December 03, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

योजना से मालखरौदा की उर्मिला का हो रहा है कैंसर का नि:शुल्क इलाज
9 माह में 1211 मामलों में मिली सहायता, 43 करोड़ 16 लाख रूपए की आर्थिक सहायता की स्वीकृती
   रायपुर /शौर्यपथ/ मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय राज्य के नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत जरूरतमंद लोगों के लिए आर्थिक सहायता की स्वीकृति दे रहे हैं।  गंभीर तथा दुर्लभ बीमारियों के इलाज में होने वाले खर्च से बचाने के लिए संजीवनी सहायता कोष का विस्तार करते हुये मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना संचालित की जा रही है । इस योजना से प्रदेश के नागरिक लाभान्वित हो रहे है।
    9 माह के भीतर योजना के अंतर्गत 1211 मामलों में जरूरतमंदों को सहायता मिली है और इस दौरान उन्हें 43 करोड़ 16 लाख रूपए की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गयी है।
इसी योजना के अंतर्गत सक्ती जिले के मालखरौदा विकासखंड अंतर्गत आने वाले ग्राम परसा निवासी श्रीमती उर्मिला देवी सिदार पति स्व. श्री केदारनाथ सिदार का नि:शुल्क कैंसर का इलाज चल रहा है। श्रीमती उर्मिला ने बताया कि उनके पति के मृत्यु हो जाने के बाद घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के कारण वह अपनी इस गंभीर बीमारी का इलाज नहीं करा पा रही थी। एक तरह से उन्होंने भी जीने की उम्मीद छोड़ दी थी।  शुरुआती दौर में उन्होंने आयुष्मान कार्ड योजना से प्राप्त राशि से अपना इलाज कराया। लेकिन उन्हें कैंसर की बीमारी के इलाज के लिए और भी अधिक राशि की आवश्यकता थी। फिर उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना की जानकारी मिली। जिस पर उन्होंने मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ लेने के लिए आवेदन किया और जुलाई 2024 में सहायता राशि स्वीकृत हुई।
वर्तमान मे योजना के अंतर्गत उनका इलाज मेकाहारा हॉस्पिटल, रायपुर में निःशुल्क किया जा रहा है। श्रीमती उर्मिला देवी सिदार ने बताया कि उनके कैंसर के इलाज के लिए प्रत्येक 21 दिनों में कीमोथेरेपी किया जा रहा है साथ ही अन्य दवाईयां भी दी जा रही है। उन्होंने बताया कि यदि उन्हें मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना का लाभ नहीं मिल पाता तो शायद ही वह अपनी इस गंभीर बीमारी का इलाज करा पाती।
     श्रीमती उर्मिला ने उनके जीवन में आए इस कठिन समय में छत्तीसगढ़ शासन द्वारा उन्हें इस योजना के माध्यम से सहयोग प्रदान करने के लिए धन्यवाद दिया है। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय का हृदय से आभार व्यक्त किया है।  
         उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री विशेष स्वास्थ्य सहायता योजना के अंतर्गत चिन्हित दुर्लभ बीमारियों के ईलाज के लिए राज्य के पात्र परिवारों को अधिकतम 25 लाख रूपए तक के निःशुल्क इलाज की सुविधा प्रदान की जा रही है। छत्तीसगढ़ ऐसा पहला राज्य है, जो इतनी बड़ी राशि राज्य के नागरिकों के इलाज हेतु प्रदान कर रही है, जिससे नागरिकों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिल रही हैं तथा स्वस्थ और बेहतर छत्तीसगढ़ का निर्माण किया जा रहा है।

सुंदर एवं स्वच्छ शहर की परिकल्पना के तहत सफाई व्यवस्था में और बेहतर कार्य करने के दिये निर्देश
   दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने मंगलवार की सुबह शहर के अलग-अलग क्षेत्रों का भ्रमण कर सफाई का जायजा लिया।उन्होंने  वार्ड नबर 15,18, 20, 31,57 सहित 58 का निरीक्षण कर जायजा लिया।उन्होंने ने वार्ड 57,58 में साफ सफाई व्यवस्थाओं का निरीक्षण कर नागरिको से रूबरू होकर उनकी समस्या को सुना,उन्होंने नागरिको को जल्द समस्याओं का निराकरण करने की बात कही।
 कमिश्नर सुमित अग्रवाल ने निरीक्षण के दौरान सुपर वाइजर को कार्य पृथक करने दिए निर्देश।वार्ड भ्रमण के दौरान लगाई फटकार,सुपरवाइजरों को समय पर उपस्थिति दर्ज करने, वार्डों में सफाई व्यस्था दुरुस्त करने, दुकानदारों को कचरा बाहर न फेंकने हेतु समझाइश देने एवं मार्केट में कचरा फैलाने वालों पर अर्थदंड की कार्यवाही करने के निर्देश दिए गए।उन्होंने अधिकारी व टीम को सुंदर एवं स्वच्छ शहर की परिकल्पना के तहत सफाई व्यवस्था में और बेहतर कार्य करने के दिये निर्देश है।वार्ड सहित अन्य क्षेत्रों के निरीक्षण के दौरान सुपरवाइजरों को निर्देशित कर कहा कि सफाई कर्मचारियों की हाजिरी निष्ठा में चेक कर सुबह साढ़े छह बजे सभी को काम पर लगाएं और दोपहर दो बजे दूसरी बार हाजिरी लें।उन्होंने कहा सफाई पर लापरवाही करने पर होगी कार्रवाही।
 कमिश्नर ने निरीक्षण के मौके पर नाली सफाई कार्य का निरीक्षण करते हुए मौजूद अधिकारी से कहा कि जितनी भी नालियां जाम की स्थिति में बनी हुई है उन सभी नालियों को चिन्हित कर निकासी के लिए बेहतर व्यवस्था बनाये, सफाई व्यवस्था को और भी बेहतर बनाये एवं सड़क किनारे झिल्ली, पन्नी फेकने वाले ठेले- खोमचे पर जुर्माने की कार्रवाही करें, निरीक्षण के दौरान शहर में प्रकाश व्यवस्थाओं को लेकर अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि गली मोहल्ले की स्ट्रीट लाइट जहां भी बंद पड़ी हो चेककर स्ट्रीट लाइट तत्काल सुधारकर प्रकाश व्यवस्था बनाये। निरीक्षण के दौरान स्वास्थ्य विभाग मौजूद रहें।

   दुर्ग/शौर्यपथ /नगर पालिक निगम सीमाक्षेत्र अंतर्गत कमिश्नर सुमित अग्रवाल के निर्देश एवं शिविर के नोडल अधिकारी एवं स्वास्थ्य अधिकारी धर्मेंद्र मिश्रा के मार्गदर्शन में वार्ड नंबर 13 मोहन नगर में मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना,दाई-दीदी क्लिनिक के माध्यम से विशेष कैम्प के तौर पर घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविधालय में एक दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया गया जिसमे नगर निगम दुर्ग द्वारा संचालित दाई-दीदी क्लीनिक को विशेष रूप से महाविद्यालय की  शिक्षिका एवं छात्राओं के लिए लगाया गया। जहां महिला चिकित्सक एवं महिला स्टाफ द्वारा महाविद्यालय के छात्राओं का निःशुल्क स्वास्थ्य परीक्षण किया गया,शिविर पर महिला चिकित्सक होने से महाविद्यालय की छात्राओं ने निःसंकोच अपनी समस्या बताई. जिस पर उपस्थित डॉ. श्वेता कृपलानी द्वारा परामर्श एवं उपचार किया गया।शिविर में मौजूद रहें ए.पी.एम  मनीष यादव डॉक्टर - डॉ. श्वेता कृपलानी,लैब टेक्निशियन राजेश्वरी सिन्हा नर्स- चंद्रकला फार्मासिस्ट विधि साहू
शिविर पर उपस्थित रहे।
इस शिविर के माध्यम से महाविद्याल के कुल 104 छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया जिसमे कुल 68 छात्राओं एवं शिक्षिकाओं ने लैब टेस्ट के माध्यम से अपना ब्लड जांच करवाया जिसमे
10 ब्लड ग्रुप एवं 30 हीमोग्लोबिन जांच छात्राओं का किया गया तथा 06 शिक्षकाओं ने थाइरॉइड प्रोफाइल एवं 12 विटामिन, D3 जांच करवाया। कुल 99 छात्राओं को निःशुल्क दवाइयां उपलब्ध करवाई गयी और इस स्वास्थ्य शिविर का लाभ प्राप्त किया ।इस स्वास्थ्य शिविर के आयोजन हेतु महाविद्यालय के उप प्रधानाचार्य श्रीमती नीतू सिंह जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा, तथा इसी प्रकार प्रतिमाह स्वास्थ्य शिविर का आयोजन घनश्याम सिंह आर्य कन्या महाविद्यालय में किए जाने हेतु सुनिश्चित किया गया।शिविर के अवसर पर घनश्याम सिंह आर्य कन्या महा विद्यालय में लगा एक दिवसीय विशेष स्वास्थ्य शिविर,99 छात्राओ को निशुल्क दवाइया उपलब्ध करवाई गई।कॉलेज के कर्मचारी व छात्राओं ने स्वास्थ्य परीक्षण कराया। शिविर के दौरान डॉ. श्वेता कृपलानी ने कहा कि हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग रहना चाहिए एवं नियमित रूप से परीक्षण कराते रहना चाहिए।साथ ही शिविर के माध्यम से विद्यालय के 104 छात्राओं व शिक्षकाओं ने स्वास्थ्य परीक्षण करवाया।

विधायक कोर्सेवाड़ा ने की डोम शेड निर्माण की घोषणा, शाहिद-आरिफ  की कव्वाली ने बांधा समां
   भिलाई/शौर्यपथ / जामुल के समीपस्थ ग्राम खेदामारा (नवातरिया) की पाक ज़मीं पर आराम फरमाने वाले वली हजरत गुलाब शाह रहमतुल्लाह अलैह का 59 वाँ उर्स मुबारक धूमधाम से मनाया गया। मोहम्मदिया यंग कमेटी नवातरिया (खेदामारा) के जानिब से इस आयोजन में हजारों की तादाद में मौजूद जायरीनों ने अकीदत के फूल पेश किए। उर्स में सुबह फजर की नमाज के बाद कुल की फातिहा हुई। इसके बाद कुरआन ख्वानी हुई। शाम को नमाजे असर के बाद शाही संदल निकाला गया और संदल
व चादर आस्ताने आलिया में आस्ताने के खादिम सैयद इमान अली की सरपरस्ती में पेश की गई।
   इस उर्स मुबारक में मुख्य अतिथि अहिवारा विधानसभा के विधायक डोमन लाल कोर्सेवाड़ा थे। उन्होंने उर्स के मौके पर मौजूद सर्वधर्म के लोगों को मुबारकबाद दी। उर्स कमेटी की मांग पर उन्होंने मंच के सामने डोम शेड निर्माण की घोषणा की। अध्यक्षता कर रहे वक्फ  बोर्ड छत्तीसगढ़ शासन के सदस्य फिरोज खान ने कहा कि वलियों के आस्ताने पर मेलमिलाप और एकजुटता का मंजर पूरी इंसानियत को मजबूत करता है। इस दौरान विशेष अतिथि ग्राम सरपंच मोहिनी पटेल और जनपद सदस्य के प्रतिनिधि अनिल बंजारे सहित पंचों ने भी संबोधित किया। उर्स पाक के व्यवस्थापक शेख अनवर ने सभी मेहमानों का गुलपोशी से इस्तकबाल किया। इस दौरान मुल्क में अमन व सलामती की दुआएं की गईं। वहीं आसपास रहने वाले और दूरदराज से आए अकीदतमंदों ने मजार शरीफ में अकीदत के फूल पेश किए। इस उर्स मुबारक में सभी जायरीनों के लिए लंगर का भी एहतमाम किया गया था और रात में शाहिद-आरिफ का कव्वाली का प्रोग्राम रखा गया। इस उर्स मुबारक में खास तौर पर शेख चाँद,नवाब मियाँ,हमीद अली,सूफी साहब,सोनू बर्मन,शहीद अहमद,खादिम ईमान अली,निजाम अली,खलील अली और सुल्तान मियाँ ने भी शिरकत फरमाई। पूरे आयोजन को सफल बनाने में मस्जिद कमेटी के सलमान अली, सैयद
नौशाद,शेख रसीद और अशफाक अली,शेख ईदू, ईद मोहम्मद, कादिर, शान मोहम्मद (अहिवारा), हमीद खान (सोनू), राजा इस्माईल (कोडिय़ा), जुम्मन खान, डॉ. अहमद कोया, नजीर (कैलाश नगर), अंसारी, युसूफ (नेहरू नगर), सैयद फारुख अली (खेरधा), मोहिनी पटेल (सरपंच), योगिता बंजारे (जनपद) और मनोज कोतवाल सहित
ग्रामवासी खेदामारा का विशेष योगदान रहा। पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन कवि इस्माइल आजाद जामुल ने एवं आभार प्रदर्शन खुमान सिन्हा ने किया।

65 वर्षीय बुजुर्ग श्रीमती रेखा ने मुख्यमंत्री को भेंट की श्रीमद्भगवद्गीता
4 वर्षीय समायरा के आग्रह पर  मुख्यमंत्री ने दिया ऑटोग्राफ, छोटी बच्ची को दिया ढेर सारा आशीर्वाद  
  रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय की रायपुर से बिलासपुर ट्रेन यात्रा के दौरान उनकी सहजता एवं सरलता ने यात्रियों का दिल जीत लिया। उन्होंने यात्रियों से आत्मीय चर्चा के दौरान कहा कि मेरी यात्रा का उद्देश्य यही है कि मैं आमजन के मन में क्या है, उनकी सरकार से इच्छा और अपेक्षाएं क्या है,यह जान सकूं। हमारी सरकार के काम को लेकर लोग क्या सोचते हैं, इसको जानने का यह यात्रा मुझे अच्छा अवसर देगी, इसीलिए मैंने बिलासपुर जाने के लिए ट्रेन का सफर चुना।  बातचीत के दौरान उन्होंने यात्रियों से कुशलक्षेम पूछते हुए सरकार की योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से जुड़ी चर्चाएं भी की।
मुख्यमंत्री ने 65 वर्षीय श्रीमती रेखा पाली से बातचीत के दौरान उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली और सरकार द्वारा आयुष्मान कार्ड के माध्यम से निःशुल्क इलाज की सुविधा का जिक्र भी किया। इस खास मौके पर श्रीमती रेखा ने मुख्यमंत्री को श्रीमद्भगवद्गीता की प्रति भेंट की। मुख्यमंत्री ने भिलाई से जबलपुर की यात्रा कर रहीं यात्री 45 वर्षीय शिखा से भी बात की। उन्होंने महतारी वंदन योजना से जुड़ी जानकारी उनके साथ साझा की।
मुख्यमंत्री की इस यात्रा का सबसे रोचक संवाद 4 वर्षीय समायरा के साथ हुआ। मुख्यमंत्री ने समायरा को चॉकलेट दिया और उससे  ढेर सारी बातें की। उन्होंने समायरा के आग्रह पर ऑटोग्राफ दिया। मुख्यमंत्री ने समायरा को ढेर सारा आशीर्वाद दिया और उज्जवल भविष्य की शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री के साथ इस यात्रा में शामिल यात्रियों ने कहा कि हमारी यह यात्रा यादगार बन गई है।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में मंगलवार 26 नवंबर को दोपहर 12 बजे राज्य मंत्रिपरिषद (कैबिनेट) की बैठक मंत्रालय, महानदी भवन, नवा रायपुर, अटल नगर में आयोजित की गई है।

  रायपुर/शौर्यपथ / राष्ट्रीय शिक्षा अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) द्वारा प्रस्तावित राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 इस वर्ष 4 दिसंबर को देशभर में आयोजित किया जाएगा। इसे इस बार परख प्रदर्शन मूल्यांकन, समीक्षा एवं समग्र विकास के लिए ज्ञान का विश्लेषण) नाम दिया गया है। सर्वेक्षण का उद्देश्य बच्चों के समग्र शैक्षणिक प्रदर्शन का मूल्यांकन करना और राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत छात्रों के मूल्यांकन से संबंधित मापदंड स्थापित करना है।
   इस बार सर्वेक्षण कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों पर केंद्रित होगा, जो उनके पिछले कक्षाओं में अर्जित दक्षताओं पर आधारित होगा। परीक्षा में प्रश्न ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में होंगे। यह सर्वेक्षण न केवल बच्चों की दक्षता का आकलन करेगा, बल्कि राज्यों की शैक्षणिक रैंकिंग में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
राज्य रैंकिंग सुधारने का अवसर
पिछले एनएएस 2021 के परिणामों में अंतिम स्थान पर रहने वाले राज्यों के लिए यह सर्वेक्षण अपनी रैंकिंग सुधारने का अवसर प्रदान करता है। राज्यों की रैंकिंग का उपयोग विभिन्न शैक्षिक योजनाओं में किया जाता है। ऐसे में इस बार सभी राज्यों का प्रयास है कि वे सर्वेक्षण में बेहतर प्रदर्शन कर शैक्षिक रैंकिंग में अपनी स्थिति मजबूत करें।
शिक्षा प्रणाली में सुधार का प्रयास
परख का उद्देश्य छात्रों के शैक्षणिक प्रदर्शन का समग्र मूल्यांकन करना है। यह राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत छात्रों के मूल्यांकन से संबंधित मानकों और दिशानिर्देशों को स्थापित करने की दिशा में एक अहम कदम है। इस सर्वेक्षण में दक्षता आधारित प्रश्न पूछे जाएंगे, जिनका उत्तर ओएमआर शीट के माध्यम से बहुविकल्पीय प्रारूप में दिया जाएगा और छात्रों को ओएमआर शीट के अभ्यास के लिए विशेष प्रशिक्षण दिया जा रहा है।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति का प्रभाव
परख राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के लक्ष्यों के अनुरूप एक अहम कदम है। यह पारंपरिक शिक्षा पद्धतियों से हटकर छात्रों के समग्र विकास और उनके ज्ञान के गहन विश्लेषण पर जोर देता है।
प्रशिक्षण और मार्गदर्शन की अपील
  सर्वेक्षण की सफलता सुनिश्चित करने के लिए शिक्षकों और स्कूल प्रशासन से अपील की गई है कि वे छात्रों को अधिक से अधिक अभ्यास करवाएं। यह न केवल बच्चों की दक्षताओं को निखारेगा, बल्कि राज्य की रैंकिंग में भी सुधार सुनिश्चित करेगा।
 राष्ट्रीय परख सर्वेक्षण 2024 शिक्षा क्षेत्र में सुधार की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह छात्रों की दक्षताओं के साथ-साथ शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ावा देने के लिए एक मजबूत आधार तैयार करेगा।

मां महामाया के किए दर्शन, सफाई कर्मियों के पखारे पैर
रतनपुर और कोटा में विकास कार्यों का किया लोकार्पण व भूमिपूजन, हितग्राहियों को पूर्ण आवासों की चाबी सौंपी
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ तेजी से विकास की ओर है अग्रसर - उप मुख्यमंत्री
   रायपुर/शौर्यपथ/उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज अपने जन्मदिन पर परिवार सहित बिलासपुर के कल्याण कुंज वृद्धाश्रम पहुंचकर बुजुर्गों का आशीर्वाद लिया। श्री साव ने बुजुर्गों से मिलकर उनका कुशलक्षेम जाना और उनके साथ समय बिताया। उन्होंने बुजुर्गों को कंबल, फल और मिठाई दिया। बुजुर्गों ने केक काटकर उप मुख्यमंत्री श्री साव का जन्मदिन मनाया और उनकी अच्छी सेहत व दीर्घायु जीवन के लिए आशीष दिया।  
उप मुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने आज रतनपुर पहुंचकर मां महामाया की पूजा-अर्चना की और राज्य की तरक्की, समृद्धि एवं खुशहाली की कामना की। उन्होंने मंदिर परिसर में सफाई मित्रों का पैर पखारकर उनका सम्मान किया। श्री साव की जन्मदिन की खुशी में लोगों ने वहां उन्हें लड्डुओं से तौला और सभी का मुंह मीठा कराया। उप मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ प्रगति की ओर तेजी से अग्रसर है। उपमुख्यमंत्री श्री अरुण साव ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के लाभार्थियों को उनके पूर्ण आवासों की चाबी सौंपी। उन्होंने रतनपुर में करीब दो करोड़ रुपए के विकास कार्यों के साथ ही हितग्राहियों को सामग्री वितरण किया। इनमें 30 लाख रुपए के छह ई-रिक्शा भी शामिल हैं।
श्री साव ने कार्यक्रम में कहा कि ऐतिहासिक और पौराणिक महत्व की नगरी रतनपुर के पुराने वैभव को वापस लाने के लिए हम वचनबद्ध हैं। पिछले दस महीनों में यहां लगभग छह करोड़ रुपए के विकास कार्य किए गए हैं। आगे भी पूरी सक्रियता से यहां काम होंगे। कार्यक्रम में बड़ी संख्या में विभिन्न सामाजिक संगठनों, जनप्रतिनिधियों और गणमान्य लोगों ने उन्हें गुलदस्ता भेंटकर जन्मदिन की बधाई दी।
उप मुख्यमंत्री श्री साव ने बिलासपुर जिले के कोटा नगर पंचायत में छह करोड़ 73 लाख रुपए के विकास कार्यों का लोकार्पण व भूमिपूजन किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि कोटा तेज गति से आगे बढ़े, इसके लिए हम लोग गंभीरता से काम कर रहे हैं। यहां की साफ-सफाई की व्यवस्था को और भी दुरुस्त करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का काम अकेले नगर पंचायत का नहीं है। हम सभी को इसमें भागीदारी निभानी होगी। श्री साव ने कार्यक्रम में प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना के हितग्राहियों को ऋण के चेक वितरित किए। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना (शहरी) के तहत हितग्राहियों को आवासों के स्वीकृति पत्र और पूर्ण हो चुके आवासों की चाबी भी सौंपी। बिलासपुर जिला पंचायत के अध्यक्ष श्री अरुण चौहान और कोटा नगर पंचायत के अध्यक्ष श्रीमती अमृता प्रदीप कौशिक सहित अनेक जनप्रतिनिधि और गणमान्य नागरिक भी इस दौरान मौजूद थे।

बिहान योजना ने दी नई राह, बदली अनीता की जिंदगी
 जशपुर/शौर्यपथ /महिलाओं की सफलता केवल उनकी व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं होती, बल्कि यह समाज में बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जब एक महिला आत्मनिर्भर बनती है, तो वह न केवल अपने परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारती है, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित करती है। उनकी मेहनत और दृढ़ निश्चय यह साबित करता है कि अवसर और सही दिशा मिलने पर महिलाएं हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ सकती हैं। महिलाओं की सफलता, चाहे वह शिक्षा, व्यवसाय, या समाज सेवा में हो, समाज में समानता और सशक्तिकरण का प्रतीक बनती है। उनकी कहानियां अन्य महिलाओं के लिए उम्मीद की किरण और प्रेरणा का स्रोत बन जाती हैं। इसी तरह फरसाबहार विकासखंड के ग्राम पंचायत तपकरा की श्रीमती अनीता किस्पोट्टा ने अपने दृढ़ निश्चय और बिहान योजना के माध्यम से अपने जीवन को एक नई दिशा दी है। आज वे न केवल खुद आत्मनिर्भर हैं, बल्कि अन्य महिलाओं को भी प्रेरित कर रही हैं।
बिहान समूह से जुड़कर बदली अपनी तकदीर:
अनीता किस्पोट्टा चमेली महिला स्व-सहायता समूह की सदस्य हैं, जिसमें कुल दस महिलाएं जुड़ी हुई हैं। इस समूह से जुड़ने के बाद अनीता को नई संभावनाएं मिलीं। उन्होंने अब तक समूह के माध्यम से विभिन्न योजनाओं के तहत 10 लाख रुपये का लोन लिया। जिसमें से तीन लाख रुपये का उपयोग अपने छोटे व्यवसाय को शुरू करने और उसे बढ़ाने में किया।
शुरुआती दिनों में अनीता तपकरा और आसपास के साप्ताहिक बाजारों में मनिहारी का सामान बेचती थीं। छोटे पैमाने पर शुरू किया गया यह व्यवसाय उनकी मेहनत और लगन के दम पर धीरे-धीरे बड़ा हुआ।
व्यवसाय में सफलता का परचम
आज अनीता खुदरा के साथ-साथ थोक में भी मनिहारी सामान बेचती हैं। उनकी वार्षिक आय अब पाँच लाख रुपये तक पहुँच चुकी है। इस आय से उन्होंने अपने परिवार की आर्थिक स्थिति को मजबूत किया, अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलाई और जीवन स्तर को बेहतर बनाया।
महिलाओं को सशक्त बनाने का संकल्प
अनीता का कहना है, “बिहान समूह ने मुझे आत्मनिर्भर बनने का साहस दिया और मेरे सपनों को पूरा करने का रास्ता दिखाया।” आज वे अपनी सफलता से अन्य महिलाओं को प्रेरित कर रही हैं और उन्हें सशक्त बनने के लिए प्रोत्साहित कर रही हैं। उनकी कहानी आसपास की महिलाओं के लिए उम्मीद और प्रेरणा का स्रोत बन गई है।
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री का आभार:
अनीता ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय का धन्यवाद करते हुए कहा, “बिहान जैसी योजनाओं ने न केवल मेरे जीवन को बदल दिया, बल्कि हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर दिया है।”

 अजय चंद्राकर
  जगदलपुर/शौर्यपथ /छत्तीसगढ़ के बस्तर जिले में स्थित धुड़मारस गांव को संयुक्त राष्ट्र विश्व पर्यटन संगठन ( यूएनडब्ल्यूटीओ ) द्वारा सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांवों में से एक के रूप में चुने जाने के बाद अब अंतरराष्ट्रीय मान्यता मिल गई है।
कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर स्थित धुड़मारस इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम के लिए विश्व भर के 60 देशों से चुने गए 20 गांवों में से एक है, जो अपनी स्थायी पर्यटन क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
 यूएनडब्ल्यूटीओ का उन्नयन कार्यक्रम धुड़मारस को अपनी पर्यटन सुविधाओं को मजबूत करने, अपनी सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने और ग्रामीणों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने में सहायता प्रदान करेगा।
इस मान्यता से अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों में वृद्धि होने की संभावना है, खासकर 27 सितंबर को भारत के पर्यटन मंत्रालय द्वारा धुड़मारस और चित्रकोट गांवों को मिले सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव पुरस्कार के बाद।
घने जंगलों और कांगेर नदी से घिरा धुड़मारस इको-टूरिज्म के लिए आदर्श परिस्थितियाँ प्रस्तुत करता है । बस्तर समुदाय का स्वागत करने वाला स्वभाव गाँव के पर्यटकों के आकर्षण में महत्वपूर्ण योगदान देता है। निवासी होमस्टे की सुविधाएँ प्रदान करते हैं, जबकि स्थानीय युवा क्षेत्र के माध्यम से आगंतुकों का मार्गदर्शन करते हैं।
 छत्तीसगढ़ प्रशासन क्षेत्रीय सम्पर्क बढ़ाने और स्थानीय शिल्प को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की प्रक्रिया में है।
वन और पर्यटन विभागों ने धुड़मारस को इको-पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित करके आत्मनिर्भर भारत के लिए अवसर पैदा किए हैं, जहां नियमित रूप से नई गतिविधियां शुरू की जा रही हैं। कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के भीतर नागलसर और नेतानार गांवों में, स्थानीय युवा इको-टूरिज्म डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से शबरी और कांगेर नदियों पर कयाकिंग और बांस राफ्टिंग की पेशकश करते हैं। यह उद्यम समुदाय के लिए स्थिर आय प्रदान करता है, जिसमें लाभ को प्रतीक्षा क्षेत्रों और शौचालयों जैसी पर्यटक सुविधाओं में फिर से निवेश किया जाता है।
पर्यटन और वन विभाग ने कथित तौर पर 40 धुरवा जनजाति परिवारों के युवाओं को कयाकिंग, बांस राफ्टिंग और ट्रैकिंग जैसी गतिविधियों में प्रशिक्षित किया है। होमस्टे पर्यटकों को उनके रीति-रिवाजों, शिल्प और त्योहारों सहित पारंपरिक आदिवासी जीवन का अनुभव करने का मौका देते हैं। धुड़मारस को अन्य गांवों के लिए एक आदर्श के रूप में स्थापित करते हुए, राज्य सरकार इन पहलों को नागलसर और नेतानार तक विस्तारित कर रही है।
यहां के धुर्वा समुदाय के युवा और होमस्टे संचालक मानसिंह बघेल ने कहा, "होमस्टे से कई लोगों को रोजगार मिला है और कुछ युवा आगंतुकों को खाना पकाने, कैंपिंग, ट्रैकिंग और पक्षी देखने के लिए ले जा रहे हैं।"
बांस की बेड़ियाँ, बांस के कूड़ेदान, मिट्टी के घर और पत्तों की थालियों जैसे स्थानीय संसाधनों का उपयोग प्रकृति को संरक्षित करते हुए टिकाऊ पर्यटन को बढ़ावा देता है। बेंगलुरु से आई एक पर्यटक विद्या ने बताया, "धुरवा समुदाय के साथ समय बिताना एक अद्भुत अनुभव रहा। मुझे एक स्थानीय होमस्टे में ठहराया गया, जहां मैंने मित्रवत लोगों के साथ स्थानीय व्यंजनों का आनंद लिया।" धुड़मारस का कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान, जो धुर्वा और मारिया जनजातियों का निवास स्थान है, से निकटता के कारण यहां आने वाले पर्यटकों को स्थानीय रीति-रिवाजों और आतिथ्य का अनुभव करने का अवसर मिलता है।
पर्यटन ने धुड़मारस गांव के लोगों के जीवन को कई तरह से बदल दिया है, नक्सल आंदोलन के विकल्प प्रदान किए हैं और पलायन की समस्याओं को हल किया है।
स्वयं सहायता समूह की सदस्य मंगलदेवी बघेल ने कहा, "पहले हमें गांव में रोजगार नहीं मिल रहा था, जिसके कारण हमें दूसरी जगह पलायन करना पड़ता था। अब हम स्थानीय स्तर पर काम करके एक अच्छी जिंदगी जी रहे हैं।" कांगेर घाटी राष्ट्रीय उद्यान के निदेशक चूड़ामणि सिंह ने शौर्य पथ को बताया कि उद्यान से सटे गांव में 40 घर हैं, जिनमें से प्रत्येक परिवार का एक सदस्य बांस राफ्टिंग और कयाकिंग में भाग लेता है, जो पर्यटकों को आकर्षित करता है।
गांव में एक इको विलेज डेवलपमेंट कमेटी है, जिसके सदस्य रोलिंग फंड के तहत वन विभाग द्वारा दिए गए ऋण लेते हैं ताकि कयाकिंग और राफ्टिंग के लिए उपकरण खरीद सकें, और अपने पर्यटन लाभ से ऋण चुकाते हैं। सिंह ने बताया कि वे हर महीने 3-4 लाख रुपये कमाते हैं, जिसमें से 50% कमाई गांव के विकास पर खर्च की जाती है और बाकी सदस्यों में बराबर बांटी जाती है। उन्होंने बताया कि राफ्टिंग और कयाकिंग गतिविधियां कांगेर धारा नदी पर आयोजित की जाती हैं, जो पार्क के बफर जोन से होकर बहती है।
"धुड़मारस, धुर्वा जनजाति के स्वामित्व वाला एक आदिवासी गांव है, जो एक इको-टूरिज्म गंतव्य है, जिसमें धुर्वाडेरा होमस्टे की सुविधा है, जहां मेहमान पारंपरिक मिट्टी और बांस के घरों और आदिवासी व्यंजनों का अनुभव करते हैं।
 इको-डेवलपमेंट कमेटी 40 गांव के प्रत्येक घर से एक, 35 लोगों को इको-टूरिज्म गतिविधियों में शामिल करती है, जो द्वितीयक आजीविका प्रदान करती है। बांस राफ्टिंग, कयाकिंग और ट्रैकिंग जैसी साहसिक गतिविधियों से आय होती है, जिसका कुछ हिस्सा समुदाय के साथ साझा किया जाता है।
आदिवासी व्यंजन बेचने वाले खाद्य स्टॉल और साल के पत्तों की थाली बनाने जैसी पहलों से अतिरिक्त रोजगार पैदा होता है। 'देखो बस्तर' जैसे कार्यक्रम पर्यटन को बढ़ावा देते हैं, स्थानीय व्यवसायों का समर्थन करते हैं और सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करते हैं," निदेशक ने कहा। इस इकोटूरिज्म गांव की आबादी 215 है। वार्षिक पर्यटक प्रवाह के नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, घरेलू पर्यटकों की संख्या 8,737 दर्ज की गई, जबकि अंतरराष्ट्रीय पर्यटकों की संख्या 16 थी।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पर्यटन और वन विभाग, बस्तर प्रशासन और कांगेर वैली नेशनल पार्क के अधिकारियों की प्रशंसा की। उन्होंने पारंपरिक ज्ञान और संसाधनों को संरक्षित करने में स्थानीय लोगों के प्रयासों की सराहना की ।

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