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नई दिल्ली/शौर्यपथ /जम्मू कश्मीर पुलिस के प्रमुख आरआर स्वैन के एक बयान से प्रदेश की राजनीति में खलबली मच गई है.दरअसल उन्होंने कहा था कि राज्य के नेताओं की वजह से ही पाकिस्तानी घुसपैठ करते हैं. उन्होंने आतंकवाद के लिए जमात नेटवर्क को जिम्मेदार ठहराया. उनके इस बयान की राज्य के राजनीतिक दलों ने निंदा करते हुए स्वैन को हटाने की मांग की है. राजनीतिक दलों का आरोप है कि डीजीपी राजनीतिक तौर पर चीजों को ठीक करने में जुटे हैं,जबकि पिछले करीब तीन साल में राज्य 50 जवान शहादत दे चुके हैं.डीजीपी का यह बयान ऐसे समय आया है जब जम्मू कश्मीर में पिछले कुछ दिनों से कई आतंकवादी घटनाएं हुई हैं. इसमें कई जवानों की शहादत हो चुकी है.
डीजीपी ने जम्मू आईआईएम के छात्रों को संबोधित करते हुए कहा था कि मारे गए आतंकियों के घर जाकर उनके परिवार के प्रति संवेदना दिखाना स्थानीय नेताओं के लिए न्यू नॉर्मल है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने कश्मीर की हर सिविल सोसाइटी में घुसपैठ कर ली है, इसका श्रेय स्थानीय पार्टियों को देना पड़ेगा. डीजीपी ने जमीयत-ए-इस्लामी पर निशाना साधते हुए कहा कि शांति स्थापित करने के सभी प्रयासों को विफल करने की पूरी कोशिश हुई.उनका कहना था कि यह संस्था आतंकियों को धार्मिक तौर पर समर्थन देती है. उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को धार्मिक और वैचारिक समर्थन दिया गया.
जम्मू कश्मीर के नेताओं ने साधा निशाना
डीजीपी के इस भाषण पर जम्मू कश्मीर की राजनीति में उबाल आ गया है.पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख और राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने कहा है कि डीजीपी को बर्खास्त कर देना चाहिए. उनका कहना है कि पिछले 32 महीनों में करीब 50 जवान शहादत दे चुके हैं. उन्होंने कहा कि डीजीपी राजनीतिक तौर पर चीजों को ठीक करने में लगे हैं. उनका काम पीडीपी को तोड़ना, लोगों और पत्रकारों को परेशान करना और लोगों को धमकाना है. वे लोगों पर यूएपीए लगाने के बहाने खोज रहे हैं.उन्होंने कहा कि हमें फिक्सर की एक डीजीपी की जरूरत है. हमारे पास पहले भी दूसरे राज्यों के डीजीपी रहे हैं, जिन्होंने बहुत अच्छा काम किया है. उन्होंने डीजीपी पर सांप्रदायिक आधार पर काम करने का आरोप लगाया.
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