July 02, 2025
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

रायपुर/शौर्यपथ /संस्कृति विभाग द्वारा राज्य के अर्थाभावग्रस्त होनहार कलाकारों-छात्रों से अर्थाभावग्रस्त होनहार कलाकार छात्रवृत्ति प्रोत्साहन के लिए आवेदन डाक के माध्यम से आमंत्रित की गई है। आवेदन करने की अंतिम तिथि 30 अगस्त 2025 निर्धारित है।
गौरतलब है कि राज्य शासन द्वारा प्रदेश के होनहार किन्तु अर्थाभावग्रस्त युवा कलाकारों को उच्च प्रशिक्षण, शिक्षा के लिए ऐसे छात्र-छात्राएं जो संगीत, नृत्य, प्रदर्शनकारी कला विधा में शिक्षा, उच्च शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्था में अध्ययनरत, गुरूशिष्य परंपरा के तहत पारंपरिक लोक कलाएं सीखने वाले बच्चों तथा बच्चों को संस्कृति विभाग द्वारा महत्वपूर्ण विधा के अनुरूप मासिक छात्रवृत्ति प्रोत्साहन प्रदान करने के उद्देश्य से ‘अर्थाभावग्रस्त होनहार’ युवा कलाकारों, छात्रों के लिए छात्रवृत्ति योजना स्थापित किया गया है।
प्रदर्शनकारी कला/विधा एवं उप विधाओं में छत्तीसगढ़ के लोक/पारंपरिक जनजातीय कलाएं (छत्तीसगढ़ की समस्त पारंपरिक जनजातीय और लोक नाट्य, नृत्य, गीत-संगीत, खेल, चंदैनी, भरथरी, गोपी-चंदा, पंडवानी, घोटुलपाटा, धनकुल, जगार तथा छत्तीसगढ़ की अन्य पारंपरिक लोक जनजातीय गाथाएं, वाद्य, पाक कला, सौन्दर्यकला, गायन, वादन आदि), शास्त्रीय संगीत (हिन्दुस्तानी एवं कर्नाटिक गायन-वादन), शास्त्रीय नृत्य तथा नृत्य संगीत (भरत नाट्यम, कत्थक, कुचिपुड़ी, मोहनी अट्टम, ओडिशी, मनिपुरी, कथककली, ओडिशी नृत्य और संगीत), रंग मंच (हिन्दी और छत्तीसगढ़ी नाट्य मंचन, नाचा, भतरा नाट्य तथा अन्य लोक जनजातीय नाट्य विधा सहित), दृश्य कला (ग्राफिक्स, मूर्तिकला, पेंटिंग, फोटोग्राफी, मृदभांड तथा मृणकला, छत्तीसगढ़ के विविध लोक जनजातीय परंपराओं के चित्रांकन की विधा) और सुगम शास्त्रीय संगीत (ठुमरी, दादरा, टप्पा आदि कव्वाली, गजल) शामिल हैं।
आवेदन के लिए पात्रता एवं सामान्य शर्तें निर्धारित की गई है। इसके तहत छत्तीसगढ़ के वास्तविक निवासी हो, आवेदक की आयु 15 वर्ष से कम तथा 30 वर्ष से अधिक न हो, आवेदक अथवा उनके परिवार की वार्षिक आय 72000 रूपए से अधिक न हो, संस्कृति विभाग के चिन्हारी पोर्टल में पंजीयन अनिवार्य रूप से किया गया हो। इन आवेदकों को विभाग द्वारा निर्धारित वार्षिक प्रोत्साहन राशि न्यूनतम पांच हजार रूपए से अधिकतम दस हजार रूपए होगी। प्रोत्साहन की राशि डिमांड ड्राफ अथवा ई-पेमेंट के माध्यम से देय होगा। प्रोत्साहन योजना से संबंधित जानकारी विभागीय वेबसाईट http://www.cgculture.in/ पर भी देखी जा सकती है।

शैक्षणिक सत्र की नई शुरुआत के साथ बच्चों की सामाजिक अधिकार भी हो रही सुनिश्चित
7,566 बच्चों को शाला प्रवेश के साथ प्रदान किया जा रहा है जाति प्रमाण पत्र
रायपुर /शौर्यपथ /राज्य सरकार ने जाति प्रमाण पत्र प्रदाय करने की प्रक्रिया को सरलीकृत किया है जिसकेे तहत् स्कूल और आंगनबाड़ी के बच्चों को आसानी से जाति प्रमाण पत्र मिल सके। विद्यार्थियों को जाति प्रमाण पत्र सुगमता से उपलब्ध हो जाने से छात्रवृत्ति के अलावा शासन की अन्य सुविधाओं का लाभ आसानी से मिल सके। इसी जनहितकारी योजना के तहत् स्कूली बच्चों को समय पर आवश्यक दस्तावेज प्रदान कर उनकी शिक्षा यात्रा को सुगम और अधिकारयुक्त बनाने के उद्देश्य से कोरबा कलेक्टर के निर्देशन में जिला प्रशासन द्वारा शिक्षा और सामाजिक अधिकारों को मजबूती देने की दिशा में एक सराहनीय पहल की जा रही है। चालू शैक्षणिक सत्र में जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों से प्राथमिक शालाओं में प्रवेश लेने वाले बच्चों को शाला प्रवेश के साथ ही जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया जा रहा है। कोरबा जिले में अब तक आंगनबाड़ी से शाला में प्रवेश लेने वाले कुल 7,566 बच्चों को जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है।
प्रमाण पत्र जारी करने की प्रक्रिया को सरल और त्वरित बनाने हेतु एसडीएम द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं, जिन्हें बीईओ, सीएचसी के माध्यम से संबंधित विद्यालयों तक पहुंचाकर विद्यार्थियों को वितरित किया जा रहा है। अनुविभाग कोरबा में 2930, कटघोरा  में 1293, पोड़ी उपरोड़ा  में 1696 एवं पाली में 1647 शाला प्रवेशी बच्चों को जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है। आगे भी शेष बच्चों को जाति प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
जिला प्रशासन की इस पहल से स्कूली बच्चों एवं उनके पालकों में हर्ष व्याप्त है। उन्होंने प्रशासन के इस पहल की सराहना करते हुए प्रदेश सरकार एवं जिला प्रशासन को धन्यवाद दिया है। इससे बच्चों को आगे चलकर छात्रवृत्ति, शैक्षणिक सुविधाओं एवं अन्य शासकीय योजनाओं का लाभ लेने में किसी प्रकार की असुविधा नहीं होगी।

छत्तीसगढ़ में सामरिक एवं रणनीतिक खनिजों के दोहन पर तकनीकी सहित विभिन्न पहलुओं पर हुई विस्तृत चर्चा
निवेश और औद्योगिक विकास को गति मिलने की संभावना
रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में उपलब्ध सामरिक एवं रणनीतिक महत्व के खनिजों के सुव्यवस्थित अन्वेषण एवं दोहन के संबंध में राजधानी रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के कन्वेंशन हॉल में एकदिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री के सचिव एवं खनिज संसाधन विभाग के सचिव श्री पी. दयानंद ने कहा कि छत्तीसगढ़ खनिज संपदा से परिपूर्ण एक समृद्ध राज्य है, जहाँ 28 प्रकार के प्रमुख खनिज जैसे—कोयला, चूना पत्थर, डोलोमाइट, लौह अयस्क, बाक्साइट, टिन अयस्क के साथ-साथ लीथियम, कोबाल्ट तथा रेयर अर्थ एलिमेंट्स जैसे सामरिक एवं परमाणु महत्व के खनिज प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं। उन्होंने बताया कि नेशनल प्रोग्राम ऑन एक्सप्लोरेशन स्ट्रैटेजी तथा नेशनल मिनरल एक्सप्लोरेशन ट्रस्ट के अंतर्गत संचालित प्रयासों को और अधिक गति प्रदान करने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। इसका लक्ष्य राष्ट्रीय अन्वेषण एजेंसियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करना तथा राज्य में रणनीतिक खनिज परियोजनाओं के त्वरित क्रियान्वयन की दिशा में ठोस कदम उठाना है।
इस कार्यशाला का आयोजन खनिज संसाधन विभाग तथा छत्तीसगढ़ भूविज्ञान एवं खनन संचालनालय द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। इसका उद्देश्य भारत की क्रिटिकल मिनरल्स क्षमता के समुचित दोहन हेतु वैज्ञानिक अन्वेषण तकनीकों को प्रोत्साहित करना, प्रस्ताव प्रस्तुतिकरण प्रणाली को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना तथा राष्ट्रीय स्तर की रणनीतिक अन्वेषण नीतियों में राज्य की प्रभावी भागीदारी सुनिश्चित करना था।
कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के श्री रविकांत गुप्ता ने छत्तीसगढ़ की भूवैज्ञानिक विशेषताओं एवं ओजीपी क्षेत्रों की संभावनाओं पर विस्तार से प्रकाश डाला।
मिनरल एक्सप्लोरेशन एंड कंसल्टेंसी लिमिटेड के श्री भुवनेश्वर कुमार ने लीथियम, कोबाल्ट, ग्रेफाइट, निकल, टंगस्टन, फॉस्फेट जैसे खनिजों की खोज हेतु आधुनिक भू-भौतिकीय एवं भू-रासायनिक तकनीकों पर आधारित प्रस्तुति दी, जिससे अधिकारियों को नवीनतम विधियों की जानकारी प्राप्त हुई। एनएमईटी से श्री अक्षय वर्मा ने प्रस्ताव तैयार करने की प्रक्रिया, वित्तीय सहायता एवं अनुदान नीतियों की जानकारी साझा करते हुए एनएमईटी के अंतर्गत उपलब्ध अवसरों को रेखांकित किया और राज्य की अधिक सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया।
वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में छत्तीसगढ़ की भूमिका पर बल
कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि छत्तीसगढ़ की खनिज विविधता और गुणवत्ता इसे वैश्विक खनिज आपूर्ति श्रृंखला में एक महत्वपूर्ण कड़ी बना सकती है। उन्होंने सुझाव दिया कि खनिज उत्पादन, बाज़ार मांग और भविष्य की संभावनाओं के बीच संतुलन स्थापित कर राज्य खनिज आधारित औद्योगिक विकास का नेतृत्व कर सकता है।
समापन सत्र में राज्य में अब तक किए गए खनिज सर्वेक्षणों, उनके निष्कर्षों एवं प्रस्तावित परियोजनाओं की समीक्षा की गई। अधिकारियों ने तकनीकी दक्षता तथा अंतर-विभागीय समन्वय को और अधिक सुदृढ़ करने की आवश्यकता पर बल दिया। भूविज्ञान एवं खनन संचालनालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि खनिज संसाधन किसी भी राज्य की आर्थिक प्रगति का मूल आधार होते हैं। कार्यशाला ने यह स्पष्ट किया कि पारदर्शी, तकनीकी रूप से सक्षम एवं समयबद्ध प्रक्रियाएं अपनाकर छत्तीसगढ़ न केवल निजी एवं सार्वजनिक निवेश को आकर्षित कर सकता है, बल्कि राष्ट्रीय रणनीतिक खनिज नीति में भी अग्रणी भूमिका निभा सकता है। सभी प्रतिभागियों ने खनिज आधारित सतत औद्योगिक विकास हेतु संयुक्त प्रयास और दीर्घकालिक रणनीतिक दृष्टिकोण की आवश्यकता पर बल दिया।
इस अवसर पर कार्यशाला में आईआईटी धनबाद के प्रो. साहेंद्र सिंह, आईबीएम के श्री प्रेम प्रकाश, संचालक श्री रजत बंसल, संयुक्त संचालक श्री अनुराग दीवान एवं श्री संजय कनकाने सहित विभिन्न केंद्रीय एवं राज्य स्तरीय एजेंसियों, अनुसंधान संस्थानों, नीति सलाहकारों एवं तकनीकी विशेषज्ञों ने सहभागिता की।

नन्दौरखुर्द के बच्चों को मिला नया शिक्षक
रायपुर/शौर्यपथ /राज्य सरकार द्वारा लागू युक्तियुक्तकरण नीति के अंतर्गत अब विद्यालयों में अतिरिक्त शिक्षक की पदस्थापना होने से शैक्षणिक गतिविधियों के साथ-साथ खेलकूद और गतिविधियां अच्छे से संचालित होंगी। इससे विद्यालय की शिक्षण व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार होने की उम्मीद है और विद्यार्थियों को विषयवार पढ़ाई का लाभ मिलेगा।
सक्ती जिले के ग्राम नन्दौरखुर्द स्थित शासकीय प्राथमिक विद्यालय लंबे समय से शिक्षकों की कमी से जूझ रहा था। करीब 31 छात्र-छात्राएं इस स्कूल में अध्ययनरत हैं, लेकिन अब तक केवल एक शिक्षक के भरोसे पूरी शिक्षण व्यवस्था संचालित हो रही थी, जिससे बच्चों की पढ़ाई पर प्रतिकूल असर पड़ रहा था।
पूर्व में एकल शिक्षक व्यवस्था होने के कारण बच्चों को बेहतर पढ़ाई के लिए अन्य ग्रामों की ओर रुख करना पड़ता था। अब शिक्षक की नियुक्ति के बाद स्थानीय स्तर पर ही गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध हो सकेगी। इसका सीधा असर पालकों और ग्रामीणों के विश्वास पर पड़ा है, जो अब अपने बच्चों का नामांकन नन्दौरखुर्द के प्राथमिक स्कूल में कराने के लिए आगे आ रहे हैं।
युक्तियुक्तकरण की यह पहल न केवल शिक्षकों की कमी को दूर कर रही है, बल्कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम को ज़मीनी स्तर पर प्रभावी रूप देने की दिशा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।

रायपुर/शौर्यपथ / मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज हरियाणा के रोहतक पहुंचे, जहाँ उन्होंने हरियाणा सरकार के पूर्व वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु के निवास सिंधु भवन पहुंचकर शोक संवेदनाएँ व्यक्त कीं।
मुख्यमंत्री साय ने कैप्टन अभिमन्यु की पूज्य माताजी श्रीमती परमेश्वरी देवी जी के निधन पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए उनके चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस अवसर पर उन्होंने शोकाकुल परिजनों से भेंट कर उन्हें सांत्वना दी तथा ईश्वर से दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।

रायपुर/शौर्यपथ /मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने Axiom-4 मिशन की ऐतिहासिक सफलता पर पायलट ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं।
मुख्यमंत्री  साय ने कहा कि समूचे देशवासियों की आकांक्षाओं, विश्वास एवं शुभकामनाओं के साथ शुभांशु शुक्ला अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन में पहुंचने वाले प्रथम भारतीय बनने की ऐतिहासिक उपलब्धि प्राप्त करेंगे। यह हम सभी के लिए गौरव और प्रेरणा का क्षण है।

रायपुर/शौर्यपथ /मध्य क्षेत्रीय परिषद की वाराणसी में आयोजित 25वीं बैठक के दौरान यह जानकारी दी गई कि अगली बैठक का आयोजन छत्तीसगढ़ के बस्तर में किया जाएगा। यह निर्णय देश के दूरस्थ और चुनौतीपूर्ण अंचलों को राष्ट्रीय नीति-निर्धारण की मुख्यधारा में लाने की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल के रूप में देखा जा रहा है। बस्तर जैसे क्षेत्र में इस स्तर की बैठक का आयोजन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के समावेशी विकास और सुशासन की नीति का सशक्त प्रतीक है।
बैठक के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों ने आशा व्यक्त की कि अगली परिषद बैठक तक बस्तर में नक्सल उन्मूलन की दिशा में उल्लेखनीय और निर्णायक प्रगति हो चुकी होगी। इस विश्वास के साथ, परिषद ने बस्तर क्षेत्र को शांति, स्थायित्व और विकास के एक मॉडल के रूप में प्रस्तुत करने का लक्ष्य रखा है। यह घोषणा राज्य और केंद्र के बीच बेहतर समन्वय और सामूहिक इच्छाशक्ति का प्रमाण है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि बस्तर में इस तरह की उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन न केवल क्षेत्र के लिए गौरव की बात है, बल्कि इससे वहां के विकास को नई ऊर्जा भी प्राप्त होगी। उन्होंने विश्वास जताया कि केंद्र सरकार के सहयोग से बस्तर अब संघर्ष का नहीं, संभावनाओं का प्रतीक बनने की ओर अग्रसर है।

दुर्ग। शौर्यपथ।
अंजुमन इस्लाहुल मुस्लिमीन कमेटी, दुर्ग की ओर से आयोजित होने वाला ऐतिहासिक सालाना जलसा (प्रवचन महफिल) इस वर्ष अपने 60वें वर्ष में प्रवेश कर रहा है। यह 10 दिवसीय कार्यक्रम 27 जून (शुक्रवार) से प्रारंभ होकर 6 जुलाई (रविवार) तक चलेगा। प्रतिवर्ष मोहर्रम के अवसर पर आयोजित होने वाले इस आयोजन को लेकर शहर के धार्मिक और सामाजिक वातावरण में उत्साह का माहौल है।

अंजुमन के प्रतिनिधि जुनैद लाल आज़मी ने जानकारी देते हुए बताया कि यह जलसा पिछले 59 वर्षों से निरंतर आयोजित किया जा रहा है और इस वर्ष इसे हीरक जयंती वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। कार्यक्रम का आयोजन तकिया पारा ईदगाह मैदान, दुर्ग में होगा, जहाँ हर दिन शाम को तकरीरें होंगी।

? देशभर से आएंगे मज़हबी विद्वान

इस वर्ष के जलसे में प्रमुख रूप से हजरत मौलाना मुफ्ती जाकिर हुसैन नईमी साहब (मुरादाबाद, उत्तर प्रदेश) 1 से 10 मोहर्रम तक रोज़ाना तकरीर करेंगे। इनके साथ-साथ पैग़म्बर ए इस्लाम के वंशज और हुजूर ताजुल औलिया, हजरत सैय्यद मोहम्मद पीर जलालुद्दीन अशरफ अशरफी उल जिलानी (क़ादरी मियां), कीछौछा शरीफ, अंबेडकर नगर, उत्तर प्रदेश से 9 और 10 मोहर्रम (5 व 6 जुलाई) को विशेष प्रवचन के लिए पधार रहे हैं।

? हजरत सैय्यद साहब की वापसी बनी शहर की चर्चा

हजरत सैय्यद साहब की दुर्ग में उपस्थिति कई वर्षों के बाद हो रही है, जिसकी खबर से शहर में श्रद्धा और उल्लास की लहर दौड़ गई है। हजरत साहब के अनुयायी केवल मुस्लिम समाज तक सीमित नहीं हैं, बल्कि वे सभी समुदायों में श्रद्धा और सम्मान के पात्र हैं। उनकी तकरीरें सामाजिक सद्भाव, इंसानियत और आध्यात्मिकता का सन्देश देती हैं।

? महिलाओं के लिए विशेष प्रबंध

कमेटी की ओर से महिलाओं के लिए अलग बैठने की व्यवस्था की गई है ताकि वे भी इस धार्मिक आयोजन में पूरी सुविधा के साथ शरीक हो सकें।

? समापन पर विशेष दुआ और हुसैनी पैग़ाम

6 जुलाई को जलसे का समापन होगा, जिसमें विशेष दुआ-ए-खैर और हुसैन-ए-आज़म की याद में भावभीनी तकरीरें होंगी। अंजुमन ने समस्त शहरवासियों से अपील की है कि वे धर्म, जाति से ऊपर उठकर इस आयोजन में शरीक हों और हुसैनी पैग़ाम को आत्मसात करें।

दुर्ग। शौर्यपथ।
   शहर के प्रतिष्ठित इलाक़े विद्युत नगर वार्ड क्रमांक 49 में संचालित बाफना मंगलम मांगलिक प्रांगण को लेकर नगर निगम दुर्ग द्वारा सख़्त रुख अपनाया गया है। सुशासन तिहार के दौरान प्राप्त शिकायत और उसके आधार पर की गई जांच के बाद यह तथ्य सामने आया कि यह मांगलिक भवन पिछले कई वर्षों से बिना किसी वैध व्यावसायिक भवन अनुज्ञा के व्यावसायिक रूप में किराए पर दिया जा रहा था।
  नगर निगम द्वारा जारी किए गए नोटिस में यह स्पष्ट रूप से उल्लेखित है कि बाफना मंगलम द्वारा केवल आवासीय अनुज्ञा प्रस्तुत की गई है, जबकि संचालन मैरिज हॉल, उत्सव एवं मांगलिक आयोजनों के लिए किया जा रहा है, जो स्पष्ट रूप से नगर निगम अधिनियम और भवन अनुज्ञा नियमों का उल्लंघन है।

वर्षों से चल रहा है "कानून के बाहर" कारोबार
  यह आश्चर्य का विषय है कि शहर के बीचोंबीच, और वह भी ऐसे क्षेत्र में जहां आमजन को नक्शा स्वीकृति से लेकर व्यवसायिक उपयोग तक कई पायदानों से गुजरना होता है, वहां एक प्रभावशाली वर्ग द्वारा संचालित भवन वर्षों से नियमों को ताक पर रखकर व्यावसायिक लाभ के लिए उपयोग में लाया जा रहा था।
  सूत्रों की मानें तो इस प्रांगण को शादियों, नामकरण, धार्मिक अनुष्ठानों और अन्य सामाजिक आयोजनों के लिए बाकायदा तय किराए पर बुक किया जाता रहा है, और यह सारा संचालन बिना निगम की विधिवत अनुमति के किया गया।

सफेदपोशों की शह या प्रशासनिक उदासीनता?
  इस पूरे प्रकरण में यह सवाल उठना लाज़िमी है कि आखिर किसके संरक्षण में यह व्यवस्था चल रही थी? क्या निगम अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं थी या फिर राजनीतिक-सामाजिक रसूख के चलते आंखें मूंद ली गई थीं?
  जब आम व्यापारी को गुमास्ता, संपत्ति कर, और व्यावसायिक भवन अनुज्ञा के नियमों का अक्षरशः पालन करना पड़ता है, तब बड़े रसूखदारों को वर्षों तक छूट मिलना, यह कहीं न कहीं नगर प्रशासन की न्यायिक निष्पक्षता और व्यवस्था की पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाता है।

निगम की सख्ती—अब सील करने की तैयारी
  नगर निगम द्वारा जारी अंतिम सूचना पत्र में व्यावसायिक उपयोग तत्काल बंद करने और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करने का निर्देश दिया गया है। ऐसा नहीं करने की स्थिति में बिना किसी अतिरिक्त सूचना के सीलबंदी की कार्रवाई की जाएगी। इस स्पष्ट चेतावनी के बाद निगम पर यह दबाव होगा कि वह भविष्य में ऐसी व्यवस्थाओं पर सख्ती से नजर रखे और प्रभावशाली लोगों के खिलाफ भी वही मापदंड अपनाए जो आम जनता पर लागू होते हैं।

अब निगाहें निगम की कार्रवाई पर
  अब देखना यह होगा कि नगर निगम व्यावसायिक अनुमति के पूर्व की गई गतिविधियों और अवैध रूप से अर्जित किराया आय की जांच करता है या फिर इसे केवल "एक कागजी कार्रवाई" समझकर पुराने मामले का हवाला देकर दबा दिया जाएगा। यदि यह मामला सिर्फ एक नोटिस तक सीमित रह गया, तो यह प्रशासन की कथित निष्पक्षता और पारदर्शिता की एक और बड़ी हार मानी जाएगी।
  न्याय, पारदर्शिता और जवाबदेही की मांग करते हुए शहर की जनता अब इस प्रकरण में ठोस कार्रवाई की अपेक्षा कर रही है।

रिपोर्ट: शौर्यपथ न्यूज़

दुर्ग / शौर्यपथ / जिले में अवैध मुरूम खनन और रेत परिवहन पर नियंत्रण के लिए राजस्व विभाग और पुलिस विभाग ने संयुक्त रूप से बड़ी कार्रवाई की। औचक कार्रवाई से अवैध खननकर्ताओं में हड़कंप मच गया है।
  एसडीएम पाटन के निर्देश पर मंगलवार सुबह पाटन अनुविभाग अंतर्गत थाना रचिरई क्षेत्र में राजस्व और पुलिस की संयुक्त टीम ने दबिश दी। कार्रवाई के दौरान ग्राम कौही, बोरेंदा, केसरा, ओदरागहन, निपानी और कौही सेमर घाट क्षेत्र से एक जेसीबी और दो ट्रक अवैध रेत खनन करते हुए पकड़े गए।
  इसी प्रकार थाना उतई क्षेत्र के ग्राम पतोरा में महकाखुर्द की शासकीय भूमि से दो डंपर और एक जेसीबी को बिना रॉयल्टी दस्तावेजों के मुरूम खनन और परिवहन करते हुए जब्त किया गया। सभी वाहनों को जब्त कर थाना उतई के सुपुर्द किया गया। इस कार्रवाई में नायब तहसीलदार मनोज रस्तोगी और पुलिस टीम की प्रमुख भूमिका रही।
  धमधा अनुविभाग के ग्राम कोड़िया (तहसील अहिवारा) में भी एक चैन माउंटेन मशीन और तीन हाइवा द्वारा बिना अनुमति मुरूम खनन और परिवहन किए जाने पर जप्ती की कार्रवाई की गई। ग्राम गिरहोला से एक चैन माउंटेन और तीन हाइवा, तथा ग्राम पोटिया से एक चैन माउंटेन और तीन हाइवा जब्त कर सभी वाहनों को थाना नंदिनी नगर की सुपुर्दगी में सौंपा गया।
  इस पूरी कार्रवाई में राजस्व विभाग की ओर से तहसीलदार राधेश्याम वर्मा, राजस्व निरीक्षक खूबचंद वर्मा, अरुण वर्मा, पटवारी खेमराज देवांगन और पुलिस विभाग से डीएसपी अलेक्जेंडर कीरो, थाना प्रभारी मनीष शर्मा एवं उनकी टीम ने सक्रिय भूमिका निभाई।

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