May 25, 2025
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भारतमाला परियोजना में (अंजोर क्षेत्र) स्तरहीन और अमानक निर्माण पर हो रहा लगातार विरोध Featured

अवैध परिवहन और खनन वालों के लिए शनिवार / रविवार बना वरदान,कार्रवाई का नहीं डर ?

 दुर्ग। शौर्यपथ।

   अवैध खनन/परिवहन करने वालों के लिए शनिवार और रविवार का दिन वरदान साबित हो जाता है शनिवार एवं रविवार के दिन मिट्टी/ मुरुम के अवैध खनन और परिवहन करने वाले लोगों के लिए यह एक बड़ा अच्छा दिन माना जाने लगा. शनिवार व रविवार के दिन जगह-जगह अवैध खनन का कार्य खुलेआम जारी रहता है .शासकीय अवकाश होने की वजह से शनिवार रविवार के दिन खनिज विभाग के अधिकारी किसी भी तरह की कार्यवाही नहीं करते वही उनसे इन दिनों संपर्क करना भी लगभग असंभव सा हो जाता है .ऐसे में इस दिन खुलकर अवैध खनन का काम है जारी रहता है.
  ऐसा ही मामला अंडा के करीब चिंगारी गांव में देखने को मिला जहां किसान के खेत में खेत बनने के नाम पर नियम विरुद्ध खेत को तय मानको से ज्यादा गहरा कर मिट्टी निकाला जा रहा है और इस मिट्टी को व्यवसाय केव लिए खपाया जा रहा है अगर अवैध परिवहन करने वाले डम्पर चालाक की माने तो खेत से निकली हुई मिटटी को पास के ही एन के ईट भट्टे में ईंट बनने हेतु भेजा जा रहा है. डम्पर चालाक के अनुसार किसान की जमीन पर अवैध खनन का यह कार्य राहुल महाजन नामक व्यक्ति द्वारा खुलेआम किया जा रहा है . वहीं जब इस तरह की खुदाई की अनुमति हेतु जेसीबी चालाक से अनुमति सम्बन्धी जानकारी चाहि गई तो उनके कथन अनुसार वह ग्राम सचिव के भाई होने की बात करता नजर आया और सचिव के भाई होने का रौब दिखाकर बात को टालने की/ गुमराह करने की कोशिश की.
   ग्राम चिंगरी के सचिव कुलेश्वर साहू से उक्त तथ्यों की जानकारी मांगी गई तो ग्राम सचिव ने जानकारी दी कि ग्राम पंचायत में ऐसी कोई भी अनुमति के लिए दस्तावेज प्राप्त नहीं हुए हैं वहीं अवैध रूप से खेत की खुदाई करने वालों से उसके कोई भी पारिवारिक संबंध नहीं है ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि प्रदेश में शनिवार एवं रविवार की छुट्टी के दिनों में सक्षम अधिकारियों की अनुपस्थिति का लाभ अवैध खनन वाले खुलकर उठाते हैं और खेतों को चंद पैसों की लालच में तालाब बनाने की दिशा में कदम बढ़ा रहे हैं.
  खनिज विभाग की शासकीय अवकाश के दिनों में छुट्टी का लाभ आखिर अवैध खनन और परिवहन करने वाले कब तक उठाते रहेंगे क्या शासकीय छुट्टी अवैध खनन के लिए एक अलिखित अनुमति के रूप में समाज में मिसाल पेश करेगा और भ्रष्टाचार को बढ़ावा देगा.
 दो हफ्ते पहले भी इसी तरह का मामला आया जब बिरेझर गाँव के किसान की जमीन को तय मानको से ज्यादा गहरीकरण किया जा रहा था तब अवैध खनन  करने वालो का कहना था कि खेत बना रहे है और उक्त मिटटी मुरुम को भारत माला परियोजना स्थल में ले जा रहे है तब उनके द्वारा जिस रायल्टी को दर्शाया गया था वह रायल्टी उक्त खेत से काफी दूर शासकीय भूमि (खसरा न. 1829 ) थी और रायल्टी में मुरुम परिवहन के नाम पर खेत की मिटटी को खोदकर भारत माला परियोजना में डंप किया जा रहा था . उक्त बात की जानकारी खनिज विभाग के अधिकारियो को दी गई तब देर शाम अधिकारियो ने कार्यवाही की बात तो कही किन्तु किन वाहनों पर किस स्थान पर कार्यवाही हुई यह जानकारी समय पर नहीं मिली .


भारतमाला परियोजना में मिटटी का क्या काम ..
   प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का देश के लिए समर्पित बड़ी योजना में भारत्माला का नाम है ऐसे में खेत से मिटटी ले जाकर भारत माला परियोजना में मुरुम की रायल्टी के नाम से डंप करना कही ना कही भारत माला परियोजना में भी किसी बड़े घोटाले और स्तरहीन कार्य को दर्शा रहा है . हाल ही के दिनों में ऐसी कई शिकायत आई कि भारत्माला परियोजना में अवैध रूप से मुरुम मिटटी खनन कर डंप किया जा रहा है ऐसे में केन्द्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय के इस अति महत्तवपूर्ण योजना में स्तरहीम कार्य करने वाले ठेकेदार के कार्यो का निष्पक्ष जाँच एवं उचित निरिक्षण की मांग भी उठाने लगी है ऐसे में देखना यह है कि क्या कई शिकायतों और लगातार समाचार के माध्यम से कई बार अनियमितता का मामला उठाने के बाद भी सम्बंधित विभाग कुम्भकर्णी नींद में रहेगा या फिर निष्पक्ष जाँच एवं कड़ी कार्यवाही की दिशा में आगे बढेगा .

  
अंजोरा क्षेत्र में बन रहे भारतमाला परियोजना के ठेकेदार का पूर्व में भी अवैध खनन के मामले में आया था नाम
   भारतमाला परियोजना में कई हिस्सों में विभाजित कार्यों का ठेका कई ठेकेदारों को दिया गया है अंजोरा क्षेत्र में बन रहे भारतमाला परियोजना के ठेकेदार का पूर्व में भी दुर्ग के ठगडा बांध में अवैध खनन मामले में नाम सामने आ चुका है जहां मुरुम सहित मिट्टी का अवैध खनन /परिवहन कर भारतमाला परियोजना में उपयोग में ले जाने की बात भी हुई थी उक्त मामले में ठगडा बांध में अवैध खनन का कार्य बंद हुआ ऐसे में लगातार अंजोरा क्षेत्र में बन है भारतमाला परियोजना के ठेकेदारों के कार्यों में विवाद की स्तरहीनता और अनियमित की बात सामने आने के बाद और बड़ा सवाल यह उठता है कि क्या केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्रालय द्वारा भारत सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना पर संबंधित ठेकेदारों के कार्यों की निष्पक्ष जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी.हाल ही में भारत माला परियोजना के तहत बन रहे अंडरब्रिज का मामला भी विवाद का कारण बना हुआ है जिसके बारे में समाचार पत्र जल्द ही संपूर्ण जानकारी के साथ सम्मानित पाठकों के सामने आएगा .

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Last modified on Sunday, 27 April 2025 17:19

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