November 22, 2024
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बदहाल स्वास्थ्य विभाग , बदतमीज स्वास्थ्य अधिकारी , निष्क्रिय स्वास्थ्य प्रभारी ? क्या महापौर के कार्यकाल को बदनाम करने की साजिश ? Featured

दुर्ग / शौर्यपथ खास खबर / दुर्ग नगर पालिक निगम की बदहाल व्यवस्था का नज़ारा किसी से छुपा हुआ नहीं है . दुर्ग निगम का दूसरा पर्याय घोटाला कहे तो कोई गलत नहीं होगा हर कार्य में विवाद के लिए दुर्ग निगम की कार्य प्रणाली जगजाहिर है .वर्तमान में प्रदेश सहित देश में कोरोना आपदा है और इस आपदा से निपटने के लिए पुलिस विभाग , स्वास्थ्य विभाग और निगम विभाग की बड़ी महती भूमिका है किन्तु दुर्ग की पोलिसे टीम और स्वास्थ्य टीम तो अपना कार्य बखूबी कर रही है किन्तु वही दुर्ग का स्वास्थ्य विभाग कई मामलो में बहुत ही पीछे है . कोरोना से जंग में सफाई मित्रो की अहम् भूमिका होती है किन्तु दुर्ग निगम के सफाई मित्र जान जोखिम में डाल कर कार्य कर रहे है . दुर्ग निगम के सफाई मित्रो की माने तो कोरोना के कारण हुए लॉक डाउन के दिवस से भी ज्यादा दिन बीत जाने के बाद भी स्वास्थ्य विभाग के सफाई मित्रो को हैण्ड सेनेटाईज़र की आपूर्ति बराबर नहीं हो रही है . इन सफाई मित्रो को लॉक डाउन के दिनों में एक -२ बोतल सेनेटाईज़र ( १०० ग्राम ) से जयादा नहीं मिला वही दस्ताने इतनी निम्न स्तर का वितरित किया गया जो एक दो बार के उपयोग से ही खराब हो गया वही सफाई मित्रो को गाली गलोच का मामला भी उजागर हुआ . स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा सफाई से सम्बंधित कर्मचारियों को गाली गलौच से संबोधित किया जाता है एक - दो ऑडियो वाइरल भी हुए और इसकी जानकारी निगम के स्वास्थ्य प्रभारी हमीद खोखर को भी दी गयी साथ ही आयुक्त को भी जानकारी उपलब्ध कराई गयी किन्तु ना ही स्वास्थ्य प्रभारी ने मामले को संज्ञान लिया और ना ही आयुक्त बर्मन द्वारा किसी तरह की कोई कार्यवाही की गयी .ये वही आयुक्त बर्मन है जो नाली में यदि कोई आम जनता गलती से भी एक चाय की डिस्पोजल गिलास फेक दे तो उससे जुरमान वसूलने का कार्य बखूबी करते है किन्तु वही निगम का स्वास्थ्य अधिकारी किसी कर्मचारी से अपशब्द कहे तो आयुक्त बर्मन मौन रहते है क्या स्वास्थ्य कर्मचारी गुलाम है जो इस तरह का व्यवहार अधिकारियों द्वारा किये जाने पर भी आयुक्त मौन है वही शहर में कोरोना वारियर्स का खिताब पाने में आगे स्वास्थ्य प्रभारी भी मौन है . निगम आयुक्त तो शासकीय कर्मचारी / अधिकारी है आज नहीं तो कल उनकी पदस्थापना अन्य जगह हो जाएगी अधिकारी होने के नाते सिर्फ अपने मन की कर रहे है किन्तु स्वास्थ्य प्रभारी हमीद खोखर को जनता के प्रतिनिधि के रूप में इस पद की प्राप्ति हुई है आखिर हमीद खोखर क्यों मौन है स्वास्थ्य विभाग के सफाई कर्मियों पर हो रहे मानसिक प्रताड़ना पर क्या स्वास्थ्य विभाग के प्रभारी का यही दायित्व है कि अधिकारियों के बदसलूकी पर भी मौन रहे या फिर निगम के कर्मचारियों पर हो रहे बदसलूकी पर मौन रहकर महापौर के कार्यकाल को काला दिवस के रूप में परिवर्तित करने का मन बना रहे है .
क्या स्वास्थ्य प्रभारी भूल गए है कि वो वार्ड के पार्षद के साथ शहर के स्वास्थ्य मंत्री भी है ?
हमीद खोखर जो वार्ड ४१ के पार्षद है और वार्ड के आम जनता के चहेते है इतने चहेते कि पार्षद निधि के राशन को भी स्वयंसेवी संस्था द्वारा अपना बताने पर मौन रहे जैसा कि हमीद खोखर के करीबियों द्वारा एक वीडियो वाइरल कर आम जनता से सुखा राशन ( निगम का ) के लिए भी शहर के किसी भी हिस्से से संपर्क करने की बात कही गयी किन्तु हमीद खोखर मौन रहे क्या हमीद खोखर के लिए सिर्फ वार्ड ही महत्तवपूर्ण है शहर नहीं , शहर में सफाई कर रहे सफाई मित्र नहीं . या फिर स्वास्थ्य विभाग के पद में हमीद खोखर इतने मगरूर हो गए कि सिर्फ वार्ड की जनता पर ही ध्यान दे रहे है .
भाजपाई को भी बना दिया कांग्रेस राज में पदाधिकारी
हमीद खोखर के कार्यो से कई कांग्रेसी भी नाराज चल रहे है . सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार हमीद खोखर अपने ख़ास साथी को आदर्श कन्या स्कूल में समिति का अध्यक्ष बनाने में कामयाब हो गए जो कांग्रेस सरकार के पहले भाजपा समर्थित थे किन्तु मिथ्या जानकारी के साथ जमीनी कांग्रेसी कार्यकर्ताओ को दरकिनार कर आदर्श कन्या स्कूल में एक पुरुष वर्ग से समिति में शामिल करा लिया गया जिसे हटाने की अनुशंषा भी विधायक द्वारा कलेक्टर को की गयी किन्तु मामला फिर दब गया . क्या स्वास्थ्य प्रभारी का दबाव के चलते विधायक वोरा के पत्र पर कार्यवाही नहीं की जा रही है ?
शहर में साफ़ सफाई की बात करे तो स्वास्थ्य विभाग कोई अहम् योगदान नहीं है . शहर के नालो की नालियों की सफाई की कमान निगम के आयुक्त बर्मन के हांथो में है इसमें कोई दो राय नहीं है कि निगम क्षेत्र की नालियों की / नालो की सफाई का कार्य जिस बेहतरीन तरीके से हुआ है वो निगम आयुक्त बर्मन की दें है इसका श्रेय भी निगम आयुक्त को ही जाता है . स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता की बात करे तो प्लेसमेंट कर्मचारियों की भारती में विवादित होने के बाद भी , कर्मचारी के बदले उसके बेटे से कार्य कराने के बाद भी आयुक्त तो मौन है किन्तु जनप्रतिनिधि के नाते हमीद खोखर का मौन शहर की आम जनता के गले नहीं उतर रहा है . गरीबो , मजलूमों , पीडितो का साथ देने की बात करने वाले स्वास्थ्य प्रभारी हमीद खोखर का इन मामलो में मौन रहना और राजनितिक पद का लाभ उठाने का आरोप शहर की जनता लगा रही है किन्तु इन सब कार्यो से निगम की छवि धूमिल होने के साथ महापौर बाकलीवाल के कार्यप्रणाली पर भी आम जनता संदेह की नजर से देख रही है .
महापौर को ही उठाने होंगे अब कड़े कदम
निगम के स्वास्थ्य विभाग की बदहाल व्यवस्था , स्वास्थ्य अधिकारी दुर्गेश गुप्ता द्वारा कर्मचारियों से गाली गलौच जिसे समाज में बदतमीजी की संज्ञा दी जाती है पर एवं स्वास्थ्य प्रभारी की इन सभी मामलो में निष्क्रियता पर अब आम जनता की नजर शहर के महापौर बाकलीवाल पर टिकी है जो शहर में निगम क्षेत्र में सुचारू व्यवस्था बनाने में प्रयासरत है अब जनता को इंतज़ार है दुर्व्यवहार पर कार्यवाही का , निष्क्रियता पर संज्ञान का , विधायक वोरा के पत्र को सार्थक रूप में लाने का ...

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