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रणजीता स्टेडियम परिसर में लगाए सिंदूर के पौधे, पर्यावरण संरक्षण का दिया संदेश
रायपुर /शौर्यपथ /अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज जशपुर के रणजीता स्टेडियम परिसर में आयोजित कार्यक्रम में ‘गजरथ यात्रा’ को हरी झंडी दिखाकर शुभारंभ किया। यह अभिनव पहल छत्तीसगढ़ में मानव-हाथी द्वंद को कम करने और वन्यजीव संरक्षण के लिए जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से शुरू की गई है। इस यात्रा के माध्यम से स्कूलों, ग्राम पंचायतों और हाट-बाजारों में पहुंचकर हाथियों के व्यवहार, सुरक्षा उपायों और सह-अस्तित्व के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि मानव और हाथियों के बीच बढ़ते टकराव को कम करने के लिए सामुदायिक भागीदारी और जागरूकता अत्यंत आवश्यक है। ‘गजरथ यात्रा’ इस दिशा में एक सार्थक माध्यम बनेगी, जो लोगों को शिक्षित कर मानव-वन्यजीव संघर्ष को कम करने में सहायक होगी। उन्होंने वन विभाग के उन कर्मचारियों को भी सम्मानित किया, जिन्होंने इस क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य किया है।
कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री साय ने स्टेडियम परिसर में सिंदूर का पौधा लगाकर पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया। उन्होंने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के तहत नागरिकों से अपील की कि वे अधिक से अधिक वृक्षारोपण करें । उन्होंने कहा कि पेड़ न केवल जीवनदायिनी ऑक्सीजन प्रदान करते हैं, बल्कि जल संरक्षण, जैव विविधता और जलवायु संतुलन के लिए भी आवश्यक हैं।
मुख्यमंत्री साय ने वन विभाग द्वारा तैयार लघु फिल्म और पुस्तिका का विमोचन भी किया, जिसमें हाथियों से संबंधित सावधानियां, उनके व्यवहार को समझने और सुरक्षा उपायों की जानकारी दी गई है। यह सामग्री स्कूली बच्चों, ग्रामीणों और स्थानीय समुदायों में वितरित की जाएगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकार की ही नहीं, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने राज्य सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं और जागरूकता अभियानों की जानकारी दी, जो सतत विकास और हरित छत्तीसगढ़ के निर्माण में सहायक हैं।
उल्लखेनीय है कि ‘गजरथ यात्रा’ राज्य सरकार की उस व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो सतत विकास, जैव विविधता संरक्षण और स्थानीय समुदायों की सहभागिता के माध्यम से वन्यजीवों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने के लिए समर्पित है। मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम के अंत में सभी प्रतिभागियों और वन विभाग की टीम को इस प्रयास के लिए शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर समाज कल्याण मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े, योग आयोग के अध्यक्ष श्री रूप नारायण सिन्हा, पूर्व सांसद श्री रणविजय सिंह जूदेव, पद्मश्री श्री जागेश्वर यादव, विधायक श्रीमती रायमुनी भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, माटीकला बोर्ड अध्यक्ष श्री शंभूनाथ चक्रवर्ती, सन्निर्माण कर्मकार मंडल अध्यक्ष श्री रामप्रताप सिंह, नगर पालिका अध्यक्ष श्री अरविंद भगत, उपाध्यक्ष श्री यश प्रताप सिंह जूदेव, संभागायुक्त श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री दीपक झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, एसएसपी श्री शशि मोहन सिंह सहित अनेक जनप्रतिनिधि, नागरिक, स्कूली छात्र और योग संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।
निगम अध्यक्ष संजय श्रीवास्तव बोले - योग अपनाएं, तनाव और रोगों से पाएं मुक्ति
रायपुर/शौर्यपथ / 11वें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर नागरिक आपूर्ति निगम में राज्य स्तरीय योग शिविर का आयोजन उत्साह और अनुशासन के साथ किया गया। इस अवसर पर निगम अध्यक्ष श्री संजय श्रीवास्तव ने योग के वैश्विक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि योग आज केवल भारत तक सीमित नहीं है, बल्कि यह संपूर्ण मानवता के लिए स्वस्थ जीवन का मार्ग बन चुका है।
प्रातः 7 बजे प्रारंभ हुए इस योग शिविर में श्री श्रीवास्तव के आह्वान पर निगम मुख्यालय के अधिकारी-कर्मचारी एक साथ योगाभ्यास में सम्मिलित हुए। प्रशिक्षकों के निर्देशन में विविध योग क्रियाओं का अभ्यास किया गया।
श्रीवास्तव ने उपस्थित जनसमूह को संबोधित करते हुए कहा कि योग केवल व्यायाम नहीं, बल्कि शरीर, मन और आत्मा के संतुलन का विज्ञान है। यह जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है।
उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से वर्ष 2014 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी। इस वर्ष की थीम “योग फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” है, जो पृथ्वी और मानव स्वास्थ्य के गहरे संबंध को दर्शाती है।
श्रीवास्तव ने यह भी बताया कि वर्तमान में भारत की योग अर्थव्यवस्था 20 करोड़ रुपये से अधिक की हो चुकी है तथा 190 देशों में 1 लाख से अधिक प्रमाणित योग शिक्षक कार्यरत हैं। देश के लगभग 2.5 करोड़ घरों में नियमित योग को अपनाया जा चुका है।
इस वर्ष योग दिवस के अंतर्गत योग संगम, योग बंधन, योग पार्क, योग समावेश, योग प्रभाव, योग कनेक्ट, हरित योग, योग अनप्लग्ड, योग महाकुंभ, और संयोगम जैसे 10 विशिष्ट आयोजन किए जा रहे हैं, जिनका उद्देश्य समाज के प्रत्येक वर्ग तक योग की पहुंच सुनिश्चित करना है।
श्रीवास्तव ने सभी नागरिकों से योग को जीवनशैली में अपनाने की अपील करते हुए कहा तनाव मुक्त और स्वस्थ जीवन के लिए योग को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। आज हम सब मिलकर यह संकल्प लें कि हम स्वयं भी योग करेंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।
नगेराटुक्कू के सौंदर्यीकरण और डूमरडीह में कुम्हार समाज के लिए सांस्कृतिक मंडप निर्माण की घोषणा
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के दुलदुला में आयोजित कार्यक्रम में दुलदुला विकासखंड के लिए 3 करोड़ 45 हजार रुपये की लागत से विभिन्न विकास कार्यों का लोकार्पण और भूमिपूजन किया। इनमें 22.36 लाख रुपये की लागत से नवनिर्मित ग्रामीण हाट बाजार शेड का लोकार्पण और 2 करोड़ 78 लाख 9 हजार रुपये की लागत के 10 अन्य कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पर्यटन स्थल नगेराटुक्कू के सौंदर्यीकरण और डूमरडीह में कुम्हार समाज के लिए सांस्कृतिक मंडप निर्माण की घोषणा की।
मुख्यमंत्री साय ने अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमें अपने शरीर और मन को स्वस्थ रखने के लिए नियमित रूप से योग करना चाहिए। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के प्रयासों से संयुक्त राष्ट्र ने इस दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मान्यता दी है। आज दुनिया के सभी देशों के लोग योग के फायदों के प्रति जागरूक होकर इस प्राचीन भारतीय विद्या को अपना रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने जानकारी दी कि मुख्यमंत्री ग्रामीण बस योजना के तहत मयूरचुंदी से दुलदुला तक बस सेवा शुरू की जाएगी। साथ ही, दुलदुला में बस स्टैंड निर्माण की स्वीकृति भी प्राप्त हो चुकी है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार 'मोदी की गारंटी' को तेजी से लागू कर रही है। सरकार के गठन के बाद पहली कैबिनेट बैठक में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 18 लाख आवास स्वीकृत किए गए। महतारी वंदन योजना के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण हो रहा है। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को प्रति मानक बोरा 5,500 रुपये निर्धारित किया गया है।अटल डिजिटल सुविधा केंद्र के माध्यम से ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सुविधाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। आगामी पंचायत दिवस पर इसे सभी ग्राम पंचायतों में शुरू करने की योजना है। रजिस्ट्री प्रक्रिया में 10 नई क्रांतियों के तहत नवाचारों का उपयोग कर पंजीयन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी, सरल, डिजिटल और नागरिक-केंद्रित बनाया गया है।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, जनपद अध्यक्ष दुलदुला श्री राजकुमार सिंह, पुलिस महानिरीक्षक श्री दीपक कुमार झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, श्री भरत सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय सहित जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीण उपस्थित थे।
0.46 प्रतिशत तक सिमटी मलेरिया दर: बस्तर में स्वास्थ्य सेवाओं की ऐतिहासिक उपलब्धि
रायपुर/शौर्यपथ छत्तीसगढ़ सरकार के मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान को बस्तर संभाग में बड़ी सफलता मिली है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बस्तर जैसे संवेदनशील और चुनौतीपूर्ण क्षेत्र में मलेरिया के मामलों में ऐतिहासिक कमी दर्ज की गई है।
राज्य शासन द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार बस्तर संभाग में मलेरिया धनात्मक दर 4.60 प्रतिशत से घटकर मात्र 0.46 प्रतिशत रह गई है। वहीं वर्ष 2015 की तुलना में वर्ष 2024 में मलेरिया के मामलों में 72 प्रतिशत की गिरावट आई है। राज्य का वार्षिक परजीवी सूचकांक (API) वर्ष 2015 में 5.21 था, जो घटकर 2024 में 0.98 हो गया है। बस्तर संभाग का API इसी अवधि में 27.4 से घटकर 7.11 तक पहुंचा है। 2023 की तुलना में 2024 में मलेरिया प्रकरणों में 8.52 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि मलेरिया मुक्त छत्तीसगढ़ अभियान हमारी सरकार की जन-केंद्रित सोच और समर्पित स्वास्थ्य प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि बस्तर जैसे क्षेत्र में मलेरिया नियंत्रण में मिली यह सफलता स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों, मितानिनों और स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की मेहनत का प्रमाण है।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सरकार का लक्ष्य पूरे छत्तीसगढ़ को मलेरिया मुक्त बनाना है और इस दिशा में ठोस प्रयास लगातार जारी हैं। अभियान के तहत मच्छरदानी वितरण, घर-घर जाकर जांच, त्वरित उपचार, और जागरूकता गतिविधियों के माध्यम से मलेरिया के प्रसार को नियंत्रित किया गया है। वर्ष 2024 में अभियान के 10वें और 11वें चरणों में विशेष निगरानी और उपचार कार्यों के चलते मलेरिया नियंत्रण को और बल मिला है।
राज्य सरकार मलेरिया उन्मूलन के लिए राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (NVBDCP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशा-निर्देशों के अनुरूप कार्य कर रही है।
मुख्यमंत्री साय ने इस अभियान में योगदान देने वाले स्वास्थ्य विभाग, स्थानीय प्रशासन, मितानिनों और आमजन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि यह सफलता सामूहिक प्रयासों से ही संभव हुई है और यह छत्तीसगढ़ को एक स्वस्थ और समृद्ध राज्य बनाने की दिशा में एक ठोस कदम है।
8.77 करोड़ की लागत से बनेगा 50 बिस्तरों वाला मातृ-शिशु चिकित्सालय: सुरक्षित मातृत्व और स्वस्थ बचपन की दिशा में सशक्त पहल
50 लाख की लागत से तैयार होगी ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज जशपुर जिले के कुनकुरी को एक महत्वपूर्ण सौगात प्रदान की। उन्होंने गिनाबहार में 8.77 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले 50 बिस्तरों वाले मातृ-शिशु चिकित्सालय और 50 लाख रुपये की लागत से निर्मित होने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट का भूमिपूजन किया।
इस अवसर पर मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आज जशपुर जिले के स्वास्थ्य क्षेत्र में विकास की एक नई कड़ी जुड़ रही है। इस चिकित्सालय के निर्माण से कुनकुरी सहित फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे आसपास के क्षेत्रों की माताओं, बहनों और बच्चों को लाभ मिलेगा। मुख्यमंत्री ने बताया कि जशपुर में 200 बिस्तरों वाले आधुनिक चिकित्सालय का निर्माण शीघ्र प्रारंभ होगा। इस वर्ष के बजट में मेडिकल कॉलेज स्थापित करने का प्रावधान किया गया है। इसके अतिरिक्त, नर्सिंग कॉलेज और फिजियोथेरेपी कॉलेज भी खोले जाएंगे।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि आयुष्मान भारत योजना और जेनरिक दवा दुकानों के माध्यम से आमजन को किफायती इलाज सुलभ कराया जा रहा है। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए वय वंदना योजना एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य-सुरक्षा कवच है।मितानिन बहनों के मानदेय का भुगतान अब ऑनलाइन किया जा रहा है, जिससे पारदर्शिता और समयबद्धता सुनिश्चित हुई है।
मुख्यमंत्री साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी की गारंटी को जमीनी स्तर पर लागू करने की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने बताया कि किसानों से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान की खरीद की जा रही है, और उन्हें प्रति क्विंटल 3,100 रुपये की राशि प्रदान की जा रही है। तेंदूपत्ता संग्रहकों को अब 5,500 रुपये प्रति मानक बोरा का भुगतान किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीब परिवारों के लिए आवास निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है। उन्होंने कहा कि महतारी वंदन योजना के अंतर्गत राज्य की 70 लाख से अधिक माताओं और बहनों को प्रतिमाह 1,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जा रही है। साथ ही, 5.60 लाख भूमिहीन कृषि श्रमिकों को 10,000 रुपये की विशेष सहायता राशि प्रदान की गई है। पंचायतों में कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) खोलने का कार्य युद्धस्तर पर जारी है, जिससे ग्रामीणों को अपने गांव में ही बैंकिंग, धन जमा-निकासी जैसी सुविधाएं मिलेंगी। अगले पंचायती राज दिवस तक सभी पंचायतों में ये सुविधाएं उपलब्ध होंगी।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि राजस्व प्रशासन में सुधार के लिए कई बड़े निर्णय लिए गए हैं। अब जमीन की रजिस्ट्री के साथ ही नामांतरण की प्रक्रिया स्वतः पूरी होगी, और फर्जी रजिस्ट्री पर अंकुश लगेगा। विश्व योग दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने सभी नागरिकों से अपील की कि वे योग को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।
आदिवासी अंचल को मिली मातृत्व सुरक्षा की नई सौगात
उल्लखेनीय है कि कुनकुरी में प्रस्तावित 50 बिस्तरों वाला मातृ-शिशु चिकित्सालय न केवल कुनकुरी, बल्कि फरसाबहार, कांसाबेल और दुलदुला जैसे तीन अन्य विकासखंडों की महिलाओं और बच्चों को स्थानीय स्तर पर चिकित्सा सुविधा प्रदान करेगा। गर्भवती महिलाओं को प्रसवपूर्व देखभाल, प्रसव, जटिलताओं का उपचार और बच्चों को समुचित स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी। विशेषज्ञ चिकित्सकों की उपस्थिति गंभीर बीमारियों की पहचान और उपचार में सहायता करेगी। 50 लाख रुपये की लागत से बनने वाली ब्लॉक पब्लिक हेल्थ यूनिट के माध्यम से लैब जांच सुविधाएं भी उपलब्ध होंगी, जिससे आदिवासी बाहुल्य क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार होगा।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, कमिश्नर श्री नरेंद्र दुग्गा, आईजी श्री दीपक कुमार झा, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, श्री भरत सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, श्री सुनील गुप्ता, श्री उपेंद्र यादव, श्री राजकुमार गुप्ता, श्री अमन शर्मा, श्री गोपाल कश्यप, श्री मनोज जायसवाल, श्री राजेश चौधरी, श्री यशवंत यादव, श्री विकास नाग सहित अन्य जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी और गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने जशपुर जिले में कुनकुरी के सलियाटोली ग्राम में 4.37 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित होने वाले 250 सीटर नालंदा परिसर का भूमिपूजन किया। इस अवसर पर उन्होंने युवाओं को शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि राज्य सरकार का उद्देश्य प्रत्येक जिले में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना है। इसके लिए सभी जिला मुख्यालयों में नालंदा परिसरों की स्थापना की जा रही है। जशपुर जिले में दो स्थानों पर नालंदा परिसर का निर्माण किया जा रहा है। नालंदा परिसर अत्याधुनिक पुस्तकालय, शिक्षण संसाधनों और तकनीकी सुविधाओं से सुसज्जित होगा। विद्यार्थियों की निर्बाध पढ़ाई सुनिश्चित करने के लिए यह परिसर 24 घंटे खुला रहेगा।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि शासन द्वारा नागरिक सुविधाओं में पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए ई-ऑफिस के माध्यम से सभी विभागों की सेवाएँ ऑनलाइन की जा रही हैं। राजस्व क्षेत्र में 10 नवीन क्रांतिकारी पहल लागू की गई है, जिससे रजिस्ट्री और नामांतरण जैसी प्रक्रियाएँ अब आमजन के लिए सरल और सुलभ हो गई हैं।
मुख्यमंत्री साय ने बताया कि छात्रहित को ध्यान में रखते हुए पीएससी जैसी परीक्षाओं में भ्रष्टाचार करने वालों के खिलाफ सीबीआई जाँच कराई जा रही है। साथ ही, जशपुर जिले में मेडिकल कॉलेज, कृषि महाविद्यालय, उद्यानिकी, नर्सिंग, नेचुरोपैथी और फिजियोथेरेपी कॉलेज की स्थापना की जाएगी।
नालंदा परिसर: अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त, 24x7 अध्ययन के लिए समर्पित केंद्र
नालंदा परिसर में महानगरों की तर्ज पर सप्ताह के सातों दिन, चौबीसों घंटे अध्ययन की सुविधा उपलब्ध होगी। इसमें इंडोर और आउटडोर स्टडी ज़ोन के साथ-साथ प्राकृतिक वातावरण से जुड़ने के लिए ऑक्सी रीडिंग ज़ोन की व्यवस्था होगी।यह परिसर स्वायत्त मॉडल पर आधारित होगा और पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए सौर ऊर्जा से संचालित किया जाएगा। ईको-फ्रेंडली डिज़ाइन के इस परिसर में विद्युत खपत न्यूनतम होगी और 50 से अधिक देशी पौधों की प्रजातियाँ रोपी जाएँगी। युवाओं के समग्र विकास को ध्यान में रखते हुए परिसर में यूथ टावर, स्पोर्ट्स कोर्ट, कैफेटेरिया, एटीएम और हेल्थ ज़ोन जैसी सुविधाएँ भी विकसित की जाएँगी। संचालन के लिए स्ववित्तपोषित मॉडल को अपनाया जाएगा। लाइब्रेरी में 50,000 से अधिक पुस्तकें, डिजिटल लाइब्रेरी, वाई-फाई ज़ोन और प्रतियोगी परीक्षाओं की पुस्तकें उपलब्ध होंगी। साथ ही, आरएफआईडी आधारित प्रवेश प्रणाली, बायोमेट्रिक आईडी, पुस्तकों की ट्रैकिंग के लिए आरएफआईडी और सॉफ्टवेयर आधारित पुस्तक प्रबंधन प्रणाली की व्यवस्था होगी।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कुनकुरी जनपद अध्यक्ष श्रीमती सुशीला साय, उपाध्यक्ष श्री बालेश्वर यादव, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ श्री अभिषेक कुमार, श्री भरत सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, जनप्रतिनिधि, अधिकारी, कर्मचारी और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री साय सर्व नाई सेन समाज के महासम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में हुए शामिल
सेन समाज भवन विस्तार हेतु ₹10 लाख एवं बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु ₹10 लाख की घोषणा
रायपुर /शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के कुनकुरी के महुआटोली में आयोजित सर्व नाई सेन समाज के महासम्मेलन एवं प्रतिभा सम्मान समारोह में शामिल हुए।
मुख्यमंत्री साय ने अपने उद्बोधन में कहा कि नाई समाज को मेहनती और स्वावलंबी समाज के रूप में जाना जाता है। सेन समाज के अनेक लोग आज शिक्षा, व्यापार, प्रशासन और तकनीकी क्षेत्रों में अपनी प्रतिभा के दम पर विशिष्ट उपलब्धियाँ हासिल कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि इस वर्ष 12वीं कक्षा के प्रदेश टॉपर अखिल सेन इसी समाज से हैं। रायपुर में एआई डेटा सेंटर की स्थापना करने जा रहे इंदौर के उद्यमी भी सेन समाज से हैं। मुख्यमंत्री ने भारत रत्न स्व. कर्पूरी ठाकुर जी का स्मरण करते हुए कहा कि देश की उन्नति में सेन समाज का योगदान उल्लेखनीय रहा है।
मुख्यमंत्री साय ने कहा कि जन्म से लेकर अंत्येष्टि तक कोई भी संस्कार सेन समाज के योगदान के बिना पूर्ण नहीं होता। समाज के विविध संस्कारों में इस समाज की भूमिका अत्यंत विशिष्ट है।
शिक्षा है समाज की प्रगति की कुंजी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री साय ने शिक्षा के महत्व पर बल देते हुए कहा कि शिक्षा केवल रोजगार प्राप्ति का माध्यम नहीं, बल्कि व्यक्तित्व निर्माण की कुंजी है। जिस समाज में शिक्षा का स्तर ऊंचा होता है, वह समाज उतना ही सशक्त और प्रगतिशील बनता है।
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार बच्चों की शिक्षा गुणवत्ता को बेहतर बनाने हेतु निरंतर नीतिगत निर्णय ले रही है। राज्य में अब राष्ट्रीय स्तर की सभी प्रमुख शैक्षणिक संस्थाएँ स्थापित की जा रही हैं। नालंदा परिसर जैसे अत्याधुनिक पुस्तकालयों का निर्माण प्रदेशभर में किया जा रहा है, ताकि छात्र प्रतियोगी युग के अनुरूप स्वयं को तैयार कर सकें।
सेन समाज को सामाजिक भवन विस्तार व बाउंड्रीवाल के लिए ₹20 लाख की सौगात
मुख्यमंत्री साय ने इस अवसर पर कुनकुरी स्थित सेन समाज के सामाजिक भवन के विस्तार हेतु ₹10 लाख और बाउंड्रीवाल निर्माण हेतु ₹10 लाख की राशि स्वीकृत करने की घोषणा की।
छत्तीसगढ़ केश शिल्पी बोर्ड की अध्यक्ष सुश्री मोना सेन ने इस अवसर पर कहा कि महतारी वंदन योजना प्रदेश की महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण और आत्मसम्मान का मजबूत आधार बन रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना ने माताओं-बहनों में एक नया आत्मविश्वास जगाया है और शासन की जनहितैषी योजनाएँ प्रदेश में सभी वर्गों के सर्वांगीण विकास का आधार बन रही हैं।
मुख्यमंत्री ने सेन समाज की प्रतिभाओं को किया सम्मानित
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस अवसर पर सेन समाज के उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले प्रतिभावान सदस्यों को “संत शिरोमणि सेन सम्मान” से सम्मानित किया।
इस अवसर पर जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, कलेक्टर श्री रोहित व्यास, पुलिस अधीक्षक श्री शशिमोहन सिंह, श्री कृष्ण कुमार राय, श्री भरत सिंह, सर्व सेन समाज के प्रदेश अध्यक्ष श्री पुनीत सेन, प्रदेश उपाध्यक्ष श्री अविनाश ठाकुर, श्री राज श्रीवास सहित समाज के पदाधिकारीगण, गणमान्यजन और बड़ी संख्या में समाज के सदस्य उपस्थित थे।
- जिले भर में लगभग 18 हजार से अधिक पौधे लगाए गए
- कलेक्टर ने जिलेवासियों से बारिश के मौसम में पौधे लगाने की अपील की
राजनांदगांव/शौर्यपथ /बारिश के मौसम के दृष्टिगत आज जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत सघन पौधरोपण किया गया। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे के निर्देश पर आज जिले के सभी शासकीय कार्यालयों में व्यापक पैमाने पर पौधरोपण किया गया। जिले भर में लगभग 18 हजार से अधिक पौधे लगाए गए। इस अवसर पर सभी ने पौधरोपण करने के बाद पौधों के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए भी सभी ने प्रतिबद्धता व्यक्त की। कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने जिलेवासियों से बारिश के मौसम में पौधे लगाने की अपील की है। उन्होंने सभी नागरिकों से आव्हान करते हुए कहा है कि आइए हम अपने शहर एवं गांव को हरा भरा बनाएं। धरती की हरीतिमा, पर्यावरण की रक्षा के लिए अपना दायित्व निभाते हुए एक पेड़ माँ के नाम अभियान में सहभागिता निभाएं। उन्होंने कहा कि बारिश पौधरोपण के लिए उपयुक्त समय है। यही वह वक्त है जब पौधे आसानी से मिट्टी में अपनी जड़ें मजबूती से बना लेते हैं। ग्लोबल वार्मिंग एवं बढ़ते तापमान के दुष्प्रभाव को रोकने के लिए पौधरोपण करना एवं जल संरक्षण बहुत आवश्यक है। ऑक्सीजन को बढ़ाने और धरती के तापमान को कम करने के लिए हमारा यह कर्तव्य है कि पौधे लगाएं और उनकी देखभाल एवं सुरक्षा भी सुनिश्चित करें। फलदार एवं छायादार वृक्ष लगाना पुण्य का कार्य है। आज हमें वृक्षों की छांव मिल रही है, क्योंकि किसी ने बहुत पहले पौधे लगाए थे। आने वाली पीढिय़ों को उन वृक्षों की शीतल छांव मिलती है, वहीं फल-फूल भी प्राप्त होते हैं। आइए हम सभी पौधरोपण के लिए प्रतिबद्ध होकर अपनी भागीदारी निभाएं।
शासकीय कार्यालयों के साथ ही जनप्रतिनिधियों की भी एक पेड़ माँ के नाम अभियान अंतर्गत सहभागिता रही। जिले में कलेक्टोरेट, जिला पंचायत, कृषि, कौशल विकास प्राधिकरण, महिला एवं बाल विकास, परिवहन, रेशम, पशु चिकित्सा, आदिम जाति कल्याण, खेल एवं युवा कल्याण, नगर पंचायत डोंगरगढ़, नगर पंचायत छुरिया, स्वास्थ्य, विद्युत, बीज निगम, नगर पालिक निगम, लोक निर्माण, जल संसाधन, ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, क्रेडा, उप जेल, मछली पालन, लीड बैंक मैनेजर, सहकारी संस्थाएं, शिक्षा, आयुष, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, नगर तथा ग्राम निवेश,राज्य कर, विपणन, स्टेट वेयर हासिंग कार्पोरेशन, जनपद पंचायत छुरिया, जिला व्यापार एवं उद्योग, खनिज, नगर पंचायत डोंगरगढ़, कृषि उपज मंडी, गृह निर्माण मंडल, जनपद पंचायत राजनांदगांव सहित अन्य विभागों व कार्यालयों में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत सघन पौधरोपण किया गया।
जिला पंचायत अध्यक्ष श्रीमती किरण वैष्णव ने एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत ग्राम भंडारपुर, चिरचारीकला, थैलीटोला, भोलापुर में पौधरोपण किया। इस दौरान अन्य जनप्रतिनिधियों एवं ग्रामीणों ने पौधरोपण किया। एसडीएम राजनांदगांव श्री खेमलाल वर्मा, एसडीएम डोंगरगांव श्री श्रीकांत कोर्राम, एसडीएम डोंगरगढ़ श्री अभिषेक तिवारी ने तहसील परिसर में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया। इस अवसर पर तहसील कार्यालय के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया गया। कार्यपालन अभियंता लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग श्री समीर शर्मा द्वारा सोमनी स्थित जल शुद्धिकरण संयंत्र में एक पेड़ माँ के नाम अभियान के तहत पौधरोपण किया गया। इस अवसर पर पीएचई विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों द्वारा फलदार व छायादार पौधों का रोपण किया गया।
राजनितिक विश्लेषण/शौर्य पथ समाचार
दुर्ग शहर की कांग्रेस राजनीति एक ऐसे मोड़ पर खड़ी है, जहां पारंपरिक नेतृत्व की पकड़ कमजोर होती जा रही है, वहीं एक नया नेतृत्व उभरने की कोशिश में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह उभरता चेहरा है दुर्ग जिला ग्रामीण कांग्रेस अध्यक्ष राकेश ठाकुर, जो अब तक ग्रामीण कांग्रेस तक सीमित माने जाते थे, लेकिन अब उनकी सक्रियता और रणनीति दुर्ग शहर विधानसभा सीट की ओर इशारा कर रही है।
जन्मदिन पर लगे पोस्टरों से शुरू हुई राजनीतिक चर्चा
हाल ही में राकेश ठाकुर के जन्मदिन पर दुर्ग शहर में जगह-जगह लगे पोस्टरों और बैनरों ने स्थानीय राजनीति में हलचल पैदा कर दी। इन पोस्टरों में न तो पूर्व विधायक अरुण बोरा दिखाई दिए, न ही उनके गुट से जुड़े किसी नेता की मौजूदगी रही। इसके विपरीत राकेश ठाकुर की राजनीतिक छवि को अलग और स्वतंत्र रूप में उभारने का प्रयास स्पष्ट नजर आया।
पूर्व महापौर धीरज बाकलीवाल के साथ भी ठाकुर के संबंध महज औपचारिकता की सीमाओं तक सिमटे दिखे। यह परिस्थितियाँ साफ संकेत देती हैं कि ठाकुर शहर की राजनीति में अपनी जमीन बनाने के अभियान पर हैं, और यह अभियान महज संगठनात्मक नहीं, बल्कि आगामी विधानसभा चुनाव की गहरी तैयारी का हिस्सा हो सकता है।
कांग्रेस का निष्क्रिय संगठन और घटती पकड़
वर्तमान समय में दुर्ग शहर कांग्रेस एक निष्क्रिय इकाई बन चुकी है। अध्यक्ष स्तर से लेकर बूथ स्तर तक कहीं कोई ठोस राजनीतिक गतिविधि नहीं दिखती। विपक्ष की भूमिका निभाने वाली पार्टी के रूप में कांग्रेस जनता से कटती जा रही है, और यही खाली जगह अब राकेश ठाकुर जैसे नेता अपने आंदोलन, विरोध प्रदर्शन और जनसरोकार वाले कार्यों से भरने में लगे हैं। ठाकुर की यह सक्रियता न सिर्फ शहर के कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रेरित कर रही है, बल्कि निष्क्रिय नेतृत्व पर सवाल भी खड़े कर रही है।
स्व. मोतीलाल वोरा का युग और उनके जाने के बाद की राजनीतिक शून्यता
यह भी एक राजनीतिक यथार्थ है कि स्वर्गीय मोतीलाल वोरा के जीवनकाल में दुर्ग शहर कांग्रेस में किसी अन्य नेता का उभार संभव नहीं था। उनकी गहरी पकड़ और संगठन पर प्रभाव के चलते अधिकांश कार्यकर्ता उनकी छत्रछाया में ही सीमित रहते थे। उनकी मृत्यु के बाद यह छत्रछाया खत्म हो गई, और धीरे-धीरे अरुण बोरा की पकड़ भी कमजोर होती गई। अब कांग्रेस कार्यकर्ता खुलकर बोरा के विरोध में भी उतरने लगे हैं, जैसा कि पिछली विधानसभा चुनाव में स्पष्ट रूप से देखा गया।
पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का कांग्रेस से ही विरोध
दुर्ग शहर विधानसभा सीट से पिछले छह बार चुनाव लड़ चुके पूर्व विधायक अरुण बोरा के खिलाफ पार्टी के भीतर ही व्यापक असंतोष दिखाई दिया था। 2023 के विधानसभा चुनाव में यह असंतोष खुले विरोध में तब्दील हो गया, जब कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने प्रचार में भाग नहीं लिया, बल्कि गुप्त रूप से अन्य प्रत्याशियों के पक्ष में काम किया। यह परिदृश्य बताता है कि दुर्ग कांग्रेस में आपसी गुटबाजी केवल अंदरूनी मसला नहीं रह गया, बल्कि चुनाव में हार की मुख्य वजह बन चुका है।
पाटन, भिलाई और दुर्ग ग्रामीण: तय दावेदार, पर दुर्ग शहर में असमंजस
पाटन विधानसभा से भूपेश बघेल का टिकट लगभग तय माना जा रहा है। दुर्ग ग्रामीण से पूर्व गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू दोबारा दावेदारी को लेकर सक्रिय हैं। भिलाई नगर से देवेंद्र यादव का कद प्रदेश स्तर तक स्थापित हो चुका है। इन सभी सीटों पर स्पष्टता होने के बाद सिर्फ दुर्ग शहर विधानसभा सीट पर ही टिकट को लेकर संशय और खींचातानी का माहौल है। यही वह मौका है जहां राकेश ठाकुर जैसे नेता अपनी भूमिका को धीरे-धीरे मजबूत करने में लगे हैं।
राकेश ठाकुर: रणनीति, संगठन और सक्रियता का समन्वय
राकेश ठाकुर की सबसे बड़ी ताकत है -उनकी जमीनी सक्रियता और युवाओं के बीच बढ़ता समर्थन। ग्रामीण इलाकों से जुड़ा होने के बावजूद, वह शहर में जन आंदोलनों, विरोध प्रदर्शन और मुद्दों पर बेबाक बयानबाजी के जरिए तेजी से एक प्रभावी चेहरा बनते जा रहे हैं। उनकी सक्रियता कांग्रेस हाईकमान की निगाहों से दूर नहीं रह सकती, और यदि शहर कांग्रेस में निष्क्रियता बनी रही तो पार्टी नेतृत्व भी नई सोच के साथ नया चेहरा आजमा सकता है।
भविष्य की संभावनाएं और खतरे
इस बदलते परिदृश्य में दो बातें तय हैं:
1. अगर कांग्रेस दुर्ग शहर में भीतरघात, निष्क्रियता और गुटबाजी से नहीं उबरी, तो आगामी चुनाव में फिर हार की नौबत आ सकती है।
2. अगर राकेश ठाकुर जैसे सक्रिय नेताओं को उचित मंच और संगठनात्मक सहयोग मिला, तो वे पार्टी को एक नया जीवन दे सकते हैं।
परंतु, यह भी सच है कि कांग्रेस के लिए एक और गुट का उभार जहां नई ऊर्जा ला सकता है, वहीं पुराने नेताओं की असहजता और आंतरिक कलह को और गहरा भी कर सकता है।
राजनांदगांव /शौर्यपथ /अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर कलेक्टर डॉ. सर्वेश्वर नरेन्द्र भुरे ने 21 जून 2025 को सुबह 6.30 बजे दिग्विजय स्टेडियम राजनांदगांव में आयोजित जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए सभी नागरिकों से अपील की है। उन्होंने कहा कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए योग को अपनी दैनिक जीवन शैली में अपनाकर हम अपने स्वास्थ्य को अच्छा रख सकते है। योग हमारी भारतीय संस्कृति की अमूल्य देन है। योग के माध्यम से हम अपने जीवन शैली में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर सकते है। यह हमारी शारीरिक एवं मानसिक क्षमता में वृद्धि करता है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन नागरिकों को अपने अच्छे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने की दिशा में आयोजित किया गया है। उन्होंने अधिक से अधिक नागरिकों को जिला स्तरीय योगाभ्यास कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आव्हान किया है। योग दिवस की थीम एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य के लिए, योग संगम एवं हरित योग है।