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दुर्ग / शौर्यपथ खास खबर /नगर निगम के क्षेत्र के विद्यत नगर में निगम ने नाली से अतिक्रमण तो हटा लिया जिस पर हेमलता साहू द्वारा बाउण्ड्रीवाल का निर्माण किया जा रहा था . अतिक्रमण हटाने के लिए निगम का पूरा अमला अगया और अतिक्रमण हटा लिया गया . अतिक्रमण हटाने के बाद निगम प्रशासन द्वारा अपनी पीठ थपथपाने के लिए बाकायदा प्रेस विग्यप्ति ज़ारी कर शहर की जनता से अपील की गयी कि किसी भी तरह के अतिक्रमण की शिकायत पर त्वरित कार्यवाही की जाएगी . देखने और सुनने में बहुत अच्छा लगता है कि निगम प्रशासन द्वारा जनता के हितो का खयाला रखा जा रहा है और सुशासन की पहचान बन रही है जबकि हकीकत ठीक इसके उलट है दुर्ग निगम आयुक्त की अपील सिर्फ एक कोरा दिखावा प्रतीत होती है .
शौर्यपथ समाचार पत्र द्वारा ऐसे कई अतिक्रमण की जानकारी निगम आयुक्त को दी गयी किन्तु किसी भी मौखिक शिकायत पर आयुक्त द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गयी . प्राप्त सूत्रों से ज्ञात हुआ है कि निगम प्रशासन निदान में की गयी शिकायत पर भी कार्यवाही में कई मामलो में निष्क्रिय है . दुर्ग निगम में सब इंजिनियर व्ही.पी. मिश्रा के सड़क पर सड़क के भ्रष्टाचार की शिकायत दस्तावेजो में दब गयी किन्तु मामले की पूर्ण जानकारी होते हुए भी निगम आयुक्त मौन है . फ्लेक्स घोटाला जो लाखो का हुआ है पर भी अभी तक निगम आयुक्त मौन ही है कार्यवाही कब होगी ये भी जाँच का विषय बनता जा रहा है . स्थिति यहाँ तक आ गयी है कि अतिक्रमण की कार्यवाही के लिए अब सत्ता पक्ष के पार्षद भी निदान की सहायता ले रहे है . अधिकारियों द्वारा कर्मचारियों को गाली गलौच से बात की जाती है किन्तु जानकारी के बाद भी निगम आयुक्त का मौन रहना प्रशासन की कार्यप्रणाली को दर्शाता है .
निगम प्रशासन की कार्यवाही नाली में कचरा फेकने वाले आम जनता पर जुर्माना लगा कर , नाली पर कचरा मिलने पर कर्मचारियों का वेतन काट कर , सड़क पर मोटर साइकल रोक कर मास्क न पहनने वालो पर जुर्माना लागाने जैसे बड़े बड़े कार्य तो कर रही है किन्तु शहर के मुख्य्बाजऱ में व्यापारियों द्वारा सड़क तक सामान फैला कर व्यापार कर रहे बड़े व्यापारियों की तरफ निगम आयुक्त का ध्यान क्यों नहीं जाता है क्या सिर्फ शहर की निगम क्षेत्र की जनता को कमजोरो पर कार्यवाही कर वाहवाही लुटने के लिए ही निगम प्रशासन ?
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