May 17, 2024
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शौर्यपथ

शौर्यपथ

रायपुर / शौर्यपथ / रायपुर में नगर पालिक निगम बिरगांव अंतर्गत रांवाभाटा क्षेत्र में एक नये कोरोना पॉजिटिव केस पाये जाने के फलस्वरूप बंजारी नगर रांवाभाटा क्षेत्र को कंटेंटमेंट जोन घोषित किया गया है।कोरोना संक्रमण के रोकथाम एवं नियंत्रण को ध्यान में रखते हुए प्रभारी कलेक्टर श्री सौरभ कुमार ने पूर्व में आर टी ओ आफिस के पीछे चौक के पास,पश्चिम में सोम कोल्ड स्टोर गेट,उत्तर में स्वास्थ्य केंद्र रांवाभाटा रोड और दक्षिण में सेन डॉ के घर के पास को कन्टेनमेंट जोन घोषित किया है।
इस कन्टेनमेंट जोन के अंतर्गत सभी दुकानें,आफिस एवं अन्य वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अगले
आदेश पर्यन्त तक पूर्णतः बंद रहेंगें। प्रभारी अधिकारी द्वारा कंटेन्मेंट जोन में घर पहुँच सेवा के माध्यम से आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति उचित दरों पर किया जाएगा। कन्टेनमेंट जोन अंतर्गत सभी प्रकार के वाहनों के आवागमन पर पूर्ण प्रतिबंध रहेगा। मेडिकल इमरजेंसी को छोड़कर अन्य किन्हीं भी कारणों से घर से बाहर निकलना प्रतिबंधित रहेगा। कन्टेनमेंट जोन में शासन के मानकों के अनुसार व्यवस्था बनाये रखने हेतु जिला पुलिस रायपुर द्वारा आवश्यक कार्यवाही सुनिश्चित किया जाएगा। जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य द्वारा संबंधित क्षेत्र में शासन के निर्देशानुसार स्वास्थ्य निगरानी, सेम्पल की जाँच आदि आवश्यक व्यवस्थाएँ की जाएगी।
कन्टेनमेंट जोन में आवश्यक कार्यवाही हेतु अधिकारियों को सौपे गए दायित्व
कंटेंटमेंट जोन में आवश्यक सुरक्षा एवं ब्यवस्था के लिये अधिकारियों को दायित्व सौपे गए है।कंटेंटमेंट जोन में प्रवेश एवं निकाष की केवल 01 द्वार की व्यवस्था हेतु बेरिकेटिंग श्री एन के पाण्डेय,
कार्यपालन अभियंता लोक निर्माण विभाग, लोक निर्माण विभाग की मांग अनुसार बैरिकेटिंग हेतु बांस बल्ली की आपूर्ति, उप वनमंडलाधिकारी,रायपुर वन मंडल ,सेनेटाईजेशन तथा आवश्यक वस्तुओ की आपूर्ति व्यवस्था, श्रीकांत वर्मा आयुक्त नगर पालिक निगम बिरगांव, घरों का एक्टिव सर्विलांस, स्वास्थ्य टीम को एस.ओ.पी, अनुसार दवा, मास्क, पी.पी.ई. इत्यादि उपलब्ध कराने एवं बायोमेडिकल अपशिष्ट का प्रबंधन श्रीमती मीरा बघेल, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी और आवश्यक वस्तुओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु प्रणव सिंह, अनुविभागीय दंडाधिकारी रायपुर को नियुक्त किया गया है।

गाजियाबाद / शौर्यपथ  / दिल्ली से सटे गाजियाबाद में एक प्राइवेट कोरोना टेस्टिंग लैब में लापरवाही और धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.इस मामले में टेस्टिंग लैब के ख़िलाफ़ धोखाधड़ी और महामारी अधिनियम के तहत इंदिरापुरम थाने में FIR दर्ज कराई गई है. ग़ाज़ियाबाद प्रशासन के मुताबिक SRL लैब ने गाजियाबाद के वसुंधरा के एक कलेक्शन सेंटर के जरिए एक स्टील कंपनी के कर्मचारी का कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल लिया था. 7 मई की रिपोर्ट में स्टील कंपनी का कर्मचारी कोरोना पॉजिटिव पाया गया लेकिन इसकी सूचना प्रशासन को तुरंत नहीं दी गई.
गाजियाबाद के एपिडेमोलॉजिस्ट को इसकी सूचना 20 मई को वेब पोर्टल के जरिए मिली. यानी 13-14 दिन कोरोना पॉजिटिव व्यक्ति खुला घूमता और इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि इस दौरान उसने दूसरे लोगों में संक्रमण फैलाया होगा. SRL लैब पर आरोप है कि उसने अनाधिकृत कलेक्शन सेंटर के माध्यम से यह सैंपल लिया जो एक धोखाधड़ी है. साथ लैब पर कोरोना महामारी को रोकने में अवरोध उत्पन्न करने और महामारी को बढ़ाने का आरोप भी लगाया गया है.

 

कोलकाता / शौर्यपथ / / पश्चिम बंगाल सरकार ने शनिवार को राज्य में और अधिक छूट तथा कुछ शर्तों के साथ लॉकडाउन की अवधि 15 जून तक बढ़ा दी. इसके साथ ही एक जून से टीवी और फिल्म निर्माण संबंधी अंदरूनी और बाहरी गतिविधियों को अनुमति दी गई है लेकिन एक ही समय में कार्यरत यूनिट में 35 से अधिक लोगों को अनुमति नहीं रहेगी. हालांकि, रियल्टी शो के निर्माण पर रोक बरकरार रहेगी. लॉकडाउन के 31 मई को समाप्त होने जा रहे चौथे चरण से पहले यह घोषणा की गई है.
इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को देश के निषिद्ध क्षेत्रों में राष्ट्रव्यापी लॉकडाउन 30 जून तक बढ़ाने की घोषणा की. साथ ही कहा कि आठ जून से आतिथ्य सत्कार सेवाओं, होटलों और शॉपिंग मॉल को चरणबद्ध तरीके से खोलने की अनुमति होगी.

पश्चिम बंगाल सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया, '' राज्य सरकार ने और दो सप्ताह के लिए लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला किया है जो कि और अधिक छूट तथा शर्तों के साथ 15 जून तक प्रभावी रहेगा.'' इसके मुताबिक, ऐसा महसूस किया गया कि कोरोना वायरस के प्रसार की रोकथाम के मद्देनजर निषिद्ध क्षेत्रों में लॉकडाउन लागू रहे और साथ ही साथ अन्य क्षेत्रों में सामाजिक-आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के लिए इन्हें दोबारा खोल दिया जाए.

सरकारी आदेश में कहा गया कि विभाग और निजी प्रतिष्ठानों के मालिक सामाजिक दूरी के नियमों और स्वच्छता बनाए रखने का सख्ती से पालन करना सुनिश्चित करें और अगर इसका उल्लंघन किया जाता है तो दी गई छूट को वापस लेने को मजबूर होना पड़ेगा.

 

अहमदाबाद / शौर्यपथ / / कोरोनावायरस को रोकने के लिए जारी लॉकडाउन 5) को सरकार ने 30 जून तक बढ़ाने का फैसला किया है, हालांकि इस बार सरकार ने कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर मॉल और रेस्टोरेंट को भी खोलने की इजाजत दे दी है. अब 8 जून से मॉल और रेस्टोरेंट खुल सकेंगे. केंद्र सरकार की गाइडलाइन के मद्देनजर गुजरात सरकार ने भी सोमवार से लॉकडाउन में थोड़ी राहत दी है. सोमवार से राज्य में बसें शुरू हो जाएंगी. सरकारी दफ्तरों को भी पूरी क्षमता के साथ खोला जाएगा.
गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने एक वीडियो मैसेज के जरिए बताया कि अब सुबह 7 बजे से शाम 7 बजे के बजाय रात 9 बजे से सुबह 5 बजे तक राज्य में कर्फ्यू लागू रहेगा. मुख्यमंत्री ने कहा, 'व्यवस्था फिर से पहले की तरह शुरू करने के लिए नई कोशिशों के तहत हमें बिना किसी आर्थिक नाकाबंदी के कोरोना के साथ-साथ काम करना होगा ताकि कोई काम बाधित न हो. हम दुकानों के संदर्भ में ऑड-ईवन हटा रहे हैं. अब दुकानदार कुछ शर्तों जैसे- फेस मास्क का इस्तेमाल, सैनिटाइजर का प्रयोग और सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के साथ पूर्व की भांति दुकान खोल सकते हैं.'

उन्होंने आगे कहा, 'सोमवार से बिना किसी रोकटोक के पूरे राज्य में परिवहन सेवाएं शुरू की जा रही हैं. राज्य परिवहन की बसों में 60 फीसदी से ज्यादा यात्री सफर नहीं कर सकेंगे. सिटी बस में यह क्षमता 50 फीसदी होगी. अब टू-व्हीलर पर भी दो लोग जा सकेंगे. उनके लिए मास्क जरूरी होगा. छोटी गाड़ियों में ड्राइवर समेत दो लोग ही यात्रा कर सकेंगे. बड़े वाहनों  में ड्राइवर समेत तीन लोग यात्रा कर सकेंगे.'

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने इस बार 'लॉकडाउन' के बदले 'अनलॉक'  शब्द का इस्तेमाल किया है. दरअसल सरकार अब धीरे-धीरे सभी क्षेत्रों में रियायतें दे रही है, लिहाजा इसे देखते हुए ही 'अनलॉक' शब्द का प्रयोग किया जा रहा है. गृह मंत्रालय  ने बीती शाम कंटेनमेंट जोन के बाहर के क्षेत्रों को फिर से खोलने के लिए नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं. यह दिशा-निर्देश 1 जून से 30 जून, 2020 तक प्रभावी रहेंगे. गौरतलब है कि कोरोनावायरस के संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए देशभर में 25 मार्च से ही लॉकडाउन जारी है. फिलहाल लॉकडाउन का चौथा चरण जारी है जो 31 मई यानी आज खत्म हो रहा है.

 

नई दिल्ली / शौर्यपथ /  दिल्ली की एक अदालत ने शनिवार को कांग्रेस की पूर्व निगम पार्षद इशरत जहां को शादी करने के लिए दस दिनों की अंतरिम जमानत दे दी. उन पर अवैध गतिविधियां (निवारण) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है. उतर-पूर्वी दिल्ली में फरवरी में हुए सांप्रदायिक हिंसा से जुड़े एक मामले में उन पर आतंकवाद निरोधक कानून के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश धर्मेंद्र राणा ने जहां को एक-एक लाख रुपये के दो मुचलके भरने के बाद दस जून से 19 जून तक के लिए जमानत दी.
वकील एस. के. शर्मा, ललित वलीचा, वकील तुषार आनंद और मनु प्रभाकर के मार्फत दायर अंतरिम जमानत याचिका के मुताबिक जहां की शादी 2018 में 12 जून 2020 के लिए तय की गई थी. याचिका में कहा गया है कि जमानत मिलने पर जहां किसी भी साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेंगी और न ही गवाहों को प्रभावित करेंगी. याचिका में दावा किया गया कि जहां को मामले में गलत तरीके से फंसाया गया है.

मामले में जहां के अलावा जामिया मिल्लिया इस्लामिया के छात्र आसिफ इकबाल तन्हा, गुलफिशा खातून, जामिया समन्वय समिति की सदस्य सफूरा जरगर, मीरां हैदर, जामिया एलुमनाई एसोसिएशन के अध्यक्ष शिफा उर रहमान, आप के निलंबित पार्षद ताहिर हुसैन, कार्यकर्ता खालिद सैफी, जेएनयू की छात्रा नताशा नरवाल और पूर्व छात्र नेता उमर खालिद पर भी मामला दर्ज किया गया है.

 

           नई दिल्ली / शौर्यपथ  / पिछले कुछ दिनों से देशभर के कुछ राज्यो में चल रही भीषण लू से अब लोगों को राहत मिल गई है. रविवार का दिन उत्तर भारत के कई राज्यों के लिए सुहावना होने वाला है. इससे पहले शनिवार रात को दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर प्रदेश के अलग-अलग इलाकों में बारिश हुई थी, जिससे तापमान में गिरावट दर्ज की गई है. इसके बाद अब रविवार को पूरे दिन मौसम अच्छा और ठंडा रहने वाला है.
न्यूज एजेंसी द्वारा मौसम विभाग के हवाले से किए गए एक ट्वीट के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सुबह-सुबह आंधी-तूफान के साथ हल्की बारिश होने की संभावना है. तूफान के दौरान हवा की रफ्तार 30 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा रह सकती है. ऐसे में दिल्ली-एनसीआर और पश्चिम उत्तर प्रदेश में भीषण गर्मी से राहत मिल सकती है.

जानकारी के मुताबिक, जींद, अलिगढ़, नरोरा, सहसवान, एटा, चंदौसी, अमरोहा, मुरादाबाद, संभल, बदायूं और इनके आस-पास के हिस्सों में आंधी-तूफान के साथ बारिश हो सकती है.

मौसम विभाग के अनुसार आठ जून से पहले दिल्ली में लू जैसी स्थिति नहीं रहने संभावना है. मौसम विभाग ने कहा कि अगले कुछ दिनों में देश में अधिकतम तापमान में बहुत अधिक वृद्धि होने की उम्मीद नहीं है. विभाग ने अपने बुलेटिन में कहा, ‘‘पूरे देश में अलग-अलग स्थानों और बिहार में तापमान में गिरावट की प्रवृत्ति देखी जा रही है.''

मौसम विभाग के प्रवक्ता के अनुसार वायुमंडल के निचले स्तर में पूर्वी हवाओं के पश्चिमी विक्षोभ के साथ मिलने तथा अरब सागर से उच्च मात्रा में नमी प्रवाहित होने के कारण राजस्थान में आगामी तीन चार दिन तेज आंधी आने, बारिश होने व हवाएं चलने का अनुमान है.

 

         नई दिल्ली / शौर्यपथ / कोरोना के साथ जारी जंग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' के जरिए देशवासियों को संबोधित कर रहे हैं. कोरोना काल के दौरान यह तीसरा मौका है जब पीएम मोदी इस कार्यक्रम के जरिए देश के लोगों को संबोधित करने रहे हैं. देखिए उन्होंने अपने कार्यक्रम में क्या कुछ कहा.
PM मोदी की मन की बात
पिछली बार जब मन की बात की थी तो काफी कुछ बंद था और आज की तारीख में अर्थव्यवस्था का पहिया चल पड़ा है.
अनलॉक1 के साथ हमें पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, चेहरे को ढंक कर रहें और साफ सफाई का विशेष ध्यान रखें.
तमिलनाडु के सी मोहन का जिक्र किया, सलून चलाने वाले सी मोहन ने बेटी की शादी के लिए बचाए 5 लाख रुपये कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दान दे दिए.
पंजाब के पठानकोट के रहने वाले दिव्यांग राजू ने लोगों से जुटाए पैसे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में दान दिए.
लॉकडाउन के दौरान कई सारे तरीके इजाद किए गए, दुकानदारों ने तरह तरह से सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए लोगों की सेवा की.
कोरोना के खिलाफ संग्राम लंबे समय तक चलने वाला है, और इसका असर हर वर्ग पर पड़ी है. सबसे ज्यादा असर गरीब और प्रवासी मजदूरों पर देखने को मिला है.
रेलवे के कर्मचारी जिस तरह से लाखों श्रामिकों के लिए काम कर रहे हैं, एक तरह से वह अग्रिम पंक्ति के कोरोना वॉरियर्स मालूम पड़ते हैं.
आज जो कुछ हो रहा है, उससे हमें पुराने समय में हुए कामों का अवलोकन और भविष्य के लिए सीखने की जरूरत है.
केंद्र ने जो फैसले लिए उससे ग्रामीण इलाकों में काम की अपार संभावनाएं हैं, अगर हमारे ग्रामीण आत्मनिर्भर होते, हमारे जिले आत्मनिर्भर होते. तो आज ऐसे हालात नहीं होते.
मेक इन इंडिया को बढ़ावा मिले, इसके लिए हर कोई अपनी अपनी जिम्मेदारी का निर्वाह कर रहा है.
कोरोना संकट के दौरान देखने को मिल रहा है कि हरिद्वार से हॉलीवुड तक लोग घरों में योग कर रहे हैं.

           लाइफस्टाइल / शौर्यपथ / कई बार शरीर की थकान अंदर से नहीं मिटती और यह आंखों और चेहरे पर झलक ही जाती है। ऐसे में चाहे आप कितना ही अच्छा मेकअप भी क्यों न कर ले, लेकिन चेहरे पर वो आकर्षण नहीं दिख पाता जो कि एक फ्रेश और बिना थके हुए चेहरे में होता है। चेहरा फ्रेश दिखे इसके लिए जरूरी हैं कि आप उसे थोड़ा प्यार दे और इसके लिए चेहरे की मसाज से अच्छा तरीका भला और क्या हो सकता है?

तो, आइए आपको घर पर ही चेहरे की मसाज करने के 5 आसान से स्टेप्स बताते हैं -


1. चेहरे पर दिखने वाली थकान को उतारने के लिए अपने हाथ अंगुलियों के पोरों से चेहरे की हल्की मालिश करें। इससे ब्लड सर्क्युलेशन बढ़ेगा, और आप तरोताजा महसूस करेंगे।

2. नाक के दोनों ओर हल्की मालिश करते हुए, धीरे-धीरे आंखों के बीच वाले भाग से लेकर आंखों के नीचे वाले हिस्से में भी हल्की मालिश करें।
3. भौंहों पर हल्का दबाव बनाते हुए अंदर से बाहर की ओर मालिश करें, फिर आंखों के बाहरी किनारों पर मालिश करते हुए माथे तक पहुंचें।


4. अब आंखों के बिल्कुल नीचे की ओर हाथों को लाएं, फिर गालों के बीच में हल्की मालिश करते हुए, मसूड़ों के उपर की त्वचा पर भी मा‍लिश करें और जबड़ों को अंगुलियों से पकड़कर हल्का दबाव बनाएं।

5. मालिश के लिए नारियल या बादाम के तेल का प्रयोग कर सकते हैं। इसके अलावा वनस्पति तेल में सुगंधि‍त तेल की कुछ बूंदे डालकर प्रयोग करना बेहद फायदेमंद होता है। सुगंध से थकान आसानी से मिट जाती है।

 

खाना खजाना / शौर्यपथ /

1. पुदीने की स्वादिष्ट चटनी

सामग्री :

1 कप पुदीने की पत्त‍ियां, हरी मिर्च स्वादनुसार, दही 3-4 बड़े चम्मच, जीरा आधा चम्मच, काला नमक एवं नमक स्वादानुसार।

विधि :
सबसे पहले पुदीने की पत्त‍ियों को साफ करके धो लें। इसके बाद सभी सामग्री और पुदीने की पत्त‍ियों को मिलाकर मिक्सर में बारीक पीस लें। आप चाहें तो इस चटनी में दही के स्थान पर कच्चे आम या कैरी का प्रयोग भी कर सकते हैं। इस चटनी को आप अपनी सुविधा के हिसाब से तरह या गाड़ी बना सकते हैं।

 फायदे :

पुदीने की चटनी आपके खाने का भी स्वाद बढ़ाएगी और साथ ही गर्मी का बढ़ना, पेट, त्वचा संबंधी समस्या के लिए भी पुदीने की चटनी फायदेमंद होगी। आपको अगर आंतों की समस्या, प्रसव के समय, बुखार और दस्त में भी यह फायदेमंद है, इसके साथ ही सेहत से जुड़े कई अन्य फायदे भी देगी।

2. अमचूर की चटनी

सामग्री :

2 बड़े चम्मच अमचूर, गुड़ 1 बड़ा चम्मच, लाल मिर्च आधा छोटा चम्मच, भुना हुआ जीरा आधा चम्मच, काला नमक स्वादनुसार, हींग आधा चुटकी, थोड़ा-सा तेल, नमक स्वादनुसार और पानी।

विधि :
सबसे पहले गुड़ को पानी में घोल लीजिए और इसमें अमचूर डालकर फेंट लें। अब नॉनस्ट‍िक पेन में हल्का-सा तेल गर्म करके उसमें जीरा, हींग, लाल मिर्च डालकर अमचूर का पेस्ट डाल दें और अंत में नमक डालकर गर्म करें। जब यह पेस्ट गाढ़ हो जाए तो इसे आंच से उतार लें। लीजिए तैयार है अमचूर की टेस्टी चटनी। टेस्ट के अनुसार आप इसमें नमक या गुड़ बढ़ा सकते हैं।
फायदे :

गर्मी के दिनों में यह ठंडी होगी तो स्वादिष्ट भी लगेगी। अमचूर की चटनी का सबसे बड़ा लाभ है कि यह नुकसान नहीं करती। इसे खाने के बाद आपको सर्दी या गला खराब होने की समस्या नहीं होती। गुणकारी होने के कारण यह पाचन के लिए फायदेमंद है और पेट की समस्याओं के लिए भी लाभप्रद है।

3. नींबू की खट्‍टी-मिठी चटनी

सामग्री :
4 नींबू, आधा चम्मच लाल मिर्च पावडर, पाव चम्मच जीरा, आधा चुटकी हींग, दो चुटकी काला नमक, सादा नमक व शक्कर स्वादनुसार।

विधि :
सबसे पहले नींबू के बीज निकालकर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लीजिए, अब इन टुकड़ों को मिक्सर के जार में डालें और इसमें सारी सामग्री डालकर पीस लें। लीजिए नींबू की खट्‍टी-मिठी चटनी तैयार है। इस चटनी को आप रोटी-सब्जी के साथ-साथ चटपटे व्यंजनों के साथ भी खा सकते है।

फायदे :

आप चाहें तो नींबू की चटनी का नियमित सेवन कर सकते हैं। यह आपको ताजगी का एहसास भी कराएगी। नींबू की ताजी चटनी खाने से पेट व त्वचा की समस्याओं में यह फायदेमंद होगी साथ ही आपको सीधे विटामिन-सी का लाभ मिलेगा।

4. कच्चे आम की खट्टी-मीठी चटनी

सामग्री :
3 कैरी, प्याज 1, 50 ग्राम पुदीना, आधा छोटा चम्मच जीरा, गुड़ 1 डली या अपने स्वाद के अनुसार, लाल मिर्च आधा छोटा चम्मच, नमक स्वादानुसार।

विधि :
कैरी और प्याज को मध्यम आकार या छोटे टुकड़ों में काट लें। अब इन्हें मिक्सर के जार में डालें और सभी मसाले ऊपर से डालकर पीस अपने स्वाद के अनुसार नमक, मिर्च या गुड़ की मात्रा बढ़ाई जा सकती है। कैरी की चटनी तैयार है।
फायदे :

कच्चे आम यानी कैरी की चटनी का नियमित सेवन खाने का स्वाद तो बढ़ाएगा ही, विटामिन-सी, ए और बी की भी पूर्ति करेगी। इसके सेवन से गर्मी के दुष्प्रभावों से बचा जा सकता है। पेट और पाचन संबंधी समस्याओं में यह फायदेमंद है। इसके अलावा यह प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने और नई कोशिकाओं के निर्माण में सहायक है।

 5. इमली की चटनी

सामग्री :
इमली 1 कटोरी, पानी- आवश्यकतानुसार, हींग 1 चुटकी, जीरा आधा चम्मच, काला नमक स्वादनुसार, नमक स्वादनुसार, लाल मिर्च दो चुटकी या स्वादनुसार।

विधि :
इमली को कुछ समय तक गुनगुने पानी में गलाकर रखें। अब इसके बीज निकाल लें और गुड़ एवं सभी मसाले डालकर इसे मिक्सर में पीस लें। अब इस मिश्रण को उबाल लें और बने हुए पेस्ट को जीरे का छौंक लगाएं। इमली की चटनी तैयार है। आप चाहें तो इसे पतला कर पना भी बना सकते हैं।

फायदे :

गर्मी के दिनों में इमली की चटनी या पना तासीर को ठंडा करता है और गर्मी के दुष्प्रभाव से बचाता है। इसके अलावा यह पाचन के लिए फायदेमंद है और ऊल्टी, जी मचलाना या दस्त जैसी समस्याओं में भी लाभप्रद है।

 

          धर्म संसार / शौर्यपथ /विश्व की अमूल्य धरोहर श्रीमद् भगवद्गीता महाभारत के भीष्म पर्व का एक भाग है। महाभारत की रचना महर्षि वेदव्यास ने और लेखन भगवान श्री गणेश ने किया।

युद्ध के समय जब सेनाएं आमने-सामने खड़ी हो गईं ....तो अर्जुन के विषाद को दूर करने के लिए योगेश्वर श्री कृष्ण ने गीता का उपदेश दिया जो आज भी व्यवहारिक जीवन की समस्याओं के लिए समाधानकारक है।
१. साहसी होना
क्लैब्यं मा स्म गम: पार्थ नैतत्वय्युपपद्यते।
क्षुद्रं हृदयदौर्बल्यं त्यक्त्वोत्तिष्ठ परन्तप।।
(अध्याय 2, श्लोक 3)

कायरता, कायरता है। चाहे वह करुणाजनित हो, या भय जनित। अत: अपने स्वत्व और अधिकारों की रक्षा के लिए हमेशा तैयार रहना चाहिए। अन्याय का सदैव प्रतिकार करना चाहिए और पलायन नहीं पुरुषार्थ का चयन करना चाहिए।
२. कर्मठ होना
कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन।
माकर्मफलहेतुर्भूर्मा ते संड्गोत्स्वकर्माणि।।
(अध्याय 2, श्लोक 47)

केवल मनुष्य को ही यह सौभाग्य प्राप्त है कि वह नए कर्म करने के लिए स्वतंत्र है। जिससे उन्नति के शिखर पर आरूढ़ होकर उपलब्धियों के कीर्तिमान रचकर इतिहास में अद्वितीय स्थान प्राप्त कर सकता है। अत: अकर्मण्य नहीं, कर्मठता से कार्य करते रहना चाहिए।

३. स्वविवेक से निर्णय लेना
इति ते ज्ञानमाख्यातं गुह्याद्गुह्यतरं मया।
विमृश्यैमदशेषेण यथेच्छसि तथा कुरु।।
(अध्याय 18, श्लोक 6३)


सलाह और विचार-विमर्श तथा मार्गदर्शन भले ही सबसे लेते रहें, लेकिन निर्णय स्वयं की
बुद्धि से लेना चाहिए। श्री कृष्ण ने अर्जुन को पूरा ज्ञान देने के बावजूद यह स्वतंत्रता दी थी कि वह स्वविवेक से निर्णय ले और कार्य करे। पराश्रित नहीं, स्वआश्रित होने का आह्वान कर व्यक्ति को स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया है।
४. मधुर और हितकर वाणी
अनुद्वेगकरं वाक्यं सत्यं प्रियहितं च यत्।
स्वाध्यायाभ्भ्यसनं चैव वांगमयं तप उच्यते।।
(अध्याय 17, श्लोक 15)

तप तीन प्रकार के बताए गए है- शरीर, वाणी और मन। तीनों का उपयोग लोकहित में करना चाहिए। वाणी मनुष्य की सबसे अच्छी मित्र है। इससे व्यक्ति सारे संसार को अपना मित्र बना सकता है या शत्रु बना सकता है। अत: बोली की महत्ता, शब्दों का प्रभाव और वाणी को नियंत्रित और मर्यादित रखें।
५. दुर्गुणों का त्याग करना
दंभो दर्पोभिमानश्च क्रोध: पारुष्यमेव च।
अज्ञानं चाभिजातस्य पार्थ संपदामासुरीम्।।
(अध्याय 16, श्लोक 4)

पाखंड, घमंड, अभिमान, क्रोध, कठोर वाणी और अज्ञान- इनसे मनुष्य को दूर रहना चाहिए। सदगुणों को अपने जीवन में उतारना चाहिए जिससे जीवन में परम शांति का अनुभव होता है।
६. ज्ञान पिपासु और जिज्ञासु होना
तद्विद्धि प्रणिपातेन परिप्रश्नेन सेवया।
उपदेक्ष्यन्ति ते ज्ञानं ज्ञानिनस्तत्वदर्शिन: ।।
(अध्याय 4, श्लोक 34)

 सच्चा ज्ञान आसानी से नहीं मिलता क्योंकि केवल सूचनाओं को पढ़ कर ज्ञानी नहीं बना जा सकता। इसके लिए विशेषज्ञों के पास तथा विधा पारंगतों के पास विनम्रता और श्रद्धापूर्वक हमें जाना चाहिए। तभी सही लक्ष्य एवं वास्तविक शिखर स्पष्ट दिखाई देने लगेगा।
नहि ज्ञानेने सदृशं पवित्रमिह विद्यते।
(अध्याय 4, श्लोक 38)
इस संसार में ज्ञान के समान पवित्र करने वाला दूसरा कोई साधन नहीं है।
श्रद्धावॉंल्लभते ज्ञानं... (अध्याय 4, श्लोक 39)
ज्ञान के प्रति जिज्ञासा होगी तभी ज्ञान प्राप्त होगा।
ज्ञानं लब्ध्वा परां शान्तिमचिरेणाधिगच्छति। (अध्याय 4, श्लोक 39)
क्योंकि शांति साधनों से नहीं ज्ञान से प्राप्त होती है।
७. व्यवहारिक ज्ञान में कुशल
ये यथा मां प्रपद्यन्ते तांस्तथैव भजाम्म्यहम्।।
(अध्याय 4, श्लोक 11)

मनुष्य को व्यवहार करते समय बहुत सावधान रहना चाहिए क्योंकि जैसा व्यवहार करोगे, वैसा ही तुम्हारे साथ भी होगा।
८. निर्भय होना
हतो वा प्राप्स्यसि स्वर्गं जित्वा वा भोक्ष्यसे महीम्।
तस्मादुत्तिष्ठ कौन्तेय युद्धाय कृत निश्चय:।।
(अध्याय 2, श्लोक 37)
निर्भीक होकर कर्म करने से असफलता भी कीर्ति
यश और मान दिलाती है। भयग्रस्त मन-मस्तिष्क से किए कए काम में सफलता मिल भी जाए तो वह सम्मानीय, वंदनीय नहीं हो सकती।

९. व्यक्तित्व का विकास
दु:खेष्वनुद्विग्नमना: सुखेषु विगतस्पृह:।
वीतरागभयक्रोध: स्थितधीर्मुनिरुच्यते।।
(अध्याय 2, श्लोक 56)
आदर्श व्यक्तित्व वाला व्यक्ति विपरीत परिस्थितियों में विचलित नहीं होता। राग, भय, क्रोध- जब समाप्त हो जाते हैं तो व्यक्ति स्थिर बुद्धि वाला हो जाता है। तथा वह संकट और संतापों से प्रतिकूलता और अनुकूलता में संतुलन बनाए रखेगा।
१०. स्वयं के प्रति उत्तरदायी
उद्धरेदात्मनात्मानं नात्मानमवसादयेत।
आत्मैव ह्यात्मनो बन्धुरात्मैव रिपुरात्मन:।।
(अध्याय 6, श्लोक 5)

अपने उत्कर्ष एवं अपकर्ष के लिए मनुष्य स्वयं उत्तरदायी होता है। दूसरे का अहित किए बिना स्वयं का उद्धार अपने प्रयत्न और बुद्धि बल से करना चाहिए। क्योंकि मनुष्य आप ही अपना मित्र और आप ही अपना शत्रु है।

११. वफादारी से कार्य करना
अनन्याश्चिन्तयन्तो मां ये जना पर्युपासते।

तेषां नित्याभियुक्तानां योगक्षेमं वहाम्यहम्।।
(अध्याय 9, श्लोक 22)
यह एक व्यवहारिक सत्य है। जो व्यक्ति अपने स्वामि की कृपा का चिंतन करते हुए पूरी ईमानदारी और निष्ठा से काम करता है उसे स्वामि का पूर्ण संरक्षण मिलता है और स्वामि सदैव उसकी सुख-सुविधा का ध्यान रखता है।
१२. एकाग्रचित्त कार्य करना
असंशयं महाबाहो मनोदुर्निग्रहं चलम्।
अभ्याभ्सेन तु कौन्तेय वैराग्येण च गृह्यते।।
(अध्याय 6, श्लोक 35)
किसी भी संकल्प को पूरा करने के लिए मन का स्थिर और अचल होना आवश्यक है। उद्देश्य प्राप्ति के लिए हमें निरंतर प्रयासरत रहना चाहिए। मन को बार बार अन्य बिंदुओं से हटाकर अपने लक्ष्य पर केंद्रित करने की प्रक्रिया को दोहराते रहना चाहिए। इस प्रक्रिया का चमत्कारिक प्रभाव देखने को मिलता है। और कार्य तल्लीनता से संपन्न होता है। इसलिए लक्ष्य के प्रति रुचि जागरुक करना चाहिए।
१३. तनाव रहित रहें
अश्योच्यानन्वशोचस्त्वं प्रज्ञावादांश्च भाषसे।
गतासूनगतासूंश्च नानुशोचन्ति पण्डिता:।।
(अध्याय 2, श्लोक 11)
आगत-विगत कि चिंता से मुक्त होकर कर्मपथ पर आगे बढ़ते जाना चाहिए। घटनाएं प्रकृति के घटनाक्रम की कड़ी हैं और वे समयानुसार घटती रहती हैं। अनावश्यक चिंताओं में उलझना जीवन के अमूल्य समय को नष्ट करना है। इसलिए तनाव रहित होकर अपना कर्म करते जाना चाहिए।

१४. प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा
देवान्भावयतानेन ते देवा भावयन्तु व:।
परस्परं भावयन्त: श्रेय: परमवाप्स्यथ।।
(अध्याय 3, श्लोक 11)
पृथ्वी, जल, वायु, आकाश, अग्रि, वनस्पति आदि जीवन के आधार स्तंभ हैं। इनके बिना जीवन संभव नहीं। और हमारी संस्कृति में इन्हें देवता माना गया है। सृष्टि में साम्य बनाए रखने के लिए जीवन, जगत एवं प्रकृति में साम्य जरूरी है। इसलिए प्रकृति का सम्मान करो और पर्यावरण को प्रदूषण से मुक्त करो।
१५. स्वकर्म को प्राथमिकता
स्वे स्वे कर्मण्यभिरत: संसिद्धिं लभते नर:।
(अध्याय 18, श्लोक 45)

दूसरे का कर्म यदि अपने कर्म से श्रेष्ठ भी प्रतीत हो तो भी अपना कर्म त्याग कर उसे अपनाने के लिए आतुर नहीं होना चाहिए। अपने कर्म में प्रवीणता हासिल कर के उसी में अपनी पहचान बनानी चाहिए। स्वकर्म को करते हुए ही सिद्धि प्राप्त की जा सकती है।

१६. संचयवृत्ति का त्याग
यज्ञशिष्टाशिन: सन्तो मुच्यन्ते सर्वकिल्बिषै:।

भुञ्जते ते त्वघं पापा ये पचन्त्यात्मकारणात्।।
(अध्याय 3, श्लोक 13)

जीवन में परोपकार और समाज कल्याण का व्रत भी लेना चाहिए क्योंकि मनुष्य जो भी अर्जित करता है उसमें समाज का योगदान होता है। इसलिए समाज का भी उसपर अधिकार है। इसलिए उसका कुछ अंश समाजसेवा में भी लगाया जाना चाहिए। यह एक आदर्श समाजवाद का उदाहरण प्रस्तुत करता है।
१७. राग-द्वेष रहित जीवन
अद्वेष्टा सर्वभूतानां (अध्याय 12, श्लोक 13)
किसी भी प्राणी से राग-द्वेष न रखें
निर्वैर: सर्वभूतेषु (अध्याय 11, श्लोक 55)
बैर-भाव रहित होकर रहो
सर्वभूतहितेरता: (अध्याय 5, श्लोक 25)
सभी प्राणियों का कल्याण करो
ये तीनों सूत्र तीन महा मंत्र हैं। जिनके आचरण करने से व्यक्ति और समाज शांत और सुखी रहेगा। क्योंकि बैर-भाव, राग-द्वेष सारे झगड़े-फसाद की जड़ है।
१८. कठोर प्रभावी नीति से प्रतिद्वंद्वता का सामना
यदा यदा हि धर्मस्य ग्लानिर्भवति भारत।
अभ्युभ्त्थानमधर्मस्य तदात्मानं सृजाम्म्यहम्।।
परित्राणाय साधूनां विनाशाय च दुष्कृताम्।
धर्मसंस्थापनार्थाय सम्भवामि युगे युगे।।
(अध्याय 4, श्लोक 7,8)
दो प्रकार के व्यक्ति होते हैं- सज्जन और दुर्जन। जब तक सज्जन जागरुक और सक्रीय होते हैं तब दुष्ट अपनी दुष्ट प्रवृतियों से समाज को त्रस्त नहीं कर पाते। लेकिन सज्जनों की थोड़ी सी निष्क्रीयता और उदासीनता दुष्टों का प्रभाव बढ़ाने लगती है। फिर सज्जन बचाव का मार्ग अपनाने लगते हैं और हताश और निराश होकर सदकार्यों को छोड़ समाज को दुष्टों के भरोसे छोड़ देते हैं। दुष्टों पर नियंत्रण रखने और अपना कार्य जारी रखने के लिए कठोर और प्रभावी नीति अपनानी चाहिए।
१९. स्वस्थ तन, स्वस्थ मन
युक्ताहारविहारस्य युक्तचेष्टस्य कर्मसु।
युक्त स्वप्नावबोधस्य योगो भवति दु:खहा।।
(अध्याय 6, श्लोक 17)

जीवन में प्रगति के लिए मन-मस्तिष्क के साथ साथ तन का स्वस्थ रहना भी जरूरी है। कोई भी कार्य शरीर के द्वारा किया जाता है। यदि शरीर अस्वस्थ है तो वह कभी भी कोई कार्य नहीं कर पाएगा। अत: शरीर साधना बेहद जरूरी है।
२०. कर्म और लोक कल्याण में समन्वय
तस्मात्सर्वेषु कालेषु मनुस्मर युद्ध च।
(अध्याय 8, श्लोक 7)

जीवन में यदि सफलता चाहते हैं तो कर्म और लोक कल्याण में समन्वय जरूरी है। तभी जीवन का समग्र विकास हो पाएगा। दोनों में से यदि कोई एक ही कार्य करते रहें या तो लोक कल्याण या कर्म , तो दोनों ही स्थितियां कभी भी आदर्श नहीं मानी जाती । इसलिए इनमें सामन्जस्य होना जरूरी है।


२१. चारित्रिक बल से आदर्श नेतृत्व
यद्यदाचरति श्रेष्ठस्तत्तदेवेतरो जन:।
स यत्प्रमाणं कुरुते लोकस्तदनुवर्तते।।
(अध्याय 3, श्लोक 21)

कोई भी राष्ट्र केवल आर्थिक, वैज्ञानिक एवं तकनीकी प्रकृति से उन्नत नहीं हो जाता। जब तक कि वह आध्यात्मिक एवं नैतिक रूप से सबल नहीं हो उसकी प्रगति अधूरी है। वर्तमान में भारत के पास सब कुछ है परंतु धीरे-धीरे नैतिक और चारित्रिक बल की कमी हमें महसूस होने लगी है। अत: चरित्रवान बनकर आदर्श नेतृत्व प्रदान करना होगा, क्योंकि जो श्रेष्ठ पुरुष आचरण करते हैं लोग भी उनका अनुसरण करते हैं। अपने आचरण से ऐसे मूल्य स्थापित करने चाहिए जिनसे अन्य लोग प्रेरणा ले सकें।

आपका जीवन मंगलमय हो।

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