्यों पर असर पड़ेगा. हम जानते हैं कि इससे संक्रमण के मामलों में तेजी आएगी लेकिन यह देश को कोरोनावायरस से मुक्त कराने में मदद करेगा. प्रधानमंत्री ने राज्यों से प्रवासियों और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए योजना तैयार करने को कहा है.

पीएम मोदी ने बैठक में कम प्रतिबंधों के साथ लॉकडाउन के जारी रहने का संकेत दिया है. बैठक के बाद जारी बयान के मताबिक, पीएम मोदी ने कहा, "मैं इस बात पर अडिग हूं कि पहले चरण में जिन उपायों की जरूरत थी, उनकी आवश्यकता दूसरे चरण में नहीं थी. इसी प्रकार तीसरे चरण में जिन उपायों की जरूरत है, उनकी आवश्यकता चौथे चरण में नहीं है." 

सूत्रों की ओर से सोमवार को दी गई जानकारी के मुताबिक, देश में 17 मई के बाद भी लॉकडाउन बढ़ाया जा सकता है. मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में लॉकडाउन आगे किस रूप में होगा इसके लिए प्रधानमंत्री ने सभी राज्यों से 15 मई तक सुझाव मांगे हैं. सूत्रों ने कहा कि कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित क्षेत्रों में रात्रि कर्फ्यू और सीमित परिवहन व्यवस्था जैसे प्रतिबंध भी लागू रह सकते हैं. 

बैठक के दौरान, अधिकांश राज्यों ने भी लॉकडाउन (Lockdown) बढ़ाने की मांग की है. इस दौरान राज्यों ने कहा कि रेड ज़ोन को जिला स्तर पर रखने के बजाए कंटेनमेंट ज़ोन में रखा जाए और जिले के बाकी हिस्सों में गतिविधियां शुरू की जाएं. 

देश में कोरोनावायरस (Coronavirus) के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, देश में कोरोनावायरस से अब तक 2293 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि संक्रमितों की संख्या 70,756 हो गई है.

पश्चिम बंगाल । शौर्यपथ । पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता आख़िर कोरोना का हॉटस्पॉट कैसे बन गया है? यहां नए मामलों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है. अब तक राज्य में कोरोना के जितने मामले आए हैं, उनमें से आधे से अधिक कोलकाता में ही हैं. कोराना के कारण मरने वालों का अनुपात भी लगभग ऐसा है. इसके साथ ही यहां कंटेनमेंट ज़ोन की संख्या भी लगातार बढ़ रही है. कोलकाता नगर निगम के 144 वार्डों में से 107 में इस वायरस के मरीज़ों की संख्या बढ़ रही है. केंद्र सरकार पहले ही कह चुकी है कि 13.2 फ़ीसदी के साथ पश्चिम बंगाल में कोरोना की मृत्यु दर देश में सबसे ज़्यादा है. हालांकि राज्य सरकार ने इस दावे का खंडन किया है. लेकिन वह भी मानती है कि कोलकाता की स्थिति गंभीर है.कोरोना पॉज़िटिव की बढ़ती संख्या लगातार बढ़ते मामलों से परेशान सरकार ने अब कोलकाता के पांच कोरोना अस्पतालों में जांच और इलाज की निगरानी के लिए पांच विशेषज्ञ टीमों का गठन किया है. इसके साथ ही एशिया की सबसे बड़ी थोक अनाज मंडी बड़ाबाज़ार के कुछ हिस्सों को अन्यत्र शिफ़्ट करने पर भी विचार किया जा रहा है. बेहतरीन अस्पतालों और डॉक्टरों के साथ, पूरा सरकारी ताम-झाम और पुलिस-प्रशासन की मुस्तैदी के बावजूद कोलकाता में कोरोना पॉज़िटिव की बढ़ती संख्या राज्य के लिए सबसे बड़ी चुनौती के तौर पर उभरी है. पूरे राज्य में जो 566 कंटेनमेंट ज़ोन हैं उनमें से 326 अकेले कोलकाता में हैं. कंटेनमेंट ज़ोन की यह सूची लगभग रोज़ाना लंबी हो रही है.राज्य में कोरोना वायरस की वजह से अब तक जो मौतें हुई हैं, उनमें से लगभग 60 फ़ीसदी कोलकाता में ही हैं. संक्रमितों के मामले में तो यह आँकड़ा इससे भी ज़्यादा है. कोरोना के मामले बढ़ने की वजह कोलकाता में इस वायरस की वजह से जिन लोगों की मौत हुई है उनमें वरिष्ठ डॉक्टरों के अलावा केंद्रीय सुरक्षाबल के अधिकारी, वरिष्ठ एडवोकेट और जाने-माने इतिहासकार हरिशंकर वासुदेवन जैसे लोग शामिल हैं. इस कारण अब स्वास्थ्य के आधारभूत ढांचे पर भी सवाल उठने लगे हैं. डॉक्टरों और स्वास्थ्यकर्मियों में तो यह संक्रमण इतनी तेज़ी से बढ़ रहा है कि डॉक्टर्स फ़ोरम ने चिंता जताई कि अगर परिस्थिति पर शीघ्र काबू नहीं पाया गया तो कुछ दिनों में यहां कोरोना के मरीज़ों का इलाज करने वाला भी कोई नहीं बचेगा. गृह सचिव आसापान बनर्जी कहते हैं कि सरकार इस संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए हरसंभव उपाय कर रही है. लेकिन आख़िर कोलकाता में कोरोना संक्रमण के तेज़ी से फैलने की वजह क्या है? विशेषज्ञों का कहना है कि लॉकडाउन के पहले और दूसरे चरण में महानगर में इसकी सरेआम धज्जियां उड़ती रहीं. बाज़ारों और सड़कों पर उमड़ती भीड़ को देख कर कहीं से लगता ही नहीं था कि लॉकडाउन चल रहा है. आए दिन अख़बारों और टीवी पर आने वाली तस्वीरें इसकी गवाही देती रही हैं. कोरोना संक्रमितों की संख्या अप्रैल के आख़िर में सरकार कुछ सख़्त ज़रूर हुई, लेकिन बावजूद इसके संक्रमण के मामले घटने की बजाय बढ़ ही रहे हैं. नौ से 10 मई के बीच चौबीस घंटे के दौरान राज्य में कोरोना से जिन 14 लोगों की मौत हुई उनमें से 10 लोग कोलकाता के ही थे. बीते एक सप्ताह से कोरोना संक्रमितों की संख्या तेज़ी से बढ़ रही है. 10 मई को राज्य में 153 नए मरीज़ सामने आए थे जो एक नया रिकार्ड था. इनमें से 87 लोग कोलकाता के थे. स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि आम लोगों की लापरवाही की वजह से हालात तेज़ी से बदतर हुए हैं. इसके अलावा कोरोना वायरस का स्वरूप बदलना भी इसके लिए ज़िम्मेदार है. विशेषज्ञ प्रोफ़ेसर अनिमेष बसु कहते हैं, "कोरोना का संक्रमण और मृतकों की संख्या बढ़ना कई चीज़ों पर निर्भर है. यह देखना होगा कि क्या सांस की बीमारी वाले लोगों को सही इलाज मिल पा रहा है? क्या कोरोना के लक्षण वाले मरीज़ देरी से अस्पताल पहुंच रहे हैं और क्या उनको वहां सही इलाज मिल रहा है? इसके साथ यह भी देखना होगा कि वायरस का म्यूटेशन तो नहीं हो रहा है?" कोलकाता में खाद्यान्नों की सबसे बड़ी थोक मंडी तृणमूल कांग्रेस से राज्यसभा सदस्य और इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) के अध्यक्ष डॉ. शांतनु सेन मानते हैं कि कोलकाता में कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. लेकिन उनका दावा है कि पूर्ण लॉकडाउन के बाद सघन आबादी वाले वाले इलाक़ों से नए मामले अब कम आ रहे हैं. वो कहते हैं, "कोलकता नगर निगम ने कंटेनमेंट ज़ोन में घर-घर जाकर जाँच और सर्वेक्षण का काम शुरू किया है." कोविड-19 से ममता बनर्जी सरकार की लड़ाई में डा. शांतनु सेन भी अहम भूमिका में हैं.वो बताते हैं कि कोलकाता में खाद्यान्नों की सबसे बड़ी थोक मंडी की कई गलियों को पूरी तरह सील कर दिया गया है.इस इलाक़े में स्थित पोस्ता मार्केट में देश के विभिन्न हिस्सों से ट्रकों में भर कर खाद्यान्न पहुंचता हैं. बाज़ार शिफ्ट करने से रुकेगा संक्रमण का ख़तरा? अब सरकार इस बाज़ार के एक हिस्से को कोलकाता से बाहर शिफ्ट करने पर विचार कर रही है. नगर निगम के पूर्व मेयर और शहरी विकास मंत्री फिरहाद हक़ीम का कहना है कि इन ट्रकों की वजह से भी संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है. वो कहते हैं, "अगर लोग इसी तरह बाहर से ट्रकों में आते रहे तो वायरस के संक्रमण को रोकना संभव नहीं है. पुलिस से इन ट्रकों को शहर की सीमा से बाहर ही रोक कर सामान उतारने की व्यवस्था करने को कहा गया है." फिरहाद हक़ीम का कहना है कि बड़ाबाज़ार और आसपास के इलाक़ों में कोरोना संक्रमितों की संख्या महानगर के दूसरे इलाक़ों के मुक़ाबले ज़्यादा है. इसलिए सरकार इस बाज़ार को कहीं अन्य शिफ्ट करने पर विचार कर रही है. पुलिस और प्रशासन दूसरी ओर, कोलकाता पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी नाम नहीं छापने की शर्त पर कहते हैं कि देश के दूसरे राज्यों से आने वाले ट्रकों को महानगर की सीमा से बाहर खड़ा करने की स्थिति में भी खाद्यान्न को छोटे ट्रकों में लाद कर बड़ाबाज़ार तक तो लाना ही होगा. ऐसे में संक्रमण का ख़तरा जस का तस ही रहेगा. वो बताते हैं, "हमने तमाम कंटेनमेंट ज़ोन को सील कर दिया है और घर-घर ज़रूरी सामान भी पहुंचा रहे हैं. लेकिन लगातार बढ़ते ऐसे इलाक़ों की वजह से लोगों को ज़रूरी सामान मुहैया कराना अब मुश्किल होता जा रहा है." इस बीच, बीजेपी ने कोलकाता की मौजूदा परिस्थिति के लिए पुलिस और प्रशासन की लापरवाही को ज़िम्मेदार ठहराया है. बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष कहते हैं, "लॉकडाउन लागू करने में पहले दिन से ही बरती गई लापरवाही का खामियाज़ा इस महानगर को भुगतना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने पहले मिठाई दुकानों को खोलने की अनुमति दे दी. उसके बाद बाज़ारों में भी भीड़ उमड़ती रही." घोष का कहना है कि देश के बाक़ी महानगरों के मुक़ाबले कोलकाता में लॉकडाउन के लंबा खिंचने का उन्हें अंदेशा है.

कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए लागू किए लॉकडाउन में क़रीब 50 दिनों तक बंद रही रेल सेवा सीमित रूप में बहाल हो रही है. मंगलवार से सरकार ने यात्री ट्रेनें चलाने का फ़ैसला किया है और इसके लिए टिकट की बुकिंग भी शुरू कर दी.सोमवार को टिकट बुकिंग में काफ़ी मारामारी दिखी और कुछ मिनटों में ही कई रूट की ट्रेनें भर गई. कुछ रूट पर अगले पांच दिन के लिए भी टिकट नहीं हैं.रेल मंत्रालय की ओर से ट्रेनों का समय और उन स्टेशनों की जानकारी दी गई है जहां ये ट्रेनें रुकेंगी. एक नज़र में देखिए सभी ट्रेनों का समय और स्टॉपेज वाले स्टेशन- ट्रेन नंबर: 02301- हावड़ा से नई दिल्ली, प्रस्थान समय: शाम 05:05 (प्रतिदिन)ट्रेन नंबर: 02302- नई दिल्ली से हावड़ा, प्रस्थान समय: शाम 4:55 (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: आसनसोल, धनबाद, गया, पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन, प्रयागराज और कानपुर सेंट्रल ट्रेन नंबर: 02951- मुंबई सेंट्रल से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम 05:30 बजे (प्रतिदिन)ट्रेन नंबर: 02952- नई दिल्ली से मुंबई सेंट्रल, प्रस्थान का समय: शाम 04:55 बजे (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: सूरत, वडोदरा, रतलाम और कोटा ट्रेन नंबर: 02957 - अहमदाबाद से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम 06:20 बजे (प्रतिदिन) ट्रेन नंबर: 02958 - नई दिल्ली से अहमदाबाद, प्रस्थान का समय: शाम 08:25 बजे (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: पालनपुर, अबु रोड, जयपुर और गुड़गांव ट्रेन नंबर: 02309 - राजेंद्र नगर से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम 07:20 बजे (प्रतिदिन)ट्रेन नंबर: 02310 - नई दिल्ली से राजेंद्र नगर, प्रस्थान का समय: शाम 05:15 बजे (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: पटना जंक्शन, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल जंक्शन ट्रेन नंबर: 02691 - बेंगलुरू से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम साढ़े आठ बजे (प्रतिदिन) ट्रेन नंबर: 02692 - नई दिल्ली से बेंगलुरू, प्रस्थान का समय: रात 09:15 बजे (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: अनंतपुर, गुंतकल जंक्शन, सिकंदराबाद जंक्शन, नागपुर, भोपाल जंक्शन और झांसी जंक्शन ट्रेन नंबर: 02424 - नई दिल्ली से डिब्रूगढ़, प्रस्थान का समय: शाम 04:45 बजे (प्रतिदिन) ट्रेन नंबर: 02423 - डिब्रूगढ़ से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: रात 09:10 बजे (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: दीमापुर, लुमडिंग जंक्शन, गुवाहाटी, कोकराझार, मरियानी, न्यू जलपाईगुड़ी, कटिहार, बरौनी, दानापुर, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन, प्रयागराज जंक्शन और कानपुर सेंट्रल ट्रेन नंबर: 02442 - नई दिल्ली से बिलासपुर, प्रस्थान का समय: शाम 4 बजे (मंगलवार और शनिवार)ट्रेन नंबर: 02441- बिलासपुर से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: दोपहर 02:40 बजे (सोमवार और गुरुवार)स्टॉपेज़: रायपुर जंक्शन, नागपुर, भोपाल और झांसी ट्रेन नंबर: 02823 - भुवनेश्वर से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: सुबह 10 बजे (प्रतिदिन) ट्रेन नंबर: 02824 - नई दिल्ली से भुवनेश्वर, प्रस्थान का समय: शाम 05:05 बजे (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: बालासोर, हिजली (खड़गपुर), टाटानगर, बोकारो स्टील सिटी, गया, पंडित दीन दयाल जंक्शन और कानुपर सेंट्रल ट्रेन नंबर: 02425 - नई दिल्ली से जम्मू तवी, प्रस्थान का समय: रात 09:10 बजे (प्रतिदिन)ट्रेन नंबर: 02426 - जम्मू तवी से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम 08:10 बजे (प्रतिदिन)स्टॉपेज़: लुधियाना ट्रेन नंबर: 02434 - नई दिल्ली से चेन्नई सेंट्रल, प्रस्थान का समय: शाम 4 बजे (बुधवार और शुक्रवार)ट्रेन नंबर: 02433 - चेन्नई सेंट्रल से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: 06:35 बजे (शुक्रवार और रविवार)स्टॉपेज़: विजयवाड़ा, वारंगल, नागपुर, भोपाल, झांसी और आगरा ट्रेन नंबर: 02454 - नई दिल्ली से रांची, प्रस्थान का समय: दोपहर 03:30 बजे (बुधवार और शनिवार)ट्रेन नंबर: 02453 - रांची से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम 05:40 बजे, (गुरुवार और रविवार)स्टॉपेज़: पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन और कानपुर सेंट्रल ट्रेन नंबर: 02414 - नई दिल्ली से मडगांव, प्रस्थान का समय: सुबह 11:25 बजे (शुक्रवार और शनिवार) ट्रेन नंबर: 02413 - मडगांव से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: सुबह साढ़े दस बजे (सोमवार और रविवार)स्टॉपेज़: रत्नागिरी, पनवेल, सूरत, वडोदरा जंक्शन और कोटा जंक्शन ट्रेन नंबर: 02438 - नई दिल्ली से सिकंदराबाद, प्रस्थान का समय: शाम 4 बजे 90 (रविवार) ट्रेन नंबर: 02437 - सिकंदराबाद से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: दोपहर 01:15 बजे (बुधवार)स्टॉपेज़: नागपुर, भोपाल और झांसी जंक्शन ट्रेन नंबर: 02432 - नई दिल्ली से तिरुवनंतपुरम, प्रस्थान का समय: सुबह 11:25 बजे (मंगलवार, बुधवार और रविवार) ट्रेन नंबर: 02431 - तिरुवनंतपुरम से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम 07:45 बजे (मंगलवार, गुरुवार, शुक्रवार)स्टॉपेज़: एर्नाकुलम जंक्शन, कोझिकोड, मंगलोर, मडगांव, पनवेल, वडोदरा और कोटा ट्रेन नंबर: 02501 - अगरतला से नई दिल्ली, प्रस्थान का समय: शाम सात बजे (सोमवार)ट्रेन नंबर: 02502 - दिल्ली से अगरतला, प्रस्थान का समय: शाम 07:50 बजे (बुधवार)स्टॉपेज़: बदरपुर जंक्शन, गुवाहाटी, कोकराझार, न्यू जलपाईगुड़ी, कटिहार जंक्शन, बरौनी जंक्शन, पाटलिपुत्र, पंडित दीन दयाल उपाध्याय जंक्शन और कानपुर सेंट्रल ट्रेनों में किराया मंगलवार से शुरू होने वाली ट्रेन यात्रा के लिए रेलवे की तरफ़ से अब ट्रेन चलने, किराए और सोशल डिस्टेंसिंग के नियम पर एक नया सर्कुलर भी जारी किया गया है. आईआरसीटीसी के सीएमडी एमपी मल ने इस सर्कुलर की मुख्य बातें बीबीसी से साझा की है. उनके मुताबिक़, ये 15 जोड़ी ट्रेनें राजधानी होंगी, और जो किराया इस रूट पर पहले लगता था, वही इस बार भी लागू होगा. लेकिन केटरिंग के चार्ज नहीं लगेंगे. आपको बता दें, लॉकडाउन के पहले तक राजधानी ट्रेनों में 'डायनेमिक प्राइसिंग' लागू होता था यानी जैसे-जैसे सीटें भरती जाएंगी, किराया बढ़ता जाएगा. केटरिंग के लिए पानी और कुछ पैकेज्ड फूड ट्रेन में पैसे देकर यात्री ख़रीद सकेंगे. इन ट्रेनों में रास्ते में बेड रोल नहीं दिया जाएगा. एक ट्रेन में राजधानी की ही तरह 1 AC, 2AC, 3AC के कोच होंगे. 1 AC और 2AC में सोशल डिस्टेंसिंग की दिक्कत नहीं आएगी, लेकिन 3AC पर फ़िलहाल स्पष्ट नहीं कहा जा सकता कि वो 72 सीटों वाली होगी या नहीं. ऐसा इसलिए क्योंकि श्रमिक स्पेशल ट्रेनों में भी 1200 की जगह अब 1700 यात्री ले जाने की बात हो रही है. नए नियमों के मुताबिक: ट्रेनों में सीट बुकिंग 7 दिन पहले ही हो पाएगी तत्काल बुकिंग नहीं होगी RAC टिकट भी नहीं मिलेगा एजेंट टिकट बुक नहीं करा पाएंगे यात्रियों को स्टेशन 90 मिनट पहले पहुंचना होगा ट्रेन चलने के 24 घंटे के पहले तक टिकट कैंसिल की अनुमति होगी. स्टेशन आने और जाने की सुविधा कैसे मिलेगी? ट्रेन चलाने के लेकर, फ़ैसले के बाद हर तरफ सवाल यही था कि लोग घर से स्टेशन और स्टेशन से घर तक कैसे पहुंचेंगे. इसको लेकर अब स्थिति स्पष्ट हो गई है. ट्रेन की कंफ़र्म टिकट दिखाने के बाद लोगों और ड्राइवर को स्टेशन से घर और घर से स्टेशन जाने के लिए सुविधा दी जाएगी. सोशल डिस्टेंसिंग कैसे करेगी सरकार? स्टेशन पर यात्रियों की स्क्रीनिंग की जाएगी. यात्रा करने वालों को स्टेशन पर सैनिटाइजर दिया जाएगा. और यात्रा से पहले और यात्रा के दौरान पैसेंजर को मास्क पहनना अनिवार्य होगा. स्टेशन पर उतरने के बाद, जिस राज्य में ट्रेन पहुंचेगी, वहां की राज्य सरकारों ने जो नियम बनाएं हैं, यात्रियों को उन सभी नियमों का पालन करना होगा. मसलन अगर राज्य सरकार क्वारंटीन में यात्रियों को भेजना चाहे या फिर होम आइसोलेशन की बात कहे, तो यात्रियों को वो दिशा निर्देश पालन करने ही होंगे. इमेज कॉपीरइटTWITTER/PIYUSH GOYAL मज़दूरों के लिए अलग ट्रेन रेल मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि दूसरे राज्यों में फँसे मज़दूरों के लिए आगे भी श्रमिक ट्रेंने चलती रहेंगी. रेलवे प्रशासन के मुताबिक़ सोमवार सुबह तक 468 श्रमिक ट्रेनें चलाई जा चुकी है. तकरीबन 4 लाख मज़दूरों को सरकार अपने घर पहुँचा चुकी है. रेल मंत्री पीयूष गोयल ने रविवार को ट्वीट पर जानकारी दी थी कि 300 और श्रमिक स्पेशल चलाने की योजना है. राज्य सरकारों की मांग पर ऐसा किया जा रहा है. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने सोमवार सुबह ही सभी राज्यों के गृह सचिवों को चिट्टठी लिख कर श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलाने में राज्य सरकारों को रेल मंत्रालय से सहयोग करने की बात की है.


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