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सरकार की स्वास्थ्य योजनाओं का नहीं मिल रहा आम जनता को
फ ायदा, जिम्मेदार प्रशासनिक अधिकारी , निजी सुरक्षा एजेंसी मौन ?
दुर्ग / शौर्यपथ /
छत्तीसगढ़ में साय सरकार के द्वारा स्वास्थ्य के स्तर पर लगातार सुधार के प्रयास किया जा रहे हैं गंभीर बीमारियों के इलाज के लिए भी शासकीय अस्पताल में सुविधाओं की पूर्व की कमियों को दूर किया जा रहा है एवं नए-नए योजनाओं के सहारे आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा देने के लिए प्रदेश की साय सरकार के प्रयास को सराहना मिल रही है .
परंतु वही प्रदेश की साय सरकार की सारी कोशिशें दुर्ग जिला अस्पताल में बेसर नजर आ रही है दुर्ग जिला अस्पताल में लगातार रेफर के मामले में दलालों का हस्तक्षेप इस कदर बढ़ गया है कि जिला अस्पताल जैसे सर्वे सुविधायुक्त अस्पताल से शहर के छोटे-छोटे निजी नर्सिंग होम में मरीजों को बहका कर ले जाया जा रहा है ठेके में इलाज के नाम पर आम जनता को लुटा जा रहा है ताकि मोटा कमीशन मिल सके .
कमीशन के इस खेल में निजी नर्सिंग होम के दलालों की एवं निजी एंबुलेंस संचालकों की अहम भूमिका बड़ी मायने रखती है . जिलाधीश के आदेश के बावजूद भी जिला अस्पताल परिसर में निजी एंबुलेंस 24 घंटे तैनात रहती है और सुरक्षा के लिए तैनात एजेंसी सब देखकर भी मौन साधे बैठी है निजी एम्बुलेंस के संचालको एवं उनके चालक लगातार आपातकालीन विभाग में मंडराते रहते हैं और दूरस्थ ग्रामीण इलाकों से आए मरीज को बहला फुसला कर निजी नर्सिंग होम ले जाने में अपनी अहम भूमिका निभा रहे हैं.जरा से कमीशन के लालच में यह दलाल आम जनों की जिंदगियों से भी खेलने से परहेज नहीं कर रहे हैं दलालों की फौज लगातार आपातकालीन विभाग में देखी जा सकती है वहीं रात्रि के समय जच्चा बच्चा वार्ड में भी ऐसे दलालों को देखा जा सकता है .
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार यह दलाल मरीज के परिजनों को ठेके में इलाज का लालच देकर निजी नर्सिंग होम ले जाने में अहम भूमिका निभाते हैं हाल ही में ऐसे कई मामले आए जिसमें मरीज को जिला अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी इलाज में अनियमितता के कारण मौत भी हो चुकी है . सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार सबसे ज्यादा कमिश्न का खेल जच्चा बच्चा वार्ड में होता है जिला अस्पताल के प्रसूति विभाग में उच्च स्तरीय चिकित्सी व्यवस्था होने के बावजूद भी शहर के छोटे-छोटे नर्सिंग होम में जिला अस्पताल से मरीज रेफर हो रहे हैं यह कार्य रात्रि के समय ज्यादा देखने को मिलता है जिला अस्पताल में दलालों के और इसमें शामिल शासकीय कर्मचारियों के होने की चर्चा भी अस्पताल परिसर में चलती रहती है.
हाल ही में जीवनदीप समिति के नए सदस्यों की नियुक्ति हुई जीवनदीप समिति ने भी मामले को संज्ञान में लेकर ऐसे कुछ शासकीय कर्मचारी एवं दलालों व निजी नर्सिंग होम के खिलाफ जिलाधीश महोदय को शिकायत की जिलाधीश महोदय सुश्री ऋचा प्रकाश चौधरी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए शासकीय कर्मचारियों की बदली तो कर दी.परंतु वर्तमान समय में पार्किंग में जिलाधीश महोदय के आदेश के विरुद्ध भी निजी एंबुलेंस घंटो खड़े पाए जाते हैं एवं उनके चालक वार्डों में घूम-घूम कर ऐसे मरीजों की तलाश करते हैं जिन्हें रेफर कर निजी अस्पताल भेज सके और एक मोटा कमीशन कमा सके हाल ही की घटना में जिस तरह से गुंडरदेही जिले के खुटेरी ग्राम के एक नवयुवक के इलाज में लापरवाही की घटना सामने आई जिसमें युवक की मृत्यु हो गई,वहीं प्रसूति महिला की भी निजी अस्पताल में इलाज में लापरवाही के कारण मृत्यु की खबर सामने आ रही है .
देखना यह है कि जिला प्रशासन एवं अस्पताल प्रबंधन अस्पताल परिसर में घूम रहे दलालों पर और अस्पताल परिसर में खड़े निजी एंबुलेंस एवं उनके चालकों पर किस तरह से सख्ती बरतता है और मानवता को शर्मसार करते हुए एवं मरीज के जान के साथ खिलवाड़ करने वाले ऐसे कमीशन घोरो पर जिला प्रशासन की कार्यवाही का इंतजार पीडितो सहित आम जनता को भी है वही ऐसे निजी नर्सिंग होम जो दलालों के भरोसे रोटी सेक रहे हैं उन पर भी कार्यवाही की उम्मीद आम जनता सहित जीवनदीप समिति के सदस्य भी कर रहे हैं .
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