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निविदा प्रपत्र मामले में फिर एक बार अधिकारियो ने लिया गृहमंत्री और उनके पुत्र का नाम , होनी चाहिए जाँच?
दुर्ग / शौर्यपथ / पिछले दिनों कृषि उपज मंडी में निर्माण कार्य को लेकर दिए जा रहे हैं टेंडर फॉर्म विवादों में घिर गया । छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है ऐसे में आचार संहिता लगने के पहले क्षेत्र के विकास कार्यों के लिए विभागों में निविदा कार्य युद्ध स्तर पर जारी है वहीं कृषि उपज मंडी में निर्माण कार्य के लिए तकरीबन 20 करोड़ के कार्य 127 दुर्ग ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र में होने हैं इसकी कार्य एजेंसी कृषि उपज मंडी विभाग को बनाया गया है जहां पर निविदा प्रपत्र खरीदने की अंतिम तिथि 22 सितंबर तय की गई थी किंतु 22 सितंबर के पहले निविदा फॉर्म लेने पहुंचे ठेकेदारों को 22 सितंबर को निविदा फार्म देने की बात कही गई परंतु स्थिति तब बिगड़ी जब 22 सितंबर को भी जिम्मेदार अधिकारियों द्वारा निविदा फार्म नहीं दिया जा रहा था । वहीं ठेकेदारों को जब पता चला कि कार्यपालन अभियंता खैरानी के द्वारा कुछ चुनिंदा लोगों को ही निविदा फार्म किसी पर्ची के आधार पर दिया जा रहा है तब विरोध के स्वर बुलंद हुए और ठेकेदारों द्वारा इस बात का विरोध किया गया तो ठेकेदारों के कथन अनुसार उनके सामने यह बात आई की गृह मंत्री ताम्रध्वज साहू उनके पुत्र या फिर ओएसडी की अनुमति के बाद ही निविदा प्रपत्र दिया जाएगा । ठेकेदारों ने बताया कि अधिकारियों द्वारा यह कहा गया कि अगर पर्ची नहीं ला सकते तो उनसे फोन करवा दीजिए निविदा प्रपत्र दे दिया जाएगा ।
ठेकेदारों के द्वारा उक्त बातों का विरोध किया गया और इसे गैर कानूनी प्रक्रिया बताई गई वहीं ठेकेदारों ने जब प्रपत्र के लिए दबाव बनाना शुरू किया और कार्यपालन अभियंता के वाहन के सामने बैठ गए तब कार्यपालन अभियंता अपना वाहन छोड़ पीछे के मार्ग से मोटरसाइकिल से निकल गए जिस बात पर नाराज ठेकेदारों ने इस बात की शिकायत जिलाधीश दुर्ग को की एवं उक्त निविदा की प्रक्रिया को रद्द कर नए सिरे से निविदा करने की मांग की जारी करने की मांग की ।
वही ठेकेदारों ने जिलाधीश को अपने पत्र में लिखा कि यदि ऐसा नहीं किया गया तो ठेकेदारों द्वारा जिला युवा कांग्रेस ग्रामीण के नेतृत्व में कार्यपालन अभियंता खैरानी का मुंह काला कर के गधे पर बैठ कर मंडी परिसर में घुमाया जाएगा ।
बता दें कि दो साल पहले इसी प्रकार की घटना पीडब्ल्यूडी विभाग दुर्ग में भी हुई थी जिसमें ठेकेदारों को प्रपत्र नहीं देने की बात सामने आई थी तब कुछ ठेकेदारों ने अर्धनग्न अवस्था में कार्यालय में प्रपत्र देने की मांग की तब भी किसी नेता की पर्ची की बात सामने आई थी वहीं पिछले साल दिसंबर माह में भी करोड़ों के कार्य के लिए हुए ऑनलाइन टेंडर प्रक्रिया में भी अनियमित उजागर हुई थी जिसमें ऑनलाइन टेंडर प्रपत्र प्राप्त करने की अंतिम तिथि के बाद एक बड़े समाचार पत्र में निविदा सूचना प्रकाशित हुई थी शौर्यपथ समाचार में समाचार प्रकाशित होने के बाद उक्त निविदा रद्द हुई थी एवं नए सिरे से पुनः निविदा जारी हुई ।
आश्चर्य की बात है कि करोड़ों के कार्य में इस तरह अधिकारियों द्वारा बड़े नेताओं के नाम पर मनमानी तरीके से कार्यों को मनपसंद ठेकेदारों को आवंटन करने का मामला लगातार उठने के बाद भी ऐसे अधिकारियों पर अगर कड़ी से कड़ी कार्रवाई नहीं होगी तो भविष्य में कई ऐसे निविदाएं अधिकारियों द्वारा अपने मनपसंद ठेकेदारों को दिलवाया जाने का कार्य लगातार चलता रहेगा और क्षेत्र के जनप्रतिनिधि विधायक मंत्री एवं उनके परिजन बदनाम होते रहेंगे । जिस प्रकार से कार्यपालन अभियंता के ऊपर आरोप लगाने वाले उन्हीं की सरकार के युवा कांग्रेसी हैं ऐसे में क्या प्रदेश सरकार और गृह मंत्री ऐसे अधिकारी के व्यवहार और गैर कानूनी कार्यों की निष्पक्ष जांच कर कड़ी से कड़ी कार्यवाही करेंगे या फिर पिछले 3 सालों से चला आ रहा आ रही या पद्धति आगे भविष्य में भी जारी रहेगी ।
चुनावी वर्ष में जब विधानसभा चुनाव की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है कभी भी आचार संहिता लग सकती है ऐसे में अधिकारियों के इस तरह के बर्ताव पर जिला प्रशासन से युवा कांग्रेसी यही उम्मीद करते हैं कि जल्द से जल्द और कड़ी से कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए क्योंकि कहीं ना कहीं इन सब बातों में कांग्रेस सरकार की ही छवि खराब हो रही है ।
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