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दुर्ग। शौर्यपथ। दुर्ग नगर निगम की बाक़लीवाल सरकार के भ्रष्टाचार की बात करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने दुर्ग नगर निगम चुनाव में बड़ी जीत हासिल की और शहर की नई महापौर भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार के रूप में श्रीमती अलका वाघमार ने शहरी सरकार की कमान संभाली परंतु भ्रष्टाचार की बातें करना और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने का प्रयास दोनों में अब लगता है जमीन आसमान का अंतर आ गया है भ्रष्टाचार की बात सिर्फ आम जनता को गुमराह करने के लिए कही जाती है.
एक ऐसा मामला सामने आया है जिसमें शहर के उद्योगपति चतुर्भुज राठी जो राम रसोई के संरक्षक के तौर पर कार्य कर रहे हैं पिछले साल भर से शहर में ₹20 थाली में सादा खाना उपलब्ध करा रहे हैं ऐसा कहा जा सकता है कि यह एक ऐसा व्यापार है जिसमें मुनाफा कम हो कहीं ना कहीं से यह एक व्यापार ही है और इसी व्यापार के लिए (आस्था का सहारा ) राम रसोई ने पिछली सरकार में बस स्टैंड की बेश कीमती जमीन के आवंटन की मांग की जिसे बाक़लीवाल सरकार की आखिरी बैठक में पास कर दिया गया वहीं नई सरकार के गठन के बाद श्रीमती अलका बाघमार की सरकार ने बाक़लीवाल सरकार के परिषद के कई फैसलों को रद्द किया परंतु भारतीय जनता पार्टी के नेता चतुर्भुज राठी के संरक्षक में चल रहे राम रसोई के प्रपोजल को रद्द नहीं किया. वहीं अब राम रसोई नामक संस्था को जमीन आवंटन के मामले में बाघमार सरकार ने भी कोई ध्यान नहीं दिया इस बारे में जब महापौर श्रीमती अलका वाघमार से बात की तो उन्हें मामले की कोई जानकारी नहीं होने की बात कही है जबकि हफ्ते भर पहले ही बाजार विभाग के कर्मचारी उक्त जगह पर मार्किंग करते नजर आ रहे थे ऐसे में बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या बाजार विभाग के कर्मचारी नव नियुक्त महापौर को संपूर्ण जानकारी नहीं दे रहे हैं या फिर महापौर अलका बाघमार सब जानते हुए भी मौन है?मामले पर जब बाजार विभाग के प्रभारी चंद्रशेखर चंद्राकर से चर्चा की तो उन्होंने इसकी जानकारी लेकर उचित कार्रवाई के आश्वासन तो दिए परंतु जिस तेजी से निर्माण कार्य हो रहा है उसे ऐसा प्रतीत होता है कि शहर में अगर रसूखदार हैं और भारतीय जनता पार्टी से जुड़े हैं तो उनके कार्यों पर कार्यवाही नहीं होगी.
क्या शहर की सरकार सिर्फ अमीरों के लिए ही कार्य करेगी यह बात इसलिए कहा जा सकता है कि एक छोटी सी गुमठी या ठेला लगाने वालों पर निगम प्रशासन इस तरह कड़ी कार्रवाई करता है कि कई बार स्थिति यहां तक आ जाती है कि उनके व्यापार के एकमात्र साधन में तोड़फोड़ भी की जाती है बुलडोजर भी चलाया जाता है परंतु एक ऐसी संस्था जो कम मुनाफे के साथ व्यापार कर रही है उसे मुफ्त में जमीन देना बाक़लीवाल सरकार के भ्रष्टाचार का एक जीता जागता प्रमाण था जिसके राह पर अब वर्तमान सरकार भी चलती नजर आ रही है?
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