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दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग नगर पालिका निगम का बाजार विभाग लगातार भ्रष्टाचार के नीति नए-नए मामलों में फसता जा रहा है क्या बाजार विभाग के इस भ्रष्टाचार पर निगम प्रशासन के मुखिया लोकेश चंद्राकर एवं दुर्ग जिला के जिलाधीश महोदय सुश्री रिचा चौधरी के द्वारा मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच एवं सख्त कार्रवाई की जाएगी ।
हाल ही में बाजार विभाग का एक नया मामला सामने आया है जिसमें बाजार विभाग के अधिकारियों एवं जिला प्रशासन के अधिकारियों की टीम के द्वारा राजेंद्र पार्क के सामने स्थित तीन दुकानों पर अवैध अतिक्रमण की कार्यवाही की गई जबकि दुकानदारों द्वारा पिछले माह तक का किराया वसूला गया . बड़ा सवाल यह है कि इन तीन दुकानों से निगम प्रशासन के बाजार विभाग के द्वारा आखिर किराया शुल्क क्यों लिया गया और नोटिस क्यों जारी की गई यह जांच का विषय है ।
बता दें कि आज सुबह-सुबह जिला प्रशासन की टीम के साथ निगम प्रशासन राजेंद्र पार्क चौक के पास स्थित है तीन दुकानों पर अतिक्रमण के विरुद्ध कार्यवाही करने पूरे दलबल के साथ पहुंची और तीनों दुकानों पर कार्यवाही कर उसे नेस्तानाबूत किया गया . शहर में अतिक्रमण के विरुद्ध कार्यवाही पर शहर वासी भी प्रसन्न है और शहर को सुंदर बनाने की दिशा में प्रशासन की इस पहल की प्रशंसा भी की जा रही है परंतु इस कार्यवाही के पीछे एक दूसरा ही सच छुपा हुआ है जिसे निगम प्रशासन उजागर नहीं कर रहा ।
शहर में इन दिनों वेंडिंग जोन बनाने और व्यापारियों को सुव्यवस्थित करने की दिशा में पहल की जा रही है इसी तर्ज़ में राजेंद्र पार्क चौक में कांग्रेस सरकार के समय वेंडिंग जोन बनाने का कार्य आरंभ हुआ और सितंबर माह में ही निविदा एवं कार्यदेश जारी होने के बाद ठेकेदार द्वारा कार्य आरंभ भी कर दिया गया परंतु अगर इसका दूसरा पहलू देखा जाए तो निगम प्रशासन का बाजार विभाग इन तीन दुकानों को लगातार नोटिस भेजता रहा वही निगम के सहायक राजस्व निरीक्षक शशि यादव द्वारा प्रतिमाह इनसे किराया शुल्क भी लिया जाता रहा . दुकानदारों ने मीडिया को बताया कि जब भी दुकान खाली करने का नोटिस आता वह बाजार विभाग में जाते तब सहायक राजस्व निरीक्षक शशि यादव द्वारा उनसे किराया शुल्क वसूला जाता फरवरी माह तक का किराया शुल्क शशि यादव द्वारा लिया गया वहीं बाजार अधिकारी द्वारा नोटिस भी जारी किया गया .आखिर बाजार विभाग यह किस तरह का खेल खेल रहा है जबकि सितंबर माह 2023 में ही उक्त स्थान पर वेंडिंग जोन बनाने का कार्यादेश जारी हो चुका है ऐसे में नोटिस जारी करने के बाद आखिरकार बाजार विभाग द्वारा क्यों किराया शुल्क वसूला जाने लगा और क्यों नहीं इसकी जानकारी दुकानदारों को दी गई अगर वेडिंग जोन बनाने की प्रक्रिया जमीनी स्तर तक पहुंच गई तो फिर आखिर किस अधिकार के तहत और किस नियम के तहत दुकानदारों को गुमराह करते हुए शशि यादव द्वारा शुल्क लिया गया .
एक तरफ बाजार अधिकारी नोटिस जारी कर रहे हैं वहीं दूसरी तरफ सहायक राजस्व निरीक्षक शशि यादव शुल्क वसूल कर रहे हैं और अचानक जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन की संयुक्त टीम के साथ पहुंचकर दुकानदारों से अवैध कब्जा के नाम पर कार्यवाही करते हुए कब्जा मुक्त कराया जाने लगा जिससे दुकानदारों को काफी आर्थिक नुकसान का सामना करना पड़ा जबकि सितंबर 2023 में ही या निर्धारित हो गया था कि उक्त स्थान पर वेंडिंग जोन बनेगा ऐसे में बाजार विभाग ने 6 महीने पहले ही कड़ा कदम क्यों नहीं उठाया और ऐसी स्थिति क्यों आने दी की इतनी बड़ी कार्यवाही करनी पड़ी जिसके कारण व्यापारियों को जो पिछले माह तक का किराया चुका चुके थे अचानक अपना दुकान खाली करना पड़ा जिसके कारण उन्हें काफी आर्थिक नुकसान हुआ ।
बड़ी बात यह है कि उक्त स्थान पर किराया वसूलने और नोटिस जारी करने दोनों का ही कार्य शशि यादव द्वारा किया जाता रहा ऐसे में एक तरफ पैसा लेना और एक तरफ नोटिस जारी करना क्या दुकानदारों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ नहीं वहीं दुकानदारों ने यह भी कहा कि जब भी नोटिस प्राप्त होता हुआ बाजार विभाग में शशि यादव से मुलाकात करते हैं और शशि यादव द्वारा महीने का शुल्क वसूला जाता साथ ही कुछ ऊपरी रकम भी मांगी जाती है जिसे आमचलन में रिश्वत भी कहा जा सकता है ऊपरी रकम के लेनदेन का कोई प्रमाण दुकानदारों द्वारा नहीं दिया गया परंतु यह भी सत्य है कि नोटिस जारी होने के बाद भी दुकानदारों से शुल्क लेना एक गंभीर विषय है और इसकी निष्पक्ष जाँच होनी चाहिए कि किस आदेश के तहत शशि यादव द्वारा शुल्क लिया गया ?
जनवरी माह लिया गया मासिक शुल्क
जनवरी २०२४ के पहले दिए गए नोटिस की तिथि वार सूचि
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