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अवैध अतिक्रमण की भरमार विधायक मौन ?
शहर का मध्य क्षेत्र बना अघोषित कचरा डंप यार्ड विधायक मौन ?
गुमठी घोटाला पर विपक्ष के भाजपा पार्षद की मांग अभि तक अधूरी ?
व्यापारियों की चुनाव पूर्व डिवाईडर हटाने की मांग अब तक अधूरी ?
दुर्ग / शौर्यपथ / दुर्ग निगम क्षेत्र और दुर्ग विधानसभा क्षेत्र दोनों ही समकक्ष है ऐसे में दुर्ग विधान सभा क्षेत्र में बदहाली का अम्बार है . घटिया निर्माण , अवैध अतिक्रमण की भरमार , कई कांग्रेसी पार्षदों द्वारा निगम के कार्यो में परोक्ष अपरोक्ष ठेकेदारी , आधा आधा दजऱ्न शौचालय का सञ्चालन जैसे कई मामलो पर पूर्व विधायक अरुण वोरा की निष्क्रियता और झूठे वादों , दुर्ग शहर के लाडले विधायक होने का झूठा दंभ , आम जनता को छोटे छोटे कार्यो में भी गुमराह करते हुए भ्रमित करने जैसी स्थिति से दुर्ग विधान सभा क्षेत्र की जनता कांग्रेस से काम पूर्व विधायक से ज्यादा नाराज थी जिसका परिणाम यह रहा कि विकल्प के टूर पर एक नए चेहरे के रूप में भाजपा प्रत्याशी को अपना पूर्ण समर्थन दिया . ऐसे कई विडिओ भी चुनावी समय में वाइरल हुए जिसमे भाजपा प्रत्याशी को दुर्ग की जनता ने पहचानने से ही इनकार कर दिया था किन्तु तात्कालिक कांग्रेसी विधायक की निष्क्रियता और झूठे वादों के साथ निगम के कार्यो में हबर्दस्त हस्तक्षेप से आम जनता ही नहीं कांग्रेसी कार्यकर्ता व पार्षद भी काफी नाराज थे जिनका पुरा गुस्सा चुनाव के समय उतरा और कई कांग्रेसियों ने खुलकर तो कई कांग्रेसियों ने परदे के पीछे कांग्रेस को नुक्सान पहुँचाया जिसका परिणाम यह रहा कि दुर्ग से भाजपा के नए चेहरे के रूप में भाजपा प्रत्याशी गजेन्द्र यादव को जीत मिली वही थोड़े बहुत दुर्ग विधानसभा क्षेत्र में सक्रियता के कारण लोकसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी विजय बघेल को विधानसभा चुनाव के मुकाबले डेढ़ गुनी बड़ी जीत मिली .
परन्तु वर्तमान परिदृश्य को देखा जाए तो दुर्ग विधायक की सक्रियता आम जनता के लिए कही नजर नहीं आती . ऐसे कुछ बदहाली के नज़ारे है जिनके कारण दुर्ग निगम क्षेत्र आज अपने सबसे बुरे दौर पर गुजर रहा है . शहर की बदहाल स्थिति के बारे में और भ्रष्टाचार के मामले में वर्तमान महापौर धीरज बाकलीवाल भी बेबस नजर आ रहे है . कई मामलो पर कार्यवाही की महापौर की बात को भी अधिकारी नहीं सुन रहे . निगम प्रशासन द्वारा शहर के मध्य सुराना कालेज के सामने अघोषित कचरा डंपिंग यार्ड कब बना दिया गया और कब पुलगांव स्थित डंपिंग यार्ड को बिना किसी नए स्थान के तलाश किये साफ़ कर दिया गया इस बारे में भी जानकारी महापौर बाकलीवाल को नहीं वही ऐसी चर्चा है कि कचरा परिवहन के इस खेल में दुर्ग विधायक के किसी करीबी को ट्रांसपोर्टिंग का कार्य दिया गया और आचार संहिता के बीच ही सारा कार्य एवं भुगतान निपटान वह भी लाखो रूपये में कर दिया गया .
आज शहर के मध्य कचरा रखा जा रहा है जो बरसात के मौसम में जहरीली बदबूदार माहौल को निर्मित कर रहा जबकि इसके सीमा क्षेत्र से 100 से 200 मीटर के दायरे में शहर का ओक्सिजन जोन है , मासूम बच्चो का छात्रावास है , बड़े बड़े अधिकारियों का बंगला है यहाँ तक कि पास में ही(दादा दादी पार्क ) विधायक यादव अक्सर सुबह सुबह जाते है ऐसे में इस बदबूदार वातावरण से मुक्ति दिलाने विधायक क्यो प्रयास नहीं कर रहे यह चर्चा का विषय है . शहर के दो स्थानों में स्ट्रीट वेंडर्स के लिए सुव्यवस्थित गुमठी बनाई गई किन्तु इसके निर्माण और आबंटन के कोई ऐसे दस्तावेज नहीं वही इस मामले में भी लाखो रूपये के घोटाले और इसकी जाँच की बात सामान्य सभा में भाजपा पार्षदों ने उठाई उसी सामान्य सभा में शहर के विधायक भी आमंत्रित थे और निगम प्रशासन द्वारा उनका सम्मान भी किया गया किन्तु महीनो गुजरने के बाद भी मामला बिना जाँच के ठन्डे बसते में चला गया जिससे यह चर्चा भी आम हो गई कि क्या भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का विधायक यादव का वादा चुनावी वादा था ?
शहर का मुख्य बाजार इंदिरा मार्केट है जिसके मुख्य मार्ग में डिवाईडर हटाने की मांग व्यापारियों द्वारा निर्माण के समय से ही की जा रही है . पिछले दिनों जब श्री शिवम् के सामने के डिवाईडर के कुछ हिस्से तोड़े जा रहे थे तो व्यापारियों में उम्मीद जगी की डिवाइडर टूटेगा किन्तु यह कार्य भी ठन्डे बसते में चला गया .
आने वाले दो तीन महीनो बाद दुर्ग निगम में चुनाव है ऐसे में शहर की जनता अब पेशोपेश में है कि विषाणु के सुशासन को चुने या कांग्रेस को . प्रदेश सरकार के मुखिया अपने दायित्वों का पूर्ण निर्वहन कर रहे साथ ही आम जनता के हित के फैसले ले रहे किन्तु जिस तरह से पूर्व कांग्रेस विधायक के कार्यकाल में दुर्ग विकास से दूर रहा वर्तमान समय में भी स्थिति में सुधार तो दूर और बिगड़ता नजर आ रहा जो आम जनता की सोंच को भ्रमित कर रहा कि किसका साथ दे कौन है जो दुर्ग की बदहाल स्थिति को सुधरेगा क्योकि निगम के प्रशासनिक अधिकारी तो मौज में है ना कोई कार्यवाही ना भ्रष्टाचार पर कोई लगाम ज्यादा बात उठी तो विभागीय फेर बदल और मामला ठन्डे बस्ते में ..
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