October 23, 2025
Hindi Hindi

दुर्ग इंदिरा मार्केट की बदहाली: अवैध कब्ज़ा सिर्फ पसरा वालों का नहीं, बड़े व्यापारी भी जिम्मेदार ,उन पर कब होगी कार्यवाही ... Featured

  • Ad Content 1

दुर्ग। शौर्य पथ की विशेष रिपोर्ट।

   शहर के सबसे बड़े व्यावसायिक केंद्र इंदिरा मार्केट की स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। व्यापारी संगठन एक ओर पसरा वालों पर अवैध कब्ज़ा और अव्यवस्थित बाजार का ठीकरा फोड़ रहे हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि बड़े व्यापारी खुद कितने नियमों का पालन कर रहे हैं? बीते दिनों व्यापारियों ने बैनर-पोस्टर और रैली के जरिए महापौर अलका बाघमार को बाजार की जर्जर व्यवस्थाओं और अवैध गतिविधियों की शिकायत की। रैली में पार्किंग ठेकेदार की अवैध वसूली,सड़कों पर पसरा वालों का कब्ज़ा जैसे मुद्दे उठे। लेकिन तस्वीर का दूसरा पहलू यह है कि खुद कई व्यापारी ही निगम के नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं।
व्यापारी बनाम पसरा वाले – असली दोषी कौन?
    निगम ने इंदिरा मार्केट को व्यवस्थित और सुंदर व्यापारिक केंद्र के रूप में विकसित किया था, लेकिन अब दुकानों के बरामदे तक एवं सडको पर सामान फैलाकर व्यापारी अपनी दुकानें चला रहे हैं। - कई दुकानों ने बिना अनुमति अपने भवन का स्वरूप बदल लिया है, जिसने बाजार की मूल संरचना को ही बिगाड़ दिया।
  30 से 40 फीट चौड़ी सड़कें बाजार लगते ही इतनी संकरी लगने लगती हैं मानो किसी गली से गुजर रहे हों।
  व्यापारी संगठन पसरा वालों को दोषी ठहराते हैं, जबकि सच्चाई यह है कि असंगठित फुटपाथी और संगठित बड़े व्यापारी – दोनों ही बराबर रूप से बाजार की बदहाली के जिम्मेदार हैं।


  पसरा वालों की भी अपनी कहानी -
  पिछले कई दशक से तिहार और त्यौहारी सीजन में कई परिवार पसरा लगाकर अपनी रोजी-रोटी कमा रहे हैं। ये वही छोटे लोग हैं जिनके बूते बाजार सीजन में रौनक होता है। निगम प्रशासन अगर सिर्फ गरीब पसरा वालों पर कार्रवाई करेगा और बड़े व्यापारियों द्वारा किए जा रहे अवैध कब्ज़े व निर्माण पर आंख मूंदेगा, तो सवाल उठना लाज़मी है कि प्रशासन गरीबों पर अत्याचार कर धनवानों को संरक्षण दे रहा है?
 प्रशासनिक विफलता और पार्किंग समस्या पार्किंग की समस्या भी बाजार की असुविधा का बड़ा कारण है। दोपहिया और चारपहिया वाहनों की अलग-अलग पार्किंग व्यवस्था न होने के यातायात का दबाव बढ़ता जा रहा है और ठेकेदार पर मनमाने शुल्क वसूली के आरोप लग रहे हैं।


 सवाल यह है कि रेलवे स्टेशन या अन्य सार्वजनिक स्थानों की तरह जब वहां पार्किंग शुल्क चुकाना आम बात है, तो आंदोलन व विरोध सिर्फ निगम क्षेत्र के बाजार में ही क्यों होता है?
  जिम्मेदारी सिर्फ पसरा वालों की नहीं अगर निगम प्रशासन निष्पक्ष कार्रवाई करना चाहता है तो उसे दोहरी नीति छोड़नी होगी। - जिन पसरा वालों ने तय सीमा से आगे कब्ज़ा किया है, उन्हें हटाना होगा। - साथ ही, जिन बड़े व्यापारियों ने बरामदों और सड़कों तक दुकान फैलाई है, उन्होंने जो बिना अनुमति संशोधन किया है, उनके खिलाफ भी समान रूप से दंडात्मक कार्रवाई करनी होगी। - व्यापारी संघ के पदाधिकारियों को भी आह्वान करना चाहिए कि व्यापारी अपनी सीमा में रहकर व्यापार करें, ताकि निगम प्रशासन की कार्यवाही संतुलित और निष्पक्ष दिखे।


  जनता की अपेक्षा – सुंदर और निष्पक्ष बाजार इंदिरा मार्केट सिर्फ व्यापारियों का बाजार नहीं बल्कि शहरवासियों की सुविधा और पहचान का केंद्र है। निगम प्रशासन अगर बाजार को नियमानुसार व्यवस्थित करता है, तो यह दुर्ग शहर के लिए उदाहरण बन सकता है। लेकिन अगर कार्रवाई सिर्फ कमजोर वर्ग यानी पसरा वालों तक सीमित रही तो यह *“अमीरों को संरक्षण, गरीबों पर प्रहार”* वाली तस्वीर और साफ होगी।

Rate this item
(0 votes)

Leave a comment

Make sure you enter all the required information, indicated by an asterisk (*). HTML code is not allowed.

हमारा शौर्य

हमारे बारे मे

whatsapp-image-2020-06-03-at-11.08.16-pm.jpeg
 
CHIEF EDITOR -  SHARAD PANSARI
CONTECT NO.  -  8962936808
EMAIL ID         -  shouryapath12@gmail.com
Address           -  SHOURYA NIWAS, SARSWATI GYAN MANDIR SCHOOL, SUBHASH NAGAR, KASARIDIH - DURG ( CHHATTISGARH )
LEGAL ADVISOR - DEEPAK KHOBRAGADE (ADVOCATE)